प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के कुछ दिन बाद चीन की सेना ने अरुणाच प्रदेश पर अपना दावा दोहराते हुए इसे चीन के क्षेत्र का स्वाभाविक हिस्सा बताया है।
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Arunachal Pradesh
China: चीन ने फिर अलापा पुराना राग; अरुणाचल प्रदेश को बताया अपना, कहा- तिब्बत का हिस्सा है यह क्षेत्र
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे के कुछ दिनों बाद चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर अपनी ड्रैगन चाल चली है। चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा ठोका है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है।
चीन ने अरुणाचल पर ठोका अपना दावा
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शियाओगांग ने कहा कि जिजांग का दक्षिणी भाग (तिब्बत का चीन द्वारा दिया गया नाम) चीन के क्षेत्र का एक हिस्सा है और बीजिंग अवैध रूप से स्थापित अरुणाचल प्रदेश को कभी स्वीकार नहीं करता।
चीन ने फिर अलापा पुराना राग
चीन के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर शुक्रवार को पोस्ट की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, झांग ने अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग के माध्यम से भारत द्वारा अपनी सैन्य तैयारी बढ़ाने के जवाब में यह टिप्पणी की। गौरतलब है कि चीन, जो अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है, अपने दावों को उजागर करने के लिए नियमित रूप से भारतीय नेताओं के राज्य के दौरों पर आपत्ति जताता है। चीन ने इस क्षेत्र का नाम भी जांगनान रखा है।
कांग्रेस की बढ़ेगी टेंशन! नीतीश कुमार के इशारे पर JDU ने इस लोकसभा सीट पर की उम्मीदवार की घोषणा
Lok Sabha Election 2024: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इंडिया गठबंधन से कथित नाराजगी के बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बुधवार (3 जनवरी) को अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. जेडीयू की ओर से कैंडिडेट घोषित किए जाना इस बात का संकेत दे रहा है कि पार्टी के इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के साथ मतभेद अभी भी खत्म नहीं हुए हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस संबंध में जेडीयू के महासचिव अफाक अहमद ने कहा कि पार्टी की स्टेट यूनिट के अध्यक्ष रूही तांगुंग अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट से जेडीयू के उम्मीदवार होंगे. उन्होंने कहा कि यह घोषणा पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश पर की जा रही है.
2019 में बीजेपी ने जीती थी सीट
विपक्षी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस 2019 के चुनाव में इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही थी. ऐसे में इस फैसले से कांग्रेस की टेंशन बढ़ सकती है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने राज्य की दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी. गौरतलब है कि यहां पिछली बार लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हुए थे.
इंडिया ब्लॉक में नीतीश कुमार को नहीं मिली जिम्मेदारी
इससे पहले इंडिया ब्लॉक में नीतीश कुमार को भूमिका नहीं दी गई थी, जिसके बाद जेडीयू के नेताओं ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. चूंकि, नीतीश कुमार का इतिहास रहा है कि वह किसी भी गठबंधन में शामिल हो जाते हैं. ऐसे में इंडिया ब्लॉक में भूमिका न मिलने के बाद भविष्य में उनका कदम क्या होगा? इसको लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं.
हालांकि, उनकी पार्टी ने हाल ही में अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में केंद्र की बीजेपी सरकार की आलोचना और इंडिया ब्लॉक में अपने नेता को महत्वपूर्ण भूमिका देने की वकालत की थी. इस बीच ऐसी चर्चाएं भी हैं कि इंडिया ब्लॉक में कुछ फेरबदल हो सकता है और नीतीश कुमार को ब्लॉक का संयोजक बनाया जा सकता है.
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भारत-म्यांमार बॉर्डर के पास पूर्व विधायक की गोली मारकर हत्या, मचा हड़कंप
तिराप: भारत-म्यांमार बॉर्डर के पास एक पूर्व विधायक की गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है। अरुणाचल प्रदेश के तिराप से 56 खोंसा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक युमसेन माटे की शनिवार दोपहर करीब 2 बजे लाज़ू सर्कल के राहो गांव के पास जंगल में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। लाजु थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। ये जानकारी तिराप जिला पुलिस के हवाले से सामने आई है।
कौन थे युमसेन माटे?
