राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मप्र में पांचवां और आखिरी दिन था। इस दिन यात्रा उज्जैन से धार फिर रतलाम जिले में पहुंचीं। दोनों ही जगह कांग्रेस ने आदिवासियों पर फोकस रखा और भाजपा सरकार पर हमला किया।
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एमएसपी
Nirmala Sitharaman: ‘किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार गंभीरता से काम कर रही’, वित्त मंत्री बोलीं- बातचीत जारी
निर्मला सीतारमण।
– फोटो : Social Media
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी बातचीत के बारे में अपडेट दिया। सीतारमण ने कहा, “केंद्र सरकार ने मंत्रियों की तीन सदस्यीय समिति बनाई है और किसानों के साथ बातचीत कर रही है। पीएम मोदी ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर कदम उठाया है और वह छोटे से छोटे किसानों के लिए भी काम करते हैं। यूरिया का मूल्स 300 रुपये से बढ़कर 3,000 रुपये तक पहुंच गया है, लेकिन आज भी किसान इसे 300 रुपये में खरीद रहे हैं क्योंकि सरकार ने इसकी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है। हम किसानों से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से काम कर रहे हैं।
#WATCH | Union Finance Minister Nirmala Sitharaman says, ” Centre has formed a 3-member committee of Ministers and is negotiating with farmers…PM Modi has taken every step to increase the income of farmers and he works for even the smallest farmers. The expense of Urea has… pic.twitter.com/mBEd6uXa5o
— ANI (@ANI) February 23, 2024
23 फसलों पर तय हो MSP; किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव, 21 फरवरी को करेंगे दिल्ली कूच
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Farmers Protest: एमसएपी और कर्ज माफी सहित कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े किसानों ने केंद्र सरकार के साथ चौथे दौर की वार्ता में दिए गए प्रस्वात को ठुकरा दिया है। किसान नेताओं ने मांगें न मानने पर 21 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बची हुई मांगों पर भी सरकार से जवाब मांगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हम बैठक में पहले पहुंच जाते हैं और सरकार के नुमाइंदे तीन-तीन घंटे देरी से आ रहे हैं, जिससे उनकी गंभीरता दिखती है। उन्होंने कहा सरकार 23 फसलों पर एमएसपी की गारंटी अभी दे और बाद में जो फसलें बचेंगी उन पर भी स्टडी करके गारंटी दे।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान नेताओं ने कहा कि हमें आराम से दिल्ली जाने दें या फिर हमारी मांगों पर फैसले लें। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि किसानों ने प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट है। किसान नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। साथ ही सभी किसान संगठनों को भी आंदोलन में निमंत्रण दे दिया है।
क्या था केंद्र का प्रस्ताव
चंडीगढ़ में एक दिन पहले हुई किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की चौथे दौर की वार्ता में केंद्र ने किसानों को प्रस्ताव दिया था कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया था कि केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा। पीयूष गोयल ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की थी।
किसान नेताओं ने विचार करने की बात कही थी
केंद्र के इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं ने कहा था कि वह सभी संगठनों से बात करेंगे। केंद्र का प्रपोजल अच्छा, दो दिन विचार करेंगे, 21 को फैसला लेंगे दिल्ली जाना है या घर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि सरकार की ओर से हमें एमएसपी को लेकर एक अच्छी प्रपोजल आई है कि दालों और कॉटन की खरीद पर केन्द्र सरकार की एजेंसियां एम.एस.पी. पर गारंटी देंगी। कर्ज माफी पर अभी चर्चा जारी है। दिल्ली जाने वाला प्रोग्राम अभी भी कायम है। 21 फरवरी तक का समय है। हम 19 और 20 फरवरी को सरकार के प्रपोजल पर विचार करेंगे। 21 फरवरी को हम फैसला लेंगे कि दिल्ली जाना है या घर वापस जाना है।
रिपोर्ट: मोनी देवी
कुछ फसलों पर MSP का प्रस्ताव, मैराथन बैठक में सरकार का फैसला; क्या मानेंगे किसान
एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े पंजाब के किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता देर रात खत्म हो गई।
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घर वापसी करेंगे किसान? सरकार के साथ अहम बैठक आज, जानें कहां अटकी है बात
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Farmer Protest Update: किसान संगठन अपनी मांगों को मनमाने के लिए एक बार फिर सड़क पर हैं। एमसएसपी पर कानून समेत कई मांगों को लेकर किसान संगठनों का प्रदर्शन पिछले कुछ दिनों से जारी है। दिल्ली कूच को निकले किसानों को भले ही पुलिस ने पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर रोक लिया है लेकिन, किसानों ने अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी है। आज किसान संगठनों के बीच सरकार की चौथे दौर की वार्ता होनी है। यह सबसे अहम बैठक मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, सरकार एमएसपी पर एक कमेटी की घोषणा कर सकती है। इसके लिए सरकार आज की बैठक में किसान संगठनों को प्रस्ताव भी दे सकती है। आज की बैठक में किसान संगठन निर्णय ले सकते हैं कि वे दिल्ली कूच का आह्वान जारी रखेंगे या घर वापसी करेंगे।
केंद्रीय मंत्रियों के साथ कई मुद्दों को हल करने के लिए किसान संगठन रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इससे पहले पंजाब फार्म यूनियन नेताओं ने शनिवार को कहा कि सरकार को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी प्रदान करने के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा, ”अगर सरकार चाहे तो रातों-रात अध्यादेश ला सकती है। अगर वह किसानों के विरोध का समाधान चाहती है तो उसे अध्यादेश लाना चाहिए।”
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के नेता पंढेर से सहमत हैं और अध्यादेश की मांग दोहरा रहे हैं। उनका कहना है कि “जब सरकार अध्यादेश लाना चाहती है, तो लाती है… वे अब ऐसा क्यों नहीं कर सकते?” दल्लेवाल ने कहा कि इसे छह महीने के भीतर कानून में बदला जा सकता है।
एमएसपी पर अध्यादेश की मांग फार्म यूनियन नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की वार्ता से एक दिन पहले आई है। एमएसपी की गारंटी कृषि संघों की प्रमुख मांगों में से एक रही है। किसान संगठनों की दूसरी मांग ऋण माफी है।
पंढेर ने कहा एमएसपी की गारंटी फसलों के विविधीकरण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, सरकार दलहन और तिलहन का आयात करती है। कहा, “हम दलहन और तिलहन का भी उत्पादन कर सकते हैं। लेकिन हम गेहूं और धान की ओर जाते हैं क्योंकि वहां कोई सुनिश्चित खरीद नहीं है। अगर हमें गारंटी मिलती है, तो हमें इनका उत्पादन करने से कौन रोकता है?”
कृषि ऋण माफी पर पंधेर ने कहा कि केंद्र कह रहा है कि ऋण राशि का आकलन किया जाना चाहिए। सरकार को बैंकों से डेटा एकत्र करने से कौन रोकता है? यह केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति का मामला है।