दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी के बाद अब अमेरिका ने भी कड़ा ऐतराज जताया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वह केजरीवाल की गिरफ्तारी की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
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विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय: मालदीव में भारत समर्थित परियोजनाओं की उल्लेखनीय प्रगति; अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी संवारा गया
विदेश मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुजा के मेनन (फाइल)
– फोटो : ani
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मालदीव और भारत के रिश्तों में तल्खी के बीच विदेश मंत्रालय ने अहम बयान दिया है। विदेश मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुजा के मेनन ने बताया कि पिछले कई दशकों में, भारत ने मालदीव को कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को विकसित करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद विकास की साझेदारी के माध्यम से दोस्ती मजबूत करना है।
विकास साझेदारी प्रशासन के तहत विकास कार्य
दरअसल, विदेश मंत्रालय की एक टीम ने गुरुवार को भारतीय रियायती ऋण सुविधा के तहत मालदीव में किए जा रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। टीम का नेतृत्व मेनन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय रियायती ऋण सुविधा के तहत हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पुनर्विकास हो रहा है। मेनन विदेश मंत्रालय के तहत आने वाले विकास साझेदारी प्रशासन (DPA) में संयुक्त सचिव हैं। विकास परियोजनाएं डीपीए ही संचालित करता है।
अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पुनर्विकास परियोजना की समीक्षा
चौथी भारत-मालदीव नियंत्रण रेखा (एलओसी) समीक्षा बैठक के हिस्से के रूप में भारतीय रियायती क्रेडिट लाइन के तहत बाराह और केला द्वीपों में कई विकास कार्य कराए जा रहे हैं। मालदीव में भारतीय मिशन ने बताया कि संयुक्त सचिव मेनन ने हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पुनर्विकास परियोजना और जल और स्वच्छता परियोजनाओं के तहत उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की। डीपीए टीम ने गण इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुनर्विकास परियोजना सहित अन्य परियोजना स्थलों का दौरा किया।
Maldives: मालदीव में तैनात भारतीय कर्मियों की जगह कौन लेंगे? विदेश मंत्रालय की ओर से आया यह जवाब
प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (फाइल)
– फोटो : ANI
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भारत और मालदीव के बीच दूसरी उच्च स्तरीय बैठक के कुछ दिनों बाद, नई दिल्ली ने पुष्टि की है कि द्वीपीय देश में वर्तमान कर्मियों को “सक्षम भारतीय तकनीकी कर्मियों” से बदला जाएगा। विदेश मंत्रालय ने हालांकि इस शब्द का मतलब बताने से इनकार कर दिया।
इस साल के बजट में मालदीव के लिए सहायता आवंटन पर विरोधाभासी रिपोर्टों के बाद, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी गुरुवार को स्पष्ट किया कि नए आंकड़ों को संशोधित किया जा सकता है और भारत द्वीप राष्ट्र का “एक महत्वपूर्ण विकास भागीदार” बना हुआ है।
मालदीव के विशाल समुद्री क्षेत्र में तीन विमानों के संचालन के लिए भारत के पास चिकित्सा कर्मचारियों सहित लगभग 80 कर्मी हैं। पिछले साल राष्ट्रपति चुनावों के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का मुख्य मुद्दा भारतीय बलों को देश से बाहर निकालना था।
LAC के पास चीनी सैनिकों से हुई भारतीय चरवाहों की भिड़ंत, विदेश मंत्रालय ने दिया बयान – India TV Hindi
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीनी सैनिकों ने फिर भारत से पंगा मोल ले लिया है। इस बार चीन की पीएलए आर्मी ने कुछ भारतीय चरवाहों से उलझ गए। चीनी सैनिकों से भारतीय चरवाहों का सामना होने के कुछ दिनों बाद विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को अपना बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष पारंपरिक चरागाह क्षेत्रों से अवगत हैं और गतिरोध की किसी भी घटना से मौजूदा तंत्र के तहत निपटा जाता है। पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में चुशुल के दक्षिण स्थित एक क्षेत्र में चीनी सैनिकों द्वारा चरवाहों को कथित तौर पर रोक दिया गया था।
चुशुल के एक काउंसलर ने स्थानीय लोगों द्वारा शूट किया गया घटना का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। घटना के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में पारंपरिक चरागाह क्षेत्रों से अवगत हैं। गतिरोध की किसी भी घटना से उचित पारंपरिक तंत्र के माध्यम से निपटा जाता है।’’ भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से टकराव की स्थिति में हैं। दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
भारत-चीन संबंधों में 3 वर्षों से चल रहा तनाव
पिछले 3 वर्षों से भारत-चीन के संबंधों में तनाव चल रहा है। भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। हाल में काबुल में तालिबान द्वारा आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भारत की भागीदारी को लेकर एक सवाल पर जायसवाल ने कहा कि इसे अफगान लोगों के साथ भारत की दीर्घकालिक दोस्ती के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रारूपों में कई बैठकों में भाग लेते रहे हैं।’’ जायसवाल ने कहा, ‘‘हाल में, हमने काबुल में एक क्षेत्रीय बैठक में भी भाग लिया, जहां हमारी तकनीकी टीम के प्रमुख ने शिरकत की। उन्होंने बैठक को अफगान लोगों के साथ भारत की दीर्घकालिक मित्रता और देश में हमारे द्वारा की जा रही मानवीय सहायता से अवगत कराया। विशेष बैठक को उस विशेष संदर्भ में देखा जाना चाहिए। (भाषा)
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‘भारत ने यूक्रेन को नहीं भेजे कोई तोप के गोले’ विदेश मंत्रालय ने अफवाहों को किया खारिज
Russia Ukraine War: भारत ने गुरुवार को उन खबरों को खारिज कर किया, जिनमें यूक्रेन में भारत निर्मित तोप के गोले मिलने का दावा किया गया था. भारत की तरफ से कहा गया कि उसने यूरोपीय देश को कोई गोला-बारूद नहीं भेजा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने यूक्रेन को न तो तोप के गोले भेजे हैं और न ही उनका निर्यात किया है.
उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, “हमने इस संबंध में मीडिया में आई कुछ खबरें देखी हैं. हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि हमने यूक्रेन को तोप के गोले नहीं भेजे हैं.” यूक्रेन में भारत निर्मित तोप के गोले देखे जाने की खबरों को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में रणधीर जयसवाल ने यह टिप्पणी की थी. भारत कहता रहा है कि यूक्रेन में संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के जरिए हल किया जाना चाहिए.
यूक्रेन के विदेश मंत्री से एस जयशंकर ने की बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष, कीव के शांति फॉर्मूले और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से फोन पर बातचीत की थी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से बातचीत हुई.
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंध हमें संयुक्त रूप से आगे बढ़ने में मदद करेंगे. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने युद्ध को समाप्त करने के लिए 10 सूत्रीय शांति योजना सामने रखी, जिसमें युद्ध के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देना, यूक्रेन से सभी रूसी सैनिकों को वापस लेना और अपने देश की क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करना शामिल था.
इस शांति योजना के तहत उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और परमाणु सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया.