मणिपुर में फिर हिंसा भड़कने का मामला सामने आया है। ताजा गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और बीजेपी नेता सहित पांच लोग घायल हो गए। पुलिस को आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
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Manipur Violence News
‘कुकी और मैतेई समुदायों को गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर खत्म करने चाहिए मतभेद’: पूर्व BJP नेता
Manipur Violence News: मणिपुर हिंसा के लेकर वहां के मशहूर अभिनेता राजकुमार सोमेंद्र उर्फ ‘कैकू’ ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुकी और मैतेई समुदायों को मतभेद दूर करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक संयुक्त बैठक करनी चाहिए.
मणिपुर के अभिनेता राजकुमार सोमेंद्र ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता छोड़ी है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जारी हिंसा के कारण बहुत से लोग बेघर हो गए हैं और कई लोगों ने अपना रोजगार खो दिया है.
गृह मंत्री से बैठक करने की बात कही
अभिनेता और पूर्व बीजेपी नेता राजकुमार सोमेंद्र ने कहा, ”अब समय आ गया है कि शांति स्थापित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं. संघर्षरत दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों को एकसाथ आना चाहिए और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहिए और सभी बिंदुओं पर चर्चा कर मतभेदों को हल करना चाहिए.”
छोटे कालाकारों की हालत दयनीय
पिछले पांच महीने से मणिपुर में जारी हिंसा के कारण 175 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इस हिंसा के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं जो अस्थायी शरणार्थी शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं.
अभिनेता ने कहा, “काम के अभाव में राज्य के छोटे कलाकारों की हालत दयनीय हो गई है. कलाकारों के पास कोई काम नहीं है और उनके लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना लगभग असंभव हो गया है. वास्तव में, राज्य में आम लोगों की स्थिति बेहद कठिन हो गई है.”
अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर राजकुमार ने कहा कि उन्होंने अभी इस बारे में नहीं सोचा है. उन्होंने कहा, ‘‘पहले पूरे राज्य में शांति कायम होने दें. एक बार शांति स्थापित हो जाए तो मैं अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में सोचूंगा. फिलहाल सबसे महत्वपूर्ण चीज इस हिंसा को खत्म करना है.’’
मणिपुर में भीड़ ने सीएम बीरेन सिंह के परिवार के खाली घर को निशाना बनाने की कोशिश की
CM Biren Singh House: मणिपुर में भीड़ ने गुरुवार (28 सितंबर) को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के परिवार के खाली घर पर हमला करने की कोशिश की. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि इस दौरान सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया.
Mob tries to attack empty residence belonging to Manipur CM’s family; security forces foil attempt: Police
— Press Trust of India (@PTI_News) September 28, 2023
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इंफाल के हिंगांग इलाके में मुख्यमंत्री के परिवार के घर पर हमला करने का प्रयास किया गया था. सुरक्षा बलों ने भीड़ को घर से लगभग 100 मीटर दूर रोक दिया. अधिकारी ने कहा कि अब घर में कोई नहीं रहता है, हालांकि यह कड़ी सुरक्षा में है.
छात्रों की मौत पर बवाल
बता दें कि मणिपुर में सोमवार (25 सितंबर) को उस वक्त नए सिरे से तनाव फैल गया जब जुलाई से लापता दो छात्रों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. दो युवकों की मौत को लेकर छात्रों ने मंगलवार और बुधवार (26-27 सितंबर) को हिंसक विरोध प्रदर्शन किया.
भीड़ ने गुरुवार (28 सितंबर) को तड़के इंफाल पश्चिम जिले में उपायुक्त कार्यालय में भी तोड़फोड़ की और चार पहिया दो वाहनों में आग लगा दी थी. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने स्थिति को काबू में किया.
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों की झड़प में कई घायल
अधिकारियों ने बताया कि उरीपोक, यैसकुल, सगोलबंद और टेरा इलाकों में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों से झड़प हुई जिसके कारण सुरक्षाबल को स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े. इस कार्रवाई में दर्जनों लोग घायल हो गए. वहीं कई जवान भी जख्मी हुए हैं.
पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक
मणिपुर पुलिस ने कहा है कि पुलिस मुख्यालय में एक बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों स्थिति की जानकारी दी गई. पुलिस ने X पर पोस्ट किया, ”राज्य में वर्तमान कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए इंफाल में पीएचक्यू (पुलिस मुख्यालय) में सीएपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक हुई. छात्रों के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों को जो चोटें आईं, इस बारे में अधिकारियों को जानकारी दी गई.”
A meeting of senior officers of CAPF was held at PHQ, Imphal to discuss the present law and order situation in the state.
