दिल्ली के केशोपुर मंडी के पास दिल्ली जल बोर्ड प्लांट के अंदर 40 फुट गहरे बोरवेल में एक बच्चा गिर गया। दिल्ली फायर सर्विस, एनडीआरएफ और दिल्ली पुलिस के जवान मौके पर बचाव अभियान में जुटे हैं।
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चक्रवाती तूफान मिचौंग ने आंध्र प्रदेश में बरपाया कहर, IMD ने बताया अगले दो दिनों में क्या होगा?
Cyclonic Storm Michaung Updates: बंगाल की खाड़ी में आए गंभीर चक्रवाती तूफान के कारण देश के कई हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिली है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 6 और 7 दिसंबर को भी कई स्थानों पर भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है.
आंध्र प्रदेश के प्रभावित जिलों में भारी तबाही देखने को मिली है. कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, नदियां, नहरें और तालाब उफान पर हैं और हजारों एकड़ में फसलें डूब गई हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने तत्काल राहत प्रयासों के लिए 22 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में 52 पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां 60,000 से ज्यादा लोग रह सकते हैं. राज्य सरकार की ओर से चार लाख टन अनाज को भीगने से बचाने के उपाय भी किए जा रहे हैं. एलुरू जिले में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है.
एनडीआरएफ की 29 टीमें तैनात
चक्रवाती तूफान के मद्देनजर राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और पुडुचेरी में एनडीआरएफ की कुल 29 टीम तैनात की गई हैं. तमिलनाडु में एनडीआरएफ की 14 टीम (चेन्नई में 5), आंध्र प्रदेश में 11, तेलंगाना में एक और पुडुचेरी में तीन टीम तैनात की गई हैं.
चेन्नई में बारिश से संंबंधित घटनाओं में गई 12 लोगों की जान
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मंगलवार को चेन्नई और उसके आसपास बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में 12 लोगों की जान चली गई और 11 लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. जलभराव वाले इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए नौकाओं और ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया.
कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदला मिचौंग
मौसम विभाग ने मंगलवार (5 नवंबर) को रात नौ बजे के आसपास अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से अपडेट दिया, ”गंभीर चक्रवाती तूफान मिचौंग दोपहर साढ़े तीन बजे कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदल गया. 5 दिसंबर को शाम साढ़े पांच बजे यह दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश पर बापटला से लगभग 25 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम और ओंगोल से 60 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपूर्व में केंद्रित था. इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और और कमजोर होने की संभावना है.”
कहां-कहां हुई भारी बारिश?
इससे पहले दिन मंगलवार शाम को आईएमडी ने बताया था कि गंभीर चक्रवाती तूफान के बंगाल की खाड़ी में होने की वजह से उत्तरी तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में पिछले 24 घंटे में काफी बारिश देखने को मिली है. कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हुई है और कुछ ही स्थानों पर अत्यंत भारी बारिश दर्ज की गई है.
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तरी तमिलनाडु में सबसे ज्यादा बारिश चेन्नई जिले में 45 सेमी तक देखने को मिली, वहीं तिरुवल्लूर के पूनमल्ले में 34 सेमी और तिरुवल्लूर के ही अवदी में 28 सेमी बारिश दर्ज की गई. रायलसीमा के तिरुपति के गुडुर में 28 सेमी, श्रीकालहस्ती में 24 सेमी और वाईएसआर जिले के कोदुर में 24 सेमी बारिश देखने को मिली.
वहीं, तटीय आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में 22 सेमी, एसपीएसआर नेल्लोर जिले में 21 से 22 सेमी बारिश दर्ज की गई है. इसके अलावा भारी से बहुत भारी बारिश अंडमान निकोबार में एक-दो स्थानों पर और ओडिशा में भी एक दो स्थान पर भारी बारिश दर्ज की गई है.
कहां हैं मिचौंग चक्रवात?
