भाजपा नेता संजय पाटिल ने कांग्रेस नेता और राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर को अच्छी नींद के लिए शराब पीने की सलाह दे डाली। जवाब में कांग्रेस ने भाजपा की तुलना कौरवों से कर दी।
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कर्नाटक में भाजपा की बढ़ी टेंशन, मोदी के मंत्री के खिलाफ लड़ेंगे लिंगायत संत; कई सीटों पर असर का डर
कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत समुदाय का वोट अहम रहा है। किसी भी चुनाव में लिंगायत समुदाय की भूमिका निर्णायक रही है और माना जाता है कि इनका समर्थन भाजपा को ही मिलता रहा है। लेकिन इस चीजें अलग हैं।
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कर्नाटक: हनुमान ध्वज विवाद मामले में हिंदू कार्यकर्ताओं-ग्रामीण युवकों के खिलाफ FIR – India TV Hindi
मंड्या: कर्नाटक के मंड्या जिले के हनुमान ध्वज मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मामले में हिंदू कार्यकर्ताओं और ग्रामीण युवकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। तहसीलदार की शिकायत पर केरेगोडू पुलिस स्टेशन में प्रताप, अविनाश और प्रकाश सहित अन्य लोगों के खिलाफ IPC की धारा 143, 301, 353, 149 के तहत मामला दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला?
मंड्या जिले के केरेगोडु गांव में एक राम मंदिर है जिसे रंग मंदिर भी कहा जाता है। पिछले कई सालों से उस मंदिर के सामने एक 108 फुट ऊंचा स्तंभ है जिसपर पर हनुमान ध्वज लहराता है। बीते रविवार को जिला प्रशासन के अधिकारी उस स्तंभ से हनुमान ध्वज को उतारने के लिए पहुंचे थे। प्रशासन की इस कार्रवाई से गांव के लोग नाराज हो गए और इसका विरोध करने के लिए वहां पर भारी संख्या में पहुंच गए। प्रशासन ने नाराज लोगों की भीड़ को वहां से हटाने के लिए लोगों पर लाठी चार्ज किया और इसके बाद स्तंभ से हनुमान ध्वज हटाकर वहां तिरंगा फहरा दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ भाजपा और JDS समेत हिंदू संगठन के सदस्य भी मौके पर पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन किया।
प्रशासन का क्या कहना है?
इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि जिस जगह पर स्तंभ बना हुआ है, वह सरकारी जमीन है। प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ पंचायत को वहां पर स्तंभ बनाने के लिए NOC दिया था। इन शर्तों में अहम शर्त यह थी कि यहां पर किसी भी तरह का धार्मिक या राजनैतिक झंडा नहीं फहराया जाएगा। इस स्थान पर सिर्फ तिरंगा या फिर राज्य ध्वज फहराया जा सकता है।
सिद्धारमैया ने 3 विधायकों को कैबिनेट रैंक के साथ प्रमुख पदों पर किया नियुक्त
Karnataka Politics: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकार के कामकाज को लेकर आलोचनात्मक रवैया रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बीआर पाटिल और बसवराज रायरेड्डी को शुक्रवार (29 दिसंबर) को कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ क्रमश: अपना सलाहकार और आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया.
ऐसा माना जा रहा है कि सिद्धारमैया ने यह कदम सत्तारूढ़ दल के भीतर असंतोष को शांत करने के लिए उठाया है. सिद्धारमैया एक अन्य अनुभवी कांग्रेस विधायक आरवी देशपांडे को भी कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
राज्य सरकार ने जारी की अधिसूचना
राज्य सरकार ने शुक्रवार को अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कर कहा कि पूर्व मंत्री आरवी देशपांडे को तत्काल प्रभाव से प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष और एक अन्य पूर्व मंत्री और विधायक बसवराज रायरेड्डी को मुख्यमंत्री का आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया है.
तत्काल प्रभाव से की गई नियुक्ति
बीआर पाटिल अलंद निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं, जबकि रायरेड्डी और देशपांडे क्रमशः येलबर्गा और हलियाल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. तीनों नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से की गई हैं. बता दें कि रायरेड्डी और देशपांडे दोनों ही सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं.
मंत्री पद के दावेदार थे तीनों नेता
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इन नियुक्तियों के जरिए सिद्धारमैया ने निश्चित रूप से विधायकों को शांत करने की कोशिश की है. ये तीनों नेता अपने विशाल अनुभव की मदद से सरकार के समक्ष आने वाले मुद्दों और स्थितियों के प्रबंधन में निश्चित रूप से मुख्यमंत्री के लिए उपयोगी साबित होंगे. तीनों वरिष्ठ विधायक मंत्री पद के दावेदार थे और मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने को लेकर नाराज बताए जा रहे थे.
