बीजेपी नेता के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। ये लोग अपने नुकसान के मुआवजे में देरी से भड़के हुए थे। इन्होंने सांसद और बसवनगुड़ी के भाजपा विधायक एलए रवि सुब्रमण्यम जैसे अन्य नेताओं से जवाब मांगा।
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बेंगलुरु धमाका मामले में एक संदिग्ध से पूछताछ जारी, जानें पुलिस ने क्या कहा – India TV Hindi
बेंगलुरु: शहर के एक रेस्टोरेंट में शुक्रवार को हुए ब्लास्ट से हड़कंप मच गया। पहले तो लगा कि यह सिलेंडर ब्लास्ट का मामला है, लेकिन बाद में पता चला कि ये आईईडी ब्लास्ट था। वहीं अब इस धमाके में जांच तेज होने के बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमों का गठन किया गया। फिलहाल बेंगलुरु पुलिस इस केस में एक शख्स से पूछताछ कर रही है। वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिस शख्स ने इस घटना को अंजाम दिया वो कर्नाटक के दक्षिण कन्नडा जिले का रहने वाला है। फिलहाल पुलिस की जांच अभी भी जारी है।
आरोपी ने रवा इडली का लिया था कूपन
बता दें कि बेंगलुरु के व्हाइट फील्ड इलाके में आईटीपीएल रोड पर स्थित मशहूर रामेश्वरम कैफे में शुक्रवार को धमाका हो गया। वहीं अब इस धमाके को लेकर पुलिस का कहना है कि इस मामले में UAPA अधिनियम, 1967 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया था कि आरोपी के बारे में कई सुराग मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी की उम्र 30 से 35 साल बताई जा रही है। हैरानी की बात ये भी है कि इस आरोपी ने ब्लास्ट करने से पहले कैफे में रवा इडली का कूपन भी लिया था।
धमाके के लिए लगाया था टाइमर
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी युवक कैफे के पास एक बैग पेड़ के पास रखकर चला गया और बम विस्फोट हो गया। उसने धमाके के लिए टाइमर लगा रखा था। यह कम तीव्रता का विस्फोट है। वह आया और बस से उतर गया। ये भी खबर है कि उसका सारा चेहरा सीसीटीवी में कैद हो गया है। वहीं सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि यह एक तात्कालिक विस्फोट बताया जा रहा है। हमें अधिक जानकारी सामने आने के लिए जांच का इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा है कि आरोपी को सजा दी जाएगी।
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40 प्रतिशत कमीशन के आरोपों पर CM सिद्धरमैया ने दिया जवाब, डी केम्पन्ना को दी ये सलाह – India TV Hindi
बेंगलुरु: कर्नाटक के ठेकेदार संघ के अध्यक्ष द्वारा राज्य की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। ऐसे में अब कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया ने उनके इसका जवाब भी दे दिया है। सीएम सिद्धरमैया ने कहा है कि अगर उनकी सरकार में भ्रष्टाचार साबित करने वाले दस्तावेज हैं, तो वह न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग से संपर्क करें। उन्होंने यह भी कहा कि केम्पन्ना रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बता दें कि केम्पन्ना ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि सरकारी ठेके देने के एवज में 40 प्रतिशत कमीशन मांगने की परिपाटी कांग्रेस शासन में भी जारी है।
सीएम ने केम्पन्ना को दी सलाह
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी. केम्पन्ना से कहा कि अगर उनकी सरकार में भ्रष्टाचार साबित करने वाले दस्तावेज हैं, तो वह न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग से संपर्क करें। पहले की भाजपा सरकार के खिलाफ ‘40 प्रतिशत कमीशन’ अभियान का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री ने कहा कि केम्पन्ना रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ‘‘हमने पिछली (भाजपा) सरकार में ‘40 प्रतिशत कमीशन’ की जांच के लिए न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग का गठन किया है। अगर उनके पास दस्तावेज हैं, तो उन्हें जरूर साझा करना चाहिए।’’
केम्पन्ना ने कांग्रेस सरकार पर लगाए थे आरोप
