अबतक 5 लोगों के मौत की पुष्टि की जा चुकी है। तीन सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। इनमें 100 से ज्यादा पुलिसवाले हैं। कई पुलिसकर्मियों की तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें वो जख्मी हालत में दिख रहे हैं।
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पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के UCC के खिलाफ उतरा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, कहा- यह कानून गैरजरुरी – India TV Hindi
नई दिल्ली: बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा में पास हुआ समान नागरिक संहिता विधेयक के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उतर आया है। पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि उत्तराखंड विधानसभा में पेश किया गया समान नागरिक संहिता विधेयक अनुचित, अनावश्यक और विविधता विरोधी है। इसे राजनैतिक लाभ के लिए ज़ल्दबाजी में पेश किया गया है। यह केवल दिखावा और राजनीतिक प्रचार से अधिक कुछ नहीं है।
‘यह जल्दबाजी में लाया गया कानून’
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैय्यद क़ासिम रसूल इलियास ने कहा है कि ज़ल्दबाजी में लाया गया यह प्रस्तावित क़ानून केवल तीन पहलू पर आधारित है। सर्वप्रथम विवाह और तलाक़ का संक्षेप में उल्लेख किया गया है उसके बाद विस्तार से विरासत का उल्लेख किया गया है और अंत में अजीब तौर पर लिव-इन-रिलेशनशिप के लिए एक नई क़ानूनी प्रणाली प्रस्तुत की गई है। ऐसे रिश्ते सभी धर्मों के नैतिक मूल्यों को प्रभावित करेंगे।
‘धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है यह कानून’
उन्होंने कहा कि यह क़ानून इस मायने में भी अनावश्यक है कि जो भी व्यक्ति किसी भी धार्मिक पारिवारिक मामलों से अपने पारिवारिक मामलों को बाहर रखना चाहता है उसके लिए हमारे देश में विशेष विवाह पंजीकरण अधिनियम और उत्तराधिकार अधिनियम का क़ानून पहले से ही मौजूद है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित क़ानून संविधान के मौलिक अधिकार आर्टिकल 25, 26 और 29 का भी खंडन करता है जो धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता को सुरक्षा प्रदान करता है। इसी प्रकार यह क़ानून देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता (Religious & Cultural Diversities) के भी विरुद्ध है जो इस देश की प्रमुख विशेषता है।
पिता की संपत्ति बंटवारे पर भी लॉ बोर्ड ने उठाए सवाल
बोर्ड प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रस्तावित क़ानून के अंतर्गत पिता की संपत्ति में लड़का और लड़की दोनों का हिस्सा बराबर कर दिया गया है जोकि शरीयत के विरासत क़ानून के बिल्कुल विपरीत है। इस्लामिक विरासत क़ानून संपत्ति के न्यायसंगत वितरण पर आधारित है जिसमें परिवार की जिसकी जितनी वित्तीय जिम्मेदारी होती है संपत्ति में उसकी उतनी ही हिस्सेदारी होती है। इस्लाम किसी महिला पर घर चलाने का बोझ नहीं डालता। यह ज़िम्मेदारी पूरी तरह से पुरुष पर होती है और उसी के अनुसार संपत्ति में उसका हिस्सा होता है। संपत्ति की हिस्सेदारी ज़िम्मेदारियों के अनुसार परिवर्तित होती रहती हैं और कुछ मामलों में महिला को पुरुष के बराबर या उससे अधिक हिस्सा भी मिल जाता है। इस्लामी क़ानून का यह अर्थ उन लोगों की समझ से परे है जो चीज़ों को केवल अपने विवेक के चश्मे से देखते हैं।
एक से अधिक शादी पर रोक पर भी लगाया सवालिया निशान
इस प्रस्तावित क़ानून में दूसरी शादी पर प्रतिबंध लगाना भी केवल प्रचार मात्र के लिए है क्योंकि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से ही पता चलता है कि इसका अनुपात भी तीव्रता से गिर रहा है। दूसरी शादी मौज-मस्ती के लिए नहीं बल्कि सामाजिक आवश्यकता के कारण की जाती है। यदि दूसरी शादी पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो इसमें महिला की ही हानि है। इस मामले में आदमी को मजबूरन पहली पत्नी को तलाक़ देना होगा।
