सीएम ने समर्थन का आग्रह किया है। 5 फरवरी को लिखे पत्रों में सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक के प्रति जारी 'अन्याय और उपेक्षा' के जवाब के रूप में "चलो दिल्ली" का नारा दिया है।
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Siddaramaiah
Karnataka: मांड्या का हनुमान ध्वज विवाद ने पकड़ा तूल, सीएम सिद्धारमैया ने भाजपा पर लगाए राजनीति करने के आरोप
#WATCH | Karnataka: Security heightened in Keragodu village, Mandya where the Hanuman flag hoisted by the Gram Panchayat Board of Mandya district on a 108-foot flagpole was brought down by the district administration, yesterday. pic.twitter.com/uAkKC0x5z8
— ANI (@ANI) January 29, 2024
#WATCH | Karnataka: BJP and JDS workers hold protest in Keragodu village, Mandya over the Hanuman flag hoisted by the Gram Panchayat Board of Mandya district, which was brought down by the district administration, yesterday.
Heavy force has been deployed in the area. pic.twitter.com/3RvOUyPfat
— ANI (@ANI) January 29, 2024
क्या है विवाद
मांड्या जिले के केरागोडु गांव में 108 फीट ऊंचे स्तंभ पर हनुमान ध्वज फहराया गया था, जिसे जिला प्रशासन ने पुलिस बल का इस्तेमाल कर उतार दिया। ध्वज उतारने का स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया। इस दौरान हालात बिगड़ गए और स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया।
जिला प्रशासन का कहना है कि स्तंभ पर राष्ट्रीय ध्वज और कन्नड़ ध्वज फहराने की अनुमति दी गई थी, लेकिन ग्राम पंचायत की शर्तों का उल्लंघन करते हुए लोगों ने हनुमान ध्वज फहराया। इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई। भाजपा ने इसे लेकर राज्य की सिद्धारमैया सरकार पर निशाना साधा। विवाद इतना बढ़ा कि सीएम सिद्धारमैया ने भी इस पर बयान दिया और कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना गलत है।
#WATCH | Mandya: Security heightened in Keragodu village where the Hanuman flag hoisted by the Gram Panchayat Board of Mandya district on a 108-foot flagpole was brought down by the district administration, yesterday.
Karnataka Police Force present at the spot after BJP-JDS… pic.twitter.com/9CzJYzQYep
— ANI (@ANI) January 29, 2024
प्रह्लाद जोशी ने सिद्दारमैया को कहा- ‘हिंदू विरोधी’, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए – India TV Hindi
अयोध्या में सोमवार को राम मंदिर का उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस भव्य कार्यक्रम से विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने किनारा कर लिया। इस बीच, बेंगलुरु पहुंचे केंद्रीय खनन, कोयला, कानून और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ‘हिंदू विरोधी’ हैं, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सिद्दारमैया ने छुट्टी की घोषणा नहीं की। अब कहते हैं कि वह अयोध्या जाएंगे। यह सब अल्पसंख्यकों का वोट हासिल करने के लिए है।
राम राज्य बनाने की दिशा में काम करेंगे: प्रह्लाद जोशी
उन्होंने कहा, “हम आने वाले पांच वर्षों में ‘राम राज्य’ बनाने की दिशा में काम करेंगे।” अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भगवान राम, जो लंबे समय से दूर थे, आज घर आ गए हैं। लोग हर जगह भक्ति के साथ काम कर रहे हैं। पूरे देश में उत्सव का माहौल है।” मंत्री ने आगे कहा कि भगवान राम 500 वर्षों से अपने घर लाए जाने के लिए एक महान व्यक्तित्व की प्रतीक्षा कर रहे थे। जोशी ने कहा, “आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह काम किया है। उन्होंने एक अच्छा समाज बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। पीएम मोदी राम के सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं।”
राम राज्य बनाना हमारा सपना है: डीके शिवकुमार
इस बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू की गई गारंटी योजनाओं के जरिए “राम राज्य” का सपना साकार हो रहा है। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पर खुशी जताते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, “राम राज्य बनाना हमारा सपना है। इस सपने को साकार करने के लिए राज्य में पांच गारंटी को सफलतापूर्वक लागू किया गया है।” उन्होंने कहा, “एक सार्थक जीवन भगवान राम के सिद्धांतों और हनुमान की निष्ठा को आत्मसात करने में है।” (IANS इनपुट के साथ)
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कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र बोले, ‘…तो भारत बन जाएगा पाकिस्तान और अफनानिस्तान
Yathindra Siddaramaiah on Hindu Rashtra: राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन से पहले विपक्षी नेताओं की ओर से लगातार बयानबाजी जारी है. कर्नाटक विधान परिषद में सदस्य बीके हरिप्रसाद ने ‘गोधरा कांड’ को लेकर बुधवार (3 जनवरी) को विवादित टिप्पणी करके हंगामा खड़ा कर दिया था. अब कांग्रेस के कद्दावर नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया (Yathindra Siddaramaiah) के भारत को लेकर दिए बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कर्नाटक के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता यतींद्र ने भारत के हिंदू राष्ट्र बनने की तुलना पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों के साथ कर डाली है. उन्होंने कहा कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र बन गया तो यह तानाशाही शासन वाले अफगानिस्तान और आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान जैसा बन जाएगा.