The officers were apprised of the unfortunate injuries of students as well as security personnel. The forces discussed to use minimum force in dealing with…
— Manipur Police (@manipur_police) September 28, 2023
स्थिति का फायदा उठाने वालों से सख्ती से निपटेगी पुलिस
पुलिस ने कहा, ”बलों ने लोगों, खासकर छात्रों से निपटने में न्यूनतम बल का प्रयोग करने पर चर्चा की. मणिपुर पुलिस ने छात्रों से शांति बनाए रखने और सामान्य स्थिति को जल्द वापस लाने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपील की. मौजूदा स्थिति का फायदा उठाने वाले किसी भी शरारती तत्व से पुलिस सख्ती से निपटेगी. सभी मामलों की शीघ्र जांच के लिए संयुक्त सुरक्षा बल हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.”
(इनपुट भाषा से भी)
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मणिपुर हिंसा: भारी प्रदर्शनों के बीच इंफाल में कर्फ्यू, भीड़ ने पुलिस गाड़ी में लगाई आग
Protest in Manipur: मणिपुर में पांच महीने पहले शुरू हुई हिंसा का असर अब भी दिख रहा है. इंटरनेट और स्कूल बंद कर दिया गया है. तनाव को देखते हुए इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में कर्फ्यू लगाया गया है. राज्य में ताजा हिंसा उस समय शुरू हुई जब जुलाई से लापता दो युवकों के शवों की तस्वीरें सोमवार (25 सितंबर) को सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी. इसके बाद यहां प्रदर्शन शुरू हो गए.
विरोध के शोले सबसे पहले इंफाल में धधके. सिंग्जेई की सड़कों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई. गाड़ियों में आग लगा दी गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. विरोध प्रदर्शन बुधवार (27 सितंबर) को भी जारी रहा. इस दौरान कई प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबलों के जवान घायल हो गए.
प्रदर्शनकारियों के घायल होने को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, ‘‘अगर सुरक्षा बलों ने गोलियां या कुछ भी घातक हथियार इस्तेमाल किए हैं, तो सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. गंभीर चोटों के मामले में, जांच की जाएगी और उन्हें न्याय दिलाया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना मिली कि लोहे से बनी वस्तुएं बदमाशों ने सुरक्षाबलों पर फेंकी जिससे कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
मणिपुर पुलिस का बयान
मणिपुर पुलिस ने रात के करीब साढ़े 9 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ”भीड़ ने एक नेता के घर पर हमला करने की कोशिश की. इसे नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को खदेड़ दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस की एक जिप्सी को निशाना बनाकर उसे जला दिया.”
पुलिस ने कहा, ”एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट भी की और उसका हथियार छीन लिया. मणिपुर पुलिस इस तरह की कार्रवाई की निंदा करती है और ऐसे उपद्रवियों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाएगी. हथियारों की बरामदगी और बदमाशों की धरपकड़ के लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है.”
An unruly crowd tried to attack the house of a political leader, the joint security forces repelled the crowd by firing tear gas shells. The unruly crowd targeted a police gypsy and burnt it, while assaulting a policeman and snatched his weapon. Manipur Police condemns such…
— Manipur Police (@manipur_police) September 27, 2023
अमित शाह ने सीएम बीरेन सिंह से फोन पर की बात
इस बीच मणिपुर की एन बीरेन सिंह सरकार ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और मामले को सीबीआई को सौंप दिया. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार (27 सितंबर) को कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के विशेष निदेशक अजय भटनागर के नेतृत्व में एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम पहुंच गई है. इस टीम ने लापता हुए दो युवकों की हत्या मामले की जांच शुरू कर दी है.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया कि दोनों युवकों का अपहरण और हत्या करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा और सजा दी जाएगी. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात भी की.
अफस्पा कानून बढ़ाया गया
हालात बिगड़ता देख मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में AFSPA लागू रखने का फैसला किया गया है. जबकि 19 थाना क्षेत्रों को AFSPA से अलग रखा गया है. इनमें इंफाल, लेंफेल, सिटी, सिंग्जमेई, सेकमई, लामसांग, पत्सोई, वांगोई, पोरोमपट, हेंगेंग, लामलाई, इरिलबुंग, लेमखोंग, थोबुल, बिष्णुपुर, नांबोल, मोइरोंग, काकचिंग और जिरिबम शामिल हैं.
एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि, ”मणिपुर की मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति का विश्लेषण करने के बाद राज्य सरकार की राय है कि जमीनी स्तर पर विस्तृत मूल्यांकन करना वांछनीय नहीं है क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां कानून-व्यवस्था बनाए रखने में व्यस्त हैं.”
अधिसूचना में कहा गया, ‘‘इसलिए, अफस्पा की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मणिपुर के राज्यपाल ने 19 थाना क्षेत्रों में आने वाले इलाकों को छोड़कर, पूरे मणिपुर राज्य को एक अक्टूबर से छह महीने की अवधि के लिये ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया है.’’
