Amit Shah on Bharat Jodo Nyay Yatra: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (20 जनवरी) को राहुल गांधी के नेतृत्व में जारी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर निशाना साधा है. उन्होंने दावा किया कि असम में ‘जिन लोगों के परिजन कांग्रेस कार्यकाल के दौरान मारे गए थे’, वे राज्य में राहुल गांधी की ‘यात्रा’ का विरोध कर रहे हैं.
अमित शाह ने गुवाहाटी में 5 नवगठित असम पुलिस कमांडो बटालियन के पहले बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए कांग्रेस की आलोचना की और आरोप लगाया कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार के दौरान लोगों को नौकरी पाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती थी. शाह ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मौजूदा शासन में रोजगार के लिए एक पैसा भी नहीं देना पड़ता.
क्या कहा अमित शाह ने?
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की है. मैंने यहां कुछ पत्रकारों से पूछा कि असम में क्या हुआ? उन्होंने मुझे बताया कि उनके (कांग्रेस के) कार्यकाल के दौरान विभिन्न स्थानों पर अन्याय हुआ था, असम के हजारों युवा मारे गए थे और असम उग्रवाद की चपेट में आ गया था. उन विभिन्न स्थानों पर मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों ने इस न्याय यात्रा का विरोध किया.”
भारत जोड़ो न्याय यात्रा का असम चरण 18 जनवरी को शुरू हुआ था जो 25 जनवरी तक जारी रहेगा. इस दौरान राज्य के 17 जिलों में 833 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी.
‘दशकों के कांग्रेस शासन में पूर्वोत्तर क्षेत्र अशांत रहे’
बीजेपी नेता ने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नेतृत्व में देश की कानून-व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है. उन्होंने आगे कहा कि दशकों के कांग्रेस शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर, नक्सली क्षेत्र और पूर्वोत्तर क्षेत्र अशांत रहे. अब, इन क्षेत्रों में हिंसा 73 प्रतिशत कम हो गई है और यह हमारे लिए एक सुखद बदलाव है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं चुनाव के दौरान (असम में) आया था, तो हमने बिना किसी भ्रष्टाचार के एक लाख नौकरियां देने का वादा किया था. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने वह वादा पूरा किया है.
‘असम भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का हिस्सा होता’
इस बीच, उन्होंने ‘असम के बहादुर-लचित बोरफुकन’ किताब का विमोचन करते हुए कहा कि अगर अहोम कमांडर बोरफुकन और अन्य शासकों ने मुगलों और अन्य आक्रमणकारियों की कोशिशों को विफल नहीं किया होता तो असम भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का हिस्सा होता. ‘असम्स ब्रेवहार्ट-लचित बोरफुकन’ पुस्तक प्रख्यात लेखक अरूप कुमार दत्ता की तरफ से अंग्रेजी में लिखी गई है और इसका 23 अनुसूचित भाषाओं में अनुवाद किया गया है.
कांग्रेस ने पैदा किया क्षेत्र के लोगों के बीच विभाजन
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ‘क्षेत्र के लोगों के बीच विभाजन’ पैदा किया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर में विकास और शांति की अपनी नीति के जरिए यह सुनिश्चित किया कि लोगों में देश को दुनिया का सबसे विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की ओर ले जाने का विश्वास पैदा हो सके.
उन्होंने कहा कि असम के भारत का हिस्सा होने का मुख्य कारण यह है कि खिलजी से लेकर औरंगजेब तक कई आक्रमणकारियों की सेना को हराया गया और वापस भेज दिया गया.
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