कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत समुदाय का वोट अहम रहा है। किसी भी चुनाव में लिंगायत समुदाय की भूमिका निर्णायक रही है और माना जाता है कि इनका समर्थन भाजपा को ही मिलता रहा है। लेकिन इस चीजें अलग हैं।
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Pralhad Joshi
प्रह्लाद जोशी ने सिद्दारमैया को कहा- ‘हिंदू विरोधी’, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए – India TV Hindi
अयोध्या में सोमवार को राम मंदिर का उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस भव्य कार्यक्रम से विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने किनारा कर लिया। इस बीच, बेंगलुरु पहुंचे केंद्रीय खनन, कोयला, कानून और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ‘हिंदू विरोधी’ हैं, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सिद्दारमैया ने छुट्टी की घोषणा नहीं की। अब कहते हैं कि वह अयोध्या जाएंगे। यह सब अल्पसंख्यकों का वोट हासिल करने के लिए है।
राम राज्य बनाने की दिशा में काम करेंगे: प्रह्लाद जोशी
उन्होंने कहा, “हम आने वाले पांच वर्षों में ‘राम राज्य’ बनाने की दिशा में काम करेंगे।” अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भगवान राम, जो लंबे समय से दूर थे, आज घर आ गए हैं। लोग हर जगह भक्ति के साथ काम कर रहे हैं। पूरे देश में उत्सव का माहौल है।” मंत्री ने आगे कहा कि भगवान राम 500 वर्षों से अपने घर लाए जाने के लिए एक महान व्यक्तित्व की प्रतीक्षा कर रहे थे। जोशी ने कहा, “आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह काम किया है। उन्होंने एक अच्छा समाज बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। पीएम मोदी राम के सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं।”
राम राज्य बनाना हमारा सपना है: डीके शिवकुमार
इस बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू की गई गारंटी योजनाओं के जरिए “राम राज्य” का सपना साकार हो रहा है। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पर खुशी जताते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, “राम राज्य बनाना हमारा सपना है। इस सपने को साकार करने के लिए राज्य में पांच गारंटी को सफलतापूर्वक लागू किया गया है।” उन्होंने कहा, “एक सार्थक जीवन भगवान राम के सिद्धांतों और हनुमान की निष्ठा को आत्मसात करने में है।” (IANS इनपुट के साथ)
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‘नेहरू भी नहीं गए थे’, बीजेपी ने राम मंदिर पर कांग्रेस के फैसले को लेकर घेरा
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठान समारोह में शामिल होने से इनकार करने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है. बीजेपी ने गुरुवार (11 जनवरी) को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण के चलते प्राण प्रतिष्ठान समारोह का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू की कांग्रेस हिंदू धर्म के खिलाफ है और तुष्टिकरण के लिए वह हिंदू मान्यताओं का विरोध कर रही है. पिछले 2-4 दशकों में जब भी राम मंदिर का मुद्दा उठाया गया है, उन्होंने (कांग्रेस) हमेशा इसका विरोध किया है.
उन्होंने कहा, “मैं उनके फैसले से जरा भी हैरान नहीं हूं. कांग्रेस ने भगवान राम को काल्पनिक बताया था और राम सेतु पर भी सवाल उठाया. वर्तमान कांग्रेस पार्टी तुष्टिकरण की चरम सीमा पर पहुंच गई है.”
‘नेहरू नहीं गए थे सोमनाथ’
वहीं, बीजेपी नेता सीटी रवि ने दावा किया कि भारत के पहले प्रधानमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता जवाहरलाल नेहरू ने गुजरात के प्राचीन सोमनाथ मंदिर में जाने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा हिंदुत्व के खिलाफ रही है. जब सरदार वल्लभभाई पटेल, बाबू राजेंद्र प्रसाद और केएम मुंशी ने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया था, तो उस समय नेहरू प्रधानमंत्री थे. उस समय नेहरू ने भी सोमनाथ मंदिर का दौरा नहीं किया था तो वर्तमान नेतृत्व कैसे अयोध्या जा सकता है.
‘यह नेहरू की कांग्रेस है’
इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया “यह नेहरू की कांग्रेस है, यह गांधी की कांग्रेस नहीं है. महात्मा गांधी ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाते थे और आज कांग्रेस ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल नहीं हो रही है. इससे पता चलता है कि कांग्रेस हिंदू धर्म और हिंदुत्व के खिलाफ है.”
