राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मप्र में पांचवां और आखिरी दिन था। इस दिन यात्रा उज्जैन से धार फिर रतलाम जिले में पहुंचीं। दोनों ही जगह कांग्रेस ने आदिवासियों पर फोकस रखा और भाजपा सरकार पर हमला किया।
Source link
मल्लिकार्जुन खड़गे
रेलवे स्टेशनों पर बने पीएम मोदी के सेल्फी बूथ को लेकर खरगे बोले, ‘जनता के टैक्स की बर्बादी’
Mallikarjun Kharge on PM Modi Selfie Booths: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सूचना के अधिकार के तहत रेलवे विभाग की ओर से मिले जवाब का हवाला देते हुए मंगलवार (26 दिसंबर) को आरोप लगाया कि रेलवे स्टेशनों (Railway Stations) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तस्वीरों वाले ‘सेल्फी बूथ’ स्थापित करना करदाताओं के पैसे की ‘बर्बादी’ है. दूसरी तरफ विपक्षी दल शासित राज्य मनरेगा (MGNREGA) फंड का इंतजार कर रहे हैं.
उन्होंने सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत प्राप्त जवाब की एक प्रति साझा की, जिसमें मध्य रेलवे के तहत उन स्टेशनों को सूचीबद्ध किया गया है जहां अस्थायी और स्थायी सेल्फी बूथ स्थापित किए गए हैं.
कितनी है सेल्फी बूथ की लागत?
आरटीआई जवाब के अनुसार, श्रेणी ए के स्टेशनों के लिए अस्थायी ‘सेल्फी बूथ’ की स्वीकृत लागत 1.25 लाख रुपये है, जबकि श्रेणी सी स्टेशनों के लिए स्थायी ‘सेल्फी बूथ’ की स्थापना लागत 6.25 लाख रुपये है.
खरगे ने आरोप लगाया, ”मोदी सरकार की आत्ममुग्ध प्रचार की कोई सीमा नहीं. रेलवे स्टेशनों पर पीएम मोदी के 3डी सेल्फी प्वाइंट स्थापित करना करदाताओं के पैसे की पूरी तरह से बर्बादी है.”
Self-obsessed promotion by Modi Govt knows NO bounds!
Absolutely brazen waste of taxpayers money by installing Modi ji’s 3D selfie points at Railway Stations. (RTI Reply)
Earlier, the blood and sacrifice of our brave soldiers was politically used by ordering the Armed Forces… pic.twitter.com/HEYo8OqmOo
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 26, 2023
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को प्रधानमंत्री मोदी के कट-आउट के साथ 822 ऐसे सेल्फी-प्वाइंट स्थापित करने का आदेश देकर बहादुर सैनिकों के बलिदान का राजनीतिक उपयोग किया गया.
‘केंद्र से नहीं मिली राज्यों को सूखा व बाढ़ राहत राशि’
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ”मोदी सरकार ने राज्यों को सूखा और बाढ़ राहत के लिए राशि नहीं दी है. विपक्ष शासित राज्यों की मनरेगा निधि भी लंबित है. लेकिन इसमें इन सस्ते चुनावी स्टंटों पर उदारतापूर्वक सार्वजनिक धन खर्च करने का दुस्साहस है.”
यूजीसी ने भी निकाले थे यूनिवर्सिटीज में सेल्फी प्वाइंट बनाने के आदेश
पीएम मोदी के सेल्फी प्वाइंट को लेकर पहले भी विवाद खड़े हो चुके हैं. इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से यूनिवर्सिटीज परिसर में उनके कटआउट लगाने और सेल्फी प्वाइंट बनाने का एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इस तरह की अधिसूचना पर भी कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई थी और सरकारी शिक्षण संस्थानों को सरकार का प्रचार करने के लिए हथकंडे के तौर पर अपनाने का आरोप लगाया था.
यह भी पढ़ें: VVIP सीटों का ओपिनियन पोल: पीएम मोदी की होगी जीत, सोनिया गांधी, डिंपल यादव, स्मृति ईरानी और वरुण गांधी का जानें हाल
‘ये प्रियंका गांधी का प्रमोशन’, यूपी की जिम्मेदारी से हटाए जाने पर बोले अमित मालवीय
Amit Malviya On Congress: कांग्रेस में बड़े फेरबदल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने गांधी परिवार पर निशाना साधा. उन्होंने प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने पर कहा कि इसे उनके लिए पदोन्नति के रूप में देखा जाना चाहिए. इससे पता चलता है कि गांधी परिवार की कांग्रेस के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है.
इससे पहले अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बीच भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता के सिद्धांत की वकालत की थी. बता दें कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया. हालांकि, वह पार्टी की महासचिव बनी रहेंगी और उन्हें किसी भी राज्य में कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी.
सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया
इसके अलावा राजस्थान के विधायक सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है. यह पहला मौका है कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट छत्तीसगढ़ में काम करेंगे. वह कुमारी शैलजा की जगह लेंगे, जबकि शैलजा अब उत्तराखंड की प्रभारी होंगी.
कांग्रेस नेता जीए मीर झारखंड के प्रभारी महासचिव बनाए गए है और उन्हें पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है. वहीं दीपा दासमुंशी को तेलंगाना के अतिरिक्त प्रभार के साथ केरल और लक्षद्वीप का महासचिव नियुक्त किया गया है.
के सी वेणुगोपाल बने रहेंगे अपने पद पर
वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, के सी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला क्रमश संचार, संगठन, गुजरात और कर्नाटक के प्रभारी महासचिव बने रहेंगे, जबकि असम के प्रभारी महासचिव जितेंद्र सिंह को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. दीपक बाबरिया के पास दिल्ली और हरियाणा का अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है.
