महाराष्ट्र की राजनीतिक बड़ी दिलचस्प हो गई है। यहां आगामी लोकसभा चुनावों के लिए जब चारों ओर नजर दौड़ाएंगे तो एक अलग ही समीकरण देखने को मिलेगा। जो पहले प्रतिद्वंद्वी थे वो अब सहयोगी बन गए हैं।
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BJP Vs Congress
Lok Sabha Election 2024: 4 महीने चला था पहला लोकसभा चुनाव, एक बार तो 4 दिन में खत्म; इस बार फिर रिकॉर्ड
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Lok Sabha Election Dates: 25 अक्टूबर 1951 और 21 फरवरी 1952, भारत के राजनीतिक इतिहास में इन दो तारीखों को याद रखना बेहद जरूरी है। दरअसल, ये चार महीने ही थे जिस दौरान देश पहले लोकसभा चुनाव का गवाह बना। हालांकि, देश हमेशा इतने लंबे चुनावी दौर से नहीं गुजरा। एक समय 1980 का भी था, जब चुनाव महज 4 दिनों में ही संपन्न हो गए। अब जब भारत 2024 में 18वीं लोकसभा चुनने की तैयारी कर रहा है, तो इतिहास के पन्ने पलटना भी अहम हो गया है।
2024 का चुनावी कार्यक्रम
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने शनिवार को तारीखों का ऐलान किया। इसके तहत चुनाव 7 चरणों में होंगे, जिनका आगाज 19 अप्रैल से हो जाएगा और 1 जून तक जारी रहेगा। 4 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे। खास बात है कि यह भारत का दूसरा सबसे लंबा चुनाव है, जो 44 दिनों तक चलेगा।
देश का पहला और सबसे लंबा चुनाव
1951-52 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 364 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं, सीपीआई 16 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर थी। करीब 120 दिनों की अवधि के दौरान 489 सीटों पर 68 चरणों में चुनाव संपन्न हुआ था। कहा जाता है कि अधिकांश जनता के चुनाव प्रक्रिया से वाकिफ नहीं होने के चलते सितंबर 1951 में एक मॉक इलेक्शन भी कराया गया था।
क्या थी इतने लंबे चुनाव की वजह
25 राज्यों में फैली 401 संसदीय क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स से जुड़ी चुनौतियों और मौसम की वजह से पहला लोकसभा चुनाव करीब 4 महीनों तक चला। जब नतीजे घोषित हुए। माना जाता है कि भले ही चुनाव की प्रक्रिया 25 अक्टूबर से शुरू हो गई थी, लेकिन जनता ने जनवरी-फरवरी के दौरान वोटिंग में जनता ने सबसे ज्यादा हिस्सा लिया था।
जब महज 4 दिनों में ही हो गया चुनाव
1980 आते-आते भारत लगभग 6 आम चुनावों का अनुभव ले चुका था। फिर 7वीं लोकसभा चुनने के लिए जनवरी 1980 में भारत लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत तैयार हुआ। तब कांग्रेस ने 350 से ज्यादा सीटें जीतकर दर्ज की और जनता पार्टी का आंकड़ा 32 सीटों पर पहुंचा। बहरहाल, नतीजों से ज्यादा 80 दशक का वो चुनाव अवधि के कारण चर्चा में रहा।
2024 में क्यों है इतना लंबा चुनावी कार्यक्रम
इस बार निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा से लेकर मतगणना होने तक तक चुनाव प्रक्रिया कुल 82 दिनों में पूरी होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में मतदान की इतनी लंबी अवधि के बारे पूछे जाने पर कहा कि चुनावों की तारीखें क्षेत्रों तथा सार्वजनिक अवकाश, त्योहारों एवं परीक्षाओं को ध्यान में रखकर तय की गई है।
राजस्थान का महासंग्राम: ‘राज और रिवाज’ बदलने की लड़ाई, कल 199 सीटों पर 1862 उम्मीदवारों की तय होगी किस्मत
Rajasthan Polls 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार को होगा जिसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राजनीतिक गलियारों में राज्य के इस चुनाव को राज सरकार और रिवाज बदलने की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. बीते कुछ दशकों में, परंपरागत रूप से राज्य में हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदल जाती है. एक बार कांग्रेस एक बार बीजेपी. भाजपा को बाकी बातों के अलावा इस रिवाज से बड़ी उम्मीद है जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इस बार यह रिवाज बदलेगा और दोबारा उसकी सरकार बनेगी. राज्य में 200 में से 199 सीट पर मतदान हो रहा है जहां 5.25 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डाल सकेंगे. राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के बीच माना जा रहा है.