मंगलवार शाम को आईएमडी ने बताया कि चक्रवाती तूफान मिचौंग पश्चिममध्य बंगाल की खाड़ी और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के आसपास बना हुआ है और गंभीर चक्रवाती तूफान की तीव्रता बनाए हुए है, जिसके अगले 12 घंटे तक चक्रवाती तूफान के रूप में इसके बने रहने की संभावना है. वहीं, मध्यरात्रि तक यह डीप डिप्रेशन और बुधवार सुबह तक इसके डिप्रेशन में परिवर्तित होने की संभावना है.
इन क्षेत्रों में तेज हवाओं का दौर जारी
पश्चिममध्य बंगाल की खाड़ी, तटीय आंध्र प्रदेश के क्षेत्रों में काफी तेज हवाएं 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से जारी हैं, इसके अलावा दक्षिण ओडिशा, दक्षिण छत्तीसगढ़, उससे सटे हुआ तेलंगाना के क्षेत्र और रायलसीमा के क्षेत्र में भी तेज हवाओं का दौर जारी है और आने वाले 12 घंटे तक इसके बने रहने की संभावना है. इसके बाद इसमें काफी कमी आने की संभावना है.
24 घंटों में कहां होगी बारिश?
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर पश्चिम भारत में हरियाणा के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ है, जो मध्य क्षोभमंडल तक विस्तृत है, इसके अलावा दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान के आसपास निम्न क्षोभमंडल बना हुआ है. इसके प्रभाव के कारण आने वाले 24 घंटे में तमिलनाडु और रायलसीमा भारी बारिश हो सकती है और दक्षिणी छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.
इसके अलावा, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, ज्यादातर स्थानों पर हल्के से मध्यम स्तर की बारिश और छिटपुट जगहों पर अत्यंत भारी बारिश हो सकती है. ओडिशा में भी आने वाले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. बुधवार को बारिश में कमी आएगी लेकिन उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भारी बारिश बने रहे की संभावना है.
7 दिसंबर को कहां होगी बारिश
7 दिसंबर को बारिश में और कमी आएगी. 7 दिसंबर को छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश देखने को मिल सकती है. 8 दिसंबर को पूरे भारत में कहीं भी भारी बारिश नहीं होने की संभावना है लेकिन 9 दिसंबर को तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश का एक नया दौर जारी हो सकता है.
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‘आज असली दिवाली…’, सुरंग से बाहर आए श्रमिक तो बोले घरवाले, जानें क्या कुछ कहा?
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation Successful: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. कुछ श्रमिकों के घरवालों ने कहा है कि यह पल उनके लिए दिवाली जैसा है.
दरअसल, 12 नवंबर को जब सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण श्रमिक अंदर फंस गए थे, उस दिन ही देश में दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा था. यह घटना उस दिन तड़के 5.30 बजे हुई थी.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मंजीत लाल के पिता चौधरी ने अपने छोटे बेटे से 17 दिन बाद मिलने के बाद कहा, ”आज हमारे लिए असली दिवाली है.” उनका बेटा जब सुरंग में था तब उन्होंने उससे दो बार बात भी की थी.
‘पहाड़ ने अपनी गोद खोल दी…’
मुंबई में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर अपने बड़े बेटे को खो चुके चौधरी ने कहा, ”आखिरकार वह (बेटा) बाहर आ गया… पहाड़ ने आखिरकार आज मेरे बेटे और अन्य लोगों को बाहर निकालने के लिए अपनी गोद खोल दी. मैं उनके लिए कपड़े लाया हूं, मैं उन्हें धुले हुए कपड़ों में देखना चाहता हूं.”
बाहर आए श्रमिक ने कहा- वह एक अंधेरी जगह थी और हम…
चौधरी के बेटे मंजीत लाल ने उन्हें बताया कि श्रमिकों के एक-दूसरे के साथ रहने और गब्बर सिंह नेगी की ओर से लगातार मनोबल बढ़ाए जाने से उन्हें जिंदा बचे रहने में मदद मिली. चौधरी ने अपने बेटे के हवाले से कहा, ”वह एक अंधेरी जगह थी और हम रात में सो नहीं पा रहे थे. हम लगातार एक-दूसरे से बात कर रहे थे.”
मंजीत को करीब 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया है, जहां उनकी गहन चिकित्सा जांच की जाएगी और उसे निगरानी में रखा जाएगा.
