हिमाचल प्रदेश के PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह को बड़ा झटका लगा है। उन्हें हर महीने पत्नी सुदर्शना सिंह को 4 लाख का भरण-पोषण देना होगा। उदयपुर पारिवारिक न्यायालय-3 ने फैसला सुनाया है।
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पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की सहायता से परफ्यूम कंपनी में ड्रम उठाने का काम किया जा रहा था। जिसके चलते पीडब्ल्यूडी कर्मचारी शेड को निकाल रहे थे।
बैन संगठन जमात-ए-इस्लामी के 15 ठिकानों पर NIA ने की छापेमारी, कई संदिग्ध चीजें बरामद – India TV Hindi
श्रीनगर: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने आज शनिवार को जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान चलाया। एनआईए ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JEI) के खिलाफ कार्रवाई के तहत शनिवार को जम्मू-कश्मीर के 15 स्थानों पर छापेमारी की। एक अधिकारी ने इस छापेमारी अभियान की जानकारी दी। बता दें कि जमात-ए-इस्लामी संगठन पर साल 2019 में ही केंद्र सरकार ने पांच सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी संगठन द्वारा राज्य में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देना जारी रखा है।
दो लोगों को हिरासत में लिया
संघीय एजेंसी NIA के प्रवक्ता ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीनगर और जम्मू के साथ-साथ मध्य में बडगाम और दक्षिण कश्मीर के कुलगाम और अनंतनाग में छापेमारी के दौरान जेईआई और उससे संबंधित ट्रस्टों की गतिविधियों से जुड़े आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 20 लाख रुपये से अधिक की नकदी जब्त की। हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जम्मू में गुज्जर नगर और शहीदी चौक पर एक निजी स्कूल पर और उसके चेयरमैन समेत अन्य पदाधिकारियों को लक्षित करते हुए की गई छापेमारी के दौरान पूछताछ के लिए जम्मू में दो लोगों को भी हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि कुलगाम जिले में जमात के पूर्व प्रमुख शेख गुलाम हसन और एक अन्य नेता सयार अहमद रेशी के आवास पर भी छापेमारी की गई।
साल 2019 में लगा प्रतिबंध
बता दें कि जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर फरवरी 2019 में केंद्र द्वारा पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था। NIA के प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए की कई टीमों ने श्रीनगर में 5, बडगाम में 3, कुलगाम में 2, अनंतनाग में 1 और जम्मू में 4 स्थानों पर विभिन्न संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी की। प्रवक्ता ने कहा कि ‘‘5 फरवरी 2021 को दर्ज मामले की अब तक की जांच से पता चला है कि जेईआई और उसके सदस्यों ने फरवरी 2019 में गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देना जारी रखा है।’’ प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने इसके पहले इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
(इनपुट- भाषा)
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