कांग्रेस बीजेपी ने उठाये कई मुद्दे
कांग्रेस और बीजेपी ने राज्य में ‘राज और रिवाज’ बदलने की इस लड़ाई में पूरी ताकत झोंकते हुए जोरदार चुनाव प्रचार किया, लेकिन यह प्रचार अभियान गुरुवार को थम गया. सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने प्रचार को अशोक गहलोत सरकार के काम, उसकी योजनाओं और कार्यक्रमों पर केंद्रित किया और दोबारा सरकार बनने पर दी गई सात गारंटी को पूरा करने का वादा किया. वहीं, भाजपा नेता अपने अभियान में महिलाओं के खिलाफ अपराध, तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर रहे.
199 सीट पर होगी वोटिंग
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीट हैं. करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि इन 199 सीट पर 1862 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 5,25,38,105 है. इनमें 18-30 आयु वर्ग के 1,70,99,334 युवा मतदाता शामिल हैं, जिनमें 18-19 आयु वर्ग के 22,61,008 नए मतदाता शामिल हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतदान शनिवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
दांव पर होगी कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा
सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से इस बार भी अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे नेताओं में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल, बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र यादव, शकुंतला रावत, उदय लाल आंजना, महेंद्रजीत सिंह मालवीय तथा अशोक चांदना व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल हैं. वहीं, भाजपा के प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया तथा सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़, बाबा बालकनाथ व किरोड़ी लाल मीणा मैदान हैं.
बीजेपी कांग्रेस में होगी टक्कर
वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा समेत छह सांसदों और एक राज्यसभा सदस्य सहित 59 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने सात निर्दलीय विधायकों और एक भाजपा विधायक-शोभारानी कुशवाह, जिन्हें पिछले साल भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था, सहित 97 विधायकों को मैदान में उतारा है. कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले प्रमुख चेहरों में से एक पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा हैं, जो नागौर से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इस पार्टी ने चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ चुनावी गठबंधन किया है.
बदलेगा राज या रिवाज!
बीजेपी सभी सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 2018 की चुनाव की तरह अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के लिए एक सीट भरतपुर छोड़ी है. भरतपुर सीट से आरएलडी के मौजूदा विधायक सुभाष गर्ग चुनाव लड़ रहे हैं. राज्य में इसके अलावा माकपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी, भारतीय ट्राइबल पार्टी, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम समेत कई पार्टियां भी मैदान में हैं. भाजपा और कांग्रेस, दोनों के 40 से अधिक बागी भी मैदान में हैं. मौजूदा विधानसभा की बात करें तो इस समय कांग्रेस के 107 विधायक, भाजपा के 70, आरएलपी के तीन, माकपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो-दो, राष्ट्रीय लोक दल का एक विधायक है.निर्दलीय विधायक 13 हैं जबकि दो-दो सीट (उदयपुर और करणपुर) खाली है.
चुनाव की तैयारी पूरी
अधिकारियों ने कहा है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान करवाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राज्य में कुल 36,101 स्थानों पर कुल 51,507 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें कुल 10,501 मतदान केन्द्र शहरी क्षेत्र में और 41,006 ग्रामीण क्षेत्र में बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि कुल 26,393 मतदान केन्द्रों से सजीव वेबकास्टिंग होगी. जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष से इन मतदान केंद्रों पर निगरानी की जाएगी. प्रदेशभर में 65,277 बैलेट यूनिट, 62,372 कंट्रोल यूनिट और 67,580 वीवीपैट मशीनें (रिजर्व सहित) मतदान कार्य में उपयोग में लाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए 6,287 ‘माइक्रो आब्जर्वर’ और 6247 सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.