युमसेन साल 2009 में खोंसा पश्चिम सीट से कांग्रेस की टिकट पर जीते थे और विधानसभा सदस्य बने थे। साल 2015 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली। राजनीति से पहले वह जिला वयस्क शिक्षा अधिकारी के रूप में भी काम कर चुके थे। वह साल 2024 का चुनाव लड़ने का मन बना रहे थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, युमसेन माटे अपने समर्थकों के साथ गांव गए थे, जहां बहाने से उन्हें जंगल की तरफ ले जाया गया और गोली मार दी गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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दलाई लामा के चुनाव पर चीन ने फिर की अड़ंगा लगाने की कोशिश, श्वेत पत्र जारी कर दी धमकी
China On Dalai Lama Election: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के चुनाव को लेकर एक बार फिर चीन ने आंखें तरेरी है. शुक्रवार (10 नवंबर) को चीन ने कहा है कि मौजूदा 88 वर्षीय दलाई लामा का कोई भी उत्तराधिकारी चीनी सीमा के अंदर से चुना जाना चाहिए और इसके लिए चीन की अनुमति लेनी जरूरी है.
चीन सरकार ने एक श्वेत पत्र में कहा है कि दलाई लामा और पंचेन रिनपोचे सहित तिब्बत में रह रहे सभी अवतरित बुद्ध को चीन की सीमा के अंदर से ही उत्तराधिकारी ढूंढना होगा. परंपरा के मुताबिक सोने के कलश से लॉटरी निकाल कर निर्णय लिया जाएगा और इसके पहले चीन सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी.
भारतीय सीमा पर बने इन्फ्रास्ट्रक्चर का किया जिक्र
अपने श्वेत पत्र में भारत की सीमा पर बने इंफ्रास्ट्रक्चर का जिक्र करते हुए चीन ने कहा है कि तिब्बत, नेपाल के जरिये रेल व सड़क संपर्क के साथ दक्षिण एशिया के लिए एक द्वार बनने वाला है. चीन जिस हिस्से को को तिब्बत कह रहा है वह भारत का अरुणाचल प्रदेश है. चीन तिब्बत को शिजांग कहता है.
चीन करता है अलग से दलाईलामा का चुनाव
बता दें कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का चुनाव चीन अपने स्तर पर भी करता है. हालांकि उनकी स्वीकारोक्ति बौद्ध संप्रदाय में बहुत अधिक नहीं रहती. मौजूदा पंचेन लामा की तिब्बत में व्यापक स्वीकार्यता नहीं बनी है. वह नंबर-2 आध्यात्मिक गुरु हैं जिन्हें दलाई लामा द्वारा नामित उत्तराधिकारी को अपदस्थ कर चीन ने नियुक्त किया था. श्वेत पत्र के अनुसार, ”धार्मिक गतिविधियां व्यवस्थित तरीके से की जा रही हैं. क्षेत्र में अभी तिब्बती बौद्ध गतिविधियों के लिए 1,700 से अधिक स्थल हैं, करीब 46,000 बौद्ध भिक्षु हैं, चार मस्जिद और 12,000 मूल निवासी मुस्लिम तथा एक कैथोलिक गिरिजाघर व इस धर्म के 7,000 से अधिक अनुयायी हैं.”
लामा का अर्थ होता है गुरु
आपको बता दें कि तिब्बती में लामा का अर्थ गुरु होता है. दलाई लामा का चुनाव बेहद जटिल प्रक्रिया है. मौजूदा दलाई लामा शरीर छोड़ने से पहले अपने अगले जन्म के संकेत दे जाते हैं. उनके शरीर छोड़ने के बाद 9 महीने के करीब जन्म लेने वाले बच्चों में उन संकेतों को ढूंढा जाता है. उसके बाद मौजूदा दलाई लामा की चीजों की पहचान की करवाई जाती है. जो बच्चा उन चीजों को पहचान जाता है उसी को लाकर बौद्ध मठ में प्रशिक्षण दिया जाता है.