नागरिकता संशोधन कानून मार्च से लागू करने की तैयारी है। मार्च के पहले सप्ताह में ही लोकसभा चुनाव का भी ऐलान होना है। ऐसे में सरकार आचार संहिता लगने से ठीक पहले ही यह बड़ा फैसला लेने जा रही है।
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Amit Shah News
गृह मंत्री अमित शाह से मिले ओम प्रकाश राजभर, यूपी और बिहार समेत इन मुद्दों पर हुई बात
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने गुरुवार को नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शाह से मुलाकात के बाद राजभर ने सोशल मीडिया वेबसाइट ‘X’ पर कहा कि दोनों नेताओं के बीच नए साल के मौके पर आत्मीय मुलाकात हुई और इस दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों समेत कई सियासी मुद्दों पर बात हुई। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले ओम प्रकाश राजभर पिछले दिनों बीजेपी के साथ वापस आ गए।
राजभर ने बताया, शाह से क्या हुई बात
शाह से मुलाकात के बाद राजभर ने X पर लिखा, ‘आज नई दिल्ली में देश के यशस्वी गृह मंत्री माननीय अमित शाह जी से नव वर्ष पर आत्मीय मुलाकात हुई और उत्तर प्रदेश और बिहार की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति, लोकसभा चुनाव की तैयारियों सहित भर/राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने के लिए प्रस्ताव यथा शीघ्र उत्तर प्रदेश सरकार से दिल्ली सरकार को रिपोर्ट मंगाने पर चर्चा हुई। बंजारा जाति के सामाजिक समस्याओं व गोंड, ख़रवार जाति के जाति प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में सरकार द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र के शासनादेश का पालन कराकर जाति प्रमाण पत्र जारी कराने पर चर्चा हुई एवं वंचित शोषित वर्गों के हितों से जुड़े अहम विषयों पर सकारात्मक चर्चा हुई।’
राजभर ने राम मंदिर पर उठाए थे सवाल
बता दें के 2017 के विधानसभा चुनाव में राजभर ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था और चुनाव जीतने के बाद योगी कैबिनेट में मंत्री भी बने थे। हालांकि गठबंधन विरोधी हरकतों के कारण मई 2019 में उन्हें योगी मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था जिसके बाद उन्होंने 2022 के चुनाव से पहले अखिलेश यादव से हाथ मिला लिया था। राजभर ने 2022 में यह कहकर तहलका मचा दिया था कि वह हिंदू नहीं हैं और वह एनडीए जॉइन नहीं करेंगे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण पर भी सवाल उठाए थे और कहा था कि बीजेपी को मंदिरों से ज्यादा स्कूलों पर फोकस करने को कहा था।
‘मन इटली का है तो नए कानून नहीं समझ आएंगे’, लोकसभा में बोले गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में आज देश के नए कानूनों में बदलाव लाने वाले भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में चर्चा की है। उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि पुराने कानून तत्कालीन कानून विदेशी शासकों द्वारा अपना वर्चस्व बनाए रखने में मदद के लिए बनाए गए थे। इन कानूनों में बदलाव पर बोलते हुए गृह मंत्री शाह ने इटली तक का जिक्र कर दिया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
अगर मन इटली का है तो…
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि पहली बार हमारे संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून अब पीएम मोदी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं। 150 साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने का मुझे गर्व है। कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें समझते, मैं उन्हें कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा। लेकिन अगर मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आएगा।
ये होंगे बड़े बदलाव
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया है कि नए कानून में कई परिवर्तन किए गए हैं। अब नए कानून में गैंगरेप में 20 साल, नाबालिग से दुष्कर्म पर मौत या आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं में आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक का प्रावधान और हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा का प्रावधान होगा। हालांकि, घायल को अस्पताल पहुंचाने, 30 दिन के भीतर गुनाह कबूलने पर राहत भी मिलेगी।
पहली बार आतंकवाद की व्याख्या
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है। जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए। उन्होंने कहा कि ये अंग्रेजों का शासन नहीं है, ये कांग्रेस का शासन नहीं है, ये भाजपा और नरेन्द्र मोदी का शासन है। यहां आतंकवाद को बचाने की कोई दलील काम नहीं आएगी।
एक साथ नजर आए नीतीश और अमित शाह, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
Amit Shah On Eastern Zonal Council Meet: केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में रविवार (10 दिसंबर) को बिहार के पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक हुई, जिसमें कई मुद्दों का समाधान निकाला गया. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गृह मंत्री शाह ने कहा, ”बैठक अच्छी रही और इसमें कई मुद्दों का समाधान निकाला गया. कुछ मुद्दों के लिए समितियां भी बनाई गईं.”
इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए. बैठक में अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय के सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
लगभग तीन घंटे तक चली बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में 1,157 मुद्दों का समाधान किया गया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों में राजनीतिक मामलों पर मतभेद से बचना चाहिए और उदार तरीके से मामलों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए.
‘एजेंडे में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को भी किया गया शामिल’
गृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों के एजेंडे में राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों को भी शामिल किया गया है. इनमें पोषण अभियान के जरिये बच्चों में कुपोषण को खत्म करना, स्कूली बच्चों की स्कूल छोड़ने की दर को कम करना और महिलाओं और बच्चों के खिलाफ रेप के मामलों की त्वरित जांच और त्वरित निपटान के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट का संचालन करना शामिल है.
बैंकों और भारतीय पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की हर गांव के 5 किलोमीटर के दायरे में सुविधा, देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) का गठन और देश में मौजूदा सभी पीएसीएस को मजबूत करना भी एजेंडे में शामिल किया गया.
