चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मंगलवार को कहा, ‘समुद्री विवाद संबंधित देशों के बीच के मुद्दे हैं। तीसरे पक्ष को किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।’
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भारत सरकार
उन्होंने मेरे बेटे को सेफ जोन में नहीं जाने दिया, इजरायल पर भड़का भारतीय पिता
31 साल के पैटनिबिन उत्तरी इजरायल के गलील में काम कर रहे थे। एक दिन पहले उन्होंने अपने पिता को फोन पर बताया कि मार्गालियट में जिस मुर्गी फार्म में वह काम कर रहे हैं वो अब सेफ नहीं है।
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हमास को लेकर वायरल डॉक्यूमेंट पर विदेश मंत्रालय ने दी सफाई, कहा- तकनीकी सुधार की जरूरत
External Affairs Ministry Clarified On Hamas: हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करने से संबंधित दस्तावेज के सोशल मीडिया पर वायरल होने से विवाद खड़ा हो गया है. कहा गया कि संसद में एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि, सांसद ने किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं करने की बात कही, जिसके बाद मामला और पेचीदा हो गया. अब इस मामले पर खुद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है.
दरअसल, केरल से कन्नूर लोकसभा सीट के सांसद सुधाकरन ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पूछा था कि क्या सरकार के पास हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करने का कोई प्रस्ताव है? यदि हां, तो उसका विवरण दिया जाए. अगर ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, तो इसके क्या कारण हैं? उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या इजराइल सरकार ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए भारत सरकार से बात की है? सुधाकरन ने सरकार से विवरण मुहैया कराने की मांग भी की थी.
इस सवाल के जवाब से जुड़े दस्तावेज के वायरल होने पर अब विदेश मंत्रालय ने शनिवार को स्पष्ट किया कि राज्य मंत्री वी मुरलीधरन को एक संसदीय प्रश्न का आधिकारिक उत्तर देने लिए सूचीबद्ध किया गया था. इस मामले पर अब राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उन्होंने प्रश्न का उत्तर नहीं दिया है जैसा कि आधिकारिक वेबसाइटों पर पोस्ट किए दस्तावेजों में नजर आया है.
‘मीनाक्षी लेखी का दावा-किसी भी कागज पर नहीं किए हस्ताक्षर’
दस्तावेजों के सामने आने के बाद पता चला कि लेखी ने इस सवाल का जवाब दिया था लेकिन ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने “इस प्रश्न और इसके उत्तर के साथ किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.”
कई घंटे के बाद विदेश मंत्रालय प्रवक्ता का आया बयान
इस सब प्रकरण के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कई घंटों के बाद स्पष्ट किया कि दस्तावेजों में “तकनीकी सुधार” की जरूरत है.
प्रवक्ता बागची ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ”हमने देखा है कि 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा अतारांकित प्रश्न (Lok Sabha Unstarred Question) संख्या 980 के दिए गए उत्तर में राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (V Muraleedharan) को संसद प्रश्न का उत्तर देने के संदर्भ में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है.”
‘राज्य मंत्री वी मुरलीधरन का नाम लिखे जाने की तकनीकी सुधार की जरूरत’
उन्होंने इस मामले में गलती किस तरह से हुई, इसको लेकर कोई डिटेल देने की बजाय कहा, ”यह उचित तरीके से किया जा रहा है. संसद में प्रश्न का उत्तर देने वाले राज्य मंत्री के रूप में मुरलीधरन का नाम लिखे जाने के लिए तकनीकी सुधार की जरूरत है. इसके लिए जरूरी और उपयुक्त पहल की जा रही है.
‘घटना की जांच व दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश’
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भी मामले पर वक्तव्य देते हुए कहा था कि इस उल्लंघन की सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को दे दी गई है. विदेश सचिव को भी फोन किया गया है. घटना की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
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चीन में बच्चों में फैल रही बीमारी निमोनिया है या कोविड का नया स्ट्रेन? चिंता बढ़ी
चीन में निमोनिया ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इस बीमारी ने बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में लिया है। चीन के अस्पतालों में इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था को एक बार फिर से चिंता में डाल दिया है। चीन में फैसे निमोनिया को लेकर भारत सरकार अलर्ट मोड में आ गई है।.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय उत्तरी चीन में बच्चों में एच9एन2 मामलों के फैलने और श्वसन संबंधी बीमारियों के समूहों पर बारीकी से नजर रख रहा है। चीन से रिपोर्ट किए गए एवियन इन्फ्लूएंजा के मामलों के साथ-साथ श्वसन संबंधी बीमारी के समूहों से भारत में जोखिम कम है। मंत्रालय ने कहा है कि भारत मौजूदा स्थिति से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के लिए तैयार है।
कोरोना महामारी के बाद भारत है सजग
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा,“भारत किसी भी प्रकार की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति के लिए तैयार है। भारत ऐसे सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए रोडमैप पर काम कर रहा है। भारत में विशेष रूप से कोरोना महामारी के बाद से स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय मजबूती आई है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने अक्टूबर 2023 में चीन में एच9एन2 (H9N2) के एक मानव मामले की पृष्ठभूमि में देश में एवियन इन्फ्लूएंजा के मामलों के खिलाफ तैयारी के उपायों पर चर्चा करने के लिए हाल ही में एक बैठक की, जिसकी रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ को दी गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि “विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा समग्र जोखिम मूल्यांकन मानव से मानव में फैलने की कम संभावना और अब तक डब्ल्यूएचओ को रिपोर्ट किए गए एच9एन2 के मानव मामलों में कम मृत्यु दर का संकेत देता है।”
चीन के लिए फिर बढ़ी चिंता
चीन को कोविड-19 के बाद एक और संभावित स्वास्थ्य आपातकाल का सामना करना पड़ रहा है – एक रहस्यमय निमोनिया का प्रकोप स्कूलों में फैल गया है और इसके परिणामस्वरूप अस्पताल बीमार बच्चों से भर गए हैं। इससे वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों में चिंता पैदा हो गई है। इस रहस्यमयी बीमारी के प्रकोप का केंद्र बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत हैं, जहां बाल चिकित्सा अस्पतालों को भारी संख्या में बीमार बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है। स्थिति की गंभीरता के कारण कुछ स्कूलों में कक्षाएं निलंबित कर दी गई हैं, क्योंकि छात्र और शिक्षक दोनों बीमार पड़ गए हैं। यह स्थिति चीन में कोविड-19 के शुरुआती दिनों की याद दिलाती है।
अवैध सट्टेबाजी पर कड़ा एक्शन: महादेव सहित 22 ‘अवैध’ ऐप्स और वेबसाइट्स हुए ब्लॉक
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) नें महादेव ऐप सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए हैं। यह कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद हुई, जिसमें ऐप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ है। बता दें कि महादेव बुक के मालिक वर्तमान में हिरासत में हैं, उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धारा 19 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो पीएमएलए, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय है।
ईडी के अनुरोध पर की गई कार्रवाई
केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया और ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया।” राज्य सरकार द्वारा किया गया है जबकि वे पिछले 1.5 वर्षों से इसकी जांच कर रहे हैं। वास्तव में, ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है और इस पर कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह के अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका।
22 अवैध ऐप्स-वेबसाइट्स किए गए ब्लॉक
MEITY ने ED के अनुरोध पर महादेव ऐप सहित 22 ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है। राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि “छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। हमें ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है, जिसके बाद इसे ब्लॉक कर दिया गया है।
बता दें, महादेव बुक नाम के इस ऐप से कुछ ही महीनों में देशभर से 12 लाख से ज्यादा लोग जुड़ गए थे और इसके जरिए क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाने के लिए लोग इस ऐप का इस्तेमाल करने लगे थे। इतना ही नहीं,. कोरोना महामारी के बाद इस ऐप का कारोबार काफी तेजी से आगे बढ़ा था।