चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मंगलवार को कहा, ‘समुद्री विवाद संबंधित देशों के बीच के मुद्दे हैं। तीसरे पक्ष को किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।’
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उन्होंने मेरे बेटे को सेफ जोन में नहीं जाने दिया, इजरायल पर भड़का भारतीय पिता
31 साल के पैटनिबिन उत्तरी इजरायल के गलील में काम कर रहे थे। एक दिन पहले उन्होंने अपने पिता को फोन पर बताया कि मार्गालियट में जिस मुर्गी फार्म में वह काम कर रहे हैं वो अब सेफ नहीं है।
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Republic Day: गणतंत्र दिवस में चंडीगढ़ के आठ वेंडर होंगे ‘विशेष अतिथि’, केंद्रीय मंत्रियों के साथ करेंगे डिनर
गणतंत्र दिवस 2024
– फोटो : फाइल
विस्तार
चंडीगढ़ के आठ वेंडर व उनके परिजन देश की विकास यात्रा को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर देखेंगे। भारत सरकार ने उन्हें विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।
इस बार वह कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड 2024 के साक्षी बनेंगे। सरकार की तरफ से उन्हें दिल्ली में शहीद स्मारक का दौरा कराया जाएगा और उनके लिए तीन केंद्रीय मंत्री के साथ तालकटोरा स्टेडियम में डिनर भी आयोजित किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य सरकार के जन भागीदारी के दृष्टिकोण के अनुरूप, आम जनजीवन के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को राष्ट्रीय उत्सव में भाग लेने का अवसर प्रदान करना है। नगर निगम की तरफ से इस दौरे को लेकर पूरी तैयारी की जा चुकी है।
स्टेट नोडल ऑफिसर विवेक त्रिवेदी ने बताया कि पीएम स्वयं निधि योजना के अंतर्गत चंडीगढ़ नगर निगम ने लैंगिंग समानता का ध्यान रखते हुए 50 वेंडरों की सूची केंद्र को भेजी थी। मंत्रालय ने उनमें से 10 वेंडरों का चयन किया और इन्हें कर्तव्य पथ पर विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। हालांकि चयनित एक वेंडर की इस बीच मृत्यु हो गई और एक वेंडर के परिवार में किसी की मृत्यु हो गई, जिसकी वजह से वो जाने में असमर्थ हैं।
अन्य आठ वेंडर अपने परिवार के साथ बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। मंत्रालय की तरफ से विशेष अतिथियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। 25 जनवरी को शहीद स्मारक का दौरा कराया जाएगा और फिर रात में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ ताल कटोरा स्टेडियम में डिनर आयोजित होगा। 26 जनवरी को वह परेड के साक्षी बनेंगे। उन्हें लाने और ले जाने के साथ बैठने की भी खास व्यवस्था की गई है।
विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को किया गया है आमंत्रित
इस वर्ष परेड में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन मुख्य अतिथि होंगे। परेड में फ्रांस का 95 सदस्यीय मार्चिंग दस्ता और 33 सदस्यीय बैंड भी भाग लेगा। परेड सुबह साढ़े दस बजे से प्रारम्भ होगी और लगभग 90 मिनट तक चलेगी। कर्तव्य पथ पर 77,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जिसमें से 42,000 आम जनता के लिए आरक्षित हैं।
खास बात यह है कि केंद्र की विभिन्न योजनाओं के करीब 1700 से 1800 लाभार्थियों को विशेष अतिथि बनाया गया है। केंद्र की तरफ से कहा गया है कि यह मेहमान देश का गौरव हैं। यह पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, पीएम स्वनिधि, पीएम कृषि सिंचाई योजना, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, स्टैंड-अप इंडिया योजना का सर्वोत्तम उपयोग करने वाले लोग शामिल हैं।
भारत मंडपम में प्रदर्शनी, चार एसएचजी को मिली राष्ट्रीय पहचान
नगर निगम की मदद से शहर के सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) आजीविका के साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना रहे हैं। तीन जनवरी से 10 जनवरी के बीच दिल्ली स्थित भारत मंडपम में चार सेल्फ हेल्प ग्रुप ने स्टॉल लगाया था। इसमें अर्पण अगरबत्ती, आरआरआर, वेस्ट मटेरियल उत्पाद और कैंडल मेकिंग वाले एसएचजी शामिल रहे।
स्टॉल को देश के कई प्रमुख लोगों ने देखा और कार्यों को सराहा। साथ ही 11 जनवरी को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार के दौरान भी चंडीगढ़ के दो सेल्फ ग्रुप को भारत मंडपम में अपना स्टॉल लगाने का मौका मिला। इसमें अर्पण और प्रारंभ थे। इन्हें भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और प्रगति के रास्ते खुले।
शहर के कुछ चयनित वेंडर्स को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड 2024 देखने का अवसर मिलेगा। यह बहुत अच्छी पहल है। कुछ दिन पहले भारत मंडपम में भी शहर के चार सेल्फ हेल्प ग्रुप ने प्रदर्शनी लगाई थी। इससे राष्ट्रीय स्तर पर शहर का नाम हुआ। – आनिंदिता मित्रा, आयुक्त, नगर निगम
हमास को लेकर वायरल डॉक्यूमेंट पर विदेश मंत्रालय ने दी सफाई, कहा- तकनीकी सुधार की जरूरत
External Affairs Ministry Clarified On Hamas: हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करने से संबंधित दस्तावेज के सोशल मीडिया पर वायरल होने से विवाद खड़ा हो गया है. कहा गया कि संसद में एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि, सांसद ने किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं करने की बात कही, जिसके बाद मामला और पेचीदा हो गया. अब इस मामले पर खुद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है.