कांग्रेस नेताओं को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण
बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मंदिर समिति ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को आमंत्रित किया था. हालांकि, उन्होंने इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया और कहा कि बीजेपी और आरएसएस इस समारोह से चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं.
विपक्ष की तरफ से बयान की मांग पर सरकार बोली, ‘हमारा अधिकार नहीं, क्योंकि लोकसभा स्पीकर…’
Parliament Security Breach: केंद्र सरकार ने गुरुवार (14 दिसंबर) को संसद सुरक्षा चूक मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान को लेकर विपक्ष की मांग को पूरी तरह से खारिज कर दिया. साथ ही कहा कि लोकसभा अध्यक्ष सदन के संरक्षक हैं और सरकार उनके निर्देशों का पालन करेगी. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार के पास इस मुद्दे पर बयान जारी करने का अधिकार नहीं है. लोकसभा स्पीकर ही इस मामले पर फैसला लेंगे.
प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘सरकार लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करती है. विपक्ष को इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने से बचना चाहिए. हम इस विषय से बहुत संवेदनशीलता के साथ निपट रहे हैं.” उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष इस बात को मुद्दा नहीं बना रहा है कि जब कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां सत्ता में थीं तब क्या हुआ था, क्योंकि उस समय के लोकसभा अध्यक्षों ने अपने विवेक से फैसले लिए थे.
संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सुरक्षा चूक को लेकर विरोध करने वाले दलों से सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की. कुछ विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार (14 दिसंबर) को सदन में तख्तियां लेकर इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से जवाब की मांग की. जिसके बाद सदन में आसन की अवमानना को लेकर लोकसभा के 13 और राज्यसभा एक सदस्य को निलंबित कर दिया गया.
इन सांसदों को किया गया निलंबित
निलंबित होने वाले लोकसभा सांसदों में कांग्रेस के टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर शामिल हैं. इसके अलावा डीएमके के कनिमोई, माकपा के केएस वेकटेशन एवं पी आर नटराजन और भाकपा के के. सुब्बारायन को निलंबित किया गया. टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन को भी निलंबित किया गया.
विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी आवाज उठाने वाले पर ही वार कर रही है.
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CM गहलोत- सचिन पायलट एकसाथ दिखे, कांग्रेस बोली- सबकुछ ठीक है, बीजेपी का तंज- फोटो शूट और कुछ
Rajasthan Election 2023: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ दिखने को लेकर बीजेपी ने गुरुवार (16 नवंबर) को कटाक्ष किया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के हम एक साथ हैं के बयान पर बीजेपी ने कहा कि ये नाटक है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ”ये फोटो शूट है. इन लोगों ने क्या-क्या नहीं किया. इनके पोस्टर में तो राहुल गांझी का फोटो भी नहीं था. राहुल गांधी को पता है कि राजस्थान में कांग्रेस का कुछ नहीं होने वाला.”
राहुल गांधी ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान में कांग्रेस विधानसभा चुनाव जीतेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम एक साथ हैं और एक साथ ही रहेंगे. कांग्रेस पार्टी यहां चुनाव जीतेगी. ’’ उनके साथ इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी थे.
#WATCH | Rajasthan Elections | Union Minister Pralhad Joshi says, “This is just a photo shoot, a photo-op. This is just for a photograph…Rahul Gandhi knows that nothing is going to come out Rajasthan. That is why, he is here just for the sake of it and is going back after a… https://t.co/4xVw5Jy7DA pic.twitter.com/IFDBmPPiiY
— ANI (@ANI) November 16, 2023
राहुल गांधी आज तारानगर (चूरू), नोहर (हनुमानगढ़) और सादुलशहर (श्रीगंगानगर) में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. दरअसल, अशोक गहलोत पर सचिन पायलट ने आरोप लगाया था कि उन्होंने वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई नहीं की. इस कारण दोनों नेताओं एक दूसरे को निशाने पर लिया था. लेकिन दोनों नेताओं के साथ कई बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीटिंग की.
मीटिंग के बाद कांग्रेस के सभी नेताओं ने एक बात दोहराई को वो एकजुट है. बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को है. इस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार है.