यूपी के बाद अब इस राज्य में भी 22 जनवरी को बंद रहेंगे ठेके, सरकार ने जारी किया आदेश
देहरादून: 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस कार्यक्रम के लिए पूरे देशभर में तैयारियां की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में तो 22 जनवरी की सार्वजनिक छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसके साथ ही इस दिन राज्य में ड्राई डे भी घोषित किया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी 22 जनवरी को सभी ठेके बंद रहेंगे।
शुक्रवार को देहरादून में हुई एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बाबत आदेश दिए। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि 14 से 22 जनवरी 2024 तक राज्य में सांस्कृतिक महोत्सव के तहत भव्य आयोजन किये जाएं। वहीं जिलों के मंदिरों, घाटों, प्रतिष्ठानों एवं शहरों में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को सभी प्रमुख मंदिरों और गुरुद्वारों में प्रसाद वितरित किया जाना चाहिए।
यूपी में भी 22 जनवरी को रहेगा ड्राई डे
वहीं इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिन पूरे प्रदेश में शराब के ठेकों को बंद करने का आदेश जारी किया है। आबकारी विभाग ने प्रदेश के सभी आबकारी आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखते हुए कहा है कि 22 जनवरी को सभी शराब के ठेके बंद रखे जाएं।
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी
प्रदेश के आबकारी आयुक्त की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसे देखते हुए प्रदेश की सभी मदिरा की दुकानें बंद रहेंगी। इस पत्र में कहा गया है कि इस बंदी के लिए लाइसेंसधारी किसी प्रतिकार या दावे का हकदार नहीं होगा। आबकारी आयुक्त ने कहा है कि सभी जिला आबकारी अधिकारी इस आदेश का कड़ाई से पालन कराएं।
‘आज असली दिवाली…’, सुरंग से बाहर आए श्रमिक तो बोले घरवाले, जानें क्या कुछ कहा?
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation Successful: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. कुछ श्रमिकों के घरवालों ने कहा है कि यह पल उनके लिए दिवाली जैसा है.
दरअसल, 12 नवंबर को जब सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण श्रमिक अंदर फंस गए थे, उस दिन ही देश में दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा था. यह घटना उस दिन तड़के 5.30 बजे हुई थी.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मंजीत लाल के पिता चौधरी ने अपने छोटे बेटे से 17 दिन बाद मिलने के बाद कहा, ”आज हमारे लिए असली दिवाली है.” उनका बेटा जब सुरंग में था तब उन्होंने उससे दो बार बात भी की थी.
‘पहाड़ ने अपनी गोद खोल दी…’
मुंबई में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर अपने बड़े बेटे को खो चुके चौधरी ने कहा, ”आखिरकार वह (बेटा) बाहर आ गया… पहाड़ ने आखिरकार आज मेरे बेटे और अन्य लोगों को बाहर निकालने के लिए अपनी गोद खोल दी. मैं उनके लिए कपड़े लाया हूं, मैं उन्हें धुले हुए कपड़ों में देखना चाहता हूं.”
बाहर आए श्रमिक ने कहा- वह एक अंधेरी जगह थी और हम…
चौधरी के बेटे मंजीत लाल ने उन्हें बताया कि श्रमिकों के एक-दूसरे के साथ रहने और गब्बर सिंह नेगी की ओर से लगातार मनोबल बढ़ाए जाने से उन्हें जिंदा बचे रहने में मदद मिली. चौधरी ने अपने बेटे के हवाले से कहा, ”वह एक अंधेरी जगह थी और हम रात में सो नहीं पा रहे थे. हम लगातार एक-दूसरे से बात कर रहे थे.”
मंजीत को करीब 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया है, जहां उनकी गहन चिकित्सा जांच की जाएगी और उसे निगरानी में रखा जाएगा.