‘…सुरंग से बाहर आने वाले आखिरी व्यक्ति’
51 वर्षीय गब्बर सिंह नेगी साथी कर्मचारियों से कहते रहे हैं कि वे धैर्य न खोएं क्योंकि बचावकर्मी उन्हें बाहर निकालने के मिशन पर हैं. उन्होंने उनसे वादा किया था कि वह सुरंग से बाहर आने वाले आखिरी लोगों में से एक होंगे. एंबुलेंस में उनके साथ यात्रा करते समय उनके भाई जयमल सिंह नेगी ने कहा, ”वह बाहर आने वाले आखिरी व्यक्ति थे. जब वो बाहर आये तब भी मुस्कुरा रहे थे.”
‘ये हमारे लिए दिवाली तरह’
उत्तराखंड में कोटद्वार जिले के जयमल 12 नवंबर (दिवाली के दिन) शाम को यह सुनकर सुरंग पर पहुंचे थे कि उनके भाई सुरंग में फंसे लोगों में से हैं. उन्होंने कहा कि उनके भाई ने कभी उम्मीद नहीं खोई और सुरंग के अंदर यह आसान नहीं था. नेगी ने रुंधी आवाज में कहा, ”यह हमारे लिए दिवाली की तरह है. मैं आखिरकार उन्हें देख सका.”
जयमल नेगी ने कहा कि पिछले 17 दिनों में उन्होंने अपना ज्यादातर समय सुरंग के बाहर ही भाई के इंतजार में बिताया. उन्होंने कहा कि वह सुरंग के बाहर प्रवेश द्वार पर टकटकी लगाए रहे. उन्होंने कहा कि बचाव में देरी हुई लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं खोई थी.
श्रमिकों ने अपनों से की बात
झारखंड के सुनील ने फोन पर बात करते हुए कहा कि भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली और उनके भाई को बचाया जा सका. वह सिलक्यारा में डेरा डाले हुए थे. सुरंग से बाहर आने के कुछ देर बाद ओडिशा के श्रमिक विश्वेश्वर नायक ने अपनी पत्नी सुकांति और मां से हाथ हिलाते हुए वीडियो कॉल पर बात की. उन्होंने उनसे कहा, ”मैं बिल्कुल ठीक हूं. मैं अब अस्पताल जा रहा हूं और कल सुबह बात करूंगा.”
बिश्वेश्वर अपने इलाके के कुछ अन्य लोगों के साथ चार महीने पहले काम पर शामिल हुए थे. मयूरभंज जिले के कुलडीहा गांव में 25 वर्षीय राजू नायक की दादी अपने पोते को वीडियो कॉल पर देखकर रो पड़ीं. उन्होंने कहा, ”एक बार जब वह घर वापस आ जाएगा तो मैं उसे कहीं भी नहीं जाने दूंगी. उन्होंने कहा कि राजू के फंसने के बाद हमने खाना बनाना बंद कर दिया था.