यह फेरबदल कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दो दिन बाद हुआ है. इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की थी और इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया था.
यह भी पढ़ें- राहुल गांधी कांग्रेस में ही नहीं दिला पाए हक! मल्लिकार्जुन खरगे ने बनाए 12 महासचिव, लेकिन केवल एक ओबीसी को मिली जगह
कांग्रेस नेता जयराम रमेश बोले- ‘सांसद धीरज साहू के बिजनेस से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं’
IT Raids On Dheeraj Sahu: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू (Dhiraj Prasad Sahu) के ठिकानों से इनकम टैक्स की रेड के दौरान 200 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद की गई है. इस मामले पर कांग्रेस ने अब धीरज साहू के बिजनेस से किसी भी तरह का लेन-देन होने से इनकार कर दिया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘सिर्फ वही बता सकते हैं और उन्हें यह स्पष्ट करना भी चाहिए. यह भी बताना चाहिए कि कैसे आयकर अधिकारियों की ओर से कथित तौर पर उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में कैश बरामद किया जा रहा है.’
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मांगी पूरे मामले पर रिपोर्ट
इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड कांग्रेस से रिपोर्ट भी तलब की है. इस मामले के बाद कांग्रेस पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है. जयराम रमेश के बयान के बाद अब कांग्रेस इस पूरे प्रकरण से अपने को बचाने की कोशिश में जुट गई है.
साहू के ओडिशा और झारखंड में कई ठिकानों पर आयकर विभाग की ओर से लगातार छापेमारी जारी है. अधिकारियों के मुताबिक लगातार तीन दिनों तक चली रेड में उनके ठिकानों से करीब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश बरामद हो चुका है. इस कैश का कोई हिसाब-किताब आईटी विभाग के अधिकारियों को नहीं मिला है.
अलमारियों और बैग्स में भरे पड़े थे नोटों के बंडल
वहीं, इतनी भारी रकम बरामद होने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. कथित वीडियो में देखा जा सकता है कि अलमारियों में नोटों के बंडल रखे हैं. अलमारियां नोटों के बंडलों से भरी पड़ी हैं. नीचे रखे बैग्स भी नोटों से भरे पड़े नजर आ रहे हैं.
सांसद धीरज साहू के बिज़नेस से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ़ वही बता सकते हैं, और उन्हें यह स्पष्ट करना भी चाहिए, कि कैसे आयकर अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में कैश बरामद किया जा रहा है।
The Indian National Congress is…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 9, 2023
राज्यसभा चुनाव हलफनामे में घोषित की थी इतनी संपत्ति
धीरज साहू की बात करें तो झारखंड के लोहरदगा के रहने वाले बिजनेसमैन ने 2018 के राज्यसभा चुनाव हलफनामे में कुल 34.83 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी. उन्होंने 2.04 करोड़ रुपये की चल संपत्ति बताई और रेंज रोवर, फॉर्च्यूनर, बीएमडब्ल्यू और पजेरो सहित लक्जरी कारों को लिस्टेड किया था. वह 3 बार राज्यसभा के लिए चुने गए हैं और उर्जा मंत्रालय और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं. उन्होंने 1977 में पॉलिटिक्स ज्वाइन की थी.
‘पीएम मोदी के ट्वीट के बाद बीजेपी के निशाने पर आई कांग्रेस’
इस बीच देखा जाए तो इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा था जिसके बाद IT छापे को लेकर कांग्रेस पार्टी, बीजेपी के सीधे निशाने पर आ गई. पीएम मोदी ने कहा था कि देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के ‘भाषणों’ को सुनें…, जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह ‘मोदी की गारंटी’ है.
यह भी पढ़ें: S Jaishankar Remarks: गुजरातियों से घिरे रहने पर कैसा महसूस करते हैं एस जयशंकर? विदेश मंत्री ने दिया ये जवाब
कमलनाथ ने मल्लिकार्जुन खरगे से की मुलाकात, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख पद छोड़ने की संभावना
Madhya Pradesh Election Results: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजों के बाद कांग्रेस पार्टी में हलचल तेज हो गई है. मध्य प्रदेश में मिली करारी हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार (05 दिसंबर) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से दिल्ली में मुलाकात की. चर्चा है कि वो प्रदेश अध्यक्ष के अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद कमलनाथ को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्देश दिया गया. इसके अलावा, कांग्रेस नेतृत्व सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित इंडिया गठबंधन के कई नेताओं के खिलाफ कमलनाथ की टिप्पणियों से भी नाराज है.
मध्य प्रदेश में करारी हार से पार्टी नाराज
17 नवंबर को मध्य प्रदेश में 230 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए. जिसमें सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस को पटखनी देते हुए 163 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटें जीतकर संतोष करना पड़ा. एमपी में कांग्रेस की करारी हार के लिए कमलनाथ को जिम्मेदार बताया जा रहा है. चुनाव में सपा के साथ सीट बंटवारे और उसके मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ टिप्पणियां कमलनाथ को भारी पड़ गईं.
हालांकि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वे हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हार से निराश न हों बल्कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करें. पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश करते हुए, कमलनाथ ने आपातकाल के बाद 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार को याद किया, जब इंदिरा गांधी और संजय गांधी जैसे दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा था और कैसे पार्टी ने वापसी की और तीन बार प्रभावशाली जीत दर्ज की.