30 विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
इससे पहले कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज पाटिल और रायरेड्डी सहित 30 विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मंत्रियों के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया था. पाटिल ने राज्य में शराब की दुकानें स्थापित करने के लिए लाइसेंस देने के सरकार के प्रस्ताव का भी विरोध किया था.
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कर्नाटक में कोरोना की तेज रफ्तार! पिछले 24 घंटे में 2 मौत, 74 नए केस, सरकार बोली- मास्क पहनें
Covid-19 Cases in Karnataka: दक्षिण भारत के राज्य केरल के बाद अब कर्नाटक में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही कोविड संक्रमित मरीजों की मौतों ने सरकार की चिंता और बढ़ा दी है. पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में मंगलवार (26 दिसंबर) को कोविड-19 के 74 नए मामले सामने आए हैं और दो लोगों की मौत दर्ज की गई है. दोनों मृतकों की उम्र 51 वर्ष थी. इससे सक्रिय मामलों का आंकड़ा बढ़कर 464 हो गया है तो मृतकों की संख्या 9 हो गई.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कोरोना संक्रमित मरीजों और मौतों के आंकड़ों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है. कर्नाटक सरकार ने कोरोना वायरस के नये वेरिएंट जेएन.1 (Corona JN.1 variant) से फैल रहे संक्रमण मामले के मद्देनजर लोगों को मास्क लगाने और कोविड-19 संबंधी उचित व्यवहार का पालन करने के लिए कहा है. कोविड-19 को लेकर गठित कैबिनेट की सब-कमेटी ने कई उपायों को अपनाने का निर्णय लिया है.
केंद्र से मांगी कॉर्बेवैक्स वैक्सीन की 30,000 डोज
इन सभी उपायों में मास्क पहनना, लक्षण वाले बच्चों को स्कूल न भेजना, सामाजिक दूरी जैसे कोविड-19 संबंधी उचित व्यवहार का पालन करना, 7 दिनों तक होम आइसोलेशन और संक्रमित मरीजों को छुट्टी देना आदि प्रमुख रूप से शामिल है. बुजुर्गों और कई बीमारियों से पीड़ित लोगों को ‘एहतियाती टीका’ लगाने और इस उद्देश्य से केंद्र से कॉर्बेवैक्स टीके (Corbevax vaccine) की 30,000 डोज प्राप्त करने का भी निर्णय लिया गया है. इस संबंध में सरकार की ओर से जल्द ही डिटेल्ड गाइडलाइन जारी की जाएगी.
राज्य में 6,403 लोगों ने कराया कोरोना टेस्ट
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 44 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है और 4,680 आरटी-पीसीआर और 1,723 रैपिड एंटीजन टेस्ट समेत कुल 6,403 टेस्ट किए गए हैं. पॉजिटिविटी रेट 1.15 फीसदी है जबकि मामले की मृत्यु दर 2.70 फीसदी है.
विभाग के मुताबिक सबसे ज्यादा टेस्ट बेंगलुरु में हुए. यहां पर 2,104 लोगों ने अपना टेस्ट कराया जिसमें से 57 को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. बाकी अन्य जिलों की तुलना में यह सबसे ज्यादा हैं.
गंभीर सांस की बीमारी से ग्रसित थे दोनों मृतक
राज्य में जिन दो मरीजों की मौत हुई है, उनमें से एक को 22 दिसंबर को बुखार, खांसी और सांस फूलने के लक्षणों के बाद दक्षिण कन्नड़ में भर्ती कराया गया था. उन्हें गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (severe acute respiratory infection) था और 23 दिसंबर को उनकी मौत हो गई. उन्हें टीका नहीं लगाया गया था.
बुलेटिन में कहा गया है कि दूसरे मरीज को 20 दिसंबर को खांसी और सांस फूलने के लक्षणों के चलते मैसूर में भर्ती कराया गया था और 25 दिसंबर को उनकी भी मृत्यु हो गई. उन्हे गंभीर श्वसन संक्रमण भी था, लेकिन उनको टीका लगाया गया था.
होम आइसोलेशन में चल रहा 423 लोगों का इलाज
हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, कुल सक्रिय 464 मामलों में से 423 लोग होम आइसोलेशन में हैं, जबकि बाकी 41 मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. इसमें कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती लोगों में से 16 को आईसीयू और 25 को सामान्य वार्ड में भर्ती कराया गया है.
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