साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में दावा किया गया है कि चीन ने भूटान की विवादित सीमा पर कई गांव बसा दिए हैं। वह भूटान से वार्ता भी कर रहा है और पीठ पीछे गांव भी बसा रहा है।
Source link
शी जिनपिंग
G-20 में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के न आने पर एस जयशंकर ने दिया बड़ा बयान
दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। जी-20 को लेकर सबकी निगाहें भारत पर हैं। मेहमानों के आने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। 9 से 10 सितंबर के बीच होने वाले इस समिट से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूज़ एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सवाल पर एस जयशंकर ने कहा कि कई बार जी-20 में कई देशों में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री नहीं आने का विकल्प चुनते हैं लेकिन जो भी उनका प्रतिनिधि होता है उससे उनकी स्थिति का पता लगता है। विदेश मंत्री ने कहा कि इस समिट में हर कोई गंभीरता से आ रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा, ”मुझे लगता है, जी20 में अलग-अलग समय पर कुछ ऐसे राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री रहे हैं, जिन्होंने किसी भी कारण से, स्वयं न आने का विकल्प चुना है। लेकिन वह देश और उसकी स्थिति इस बात से प्रतिबिंबित होती है कि उस अवसर पर जो भी प्रतिनिधि है…मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है।”
देखें वीडियो-
जिनपिंग के न आने पर चीन ने क्या कहा?
वहीं, जब चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से शी जिनपिंग के भारत न आने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा, ”चीनी प्रीमियर ली चियांग भारत में होने वाले जी-20 सम्मेलन में देश का नेतृत्व करेंगे। अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए जी-20 एक अहम मंच है। इस सम्मेलन के कार्यक्रमों में शामिल होना चीन के लिए बेहद अहम है। इस जी-20 समिट में ली चियांग चीन का पक्ष और प्रस्ताव पेश करेंगे। हमारा मकसद है कि समूह देशों के बीच सहयोग बना रहे और वैश्विक आर्थिक, विकास से जुड़ी चुनौतियों का मिलकर सामना किया जाए। सभी पक्षों के साथ मिलकर जी-20 को सफल बनाने के लिए हम तैयार हैं ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में जल्द सुधार हो।” हालांकि, उन्होंने भारत न आने के पीछे की वजह नहीं बताई।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा को लेकर दिया ये बयान
इंटरव्यू के दौरान विदेश मंत्री से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी सवाल किया गया। उनसे पूछा गया कि रूस के विदेश मंत्री चाहते हैं कि यूक्रेन संकट पर उनके विचार को G20 के भाषण में शामिल किया जाए। ऐसे में क्या जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले शक्ति प्रदर्शन शुरू हो गया है? इस पर जयशंकर ने कहा, “आप इसे ऐसे चित्रित कर सकती हैं लेकिन मेरे लिए कोई भी अपनी राष्ट्रीय स्थिति को सामने रखने की कोशिश करेगा। यदि आप चाहें तो अपनी बातचीत की स्थिति को अधिकतम करने की कोशिश करेंगे। मुझे लगता है कि आपको इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि बातचीत में वास्तव में क्या होता है और इसे पहले से ही इस आधार पर नहीं आंकना चाहिए कि एक अवसर पर क्या कहा जा सकता है और एक अवसर पर जो कहा गया था उसकी मीडिया व्याख्या क्या हो सकती है।”
G-20 में इन देशों के नेता होंगे शामिल
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मनी के चांसलर ऑल्फ स्कॉल्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनैकियो लूला डि सिल्वा सहित जी20 के कई नेता इस सम्मेलन में शिरकत करने आ रहे हैं।
