महाराष्ट्र की राजनीतिक बड़ी दिलचस्प हो गई है। यहां आगामी लोकसभा चुनावों के लिए जब चारों ओर नजर दौड़ाएंगे तो एक अलग ही समीकरण देखने को मिलेगा। जो पहले प्रतिद्वंद्वी थे वो अब सहयोगी बन गए हैं।
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Lok Sabha Elections
पंजाब में भाजपा उम्मीदवारों पर गुस्सा उतार रहे किसान, हंसराज हंस को फिर घेरा
भाजपा उम्मीदवार हंसराज हंस को शुक्रवार को फरीदकोट में एक बार फिर किसानों का सामना करना पड़ा। किसानों ने उनका काफिला रोक लिया और उनसे सवाल पूछने की कोशिश कर रहे थे।
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मलूक नागर के RLD में जाने का क्या होगा सियासी असर? जानें, BSP के लिए क्यों है झटका – India TV Hindi
लोकसभा चुनावों से ठीक पहले बहुजन समाज पार्टी और उसकी सुप्रीमो मायावती को एक बहुत बड़ा झटका लगा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में शुमार मलूक नागर ने बीएसपी से इस्तीफा दे दिया है। बिजनौर से 2019 में बीएसपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतने वाले नागर ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को जयंत चौधरी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोक दल का हाथ थाम लिया। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मलूक नागर को एक प्रेस वार्ता के दौरान पार्टी में शामिल किया।
बीएसपी के लिए क्यों बड़ा झटका है मलूक नागर का जाना?
मलूक नागर के RLD में शामिल होने से माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ईथअ को अच्छा खासा फायदा होगा, वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी को नुकसना उठाना पड़ेगा। माना जाता है कि बिजनौर और उसके आसपास के इलाके में नागर की काफी अच्छी पकड़ है। उनकी गिनती मायावती के भरोसेमंद नेताओं में होती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से सियासी गलियारे में इस बात की भी चर्चा चल रही थी कि मलूक नागर बीएसपी का साथ छोड़ सकते हैं। नागर के जाने से बीएसपी को अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनके कद का नेता खोजने में मुश्किल होगी और आगामी लोकसभा चुनावों में भी उसकी उम्मीदों को झटका लग सकता है।
2 चुनाव हारने के बाद भी बीएसपी ने जताया था भरोसा
बता दें कि 2009 और 2014 में मेरठ और बिजनौर सीट से लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मलूक नागर पर भरोसा जताया था और 2019 में एक बार फिर बिजनौर से प्रत्याशी बनाया था। नगार को सपा के साथ गठबंधन का फायदा मिला और वह चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए। उन्होंने उन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के कुंवर भारतेंद्र सिंह को 69,941 मतों के अंतर से मात दी थी, और सूबे में बसपा के 10 सांसदों में से एक के तौर पर अपना नाम दर्ज करा लिया था। हालांकि इस बार उन्हें बहुजन समाज पार्टी ने टिकट नहीं दिया और उन्होंने आरएलडी का दामन थाम लिया।
यूपी के सबसे अमीर सांसदों में गिने जाते हैं मलूक नागर
बता दें कि मलूक नागर की गिनती यूपी के सबसे अमीर सांसदों में भी होती है और वह एक बड़े कारोबारी हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, नागर की कुल संपत्ति करीब 250 करोड़ रुपये है। उनके पास 115 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है। इसमें प्रॉपर्टी और कृषि की जमीन आती है। मलूक पर बैंकों का 101.61 करोड़ रुपये बकाया भी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मलूक नागर और उनके भाई के खिलाफ 54 करोड़ रुपये की वसूली का भी नोटिस जारी किया था। इसके बाद उनके कुछ ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग की रेड भी हुई थी।
जयंत चौधरी ने कहा- जमीनी नेता पार्टी में शामिल हो रहा
मालूक नागर के आरएलडी में शामिल होने के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि आज एक जमीनी नेता पार्टी में शामिल हो रहा है। वहीं, नागर ने कहा कि वह राष्ट्रीय लोक दल में शामिल होना चाहते थे। जैसा कि हमने बताया बहुजन समाज पार्टी ने इस बार मलूक नागर का टिकट काट दिया था। उनकी जगह मायावती ने चौधरी ब्रजेंद्र सिंह को बीएसपी का उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही मलूक नागर के बीएसपी छोड़ने की खबर सामने आई थी, लेकिन बिजनौर से टिकट कटने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
मलूक नागर के आने से NDA को कितना फायदा?