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सिलक्यारा सुरंग से बाहर आते ही 41 मजदूरों के लिए बाहर क्या है तैयारी ? जानें
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड में एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया, जिससे 41 मजदूर अंदर फंस गए। घटना के बाद मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चलाया गया। हालांकि टीमों ने फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन एक के बाद एक चुनौतियां सामने आईं। रिपोर्टों में कहा गया है कि पतन एक भूवैज्ञानिक गलती के कारण हुआ होगा, जिसे “कतरनी क्षेत्र” के रूप में जाना जाता है। 1.5 किमी से अधिक लंबी सुरंगों के लिए आपातकालीन निकास की सिफारिश करने वाले सरकारी दिशानिर्देशों के बावजूद कथित तौर पर भागने का कोई रास्ता नहीं था।
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सुरंग से निकालने के बाद क्या-क्या होगा, जानिए
*सिल्कयारा सुरंग से निकाले जाने के बाद फंसे हुए श्रमिकों की चिकित्सा जांच और देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला एक अस्पताल तैयार किया गया है।
*बचाव कर्मियों ने कहा कि अस्पताल पहुंचने के बाद श्रमिकों की विस्तृत चिकित्सा जांच की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा, *बचाव अभियान पूरा करने के बाद, हमारा ध्यान निर्माण की कमियों की पहचान करने के लिए व्यापक जांच करने पर केंद्रित होगा।
*घायल श्रमिकों को अस्पताल ले जाने के लिए साइट पर लगभग 30 एम्बुलेंस मौजूद थीं। हिमालयी राज्य उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे हुए लोगों को लेने के लिए एम्बुलेंसों को सुरंग के प्रवेश द्वार के मुहाने की ओर बढ़ते देखा गया।
* एक अधिकारी ने कहा, अगर जरूरत पड़ी तो जवानों को हेलीकॉप्टर से भी उठाया जा सकता है।
*तस्वीरों में बचाव दल को कंक्रीट और मलबे के बीच ड्रिलिंग समाप्त होने पर मुस्कुराते और विजय चिन्ह चमकाते हुए देखा गया।
*थके हुए लोगों को 57 मीटर (187 फीट) स्टील पाइप के माध्यम से बाहर निकालने के लिए विशेष रूप से पहियों के साथ स्ट्रेचर लगाए गए हैं।
*सरकार ने कहा कि उसने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पूरे भारत में बनाई जा रही 29 सुरंगों का ऑडिट करने का भी आदेश दिया है।
सिलक्यारा सुरंग की साइट पर पहुंची PMO की टीम, NDMA ने बताया- बारिश नहीं बनेगी बाधा
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. इस पूरे ऑपरेशन का जायजा लेने के लिए सोमवार (27 नवंबर) को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू और अन्य कई सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचे. इस बात की जानकारी उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवाल ने दी.
उत्तरकाशी सुरंग मामले पर केंद्र सरकार की ओर से प्रेस ब्रीफिंग की गई. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी के सदस्य ले.जन.(रिटा.) सैयद अता हसनैन ने कहा कि सब ठीक है. खाना-पीना, दवा सब अंदर जा रहे हैं.
मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा
सैयद अता हसनैन ने बताया कि मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा रहा. परिवार से उनकी बात करवाई जा रही है. सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जरूरत के मुताबिक नई मशीनें भी लाई जा रही हैं.
‘बारिश की वजह से नहीं पड़ेगा कोई विशेष असर’
उन्होंने कहा कि बारिश की संभावना है लेकिन इससे विशेष असर नहीं पड़ेगा. हमारे सभी भाई सुरक्षित बाहर आएंगे, यह मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं. सबके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की जा रही है. उन्हें बाहर निकालने के लिए हम किसी भी एजेंसी की मदद लेने को तैयार हैं.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Principal Secretary to PM, Dr PK Mishra visited the Silkyara tunnel and communicated with the workers trapped there. He also spoke with the families of the trapped workers. He also took a report of the food items being sent to the… pic.twitter.com/VaZ0HmoaPa
— ANI (@ANI) November 27, 2023
‘सिलक्यारा की तरफ से फंसी ऑगर मशीन को निकाला गया’
हसनैन ने कहा कि सिलक्यारा की तरफ से फंसी ऑगर मशीन को निकाला जा चुका है. आज शाम से 2-2 की टोली में जाकर मैनुएल खुदाई की जाएगी. वर्टिकल ड्रिलिंग में भी 30-32 मीटर के जरिए हम पहुंच चुके हैं.
Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Principal Secretary to PM, Dr PK Mishra visited the Silkyara tunnel and communicated with the workers trapped there. He also spoke with the families of the trapped workers. He also took a report of the food items being sent to the workers. pic.twitter.com/rnPvSc4JFI
— ANI (@ANI) November 27, 2023
‘पाइप लाइन 75 मीटर तक पहुंची, 86 मीटर का लक्ष्य’
उन्होंने बताया कि तीसरी लाइफ लाइन के रूप में 6-8 इंच की पाइप लाइन 75 मीटर तक पहुंच चुकी है और 86 मीटर तक जाना है. परपेंडिकुलर ड्रिलिंग पर काम नहीं शुरू हो पाया है. बरकोट की तरफ हॉरिजोंटल लाइन बनाने के लिए आज छठा ब्लास्ट किया गया है.
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