मणिपुर में फिर हिंसा भड़कने का मामला सामने आया है। ताजा गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और बीजेपी नेता सहित पांच लोग घायल हो गए। पुलिस को आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
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मणिपुर हिंसा समाचार
मणिपुर में भीड़ ने सीएम बीरेन सिंह के परिवार के खाली घर को निशाना बनाने की कोशिश की
CM Biren Singh House: मणिपुर में भीड़ ने गुरुवार (28 सितंबर) को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के परिवार के खाली घर पर हमला करने की कोशिश की. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि इस दौरान सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया.
Mob tries to attack empty residence belonging to Manipur CM’s family; security forces foil attempt: Police
— Press Trust of India (@PTI_News) September 28, 2023
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इंफाल के हिंगांग इलाके में मुख्यमंत्री के परिवार के घर पर हमला करने का प्रयास किया गया था. सुरक्षा बलों ने भीड़ को घर से लगभग 100 मीटर दूर रोक दिया. अधिकारी ने कहा कि अब घर में कोई नहीं रहता है, हालांकि यह कड़ी सुरक्षा में है.
छात्रों की मौत पर बवाल
बता दें कि मणिपुर में सोमवार (25 सितंबर) को उस वक्त नए सिरे से तनाव फैल गया जब जुलाई से लापता दो छात्रों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. दो युवकों की मौत को लेकर छात्रों ने मंगलवार और बुधवार (26-27 सितंबर) को हिंसक विरोध प्रदर्शन किया.
भीड़ ने गुरुवार (28 सितंबर) को तड़के इंफाल पश्चिम जिले में उपायुक्त कार्यालय में भी तोड़फोड़ की और चार पहिया दो वाहनों में आग लगा दी थी. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने स्थिति को काबू में किया.
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों की झड़प में कई घायल
अधिकारियों ने बताया कि उरीपोक, यैसकुल, सगोलबंद और टेरा इलाकों में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों से झड़प हुई जिसके कारण सुरक्षाबल को स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े. इस कार्रवाई में दर्जनों लोग घायल हो गए. वहीं कई जवान भी जख्मी हुए हैं.
पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक
मणिपुर पुलिस ने कहा है कि पुलिस मुख्यालय में एक बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों स्थिति की जानकारी दी गई. पुलिस ने X पर पोस्ट किया, ”राज्य में वर्तमान कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए इंफाल में पीएचक्यू (पुलिस मुख्यालय) में सीएपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक हुई. छात्रों के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों को जो चोटें आईं, इस बारे में अधिकारियों को जानकारी दी गई.”
A meeting of senior officers of CAPF was held at PHQ, Imphal to discuss the present law and order situation in the state.
The officers were apprised of the unfortunate injuries of students as well as security personnel. The forces discussed to use minimum force in dealing with…
— Manipur Police (@manipur_police) September 28, 2023
स्थिति का फायदा उठाने वालों से सख्ती से निपटेगी पुलिस
पुलिस ने कहा, ”बलों ने लोगों, खासकर छात्रों से निपटने में न्यूनतम बल का प्रयोग करने पर चर्चा की. मणिपुर पुलिस ने छात्रों से शांति बनाए रखने और सामान्य स्थिति को जल्द वापस लाने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपील की. मौजूदा स्थिति का फायदा उठाने वाले किसी भी शरारती तत्व से पुलिस सख्ती से निपटेगी. सभी मामलों की शीघ्र जांच के लिए संयुक्त सुरक्षा बल हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.”
(इनपुट भाषा से भी)
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हिंसा के बाद मणिपुर से म्यांमार भागे 212 लोगों को सेना लाई वापस, सीएम ने कहा- थैंक्यू
Manipur Violence: मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने मणिपुर के सीमावर्ती शहर से म्यांमार गए 200 से ज्यादा भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए सेना (Indian Army) का धन्यवाद किया. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार (18 अगस्त) को ट्वीट कर लिखा कि 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने पर मणिपुर के मोरेह शहर से पड़ोसी देश म्यांमार (Myanmar) भागने वाले 212 भारतीय सुरक्षित घर लौट आए हैं.
एन बीरेन सिंह ने इन लोगों की वापसी के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद दिया. इन लोगों में सभी मैतई समुदाय से हैं. सीएम ने कहा कि इन लोगों को घर लाने के लिए भारतीय सेना का बहुत-बहुत धन्यवाद. जीओसी पूर्वी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, जीओसी 3 कॉर्प, लेफ्टिनेंट जनरल एचएस साही और 5 एआर के सीओ, कर्नल राहुल जैन का बहुत शुक्रिया.
मोरेह हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित
मणिपुर की राजधानी इम्फाल से लगभग 110 किमी दूर स्थित मोरेह हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक था. मोरेह में कुकी, मैतई और यहां तक कि तमिलों की मिश्रित आबादी रहती है. यहां अन्य समुदाय के भी लोग हैं. मुख्यमंत्री ने साथ ही ये भी कहा कि जातीय-संघर्ष से ग्रस्त राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
Relief and gratitude as 212 fellow Indian citizens (all Meiteis) who sought safety across the Myanmar border post the May 3rd unrest in Moreh town of Manipur, are now safely back on Indian soil.