इसी तरह 2,74,846 मतदान कर्मी मतदान कराएंगे. 7960 महिला मतदानकर्मी महिला प्रबन्धित मतदान केन्द्रों पर एवं 796 दिव्यांग चुनावकर्मी दिव्यांग प्रबन्धित मतदान केन्द्रों पर कमान संभालेंगे. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, मतदान प्रक्रिया सुचारु और शांतिपूर्ण ढंग से करवाने के लिए 1,70,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए हैं जिनमें राजस्थान पुलिस के 70 हजार से अधिक जवान, 18 हजार राजस्थान होमगार्ड, दो हजार राजस्थान बॉर्डर होमगार्ड, अन्य राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश) के 15 हजार होमगार्ड और आरएसी की 120 कंपनियां शामिल हैं.
‘जिनके नेता मूर्ख हैं उन्हें डर लगता है, हम शेरों की पार्टी के कार्यकर्ता…’, राजस्थान में कां
Smriti Irani Rally In Rajasthan: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर गुरुवार (16 नवंबर) को भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कानून-व्यवस्था और महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित विभिन्न मुद्दों पर निशाना साधा. उन्होंने यहां तक कहा कि ‘जिनके नेता मूर्ख हैं, उन्हें डर लगता है, हम शेरों की पार्टी के कार्यकर्ता हैं…’
टोंक के देवली में बीजेपी के उम्मीदवार विजय बैंसला और राजसमंद के चारभुजा में पार्टी प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह राठौड़ के समर्थन में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए ईरानी ने विधानसभा चुनावों को महिलाओं के सम्मान की लड़ाई बताया.
ईरानी ने प्रदेश में एक ऐसी सरकार की आवश्यकता पर जोर दिया जो महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे. उन्होंने वादा किया, ”बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगी.”
मंत्री स्मृति ईरानी ने रैली में दिया ये आश्वासन
ईरानी ने जनता को बीजेपी के सत्ता में आने पर महत्वपूर्ण लाभ देने का आश्वासन दिया जिनमें किसानों को वार्षिक वित्तीय सहायता में वृद्धि, महिलाओं के लिए किफायती दर पर गैस सिलेंडर, नवजात बच्चियों के लिए बीमा और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली लड़कियों को स्कूटी देने का वादा शामिल है.
‘जिनके नेता मूर्ख हैं उन्हें डर लगता है…’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को रैलियों को संबोधित करने वाले थे लेकिन उनका प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द होने के बाद उनकी जगह ईरानी ने रैलियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता शेर की पार्टी से हैं और वे डरने वाले नहीं हैं. ईरानी ने कहा, “जिनके नेता मूर्ख हैं उन्हें डर लगता है. हम शेरों की पार्टी के कार्यकर्ता हैं. आप हमें कितना भी डरा लें, हम डरने वालों में से नहीं हैं.”
ईरानी ने कांग्रेस सरकार की निंदा की और महिलाओं से रेप और उन पर अत्याचार के मामलों का जिक्र किया. उन्होंने इन मुद्दों पर सरकार की चुप्पी की आलोचना की और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया.
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर बरसीं ईरानी
ईरानी ने राज्य के मंत्री शांति धारीवाल की ‘मर्दों का प्रदेश’ वाले बयान को लेकर भी कांग्रेस पर हमला बोला. धारीवाल ने पिछले साल कहा था कि राजस्थान ‘मर्दों का प्रदेश’ है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”कांग्रेस नेता कहते हैं कि यह मर्दो का राज्य है. मैं सीएम गहलोत से पूछना चाहती हूं कि आपकी पार्टी में कौन नामर्द है जिसे बेटियों से रेप पर गुस्सा नहीं आता.’’
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