हेमंत सोरेन चेहरे पर मुस्कान के साथ PMLA कोर्ट के बाहर पहुंचे थे। ईडी ने जमीन घोटाला मामले में बुधवार को झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। इस बीच अब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
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‘जर और ज़मीन का जंजाल’, फर्जी कागजात और ईडी की चाल, जानें कैसे फंस गए हेमंत सोरेन ? – India TV Hindi
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करोड़पति है। साल 2019 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक सीएम सोरेन की कुल संपत्ति 8 करोड़ 51 लाख, 74 हजार 195 रुपये है। इसमें हेमंत सोरेन के नाम पर चल सपंत्ति करीब 1 करोड़ और अचल संपत्ति 1 करोड़ 16 लाख से ज्यादा है। वहीं, उनकी पत्नी कल्पना के पास करीब एक करोड़ की चल संपत्ति और करीब 5 करोड़ की अचल संपत्ति है। ये तो हो गई सोरेन दंपति की जायदाद की जानकारी लेकिन सीएम सोरेन जमीन के विवाद में फंस गए हैं और इसे लेकर उनपर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। जमीन के साथ ही अवैध खनन में भी उनकी संलिप्तता सामने आई है। जिसे लेकर उनपर आरोप लगे हैं वो है एक जमीन… एक BMW कार और 36 करोड़ कैश।
जर और ज़मीन का जंजाल, कैसे फंस गए हेमंत सोरेन ?
सीएम हेमंत सोरेन पर जिस जमीन के घोटाले के आरोप लग रहे हैं, ईडी के पास उस जमीन की पूरी डिटेल है। पूरी डिटेल जानकार आप हैरान रह जाएंगे लेकिन उससे पहले हेमंत सोरेन के इस जमीन की डिटेल समझ लीजिए। ये जमीन रांची के बड़गाई अंचल के बरियातू इलाके में है। इसका साइज 8.46 एकड़ का है, इसमें 12 प्लॉट हैं। ज़मीन को पत्थर की बाउंड्री बनाकर घेरा गया है। इस जमीन पर कोई कंस्ट्रक्शन तो नहीं हुआ है। लेकिन एक गार्डरुम और एक आउट हाउस बनाया गया है।
झारखंड के लैंड स्कैम में सीएम सोरेन की एंट्री की कहानी बहुत दिलचस्प है। इसकी शुरुआत साल 2022 में हुई थी। 6 मई को झारखंड में करोड़ों के मनरेगा घोटाले को लेकर ईडी की एंट्री हुई। ईडी ने मनरेगा घोटाले के मामले में पूजा सिंघल और उनके करीबियों के ठिकानों पर छमामेरी की। पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के घर से 19 करोड़ कैश बरामद हुए। 7 मई 2022 को CA सुमन कुमार को गिरफ्तार किया गया। 11 मई 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया गया।पूछताछ के दौरान पूजा सिंघल ने ईडी को कई अहम जानकारियां दी। इसके बाद झारखंड में करप्शन की फाइलें खुलने लगी।
ऐसे हुआ खुलासा
जांच में ईडी को पूजा सिंघल से ऐसे इनपुट मिले, जिसने झारखंड में चल रहे करप्शन की पूरी कलई खोल दी। जांच की आंच IAS ऑफिसर्स से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंची। करप्शन की ऐसी चेन मिली कि ईडी के ऑफिसर्स भी हैरान रह गए। क्योंकि घोटाला एक डिपार्टमेंट में नहीं बल्कि हर विभाग में हो रहा था। मतलब ये कि 2022 में ईडी ने जांच मनरेगा घोटाले को लेकर शुरु की। जांच आगे बढ़ी तो टेंडर स्कैम का खुलासा हुआ। जांच और आगे बढ़ी तो अवैध खनन का मामला सामने आया। घोटाला खेल खुलता गया और ईडी एक-एक कर आगे बढ़ती रही। अवैध खनन के बाद लैंड स्कैम… फिर शराब घोटाला और फिर उसके बाद घोटालों के पैसों के लॉन्ड्रिंग का खेल … मतलब की मनी लॉन्ड्रिंग।
इस जमीन की वजह से फंसे सोरेन
जैसे ईडी की जांच का दायरा बढ़ा …. झारखंड में करप्शन का खेल खुलता गया। टेंडर और कमीशन के बाद फाइलें ज़मीन घोटाले की खुलीं। रांची के जिस बड़गाई स्थित जमीन को लेकर ईडी जांच कर रही है, उसके कागजात भी भानु प्रताप के घर से ही बरामद हुए थे। भानु प्रताप के मोबाइल से भी ईडी को कई ज़मीन की जानकारी मिली थी। जिसके बाद ED ने लैंड स्कैम को लेकर मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के घर पर छापेमारी की।
ईडी ने जब गवाहों के बयान दर्ज किए और मामले की डिटेल्ड इंवेस्टिगेशन की तो इस जमीन के घोटाले के तार सीएम सोरेन जुड़ गए। इसके बाद बड़गाई के पूर्व राजस्व अधिकारी भानुप्रताप और अंचलाधिकारी मनोज कुमार के बयान को आधार बनाकर ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया। 18 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 10 घंटे इडी दफ्तर में पूछताछ हुई।
ईडी ने पूरी कर ली है तैयारी, क्या गिरफ्तार होंगे सोरेन?