स्कूल और इंटरनेट बंद
मणिपुर में इंटरनेट पर एक अक्टूबर को रात सात बजकर 45 मिनट तक प्रतिबंध लगाया गया है. राज्य में 3 मई को भड़की हिंसा के बाद इंटरनेट पर पाबंदी लगायी गयी थी और चार महीने से अधिक समय बाद हाल ही में इसे हटाया गया था. राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सभी स्कूलों में 27 और 29 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. 28 सितंबर को ईद-ए-मिलाद के अवसर पर राज्य में सार्वजनिक छुट्टी है.
कांग्रेस का निशाना
ताजा हिंसा को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राज्य के अक्षम मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बर्खास्त किया जाना चाहिए. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘147 दिनों से मणिपुर के लोग परेशान हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है. इस हिंसा में छात्रों को निशाना बनाए जाने की भयावह तस्वीरों ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. अब यह स्पष्ट है कि इस संघर्ष में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को हथियार बनाया गया.”
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प इंफाल के सिंग्जमेई इलाके में हुई. पीएम ने मणिपुर को पीठ दिखा दिया है इसकी हम निंदा करते हैं. बीते पांच महीने से जारी हिंसा के बावजूद पीएम मोदी मणिपुर नहीं गए. शायद उनके लिए मणिपुर है ही नहीं. गृहमंत्री ने कहा था कि वो बार बार मणिपुर जाएंगे लेकिन वो ऐसा नहीं कर रहे. पीएम मोदी ने क्या मणिपुर के सीएम से बात की?
एस जयशंकर ने क्या कहा?
मणिपुर हिंसा को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि मणिपुर में पर्याप्त कानून-व्यवस्था लागू है और राज्य और केंद्र सरकार ऐसा रास्ता खोजने का प्रयास कर रही हैं जिससे कि हालात पटरी पर लौटें. मंगलवार को न्यूयॉर्क में विदेश संबंध परिषद में मणिपुर की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मणिपुर समस्या का असर यहां आए प्रवासियों पर भी पड़ रहा है जो इससे अस्थिर हैं.’’
मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई हिंसा में 175 लोगों की जान जा चुकी है. 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर बार छोड़ चुके हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
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मणिपुर: कर्फ्यू के उल्लंघन पर सुरक्षा बलों ने दागे आंसू गैस के गोले, 40 से ज्यादा लोग घायल
Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा का एक और मामला सामने आया है. बुधवार (6 सितंबर) को बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में बैरिकैड्स को तोड़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे.
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान 40 से अधिक लोग घायल हो गए. घायलों में ज्यादातर महिलाएं थीं. घायलों को इलाज के लिए बिष्णुपुर जिला अस्पताल और मोइरांग सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
अधिकारियों ने कहा, ”कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए बिष्णुपुर जिले के ओइनम में सैकड़ों स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर आ गए और पुलिस और अन्य केंद्रीय बलों के उन जवानों की आवाजाही रोकने के लिए दोपहर करीब ढाई बजे सड़क के बीच में बैठ गए, जो इंफाल से फौगाकचाओ इखाई जा रहे थे.”
अधिकारियों ने बताया कि करीब 11.40 बजे, फौगाकचाओ इखाई जा रहे प्रदर्शनकारियों को राज्य पुलिस बलों ने रोक दिया, जिन्होंने लगभग 2 किलोमीटर दूर क्वाक्टा में बैरिकेड लगाया था. उन्होंने बताया कि हालांकि पुलिस ने आंसू गैस के कुछ गोले दागे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिया और फौगाकचाओ इखाई की ओर बढ़ गए. उन्होंने बताया कि इस हंगामे में कोई घायल नहीं हुआ.
‘कोआर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) के फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड तोड़ने के आह्वान पर लोग बिष्णुपुर जिले में एकत्रित हुए थे और मांग कर रहे थे कि उन्हें चुराचांदपुर की ओर धकेल दिया जाए.
बैरिकेड के कारण अपने घरों में नहीं जा पाए सैकड़ों मेइती
अपुनबा मणिपुर कनबा इमा लुप (एएमकेआईएल) के अध्यक्ष लौरेम्बम नगनबी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद तोरबुंग में अपने घरों को छोड़ने वाले सैकड़ों मेइती बैरिकेड के कारण अपने घरों में नहीं जा पाए. हम सिर्फ यह मांग कर रहे हैं कि वे स्थानांतरित किए जाएं ताकि लोग अपने घर जा सकें.’’
सीओसीओएमआई ने लोगों से बैरिकेड पर धावा बोलने का आह्वान किया था क्योंकि सरकार ने 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने संबंधी उनके अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया. राज्य सरकार ने मंगलवार को कानून-व्यवस्था के उल्लंघन की आशंका में घाटी के पांच जिलों में अगले आदेश तक पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया था.
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