बता दें कि कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी केम्पन्ना ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पिछली सरकार की तरह सरकारी ठेकों के लिए 40 प्रतिशत कमीशन का चलन कांग्रेस शासन में भी जारी है। बता दें कि कर्नाटक की भाजपा सरकार के दौरान ठेकेदार संघ ने मंत्रियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और अन्य लोगों पर ठेके देने और बिल को मंजूरी देने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे को चुनाव कैंपेन में बड़े स्तर पर भुनाया था। हालांकि, कर्नाटक ठेकेदार संघ का कहना है कि सरकार बदलने के बाद भी हालात जस के तस हैं।
(इनपुट- भाषा)
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Congress: दिल्ली पहुंची सिद्धारमैया सरकार, जंतर-मंतर पर केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन आज, आर्थिक भेदभाव का आरोप
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार (फाइल)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखा रही है। केंद्र सरकार पर आर्थिक अत्याचार और नाइंसाफी के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुवाई वाली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन की योजना बनाई है। सीएम सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार समेत कर्नाटक के शीर्ष कांग्रेस नेता ‘चलो दिल्ली’ आह्वान के तहत दिल्ली पहुंच गए हैं। आज यानी बुधवार को कांग्रेस पार्टी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि केंद्र सरकार की नाइंसाफी और भेदभावपूर्ण नीतियों के कारण साल 2017-18 के बाद से अब तक कर्नाटक सरकार को 1.87 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का नारा- मेरा टैक्स मेरा अधिकार
विरोध प्रदर्शन की योजना के मुताबिक सात फरवरी को सुबह 11 बजे से कांग्रेस पार्टी जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू करेगी। कांग्रेस सरकार ने प्रदर्शन में शामिल होने वाले समर्थकों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुक्मरानों से सवाल पूछने की अपील भी की है। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि अनुदान देने में केंद्र सरकार कर्नाटक के साथ भेदभाव कर रही है। सिद्धारमैया सरकार ने सुविधाओं के प्रावधान में भी कर्नाटक के लोगों के साथ अन्याय के आरोप लगा हैं। पार्टी ने हैशटैग मेरा टैक्स मेरा अधिकार का नारा देकर सोशल मीडिया पर भी इस प्रदर्शन को धार देने का प्रयास किया है।
कर्नाटक: हनुमान ध्वज विवाद मामले में हिंदू कार्यकर्ताओं-ग्रामीण युवकों के खिलाफ FIR – India TV Hindi
मंड्या: कर्नाटक के मंड्या जिले के हनुमान ध्वज मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मामले में हिंदू कार्यकर्ताओं और ग्रामीण युवकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। तहसीलदार की शिकायत पर केरेगोडू पुलिस स्टेशन में प्रताप, अविनाश और प्रकाश सहित अन्य लोगों के खिलाफ IPC की धारा 143, 301, 353, 149 के तहत मामला दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला?
मंड्या जिले के केरेगोडु गांव में एक राम मंदिर है जिसे रंग मंदिर भी कहा जाता है। पिछले कई सालों से उस मंदिर के सामने एक 108 फुट ऊंचा स्तंभ है जिसपर पर हनुमान ध्वज लहराता है। बीते रविवार को जिला प्रशासन के अधिकारी उस स्तंभ से हनुमान ध्वज को उतारने के लिए पहुंचे थे। प्रशासन की इस कार्रवाई से गांव के लोग नाराज हो गए और इसका विरोध करने के लिए वहां पर भारी संख्या में पहुंच गए। प्रशासन ने नाराज लोगों की भीड़ को वहां से हटाने के लिए लोगों पर लाठी चार्ज किया और इसके बाद स्तंभ से हनुमान ध्वज हटाकर वहां तिरंगा फहरा दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ भाजपा और JDS समेत हिंदू संगठन के सदस्य भी मौके पर पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन किया।
प्रशासन का क्या कहना है?
इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि जिस जगह पर स्तंभ बना हुआ है, वह सरकारी जमीन है। प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ पंचायत को वहां पर स्तंभ बनाने के लिए NOC दिया था। इन शर्तों में अहम शर्त यह थी कि यहां पर किसी भी तरह का धार्मिक या राजनैतिक झंडा नहीं फहराया जाएगा। इस स्थान पर सिर्फ तिरंगा या फिर राज्य ध्वज फहराया जा सकता है।