‘विरोध करने वाले पढ़ें संविधान’
जी-20 शिखर सम्मेलन के इन्विटेशन कार्ड्स पर इंडिया की जगह भारत लिखे जाने पर चल रहे विवाद को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत नाम पर आपत्ति जता रहे हैं उन्हें एक बार संविधान पढ़ लेना चाहिए। उन्होंने कहा, “इंडिया दैट इज भारत’ और यह संविधान में है। मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा। जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है।”
7 सिंतबर को दिल्ली के लिए रवाना होंगे जो बाइडेन
बता दें कि आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार देश में इतना बड़ा इवेंट होने जा रहा है। इस बीच बड़ी खबर ये है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 7 सितंबर को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। व्हाइट हाउस ने बायडेन के कोरोना टेस्ट में निगेटिव रहने के बाद दौरे पर मुहर लगा दी है। इस बीच व्हाइट हाउस ने बताया है कि ट्रैवल शुरू होने से पहले जो बाइडेन के साथ चल रहे पूरे स्टाफ का कोरोना टेस्ट करवाया जाएगा। जो बाइडेन के फिज़िशियन उनका भी टेस्ट लगातार करते रहेंगे। फिलहाल बाइडेन को दो टेस्ट हुए हैं और दोनों निगेटिव आए हैं जिसके बाद उनके भारत दौरे की पुष्टि की गई है।
पूरी दिल्ली में 6 हजार आर्मी के जवान तैनात
जी -20 समिट के लिए देश की राजधानी सज-धज कर तैयार है। एयरपोर्ट से लेकर रास्ते, होटल और समिट का वेन्यू भारत मंडपम तक, सब सजा है। दिल्ली को अब अपने दुनियाभर के उन मेहमानों का इंतजार है जो G-20 में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं। भारत मंडपम में ‘नटराज की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। पूरी दिल्ली में इस वक्त साफ-सुथरी सड़कें, रंग-बिरंगी लाइटिंग, सजे धजे फ्लाईओवर, अंडरपास की दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग की गई हैं तो हरे-भरे गार्डन, सड़कों के किनारे बड़े-बड़े पोस्टर-बैनर से सजाया गया है। साथ ही सुरक्षा के लिहाज से पूरी दिल्ली को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। आर्मी के 6 हजार जवानों की तैनाती की गई है तो वहीं जी 20 की बैठक को लेकर 8 सितंबर से 10 सितंबर तक दिल्ली में कई तरह के प्रतिबंध भी लागू किए गए हैं।
यह भी पढ़ें-
G-20 सम्मेलन के दौरान प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस की विशेष तैयारी
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को दुनियाभर के सभी बड़े नेताओं का जमावड़ा लगेगा। मौका होगा जी-20 सम्मेलन का। इन दो दिनों के लिए दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया जाएगा। कम शब्दों में कहें तो 8 सितम्बर से 10 सितम्बर तक दिल्ली पूरी तरह से बंद रहेगी। G20 के लिए सब तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। दिल्ली पुलिस ने भी सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये हैं। किसी भी तरह की समस्या निपटने के लिए पुलिस ने कई ख़ास इंतजाम किए हैं।
दिल्ली पुलिस के जवानों को दिए जाएंगे चेन कटर
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस को जी20 शिखर सम्मेलन के लिए चेन और बोल्ट कटर दिए जाएंगे ताकि वे किसी भी तरह के असामान्य तरीकों से विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों से निपट सकें। सूत्रों के अनुसार, कटर खरीदने की मंजूरी कुछ खुफिया जानकारी के बाद दी गई थी। इसमें बताया गया था कि कुछ प्रदर्शनकारी शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। साथ ही कुछ उपद्रवियों के बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना को उनके होटल में निशाना बनाने की योजना है। इनसे निपटने के लिए पुलिस ने कई तैयारियां की हैं।
चेन-बोल्ट कटर का कैसे इस्तेमाल होगा?
