Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जज की संविधान पीठ ने 23 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि वे (एससी/ एसटी) एक निश्चित उद्देश्य के लिए एक वर्ग हो सकते हैं।
आरक्षण
लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का बड़ा दांव, ‘आरक्षण 75 फीसदी करने का रखा प्रस्ताव’
Bihar Reservation: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चला है. उन्होंने मंगलवार (7 नवंबर) को आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने का प्रस्ताव विधानसभा में रखा. उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 फीसदी आरक्षण पहले से मिल रहा है, ऐसे में प्रस्ताव पास हुआ तो रिर्जेवशन बढ़कर 75 फीसदी हो जाएगा. इसका बीजेपी ने भी समर्थन किया है.
बिहार में अब तक ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी, अनुसूचित जाति (SC) को 16 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) को एक फीसदी,12 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), ईबीसी को 18 फीसदी और 3 फीसदी ईबीसी/ओबीसी वर्ग की महिलाओं को मिलता है.
नीतीश कुमार ने क्या कुछ कहा?
सर्वे रिपोर्ट पर विधानसभा में नीतीश कुमार ने कहा कि इसके जरिए बिहार के आर्थिक सामाजिक स्थिति से अवगत करा दिया गया है. ज्ञानी जैल सिंह ने 1990 में जातीय गणना पर मुझसे बात की थी. ज्ञानी जेल सिंह के आग्रह पर हमने जातीय गणना करवाने की सोची थी. हमने पीएम वीपी सिंह से भी अनुरोध किया था कि देश में जाति आधारित जनगणना करवााई जाए. हम पीएम मोदी से भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर मिलने गये थे. जातीय गणना कराने की मांग किये थे.
नीतीश कुमार ने कहा, ”केंद्र के मना करने के बाद बिहार सरकार खुद से अपना से अपने खर्च पर जातीय गणना कराई. देश में पहली बार किसी राज्य में हुआ. विपक्ष कह रहा कि इस जाति की आबादी घट गई है और इस जाति की आबादी बढ़ गई. ये बोगस बात है.”
बीजेपी ने किया समर्थन
नीतीश कुमार के इस ऐलान के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि सरकारी नौकरियों में बिहार में आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने का बीजेपी समर्थन करती है. साथ ही उन्होंने कहा कि पंचायत और नगर निकाय में भी 37 फीसदी को बढ़ाकर 50 फीसदी किए जाने की आवश्यकता है.
बड़ा दांव क्यों माना जा रहा है?
बिहार में जाति सर्वे के बाद नीतीश कुमार का ये बड़ा दांव माना जा रहा है. विपक्षी पार्टियां सर्वे का डेटा रिलीज किए जाने के बाद केंद्र सरकार पर जाति जनगणना कराने का दबाव बना रही है.कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनावी रैलियों में सरकार पर जाति जनगणना करवाने से पीछ हटने का आरोप लगाते रहे हैं.
जाति जनगणना की मांगों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों 3 नवंबर को कहा कि हम राष्ट्रीय पार्टी हैं. हम वोटों की राजनीति नहीं करते हैं. सभी से चर्चा करने के बाद जो भी उचित निर्णय होगा हम बताएंगे. इसके आधार पर चुनाव की नैय्या पार लगाना ठीक नहीं है. बीजेपी ने इसका कभी विरोध नहीं किया है. बहुत सोच समझकर निर्णय लेना होता है. ऐसे में हम उचित समय पर हम बताएंगे.
