सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई थी और मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी तय की थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले मेयर सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
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सुप्रीम कोर्ट
कोटा के अंदर कोटा के पक्ष में केंद्र सरकार, आरक्षण नीति पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल
Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जज की संविधान पीठ ने 23 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि वे (एससी/ एसटी) एक निश्चित उद्देश्य के लिए एक वर्ग हो सकते हैं।
कहां खोली जा सकती हैं शराब की दुकानें? सुप्रीम कोर्ट ने तय किए गाइडलाइंस
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Supreme Court on Liquor Shop: देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर नशे में गाड़ी चलाने से संबंधित काफी दुर्घटनाएं होती हैं। इसके कारण सुप्रीम कोर्ट में राजमार्गों, धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों के पास शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर बार-बार मुकदमेबाजी होती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पिछले सप्ताह अस्पष्टताओं को दूर करने का प्रयास किया है। आपको बता दें कि दिसंबर 2016 से ही इस मामले पर कई फैसले दिए जा चुके हैं।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों के विरोध में कई याचिकाएं आईं। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले नगर निगम के अधिकारियों को शैक्षिक संस्थानों, मंदिरों के 500 मीटर के भीतर, मस्जिदों और अन्य जगहों के 150 मीटर के भीतर शराब की दुकाने खोलने की अनुमति नहीं देने का आदेश दिया था।
लाइसेंस प्राप्त शराब की दुकान के मालिकों की तरफ से बहस करते हुए वरिष्ठ वकील पीबी सुरेश और वकील विपिन नायर ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी के समर्थन के साथ तर्क दिया कि पुदुचेरी जैसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश में 500 मीटर की दूरी वाला नियम लागू करने के कारण पूरे यूटी क्षेत्र में कोई शराब की दुकान नहीं होगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेशों में नगर निगम अधिकारियों को आवश्यक्ता के अनुसार इन स्थानों से शराब की दुकानों की दूरी तय करने की अनुमति दी थी।
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने 29 जनवरी के अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने 20 मार्च 2023 के फैसले में निष्कर्ष निकाला था कि कोई भी शराब की दुकान राष्ट्रीय या राज्य राजमार्ग के बाहरी किनारे या सर्विस लेन के 500 मीटर के भीतर स्थित नहीं हो सकती है। बाद के आदेशों में यह कहा था कि यदि शहर की जनसंख्या 20,000 से कम है तो यह दूरी घटाकर 220 मीटर की जा सकती है।
मार्च 2023 में अपने आदेश में सुपर्रीम कोर्ट ने मंदिर, मस्जिद और शैक्षणिक संस्थान से 150 मीटर के भीतर शराब की दुकानों को हटाने का आदेश दिया था।
मुस्लिमों के लिए हुई थी AMU की स्थापना, इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते; SC में सुनवाई के बीच क्यों बोले CJI
Aligarh Muslim University Case: CJI की अध्यक्षता में सात जजों की संविधान पीठ इस मामले की कानूनी जांच कर रही है कि संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत क्या AMU अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे का दावा कर सकता है?
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आपके पास खाली समय है, किसी सीनियर से कानून सीखकर आओ; SC ने वकील को लताड़ा
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि आपके पास कुछ खाली समय है। मुझे लगता है कि आप किसी वरिष्ठ के साथ जुड़ सकते हैं और कुछ कानून सीख सकते हैं। हमने पिछली बार भी आपसे कहा था कि ऐसी याचिकाएं दायर न करें।
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