2009 और 2014 के चुनावों में भले ही मलूक नागर को हार मिली हो, लेकिन उन्हें अच्छे खासे वोट मिले थे। पश्चिमी यूपी में अच्छी जमीनी पकड़ वाले नेता नागर के आने से NDA को कुछ इलाकों में निश्चित तौर पर मजबूती मिल सकती है। वहीं, बिजनौर की लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे चंदन चौहान को भी इसका फायदा मिल सकता है। बता दें कि जहां पिछली बार इस सीट पर नागर ने बीजेपी के उम्मीदवार को हराया था, वहीं इस बार यह सीट NDA गठबंधन के तहत राष्ट्रीय लोक दल के खाते में गई है।
‘कांग्रेस फिर से किसानों का कर्जा माफ करके दिखाएगी’, राहुल गांधी का बड़ा बयान – India TV Hindi
जयपुर: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि देश के सामने दो सबसे बड़े मुद्दे बेरोजगारी व महंगाई हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। राहुल गांधी ने सीमावर्ती अनूपगढ़ कस्बे में कांग्रेस की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये आम चुनाव देश के संविधान व लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है। उन्होंने कहा, ‘ये चुनाव संविधान को और लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है। ये चुनाव 90 प्रतिशत लोगों का चुनाव है, पिछड़ों का, दलितों का, आदिवासियों का, गरीब सामान्य जाति वालों का। एक तरफ अडानी जी और हिंदुस्तान के बड़े-बड़े अरबपति, पूरा का पूरा धन उनके हाथ में है।’
‘बीजेपी ने हिंदुस्तान के बड़े-बड़े उद्योगपतियों से पैसा लिया है’
बीकानेर से कांग्रेस उम्मीदवार गोविंद राम मेघवाल और गंगानगर से कुलदीप इंदौरा के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बैंक अकाउंट बंद कर दिए गए हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि चुनावी बांड से दबाव डालकर, हफ्तेबाजी कर बीजेपी ने हिंदुस्तान के बड़े-बड़े उद्योगपतियों से पैसा लिया है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव देश के गरीब और 22-25 अरबपतियों के बीच चुनाव है। बीजेपी की केंद्र सरकार पर कुछ बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने वादा किया, ‘जितना पैसा उन्होंने अरबपतियों को दिया है, कांग्रेस उतना पैसा गरीबों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों को देगी।’
‘देश के सामने 2 सबसे बड़े मुद्दे बेरोजगारी व महंगाई हैं’
राहुल गांधी ने कहा, ‘अगर नरेंद्र मोदी बड़े उद्योगपतियों का कर्जा माफ कर सकते हैं तो कांग्रेस पार्टी फिर से किसानों का कर्जा माफ करके दिखाएगी। जितना धन उन्होंने 20-25 लोगों को दिया, उतना हम हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों को देंगें।’ राहुल ने कहा कि देश के सामने 2 सबसे बड़े मुद्दे बेरोजगारी व महंगाई है लेकिन इसकी चर्चा मीडिया में नहीं होती। उन्होंने कहा कि किसान MSP मांग रहे हैं, युवा रोजगार मांग रहे हैं, महिलाएं महंगाई से बचाने की गुहार लगा रही हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने हिंदुस्तान के 25-30 सबसे अमीर लोगों का जितना कर्ज माफ किया, उस पैसे का इस्तेमाल 24 साल तक मनरेगा मजदूरी का भुगतान करने के लिए किया जा सकता था।
‘हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार किसान टैक्स दे रहा है’
सभा को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी संबोधित किया। राहुल ने कहा, ‘हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार देश का किसान टैक्स दे रहा है।’ पार्टी की सरकार बनने पर सरकारी क्षेत्र व सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों (PSU) में ठेका प्रथा बंद करने का वादा करते हुए उन्होंने कहा, ‘पीएसयू और सरकार में जो ठेकेदारी प्रथा है, उसे हम खत्म करने जा रहे हैं। अब हिंदुस्तान में अगर कोई सरकार में काम करेगा तो वह कांट्रेक्ट या ठेकेदारी से नहीं करेगा, उसे परमानेंट जॉब, परमानेंट जगह दी जाएगी। उसे पेंशन दी जाएगी। उसकी व उसके परिवार की रक्षा की जाएगी।’
राजस्थान में 2 चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव
बता दें कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2 चरणों में 19 और 26 अप्रैल को होंगे। पहले चरण में 19 अप्रैल को 12 सीट गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में मतदान होगा। दूसरे चरण में 13 सीटों टोंक, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़ पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होगा।