आरक्षण को लेकर सामने आया मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती का बयान, कह दी ये बात
भोपाल: आरक्षण को लेकर मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता है। एससी-एसटी बोलें कि उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए तभी व्यवस्था बदल सकती है। दरअसल मध्य प्रदेश में चुनावी साल के दौरान ‘माई का लाल’ मुद्दा एक बार फिर सामने आया है। शिवराज सिंह चौहान के बाद इस बार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने यह नारा छेड़ा है। सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान उमा भारती ने मंच से कहा कि ‘कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता।’
उमा ने आरक्षण का खुलकर समर्थन किया
उमा भारती ने सोमवार को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान आरक्षण का खुलकर समर्थन किया। भोपाल में पिछड़ा वर्ग के एक कार्यक्रम में उमा भारती ने कहा कि ओबीसी को सरकारी नौकरी में 27% आरक्षण मिलना चाहिए और एससी-एसटी के अलावा गरीब सवर्णों का भी आरक्षण होना चाहिए। यह व्यवस्था सिर्फ तब बदलेगी जब एसटी-एससी खुद बोलें कि उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए।
आरक्षण पर अपनी बात रखते हुए उमा भारती ने कहा कि इस मसले को लेकर पूरे देश को एक होना चाहिए कि ओबीसी का आरक्षण होना चाहिए। एसटी-एससी का आरक्षण होना चाहिए। सरकारी नौकरियों में ओबीसी का 27% आरक्षण होना चाहिए और गरीब सवर्णों का भी 10% आरक्षण होना चाहिए। मैंने कई ब्राह्मणों और वैश्य को भी बहुत गरीब देखा है। या तो इस देश की व्यवस्था ही ऐसी हो जाए कि आरक्षण की स्थिति ना रहे। वो स्थिति तब आएगी जब एसटी-एससी खुद कहेंगे कि हमें आरक्षण नहीं चाहिए। उसके पहले यह स्थिति खत्म नहीं की जा सकती। कोई माई का लाल आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता। जब तक समाज में एक भी व्यक्ति अधिकरों से वंचित रहेगा, तब तक आरक्षण खत्म नहीं हो सकता।
शिवराज भी कह चुके हैं ये बात
इससे पहले साल 2018 में शिवराज सिंह चौहान ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ‘हमारे होते हुए कोई ताकत, कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता’ और उसके बाद चुनाव के दौरान सवर्ण वर्ग ने उनके इस बयान का जमकर विरोध किया था।
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आरक्षण नीति को लेकर बीजेपी पर बरसे एमके स्टालिन, बोले- 50 फीसदी तक न हो सीमित
MK Stalin On Reservation Policy: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल से इतर आरक्षण नीति को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सामाजिक न्याय सम्मेलन में मंगलवार (19 सितंबर) को सीएम स्टालिन ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार आरक्षण नीति को ठीक से लागू नहीं कर रही है. उन्होंने मांग की कि राज्यों को आरक्षण का अनुपात तय करने की अनुमति मिलनी चाहिए.
सीएम स्टालिन ने जोर दिया कि रोजगार और शिक्षा में आरक्षण को 50 फीसदी तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए. उदाहरण के तौर पर तमिलनाडु में अधिकतम 69 फीसदी आरक्षण था और इसे 50 प्रतिशत तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि योग्य वर्गों की आबादी के आधार पर राज्यों को आरक्षण की मात्रा तय करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
सीएम स्टालिन ने वर्चुअल माध्यम से नई दिल्ली में आयोजित ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही.
देश में जितना खराब हो रहा उससे 40 गुना ज्यादा अच्छा हो रहा- RSS प्रमुख
महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ी बात कही। भागवत ने दावा किया कि भारत में अभी जितना खराब हो रहा है उससे 40 गुना ज्यादा अच्छा हो रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में आए मेहमानों से कहा कि आप लोगों के काम से ये बातें प्रमाणित हो रही हैं कि देश में काफी कुछ अच्छा हो रहा है। आप के काम इस सब का सबूत हैं।
हम सेवा करते हैं
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम में सेवा का भी महत्व बताया। उन्होंने कहा कि सेवा करने का मौका भगवान सेवको के रूप में हमें देता है। उन्होंने कहा कि ऐसी सेवा करने से सेवा में अहंकार नहीं रहता और अहंकार आ गया तो सेवा-सेवा नहीं रहती, वो दया हो जाती है, हम यहां दया नहीं करते सेवा करते है।
आरक्षण पर भी बोले थे भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बीते दिन आरक्षण पर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हमने अपने ही समाज के लोगों को सामाजिक व्यवस्था के उपरांत पीछे रखा। जब तक यह भेदभाव है, तब तक उसको (आरक्षण) चालू रहना चाहिए। संविधान सम्मत जितना आरक्षण है उसको हम संघ के लोग पूरा समर्थन देते हैं, यह सम्मान की बात है। जिनको आरक्षण मिलता है, उन्होंने धीरे-धीरे यह आवाज उठाई है कि आरक्षण पाकर हम समर्थ हो गए।
अखंड भारत पर भी बयान
संघ प्रमुख मोहन भागवत से जब अखंड भारत को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आपके बूढ़े होने से पहले अखंड भारत होगा। उन्होंने कहा था कि परिस्थितियां ऐसी करवट ले रही हैं, क्योंकि जो भारत से अलग हुए हैं उनको लगता है कि गलती हो गई। हमको फिर से भारत होना चाहिए, लेकिन वह मानते हैं कि भारत होना यानी कि नक्शे की रेखाएं पोंछ डालना। ऐसा नहीं है, केवल उससे नहीं होगा। भारत होना यानी कि भारत के स्वभाव को स्वीकार करना।
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