A big shout-out to the Indian Army for their dedication in bringing them home.…
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) August 18, 2023
तीन मई को भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में बीती तीन मई को मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में आयोजित की गई आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई थी. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और सैंकड़ों लोग बेघर हो गए हैं.
मणिपुर की कुल आबादी में मैतई समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है जोकि इंफाल घाटी में रहते हैं. जबकि आदिवासी नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
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‘इन लोगों का चेहरा देखकर…’, मणिपुर पहुंचे विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता क्या बोले?
INDIA Delegation Manipur Visit: करीब तीन महीने से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर का जायजा लेने के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार (29 जुलाई) को मणिपुर पहुंचा है. प्रतिनिधिमंडल में 21 सांसद शामिल हैं.
राज्य के राहत शिविरों में लोगों से बातचीत करना और उनकी तकलीफें समझना प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं के कार्यक्रम का हिस्सा है. नेताओं ने चुराचांदपुर के राहत शिविर में पीड़ितों से मुलाकात की और उनका हाल जाना. हाल में यहां हिंसा हुई थी.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने किया राहत शिविर का दौरा
चुराचांदपुर में एक राहत शिविर का दौरा करने के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”इन लोगों का चेहरा देखकर पता चलता है कि ये डरे हुए हैं. इन लोगों को सरकार पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है. बहुत भयानक स्थिति पैदा हो चुकी है.”
मणिपुर के लोग बेहद डरे हुए हैं।
इनका सरकार पर से विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है। इन्हें पता है सरकार हमारी कोई मदद नहीं करेगी।
: मणिपुर में INDIA डेलिगेशन के सदस्य @adhirrcinc जी pic.twitter.com/Uv4NV4ESVO
— Congress (@INCIndia) July 29, 2023
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ”हम चाहते हैं कि लोगों की मांग सुनी जाएं. हम लोगों की मांग का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं. हम मणिपुर के लोगों और उनकी चिंताओं का प्रतिनिधित्व करने आए हैं.”
राहत शिविर के दौरे पर टीएमसी सांसद ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना
चुराचांदपुर में ही राहत शिविर के दौरे के दौरान टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा, ”लोग पीड़ित हैं और सोच रहे हैं कि हम घर कब जाएंगे. भारत सरकार को एक प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए था, उन्होंने मना कर दिया इसलिए विपक्षी दलों के गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल यहां आया है.”
उन्होंने कहा, ”देश के गृह मंत्री को 3 मई से पता नहीं था कि यहां क्या हो रहा है, आज 90 दिन बाद आप सीबीआई दे रहे हैं, इसका मतलब है कि या तो गृह मंत्री के पास कोई आईबी रिपोर्ट नहीं थी और वो टीवी पर तो बोल रहे हैं कि रिव्यू कर रहे हैं.”
‘सीबीआई दो महीने पहले क्यों नहीं दी गई?’
टीएमसी सांसद ने कहा, ”सीबीआई दो महीने पहले क्यों नहीं दी गई? सीबीआई ने उन्हीं को अरेस्ट किया जिसने उन महिलाओं का वीडियो बनाया. इसका मतलब है कि अमित शाह मणिपुर के लोगों को डरा रहे हैं कि वीडियो मत बनाना, वीडियो वाले को पकड़ लिया कि वीडियो मत निकालना, ये तो गलत बात है.”
कोई रणनीति नहीं बनाकर आए हैं- आरजेडी सांसद मनोज झा
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, ”कोई रणनीति नहीं बनाकर आए हैं, दो अलग-अलग समूह में हैं और दोनों समूहों को ये जिम्मेदारी दी गई है कि लोगों को सुनें, इनको सुना नहीं है लोगों ने, चाहे सरकार हो या कोई और, हमारी सिर्फ कोशिश है क्योंकि सुनना हीलिंग का हिस्सा है, ताकि हम सुन पाएं और यही मैसेज दे पाएं दिल्ली में कि अगर हम कहते हैं इंडिया, भारत, हिंदुस्तान तो मणिपुर हमारा हिस्सा है न, मणिपुर अगर सामूहिक चिंता में है तो हमारी चिंता भी होनी चाहिए.” उन्होंने कहा कि अलग-अलग राहत शिविर में हर एक समुदाय से बात करेंगे. मेइती हों, कुकी हों… कोई भी हों, सबसे बात करेंगे.
मणिपुर के पूर्व CM ओकराम इबोबी ये बोले
इससे पहले मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने मीडिया से कहा, ”लगभग 26 राजनीतिक दलों के सांसदों का प्रतिनिधित्व करने वाली इस टीम का स्वागत करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है. उन्हें राहत शिविरों का दौरा करना चाहिए और उन लोगों से मिलना चाहिए जो लगभग 3 महीने से अपने घरों से बाहर हैं. उन्हें सरकार को स्थिति के बारे में सूचित करना चाहिए ताकि जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल हो सके. हम मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की अपनी मांग के संबंध में सदस्यों के साथ चर्चा करेंगे.”
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