Exclusive: महाआर्यमन सिंधिया ने बताया, पुरखों ने कैसे की थी रानी लक्ष्मीबाई की मदद – India TV Hindi
भोपाल: केंद्रीय मंत्री एव बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में अपने जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं पर बात की। उन्होंने इस बातचीत में अपने स्टार्टअप के बारे में बताया, उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कैसे प्रभावित हुए और अपने परिवार के ऊपर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ ‘गद्दारी’ के आरोपों पर भी बात की। महाआर्यमान ने कहा कि उन्हें लोगों से मिलना और उनसे बातचीत करना बहुत पसंद है।
‘स्टार्टअप इंडिया ने बदल दिया भारत का चेहरा’
यह पूछे जाने पर कि पीएम मोदी के कार्यकाल में कौन सी खास चीजें हुई हैं कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों में जनता अपना समर्थन देगी, महाआर्यमन ने कहा , ‘पीएम मोदी की जिन नीतियों ने भारत का चेहरा बदला है उनमें सबसे पहले स्टार्टअप इंडिया का नाम आता है। इसमें 5 से 8 साल में 100 यूनिकॉर्न निकले हैं और करीब एक लाख नए स्टार्टअप निकले है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्पीच दी थी कि आज का युवा रोजगार ढूंढने वाला नहीं रोजगार बनाने वाला हो। उनका यह स्टेटमेंट आज हकीकत के रूप में सामने आ रहा है। आज भारत अर्थव्यवस्था के मामले में अंग्रेजों से भी आगे है और इसकी इकॉनमी 3 ट्रिलियन डॉलर पर कर चुकी है।’
आर्यमान ने बताया क्या है उनका स्टार्टअप
अपने द्वारा खोले गए स्टार्टअप्स के बारे में बताते हुए महाआर्यमन ने कहा, ‘मेरा MyMandi नाम से एक स्टार्टअप है जिसके माध्यम से हम छोटे शहरों के छोटे-छोटे दुकानदारों को सशक्त करना चाहते हैं। जो ब्रांड छोटे शहरों में घुसना चाहते हैं उनको भी इससे सुविधा होगी। इसके तहत हमने एक QR कोड बनाया है जिससे हमारे व्यापार को एक डिजिटल स्टोर मिलेगा और यह वेयरहाउस से कनेक्ट रहेगा। ग्राहक को दुकान में जो सामान पसंद आएगा वह पहले उसे चेक करेगा और 24 घंटे के अंदर वह आइटम किराने की दुकान में पहुंच जाएगा।
‘लोगों ने इन्वेस्टमेंट करने से मना कर दिया था’
अपने स्टार्टअप के लिए किए गए संघर्ष के बारे में बताते हुए महाआर्यमन ने कहा, ‘ हम लोग सोचते हैं कि स्टार्टअप खोलना बहुत आसान चीज है कि एक आइडिया आया और हम कर लेंगे, लेकिन इसमें काफी मुश्किलें पेश आती हैं। मैंने इन्वेस्टमेंट के लिए 300 से 400 इन्वेस्टर्स से बात की थी, लेकिन कई लोगों ने इन्वेस्टमेंट करने से मना कर दिया था। कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें इसमें कोई आइडिया नहीं दिखा लेकिन मैंने भी हार नहीं मानी। मैंने कहा कि मैं इसको पूरा 100 फीसदी दूंगा। मेरी MyMandi की टीम बहुत मजबूत है।’ महाआर्यमन ने कहा कि अभी वह पूरी तरह अपने स्टार्टअप पर फोकस कर रहे हैं।
गुना और ग्वालियर के विकास पर भी बोले
गुना और ग्वालियर के विकास की दौड़ में पीछे होने के सवाल पर आर्यमान ने कहा, ‘सालों से विकास होता जा रहा है। विकास के लिए आपको रोड की जरूरत पड़ेगी, एयरपोर्ट की जरूरत पड़ेगी, बिजली की जरूरत पड़ेगी, सोलर पैनल की जरूरत पड़ेगी। प्रगति की हमेशा जरूरत पड़ती है। यह कभी रुकती नहीं है, और हमें भी मजा आता है जब हमारा क्षेत्र आगे बढ़ता है। जो हम नई-नई चीज क्षेत्र में लेकर आते हैं और लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखते हैं तो हमें भी खुशी महसूस होती है।
1857 की क्रांति और ‘गद्दारी’ पर कही ये बात
विपक्ष द्वारा सिंधिया राजघराने को 1857 की क्रांति के संदर्भ में ‘गद्दार’ कहे जाने को लेकर एक सवाल के जवाब में महाआर्यमन ने कहा, ‘इससे दुख तो होता है, लेकिन यह हमारी गलती नहीं है कि कुछ लोग इतिहास नहीं पढ़ते। आप गौर से इतिहास पढ़ेंगे तो पाएंगे कि हमारे पूरे परिवार ने खजाने की चाभी रानी लक्ष्मीबाई को दे दिया था। उन्होंने कहा था कि आप चुपचाप खजाने को चलाइए। पूरी सेना को आश्रय दिया गया, उसे हथियार दिए गए, खाना खिलाया गया। हमारी डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट नहीं रही लेकिन हमने इनडायरेक्ट काम किया था। रानी लक्ष्मी बाई और तात्या टोपे की मदद की। इसलिए सबको इतिहास पढ़कर कमेंट करना चाहिए।’