हर तीन महीने में की जानी चाहिए मुद्दों की समीक्षा- अमित शाह
गृह मंत्री ने कहा कि इन मुद्दों की हर तीन महीने में मुख्यमंत्री, मंत्री और मुख्य सचिव के स्तर पर समीक्षा की जानी चाहिए. खनन, कुछ चीजों पर केंद्रीय वित्तीय सहायता, बुनियादी ढांचे का निर्माण, भूमि अधिग्रहण और भूमि हस्तांतरण, जल बंटवारा, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के कार्यान्वयन, राज्य पुनर्गठन और क्षेत्रीय स्तर पर आम हितों के मुद्दों पर भी मीटिंग में चर्चा हुई.
गृह मंत्री शाह ने कहा कि बैठक में सभी चार राज्यों बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा ने अपने-अपने राज्यों में लागू की जा रही अच्छी प्रथाओं के संबंध में प्रभावशाली प्रस्तुतियां दीं. उन्होंने कहा कि ये अच्छी प्रथाएं अन्य राज्यों को भी सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रेरित करेंगी.
बैठक में बताया गया कि हाजीपुर-सुगौली नई रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है. पश्चिम बंगाल में 15 किलोमीटर की नबद्वीपघाट-नबद्वीपधाम नई रेलवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम भी शुरू हो गया है. इसके अलावा, कृष्णानगर-नबद्वीपघाट गेज परिवर्तन यानी कृष्णानगर-अमघाटा के पूर्ण खंड पर काम शुरू कर दिया गया है.
बिहार में हुए जाति आधारित सर्वेक्षण पर क्या बोले गृह मंत्री?
बिहार में हुए जाति आधारित सर्वेक्षण को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब उनकी पार्टी बिहार में सत्ता में थी तो उन्होंने जाति आधारित सर्वेक्षण का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भी विधेयक को मंजूरी दी. गृह मंत्री ने कहा कि जाति-आधारित सर्वे के संबंध में कुछ मुद्दे हैं, उम्मीद है कि राज्य सरकार उन्हें हल करेगी. शाह ने यह भी कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण में बाधा उत्पन्न करने की केंद्र सरकार की कभी कोई मंशा नहीं थी.
रविवार को 21 मुद्दों पर हुई चर्चा
गृह मंत्री ने कहा, ”हालांकि, क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की भूमिका सलाहकारी होती है लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में अपने साढ़े चार साल के अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि परिषद और उसकी स्थायी समिति की बैठकों को महत्व देकर हमने कई मुद्दों का समाधान किया है. 17 जून, 2023 को आयोजित स्थायी समिति की 13वीं बैठक में कुल 48 मुद्दों पर गहन चर्चा की गई थी, जिसमें से कुल 28 मुद्दों को सदस्य राज्यों के मुख्य सचिवों और राज्यों और केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद आपसी सहमति से हल किया गया था. रविवार की बैठक में कुल 21 मुद्दों पर चर्चा हुई.”
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‘मुझे 4 दशक पहले का समय याद आ रहा है’, जब अमित शाह ने ताजा की ABVP के दौर की यादें
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन में छात्र एवं छात्राओं को संबोधित किया। शाह ने इस मौके पर कहा कि मैं गौरवान्वित हूं कि मैं विद्यार्थी परिषद का एक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हूं। उन्होंने कहा कि मुझे चार दशक पहले का समय याद आ रहा है, जब मैं कार्यकर्ता के रूप में पिछली पंक्ति में बैठा करता था। शाह ने कहा, ‘चीन युद्ध के बाद पूर्वोत्तर को देश से जोड़े रखने का कार्य करने में परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण है। ABVP वह मूर्ति है, जिसे यशवंतराव केलकर, मदनदास देवी, दत्ताजी डिडोलकर जैसे अनेकों महान शिल्पियों ने 75 वर्षों की इस यात्रा में गढ़ा है।’
‘आज कश्मीर भी हमारा है और नॉर्थईस्ट भी’
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अमित शाह ने कहा, ‘कश्मीर हो या गुवाहाटी, अपना देश अपनी माटी…ये नारा लगा कर हम ABVP के कार्यकर्ता बड़े हुए। और आज कश्मीर भी हमारा है और नार्थईस्ट भी। चाहे भाषा व शिक्षा का आंदोलन हो या संस्कृति को बरकरार रखना हो, हर क्षेत्र में विद्यार्थी परिषद ने युवाओं के माध्यम से समाज को ‘स्व’ का महत्त्व बताया है। यह देश के लिए जीने का समय है, युवा भारत माता को जीवन समर्पित करने के संकल्प के साथ इस अधिवेशन से जाएं और समाज को भी इस दिशा में एकजुट करें।’
अधिवेशन में पहुंचे 10 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं
बता दें कि ABVP के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के प्रत्येक जिले व विश्वविद्यालयों से 10 हजार से अधिक छात्रा-छात्र पहुंचे हैं। इस वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ भी है। इसी उपलक्ष्य पर ABVP ने बीते 28 नवम्बर को महाराष्ट्र के रायगड क़िले से हिन्दवी स्वराज्य यात्रा भी शुरू की थी जो देश के 75 जिलों से गुजरते हुए विभिन्न स्थानों की मिट्टी कलश में एकत्रित कर 7 दिसंबर को विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर समाप्त हुई। बता दें कि मौजूदा दौर में बीजेपी के कई नेताओं ने राजनीति का ककहरा ABVP में ही सीखा था।