साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में दावा किया गया है कि चीन ने भूटान की विवादित सीमा पर कई गांव बसा दिए हैं। वह भूटान से वार्ता भी कर रहा है और पीठ पीछे गांव भी बसा रहा है।
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India China Relations
भारत और चीन के बीच 20वें दौर की हुई बात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
India-China Talks: भारत और चीन के बीच सोमवार (नौ अक्टूबर) और मंगलवार (10 अक्तूबर) को 20वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई. विदेश मंत्रालय ने बुधवार (11 अक्टबूर) को बताया कि इसमें दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लंबित मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए विचारों का खुलकर आदान-प्रदान किया.
उसने बताया कि दोनों पक्षों ने सैन्य राजनयिक माध्यमों से संवाद और वार्ता बनाए रखने पर सहमति जताई. वार्ता के दौरान कोई बड़ी सफलता मिलने का स्पष्ट संकेत नहीं मिला. दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता का इससे पहला दौर 13 और 14 अगस्त को हुआ था. विदेश मंत्रालय ने बताया कि इसमें लंबित मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए खुलकर विचारों का आदान-प्रदान किया गया.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 20वां दौर एलएसी के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो सीमा के पास आयोजित किया गया था.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के पास लंबित मुद्दों के शीघ्र एवं आपस में स्वीकार्य समाधान के लिए स्पष्ट, खुलकर और रचानात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया. यह वार्ता दोनों देशों के राष्ट्रीय नेतृत्व के मुहैया कराए गए निर्देशों के अनुसार की गई. इस दौरान 13-14 अगस्त को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक के पिछले दौर में हुई प्रगति को आगे बढ़ाया गया.’’
बयान में कहा गया, ‘‘वे प्रासंगिक सैन्य और राजनयिक तंत्र के माध्यम से संवाद और वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए.’’विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने इस बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता भी जताई.’’
मामला क्या है?
पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है, लेकिन दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है.
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फिर सामने आया चीन का पाखंड, एशियन गेम्स के बहाने अरुणाचल पर ठोका दावा
Asian Games 2023: चीन में आयोजित हो रहे एशियन गेम्स के लिए भारत के तीन वुशु खिलाड़ियों को वीजा न देने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. वीजा संबंधी समस्याओं के कारण अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तीन वुशु खिलाड़ी एशियाई खेलों के लिए हांगझू में अपनी टीम में शामिल नहीं हो पाए. इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्रियों ने चीन की निंदा की है.
अब इस मसले पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार (22 सितंबर) को एक पीसी के दौरान कहा, “हांगझू एशियाई खेल बीजिंग विंटर ओलंपिक के बाद चीन में होने वाला एक बड़ा खेल आयोजन है. मेजबान देश के रूप में, चीन लीगल पहचान का उपयोग करके सभी देशों के एथलीटों का खेलों में स्वागत करता है. चीनी सरकार ने कभी भी तथाकथित अरुणाचल को मान्यता नहीं दी है. जांगनान का इलाका चीनी क्षेत्र है.”
अनुराग ठाकुर ने हांगझू का दौरा किया रद्द
चीन ने अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली महिला खिलाड़ियों न्येमान वांगसु, ओनिलु तेगा और मेपुंग लाम्गु को मान्यता देने से इनकार कर दिया गया था. इसके बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने चीन के फैसले के विरोध में एशियाई खेलों के लिए हांगझू की अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया.
चीन को सुनाई खरी-खरी
खेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने अरुणाचल प्रदेश की भारतीय खिलाड़ियों को मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके खिलाफ चीन के लक्षित और जानबूझकर भेदभाव का कड़ा विरोध किया. चीन अरुणाचल प्रदेश पर अक्सर अपना दावा जताता रहता है. खेल मंत्रालय ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा.
विदेश मंत्रालय ने क्या कुछ कहा?
इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने लक्षित और पूर्व-निर्धारित तरीके से, अरुणाचल प्रदेश के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को चीन के हांगझू में 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके साथ भेदभाव किया है. अरुणाचल प्रदेश भारत का अंग था, है और रहेगा. हमने चीन के इस फैसले के खिलाफ नई दिल्ली और बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
Our response to media queries on some Indian sportspersons being denied entry into 19th Asian Games:https://t.co/wtoQA8zaDH pic.twitter.com/cACRspcQkD
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) September 22, 2023
किरेन रिजिजू ने चीन की निंदा की
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी चीन की निंदा की है. उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, “चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को एशियाई खेल के लिए वीजा ना देने की घटना की निंदा करता हूं. चीन के इस तरह की हरकतों से अरुणाचल प्रदेश की स्थिति बदलने वाली नहीं है. अरुणाचल भारत का हिस्सा रहा है और हमेशा रहेगा. हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और वक्त आने पर भारत इसका जवाब देगा.”
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भारत में जी 20 सम्मेलन पर क्या बोला चीन? शी जिनपिंग के भारत दौरे पर नहीं आने को लेकर भी बयान
G20 Summit 2023: चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने इस साल के जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी को लेकर भारत का समर्थन किया है. वह इस सप्ताह नयी दिल्ली में होने वाले वैश्विक सम्मेलन की सफलता के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार है. चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की थी कि जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली क्विंग चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री को भारत भेजने का निर्णय दोनों देशों के बीच तनाव को दर्शाता है? चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि और दोनों पक्षों ने विभिन्न स्तरों पर बातचीत और सम्पर्क बनाए रखा है.
चीन भारत संबंधों में निरंतर सुधार
सीमा विवाद का उल्लेख किए बिना चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चीन-भारत संबंधों में निरंतर सुधार और वृद्धि से दोनों देशों और उनके लोगों के साझा हितों की पूर्ति होती है. हम द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने और आगे बढ़ाने की खातिर भारत के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.’’
चीन ने हमेशा दिया जी20 को महत्व- चीनी विदेश मंत्रालय
जी20 शिखर सम्मेलन के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि चीन हमेशा इस समूह को उच्च महत्व देता है और प्रासंगिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेता है. उन्होंने 9-10 सितंबर को नयी दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन पर कहा, हम इस साल के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने में भारत का समर्थन करते हैं और जी20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि जी20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है.
कब से है भारत-चीन में विवाद
जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव है. पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से टकराव है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है. भारत लगातार कहता रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता समग्र संबंधों को सामान्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
जी20 सम्मेलन में मौजूद होंगे इन देशों के नेता
चीन के प्रधानमंत्री ली 5 से 8 सितंबर तक इंडोनेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे. वह जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद भारत की यात्रा करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा उन जी20 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पहले ही पुष्टि कर दी है.
जी20 में शामिल हैं ये देश
जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं. समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.