पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने किसान आंदोलनकारियों से कहा कि यह एक युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने (प्रदर्शनकारियों ने) ऐसी स्थिति पैदा की। बाद में कहते हैं कि महिलाएं और बच्चे घायल हो गए।
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Farmer Movement
‘हरियाणा CM पर हत्या का केस चले’; किसान की मौत से भड़का SKM, देशव्यापी आंदोलन का ऐलान
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बैठक में 22 साल के किसान शुभकरन सिंह की पुलिस से झड़प को दौरान मौत के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है।
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23 फसलों पर तय हो MSP; किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव, 21 फरवरी को करेंगे दिल्ली कूच
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Farmers Protest: एमसएपी और कर्ज माफी सहित कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े किसानों ने केंद्र सरकार के साथ चौथे दौर की वार्ता में दिए गए प्रस्वात को ठुकरा दिया है। किसान नेताओं ने मांगें न मानने पर 21 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बची हुई मांगों पर भी सरकार से जवाब मांगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हम बैठक में पहले पहुंच जाते हैं और सरकार के नुमाइंदे तीन-तीन घंटे देरी से आ रहे हैं, जिससे उनकी गंभीरता दिखती है। उन्होंने कहा सरकार 23 फसलों पर एमएसपी की गारंटी अभी दे और बाद में जो फसलें बचेंगी उन पर भी स्टडी करके गारंटी दे।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान नेताओं ने कहा कि हमें आराम से दिल्ली जाने दें या फिर हमारी मांगों पर फैसले लें। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि किसानों ने प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट है। किसान नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। साथ ही सभी किसान संगठनों को भी आंदोलन में निमंत्रण दे दिया है।
क्या था केंद्र का प्रस्ताव
चंडीगढ़ में एक दिन पहले हुई किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की चौथे दौर की वार्ता में केंद्र ने किसानों को प्रस्ताव दिया था कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया था कि केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा। पीयूष गोयल ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की थी।
किसान नेताओं ने विचार करने की बात कही थी
केंद्र के इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं ने कहा था कि वह सभी संगठनों से बात करेंगे। केंद्र का प्रपोजल अच्छा, दो दिन विचार करेंगे, 21 को फैसला लेंगे दिल्ली जाना है या घर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि सरकार की ओर से हमें एमएसपी को लेकर एक अच्छी प्रपोजल आई है कि दालों और कॉटन की खरीद पर केन्द्र सरकार की एजेंसियां एम.एस.पी. पर गारंटी देंगी। कर्ज माफी पर अभी चर्चा जारी है। दिल्ली जाने वाला प्रोग्राम अभी भी कायम है। 21 फरवरी तक का समय है। हम 19 और 20 फरवरी को सरकार के प्रपोजल पर विचार करेंगे। 21 फरवरी को हम फैसला लेंगे कि दिल्ली जाना है या घर वापस जाना है।
रिपोर्ट: मोनी देवी
कुछ फसलों पर MSP का प्रस्ताव, मैराथन बैठक में सरकार का फैसला; क्या मानेंगे किसान
एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े पंजाब के किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता देर रात खत्म हो गई।
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आज निकलेगा समाधान? केंद्र सरकार-किसान संगठनों के बीच बातचीत जारी, भगवंत मान भी शामिल – India TV Hindi
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच जारी गतिरोध के बीच 3 केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति चंडीगढ़ में किसान नेताओं से एक फिर वार्ता कर रही है। कृषि व किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसान नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। यह दोनों पक्षों के बीच तीसरे चरण की वार्ता है।
बेनतीजा रही थी पहले दो चरण की वार्ता
आठ और 12 फरवरी को हुई पहले दो चरण की वार्ता बेनतीजा रही थी। पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करने का आह्वान किया है और वे पंजाब तथा हरियाणा की शंभू तथा खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसान नेताओं ने कहा कि वे बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने का कोई नया प्रयास नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई केंद्र के प्रस्तावों के आधार पर तय की जाएगी।
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं सैकड़ों किसान
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) और बीकेयू दकौंदा (धानेर) ने गुरुवार को राज्य में ‘रेल रोको’ का आह्वान किया था। शंभू और खनौरी सीमाओं पर हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों द्वारा प्रदर्शकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने और पानी की बौछारों का इस्तेमाल करने के विरोध में उक्त फैसला किया गया। ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के तहत सैकड़ों किसान शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के MSP की गारंटी के वास्ते कानून बनाने और कर्ज माफी सहित अपनी मांगों को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘‘दिल्ली चलो’’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।
बॉर्डर सील होने के कारण नहीं हो पाई दिल्ली में एंट्री
हरियाणा पुलिस ने किसानों को उनकी ट्रैक्टर-ट्रॉली में दिल्ली जाने से रोकने के लिए अवरोधक लगाकर सीमा सील कर दी है। अंबाला के समीप शंभू सीमा पर सुरक्षाकर्मियों ने बुधवार को रुक-रुक कर आंसू गैस के गोले छोड़े। जब भी किसानों का कोई समूह अवरोधकों की ओर बढ़ने की कोशिश करता,तो आंसू गैस के गोले छोड़ दिए जाते। प्रदर्शनकारियों ने भी सुरक्षा कर्मियों पर पथराव किया। हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा पर भी इसी तरह का गतिरोध जारी है।
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