कई देशों में यह देखा गया है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग खुद को लोहे की जंजीर से बांध लेते हैं ताकि पुलिस उन्हें मौके से ना हटा सके और वो वहीं डटे रहकर अपना विरोध जारी रख सकें। ऐसी स्थिति में पुलिस के पास कोई जरिया नहीं होता, जिससे वो इन प्रदर्शनकारियों को तुरंत वहां से हटा पाएं। दिल्ली पुलिस की इसी तरह से प्रदर्शन करने वालों से निपटने की तैयारी है।
आयोजन स्थल और मार्गों में तैनात किए जाएंगे विक्रांत
इसके साथ ही पुलिस प्रगति मैदान के भारत मंडपम समेत कई प्रमुख स्थलों के समीप विक्रांत नामक विशेष वाहनों की तैनाती करेगी, जिसमें एंटी-रॉयट्स इक्यूपमेंट मौजूद रहेंगे। मुख्य आयोजन स्थल के पास 6 लोकेशन पर ऐसे ट्रक तैनात किए जाएंगे। इन ट्रकों में 100 पुलिसकर्मियों के लिए उपकरण मौजूद रहेंगे। पुलिस की कोशिश घटनास्थल पर खुद की जान देने का प्रयास करने वाले लोगों को रोकने की भी है। जानकारी के अनुसार, इन ट्रकों में आंसू गैस के गोले, डंडे और कम से कम 100 पुलिसकर्मियों के लिए गियर जैसे दंगा-रोधी उपकरण होंगे।
ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए आज दक्षिण अफ्रीका रवाना होंगे पीएम मोदी
BRICS Summit South Africa: विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह (22 अगस्त) को जोहान्सबर्ग के लिए रवाना होंगे. जहां वह मंगलवार (22 अगस्त) से शुरू हो रहे 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. पीएम मोदी सुबह 7 बजे दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस की 4 दिन की यात्रा पर रवाना होंगे.
पीएम की यह यात्रा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा के निमंत्रण पर होगी. यह सम्मेलन 24 अगस्त को समाप्त होगा. उन्होंने बताया कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद पीएम मोदी ग्रीस जाएंगे.
विदेश सचिव ने कहा, “15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए भारत से एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी साऊथ अफ्रीका जाएगा. यह प्रतिनिधिमंडल बिजनेस ट्रैक्स मीटिंग्स, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल, ब्रिक्स महिला बिजनेस एलायंस और ब्रिक्स बिजनेस फोरम की बैठकों में भाग लेगा.
पीएम के कार्यकर्म को दिया जा रहा अंतिम रूप
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सोमवार को कहा कि जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर बैठक से इतर प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठकों के कार्यक्रमों को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक की संभावना के बारे में पूछे गए सवालों का हालांकि कोई सीधा जवाब नहीं दिया.
कोविड 19 के बाद पहली इन-पर्सन समिट
क्वात्रा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण लगातार तीन सालों तक ब्रिक्स की मीटिंग वर्चुअल मोड में आयोजित की गई थी. महामारी के बाद यह पहला मौका है, जब ब्रिक्स समिट इन-पर्सन समिट होगी.
भारत से जाएगा प्रतिनिधिमंडल
उन्होंने कहा कि भारत से एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा, जो बिजनेस ट्रैक्स मीटिंग, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल, ब्रिक्स महिला बिजनेस एलायंस और ब्रिक्स बिजनेस फोरम की बैठकों में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका भी जाएगा.
25 अगस्त को ग्रीस जाएंगे पीएम
उन्होंने कहा, “जोहान्सबर्ग में अपने कार्यक्रम पूरे करने के बाद प्रधानमंत्री ग्रीस के प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर 25 अगस्त को आधिकारिक यात्रा के लिए ग्रीस जाएंगे.”
द्विपक्षीय संबंधों मजबूत करने में होगी मदद
विदेश सचिव ने बताया “पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा के दौरान दोनों देश व्यापार, इंवेस्टमेंट, डिफेंस और सिक्योरिटी पार्टनर्शिप और बुनियादी ढांचे में सहयोग पर चर्चा करेंगे. इस यात्रा से दोनों देशों को फायदा होगा.” इस यात्रा से दोनों पक्षों को क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करने और द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक और मजबूत करने में मदद मिलेगी.
यह भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: पीएम मोदी का कांग्रेस पर वार, ‘लोग 2014 से पहले के समय को नहीं भूल सकते, उस समय…’