‘…सुरंग से बाहर आने वाले आखिरी व्यक्ति’
51 वर्षीय गब्बर सिंह नेगी साथी कर्मचारियों से कहते रहे हैं कि वे धैर्य न खोएं क्योंकि बचावकर्मी उन्हें बाहर निकालने के मिशन पर हैं. उन्होंने उनसे वादा किया था कि वह सुरंग से बाहर आने वाले आखिरी लोगों में से एक होंगे. एंबुलेंस में उनके साथ यात्रा करते समय उनके भाई जयमल सिंह नेगी ने कहा, ”वह बाहर आने वाले आखिरी व्यक्ति थे. जब वो बाहर आये तब भी मुस्कुरा रहे थे.”
‘ये हमारे लिए दिवाली तरह’
उत्तराखंड में कोटद्वार जिले के जयमल 12 नवंबर (दिवाली के दिन) शाम को यह सुनकर सुरंग पर पहुंचे थे कि उनके भाई सुरंग में फंसे लोगों में से हैं. उन्होंने कहा कि उनके भाई ने कभी उम्मीद नहीं खोई और सुरंग के अंदर यह आसान नहीं था. नेगी ने रुंधी आवाज में कहा, ”यह हमारे लिए दिवाली की तरह है. मैं आखिरकार उन्हें देख सका.”
जयमल नेगी ने कहा कि पिछले 17 दिनों में उन्होंने अपना ज्यादातर समय सुरंग के बाहर ही भाई के इंतजार में बिताया. उन्होंने कहा कि वह सुरंग के बाहर प्रवेश द्वार पर टकटकी लगाए रहे. उन्होंने कहा कि बचाव में देरी हुई लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं खोई थी.
श्रमिकों ने अपनों से की बात
झारखंड के सुनील ने फोन पर बात करते हुए कहा कि भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली और उनके भाई को बचाया जा सका. वह सिलक्यारा में डेरा डाले हुए थे. सुरंग से बाहर आने के कुछ देर बाद ओडिशा के श्रमिक विश्वेश्वर नायक ने अपनी पत्नी सुकांति और मां से हाथ हिलाते हुए वीडियो कॉल पर बात की. उन्होंने उनसे कहा, ”मैं बिल्कुल ठीक हूं. मैं अब अस्पताल जा रहा हूं और कल सुबह बात करूंगा.”
बिश्वेश्वर अपने इलाके के कुछ अन्य लोगों के साथ चार महीने पहले काम पर शामिल हुए थे. मयूरभंज जिले के कुलडीहा गांव में 25 वर्षीय राजू नायक की दादी अपने पोते को वीडियो कॉल पर देखकर रो पड़ीं. उन्होंने कहा, ”एक बार जब वह घर वापस आ जाएगा तो मैं उसे कहीं भी नहीं जाने दूंगी. उन्होंने कहा कि राजू के फंसने के बाद हमने खाना बनाना बंद कर दिया था.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी श्रमिकों से फोन पर की बातचीत, मजदूरों का जाना हालचाल
उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकाल लिया गया है। इस बचाव अभियान के बाद सभी के चेहरों पर ख़ुशी नजर आ रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तम नेताओं ने श्रमिकों को शुभकामनाएं दी हैं और इस अभियान में जुटे सभी कर्मियों का आभार जताया है। टनल से निकालकर सभी मजदूरों को मेडिकल टीम की निगरानी में भेज दिया गया है।
अब इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी श्रमिकों से बातचीत है। उन्होंने फोन कॉल पर उनका हालचाल जाना है। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि उन्हें अब हर तरह से सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने इन सभी 41 मजदूरों के लिए 1-1 लाख रुपए की राहत राशि देने का ऐलान किया था। टनल से बाहर निकलते ही मजदूरों का सीएम पुष्कर सिंह धामी ने माला पहनाकर स्वागत किया।
श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली
वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री ने अभियान की सफलता के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है। मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।