New MSP Formula: सरकार को राज्यों में किराए के आधार पर कीमतें तय करनी होंगी। मुंबई या दिल्ली के आसपास भूमि का किराया ओडिशा या मणिपुर जैसे राज्यों में खेती योग्य भूमि की तुलना में कई गुना अधिक है।
एमएसपी
13 फरवरी को फिर दिल्ली में हल्ला बोल, अब किसानों के राजधानी की तरफ मार्च की वजह क्या – India TV Hindi
चंडीगढ़: किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली तक मार्च करेंगे। एक शीर्ष किसान नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दावा किया कि देशभर से 200 से अधिक किसान संगठन “दिल्ली चलो” मार्च में भाग लेंगे। ये सभी संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का हिस्सा हैं।
कई जगहों पर ट्रैक्टर रैलियां निकाल रहे किसान
चंडीगढ़ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए डल्लेवाल ने आरोप लगाया कि जब किसानों ने अब निरस्त किये जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, तब केंद्र ने एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का वादा किया था, लेकिन कॉरपोरेट क्षेत्र के दबाव के कारण सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि मार्च की तैयारियां चल रही हैं और किसान कई जगहों पर ट्रैक्टर रैलियां निकाल रहे हैं।
लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग
डल्लेवाल ने कहा, “केवल पंजाब से ही नहीं, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के किसान भी इस मार्च में हिस्सा लेंगे।” किसान शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर से दिल्ली की ओर जाएंगे। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की भी मांग कर रहे हैं।
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हंगामेदार रही महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत
Maharashtra Assembly Winter Session: महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत आज (7 दिसंबर) से नागपुर में हुई. विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले परिसर से बाहर निकल गए. शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने आक्रामक तेवर अपनाते हुए विधानमंडल की सीढ़ियों पर बैठकर संतरे और कपास को हाथ में लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. नेता प्रतिपक्ष ने किसानों की कर्जमाफी की मांग की.
इस बीच देखा जाए तो महाराष्ट्र में हुई बेमौसम बारिश से किसानों का बेहद नुकसान हुआ है. खासकर कपास और सोयाबीन की फसलों पर ज्यादा असर पड़ा है. इस वजह से किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ हैं. इस मुद्दे पर महाविकास आघाड़ी ने विधानमंडल में नारेबाजी करते हुए किसानों के बैंक खाते में तुरंत पैसा ट्रांसफर करने की आवाज बुलंद की.
‘सरकार किसानों के मुद्दे पर असंवेदनशील’
वडेट्टीवार ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसान बेमौसम बारिश से परेशान है तो सरकार विज्ञापन में मस्त है. सरकार किसानों के मुद्दे पर असंवेदनशील है और उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार कर रही है.
विरोध प्रदर्शन के दौरान हाथों पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे विपक्षी सदस्य
इस अवसर पर विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, वर्षा गायकवाड़, विधानमंडल नेता प्रतिपक्ष वडेट्टीवार सहित महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने एकजुटता दिखाते सरकार के खिलाफ धरना दिया. विरोध प्रदर्शन के दौरान जयंत पाटिल, अनिल देशमुख, सुनील प्रभु हाथों पर काली पट्टी बांध नजर आए.
बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों से मिले शिंदे-फडणवीस
सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, कृषि मंत्री धनंजय मुंडे और राहत एवं पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल ने बेमौसमी बारिश के कारण किसानों की खेती पर पहुंचकर मौका मुआयना किया. इस दौरे पर उन्होंने किसानों से भी मुलाकात की और नुकसान को लेकर किसानों से बातचीत की.
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