चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों के नाम बदले जाने को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देश को आड़े हाथों लिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसा करने से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी।
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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को मिली Z कैटिगरी की सुरक्षा, आईबी से खतरे का मिला था इनपुट
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को जेड कैटिगरी की सुरक्षा प्रदान की गई है। खुफिया एजेंसी आईबी की ओर से दिए गए इनपुट के आधार पर गृह मंत्रालय ने उन्हें यह सुरक्षा कवर देने का फैसला किया है।
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कर्नाटक में भाजपा की बढ़ी टेंशन, मोदी के मंत्री के खिलाफ लड़ेंगे लिंगायत संत; कई सीटों पर असर का डर
कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत समुदाय का वोट अहम रहा है। किसी भी चुनाव में लिंगायत समुदाय की भूमिका निर्णायक रही है और माना जाता है कि इनका समर्थन भाजपा को ही मिलता रहा है। लेकिन इस चीजें अलग हैं।
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कांग्रेस से युवा नेताओं का हो रहा मोहभंग, यूं लंबी होती गई पार्टी छोड़ने वालों की लिस्ट
अनिल एंटनी, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर जैसे युवा नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। जबकि वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी बना ली है।
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चुनावी बॉन्ड: ‘योजना निरस्त करने से काले धन का रोल बढ़ेगा’; पूर्व कानून मंत्री ने लोकतंत्र बचाने पर कही यह बात
पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार।
– फोटो : Twitter
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पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने कहा कि आम चुनाव के अवसर पर चुनावी बॉन्ड योजना को खत्म करने से काले धन की भूमिका बढ़ जाएगी। चुनावी बॉन्ड योजना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि बॉन्ड पर काफी चर्चा हुई। इसकी सराहना की गई। इसकी आलोचना भी की गई लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा कि फैसले का प्रभाव क्या होगा। योजना का संवैधानिक उद्देश्य चुनाव के वित्तपोषण में पार्दर्शिता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो रहा है। लोकतंत्र को संस्थाओं द्वारा नहीं बल्कि लोगों द्वारा बचाया जा सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी किताब ‘ए डेमोक्रेसी इन रिट्रीट: रीविजिटिंग द एंड्स ऑफ पावर’ पर चर्चा करते हुिए कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ने में 15 से 20 करोड़ रुपये का खर्च आता है। वह व्यक्ति, जो राजनीति के बारे में थोड़ा भी जानता है, उसे पता होगा कि तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश में यह राशि काफी ज्यादा हो जाती है। लेकिन 15 से 20 करोड़ से कम में आप चुनाव नहीं लड़ सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना पर लगा दी थी रोक
बीती 15 फरवरी को पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र की इलेक्टोरल बॉन्ड्स योजना को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के एकमात्र फाइनेंशियल संस्थान एसबीआई बैंक को 12 अप्रैल 2019 से अब तक हुई इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद की पूरी जानकारी 6 मार्च तक देने का आदेश दिया था।