दरअसल, केरल से कन्नूर लोकसभा सीट के सांसद सुधाकरन ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पूछा था कि क्या सरकार के पास हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करने का कोई प्रस्ताव है? यदि हां, तो उसका विवरण दिया जाए. अगर ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, तो इसके क्या कारण हैं? उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या इजराइल सरकार ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए भारत सरकार से बात की है? सुधाकरन ने सरकार से विवरण मुहैया कराने की मांग भी की थी.
इस सवाल के जवाब से जुड़े दस्तावेज के वायरल होने पर अब विदेश मंत्रालय ने शनिवार को स्पष्ट किया कि राज्य मंत्री वी मुरलीधरन को एक संसदीय प्रश्न का आधिकारिक उत्तर देने लिए सूचीबद्ध किया गया था. इस मामले पर अब राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उन्होंने प्रश्न का उत्तर नहीं दिया है जैसा कि आधिकारिक वेबसाइटों पर पोस्ट किए दस्तावेजों में नजर आया है.
‘मीनाक्षी लेखी का दावा-किसी भी कागज पर नहीं किए हस्ताक्षर’
दस्तावेजों के सामने आने के बाद पता चला कि लेखी ने इस सवाल का जवाब दिया था लेकिन ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने “इस प्रश्न और इसके उत्तर के साथ किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.”
कई घंटे के बाद विदेश मंत्रालय प्रवक्ता का आया बयान
इस सब प्रकरण के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कई घंटों के बाद स्पष्ट किया कि दस्तावेजों में “तकनीकी सुधार” की जरूरत है.
प्रवक्ता बागची ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ”हमने देखा है कि 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा अतारांकित प्रश्न (Lok Sabha Unstarred Question) संख्या 980 के दिए गए उत्तर में राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (V Muraleedharan) को संसद प्रश्न का उत्तर देने के संदर्भ में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है.”
‘राज्य मंत्री वी मुरलीधरन का नाम लिखे जाने की तकनीकी सुधार की जरूरत’
उन्होंने इस मामले में गलती किस तरह से हुई, इसको लेकर कोई डिटेल देने की बजाय कहा, ”यह उचित तरीके से किया जा रहा है. संसद में प्रश्न का उत्तर देने वाले राज्य मंत्री के रूप में मुरलीधरन का नाम लिखे जाने के लिए तकनीकी सुधार की जरूरत है. इसके लिए जरूरी और उपयुक्त पहल की जा रही है.
‘घटना की जांच व दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश’
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भी मामले पर वक्तव्य देते हुए कहा था कि इस उल्लंघन की सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को दे दी गई है. विदेश सचिव को भी फोन किया गया है. घटना की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
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‘सोना आयात नहीं करते तो पहले ही पा लेते 5 ट्रिलियन का लक्ष्य’, भारत की GDP पर बोले नीलेश शाह
Indian Economy: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (PM-EAC) के अस्थायी सदस्य नीलेश शाह ने सोमवार (20 नवंबर) को कहा कि सोने के आयात की आदत नहीं होती तो भारत 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के लक्ष्य को ‘बहुत पहले’ ही हासिल कर लिया होता. म्यूचुअल फंड उद्योग के दिग्गज शाह ने कहा कि पिछले 21 सालों में भारतीय लोगों ने अकेले सोने के आयात पर करीब 500 अरब डॉलर खर्च कर दिए हैं.
शाह ने कहा, ”हम 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन हम सिर्फ एक आदत से दूर रहकर बहुत पहले ही 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गए होते. हमने शायद सही वित्तीय निवेश न करके भारत की जीडीपी का एक-तिहाई हिस्सा गंवा दिया है.”
21 सालों में सोने के आयात पर खर्च किए 375 अरब डॉलर
कोटक एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी शाह ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीयों ने पिछले 21 सालों में शुद्ध आधार पर सोने के आयात पर 375 अरब डॉलर खर्च किए हैं. इसके साथ नियमित तौर पर सोने की तस्करी की खबरें भी आती रहती हैं.
‘अगर पैसा निवेश किया होता तो जीडीपी कुछ और रहती’
उन्होंने कहा, ”अगर वह पैसा सोने के बजाय टाटा, अंबानी, बिड़ला, वाडिया और अडाणी जैसे उद्यमियों में निवेश किया गया होता तो कल्पना करें कि हमारी जीडीपी क्या होती? वृद्धि क्या होती, हमारी प्रति व्यक्ति जीडीपी क्या रही होती?’
कांग्रेस ने 4 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के दावों पर उठाए थे सवाल
इस बीच देखा जाए तो कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार (20 नवंबर) को केंद्र सरकार और उसके मंत्रियों के उस दावे को फर्जी करार दिया जिसमें भारत की जीडीपी का 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करने की बात कही गई थी. सत्तारूढ़ बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि फर्जी खबरों का मकसद केवल उत्साह पैदा करना और हेडलाइन मैनेज करने का प्रयासभर है. उन्होंने कहा था कि कल रविवार (19 नवंबर) दोपहर 2.45 बजे से शाम 6.45 बजे के बीच में पूरा देश क्रिकेट के फाइनल मैच का आनंद लेने में व्यस्त था तब सरकार के मंत्रियों की ओर से ऐसे दावे किए जा रहे थे.
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