‘बीजेपी के सहयोगी संगठन भारत को बनाने जा रहे हिंदू देश’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि धर्म के नाम पर तानाशाही ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान को दिवालिया बना दिया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी संगठन भारत को हिंदू देश बनाने जा रहे हैं. अगर सही में ऐसा होने दिया गया तो हमारा देश भी उन देशों की तरह ही बन जाएगा.
Davanagere | Congress leader and son of Karnataka CM Siddaramaiah, Yathindra Siddaramaiah says, “Pakistan and Afghanistan have been bankrupted by the dictatorship in the name of religion…Affiliate organizations of the BJP are going to make India a Hindu country. If this is… pic.twitter.com/TTjPRJj1gK
— ANI (@ANI) January 3, 2024
‘धर्मनिरपेक्षता छोड़ धर्म के पीछे जाने से विकास नहीं होगा’
कांग्रेस नेता यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा कि अगर देश धर्मनिरपेक्षता को छोड़कर धर्म के पीछे जाएगा तो इससे विकास नहीं होगा. आज धर्मनिरपेक्षता पर खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि हमें ऐसी पार्टियों से सावधान रहने की जरूरत है, जोकि धर्म का राजनीतिकरण करती हैं.
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है. इस आयोजन में करीब एक लाख भक्तों के अयोध्या पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे.
बीके हरिप्रसाद की विवादित टिप्पणी से पहले ही मचा हंगामा
इस आयोजन को लेकर यतींद्र से पहले बुधवार को ही कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बीके हरिप्रसाद ने भी ऐसी टिप्पणी की कि उसको लेकर विवाद छिड़ गया. इसकी खूब आलोचना भी हो रही है. उन्होंने कहा था, ”उनको आशंका है कि कर्नाटक में ‘गोधरा कांड’ जैसी घटना हो सकती है. इससे राज्य सरकार को अलर्ट रहना चाहिए. साल 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड ने गुजरात को सबसे खराब सांप्रदायिक दंगों में से एक में झोंक दिया था. इसलिए अयोध्या जाने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए कर्नाटक सरकार को इंतजाम करने चाहिए, ताकि हमें एक और गोधरा कांड नहीं देखना पड़े.”
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सिद्धारमैया ने 3 विधायकों को कैबिनेट रैंक के साथ प्रमुख पदों पर किया नियुक्त
Karnataka Politics: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकार के कामकाज को लेकर आलोचनात्मक रवैया रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बीआर पाटिल और बसवराज रायरेड्डी को शुक्रवार (29 दिसंबर) को कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ क्रमश: अपना सलाहकार और आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया.
ऐसा माना जा रहा है कि सिद्धारमैया ने यह कदम सत्तारूढ़ दल के भीतर असंतोष को शांत करने के लिए उठाया है. सिद्धारमैया एक अन्य अनुभवी कांग्रेस विधायक आरवी देशपांडे को भी कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
राज्य सरकार ने जारी की अधिसूचना
राज्य सरकार ने शुक्रवार को अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कर कहा कि पूर्व मंत्री आरवी देशपांडे को तत्काल प्रभाव से प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष और एक अन्य पूर्व मंत्री और विधायक बसवराज रायरेड्डी को मुख्यमंत्री का आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया है.
तत्काल प्रभाव से की गई नियुक्ति
बीआर पाटिल अलंद निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं, जबकि रायरेड्डी और देशपांडे क्रमशः येलबर्गा और हलियाल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. तीनों नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से की गई हैं. बता दें कि रायरेड्डी और देशपांडे दोनों ही सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं.
मंत्री पद के दावेदार थे तीनों नेता
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इन नियुक्तियों के जरिए सिद्धारमैया ने निश्चित रूप से विधायकों को शांत करने की कोशिश की है. ये तीनों नेता अपने विशाल अनुभव की मदद से सरकार के समक्ष आने वाले मुद्दों और स्थितियों के प्रबंधन में निश्चित रूप से मुख्यमंत्री के लिए उपयोगी साबित होंगे. तीनों वरिष्ठ विधायक मंत्री पद के दावेदार थे और मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने को लेकर नाराज बताए जा रहे थे.
30 विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
इससे पहले कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज पाटिल और रायरेड्डी सहित 30 विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मंत्रियों के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया था. पाटिल ने राज्य में शराब की दुकानें स्थापित करने के लिए लाइसेंस देने के सरकार के प्रस्ताव का भी विरोध किया था.
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