कथित शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत राहत देने से इनकार किया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए ईडी से जवाब मांगा।
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सुप्रीम कोर्ट
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कोर्ट ने 2018 से उत्तराखंड के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के अधिकारियों और जिला आयुर्वेदिक अधिकारियों से भी जवाब मांगा कि गुमराह करने वालों के खिलाफ शिकायतों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
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केजरीवाल, सिसोदिया और सत्येंद्र भी जल्द जेल से बाहर आएंगे, जानें किसने कह दी ये बात? – India TV Hindi
दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी के नेत संजय सिंह को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। संजय सिंह पिछले छह महीने से शराब घोटाला केस मामले में तिहाड़ जेल में बंद थे। जब सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत पर सुनवाई हुई तो ईडी ने उनकी जमानत का विरोध नहीं किया। अब संजय सिंह को कल रिहा कर दिया जाएगा। उनकी रिहाई पर उनकी पत्नी अनीता सिंह ने खुशी जाहिर की है और कहा है कि जेल में संजय के तीनों भाई अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र सिंह भी जल्द ही बाहर आ जाएंगे।
आज सत्य की जीत हुई, खुशी अभी अधूरी है
अनीता सिंह ने कहा, ‘संजय सिंह की रिहाई से मैं बहुत खुश हूं। आज सत्य की जीत हुई है। मेरे पति के ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद थे और अब इस मामले में हमारे तीन भाई अरविंद, मनीष और सत्येंद्र भी जल्द ही जेल से बाहर आएंगे।’ उन्होंने कहा कि हम सबपर बजरंग बली की कृपा हुई है, हम सबका शुक्रिया अदा करते हैं। अभी तो ये पहला कदम है अभी यह लड़ाई लंबी चलने वाली है। जब तक हमारे तीनों बड़े भाई अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन बाहर नहीं आ जाते यह संघर्ष तबतक जारी रहेगा।
हनुमान जी ने संकट दूर किया, संघर्ष जारी रहेगा
अनीता सिंह ने कहा कि खुशी तो है लेकिन ये अधूरी है, अंदर कष्ट महसूस हो रहा है क्योंकि हमारे तीनों भाई अभी जेल केअंदर हैं और जब तक वे बाहर नहीं आएंगे हमसब खुशी नहीं मनाएंगे, तब तक कोई जश्न नहीं होगा। जब वे बाहर आएंगे तो हमारी खुशी दोगुनी हो जाएगी और जबतक ऐसा नहीं होता तबतक हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे।’
वहीं, संजय सिंह की जमानत पर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आप के ऊपर जो संकट था वह संकटमोचन हनुमान ने दूर किया है। ऐसा इसलिए कि पीएमएलए में अक्सर बेल नहीं मिलती है, ये इतना कड़ा कानून है लेकिन फिर भी संजय सिंह को बेल मिल गई, ये लोकतंत्र की जीत है।
जेल से बाहर आएंगे AAP सांसद संजय सिंह, सुप्रीम कोर्ट ने बेल पर रिहा करने के दिए आदेश
दिल्ली के कथिर शराब घोटाले में संजय सिंह को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन अब AAP सांसद जेल से बाहर आएंगे। सुुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को जमानत दिए जाने की मंजूरी दे दी है।
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ज्ञानवापी के ‘व्यास तहखाना’ में जारी रहेगी पूजा, SC का हाई कोर्ट आदेश पर रोक से इनकार – India TV Hindi
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामल में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें ‘व्यास तहखाना’ के अंदर देवताओं की पूजा करने की अनुमति दी गई थी। अब जब सु्प्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है तो ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने में पूजा जारी रहेगी। बता दें कि वाराणसी जिला अदालत ने हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने ‘व्यास तहखाना’ के अंदर देवताओं की पूजा करने की अनुमति दी थी, जिसे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि 17 जनवरी और 31 जनवरी (तहखाना के अंदर पूजा की अनुमति) के आदेशों के बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में बिना किसी बाधा के ‘नमाज’ पढ़ी जाती है और हिंदू पुजारी द्वारा ‘पूजा’ की पेशकश तक ही सीमित है। ‘तहखाना’ क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखना उचित है ताकि दोनों समुदाय उपरोक्त शर्तों के अनुसार पूजा करने में सक्षम हो सकें। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों को ज्ञानवापी परिसर में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया ताकि दोनों समुदाय ‘पूजा’ और ‘नमाज’ अदा कर सकें।
हिंदू पक्ष को भी नोटिस जारी
जानकारी दे दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने ‘व्यास तहखाना’ के अंदर देवताओं की ‘पूजा’ पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली ज्ञानवापी मस्जिद समिति की अपील पर हिंदू पक्ष को नोटिस भी जारी किया है।
बता दें कि वाराणसी की अदालत के फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी और जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखा। अब हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसपर सर्वोच्च न्यायलय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
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