सोर्सजे से मिली इन्फोर्मेशन के मुताबिक ये जमीन सेना से जुड़ी हुई थी। जिसे फर्जी नाम-पते की मदद खरीदा और बेचा गया। इसको लेकर रांची नगर निगम ने एक एफआईआर भी दर्ज करवाई हुई है। सोरेन पर दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के अलावा आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप भी लगा है। इस मामले में अबतक 14 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। और अब गिरफ्तारी की तलवार सोरेन पर लटक रही है। ईडी के पास ज़मीन घोटाले से जुड़े पुख्ता सबूत है। गवाहों के बयान भी ईडी पहले ही दर्ज कर चुकी है। 30 जनवरी को दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास से ईडी को कुछ और दस्तावेज मिले हैं। हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी अपनी तैयारी पूरी कर चुकी है। ये बात हेमंत सोरेन को भी मालूम है…इसलिए सोरेन बार-बार ईडी से बचने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन अब ईडी ने सोरेन के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी कर ली है।
CM हेमंत सोरेन से फिर चलेगा सवालों का सिलसिला, ED ने मुकर्रर कर दी तारीख और समय
ईडी ने CM सोरेन से पूछताछ के लिए तारीख और समय मुकर्रर कर दी है। ईडी की टीम इस केस में पहले भी हेमंत सोरेन से पूछताछ कर चुकी है और अब नए सवालों का सिलसिला वहीं से शुरू होगा जहां पर वो खत्म हुआ था।
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झारखंड के CM हेमंत सोरेन फिर आया ED का समन – India TV Hindi
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर से समन भेजा है। इस समन के मुताबिक हेमंत सोरेन को 27 से 31 जनवरी के बीच ईडी के सामने पेश होना होगा। बता दें कि इससे पहले शनिवार को भी हेमंत सोरेन से ईडी ने पूछताछ की थी। सीएम सोरेन से तब 7 घंटे तक पूछताछ की गई थी। ईडी की लंबी पूछताछ के बाद सीएम सोरेन ने दंभ भरते हुए कहा था कि मैं डरूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं। लेकिन आज फिर से झारखंड के सीएम को एजेंसी ने 27 से 31 जनवरी के बीच में पेश होने को कहा है।
7 घंटे पूछताछ के बाद सोरेन ने दिखाए थे तेवर
बता दें कि बीते शनिवार को ईडी ने सीएम हेमेंत सोरेन से 7 घंटे पूछताछ की थी लेकिन फिर भी हेमंत सोरेन के तेवर जरा भी ढीले नहीं पड़े थे। ED के उनके घर से निकलते ही सोरेन कार्यकर्ताओं के बीच मिलने पहुंच गए और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह डरने वाले और झुकने वाले नहीं हैं। उनके परिवार ने और उनके परिवार के साथ लाखों करोड़ों आदिवासियों ने लड़कर झारखंड लिया है और वह किसी भी हाल में सत्ता झारखंड वासियों के हाथ में ही देखना चाहेंगे। इसलिए वह डरने वाले नहीं हैं। चाहे उन्हें कितना भी परेशान क्यों न कर लिया जाए।
ईडी के लगातार सात समन किए थे नजरअंदाज
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने दावा किया कि उनके खिलाफ यह एक षड्यंत्र है। ईडी के अधिकारी सोरेन के आवास पर शनिवार दोपहर एक बजे पहुंचे थे और रात करीब साढ़े आठ बजे वहां से गए। इस दौरान भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती के कारण पूरा इलाका किले में तब्दील हो गया। सोरेन (48) इससे पहले, ईडी द्वारा सात बार समन जारी किए जाने पर पूछताछ के लिए एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे। ईडी द्वारा आठवीं बार उन्हें समन जारी किए जाने पर आखिरकार उन्होंने अपनी सहमति दे दी।
क्या है मामला?
ईडी के अनुसार, यह जांच झारखंड में माफिया द्वारा भूमि स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के एक बड़े गिरोह से संबद्ध है। मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2011 बैच के अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे।
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कड़ी सुरक्षा के बीच CM सोरेन के आवास पर पहुंची ED की टीम, इस मामले में होगी पूछताछ – India TV Hindi
रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी शनिवार को सीएम हेमंत सोरने के आवास पर पहुंचे हैं। कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ करने के लिए ईडी की टीम सीएम के आवास पर पहुंची है। इस दौरान सीएम आवास पर कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन इससे पहले ईडी द्वारा भेजे गए 7 समन के बावजूद उसके समक्ष पेश नहीं हुए थे। उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा आठवां समन भेजे जाने के बाद आखिरकार पूछताछ के लिए सहमति दे दी।
दोपहर एक बजे पहुंची ED की टीम
एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ईडी के अधिकारी दोपहर लगभग एक बजे सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंचे। अधिकारी यहां उनसे पूछताछ करेंगे। उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारियों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CRPF) सोरेन के आवास के आसपास की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उच्च रेजोल्यूशन वाले ‘बॉडी कैमरा’ का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें कि हेमंत सोरेन से पूछताछ किए जाने से पहले शनिवार को मुख्यमंत्री आवास और संघीय एजेंसी के आंचलिक कार्यालय के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई।
1000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात
रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि ‘‘1000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।’’ उन्होंने बताया कि रांची प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जांच एजेंसी के कार्यालय और मुख्यमंत्री आवास के आसपास तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है। अधिकारी ने बताया कि पूछताछ खत्म होने तक मुख्यमंत्री आवास के पास यातायात की आवाजाही पर पाबंदियां रहेंगी।
8वीं बार भेजा गया था समन
प्रवर्तन निदेशालय ने 13 जनवरी को एक पत्र भेजकर मुख्यमंत्री से 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच मामले में पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा था। जवाब में सोरेन ने ईडी से कहा कि वह 20 जनवरी को उनके आवास पर उनका बयान दर्ज कर सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कई आदिवासी संगठनों के प्रदर्शन के बीच जांच एजेंसी ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर उन्हें मुख्यमंत्री से पूछताछ के दौरान सुरक्षा और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने को कहा था।
(इनपुट- भाषा)
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