कल्पना सीएम केजरीवाल के आवास पर पहुंचीं हैं। उनके साथ दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता सौरभ भारद्वाज भी हैं। गौरतलब है कि सीएम केजरीवाल ईडी गिरफ्त में हैं।
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कल्पना सोरेन
छोटी देवरानी होने लगी थी ‘बड़ी’, सीता सोरेन की बगावत के पीछे 3 वजहें
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सोरेन परिवार में आखिर वही हुआ जिसकी आशंका लंबे समय से जताई जा रही थी। शिबू सोरेन परिवार में बगावत हो ही गई है। गुरुजी की बड़ी बहू और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले कई महीनों से सीता सोरेन के नाराज होने की खबरें आ रहीं थीं और अंतत: सीता ने अपना ‘दुख’ जाहिर करते हुए इस्तीपा दे दिया।
खुद क्या बताई इस्तीफे की वजह?
सीता ने शिबू सोरेन को भेजे अपने इस्तीफे में कहा कि वह अत्यन्त दुःखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा पेश कर रही हैं। सीता का कहना है कि उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद उनके परिवार को अलग-थलग कर दिया गया। सीता ने पार्टी के लिए अपने पति के योगदान का जिक्र करते हुए लिखा, ‘मेरे स्वर्गीय पति, श्री दुर्गा सोरेन, जो कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहें है। पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमे अलग-थलग किया गया है, जो कि मेरे लिए अत्यंत पीड़ा दायक रहा है। मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेंगी, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। झारखंड मुक्ति मोर्चा, जिसे मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समपर्ण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था, आज वह पार्टी नहीं रहीं मुझे यह देख कर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चई गई है जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते।’
हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने झामुमो से दिया इस्तीफा
साजिश रचे जाने का लगाया आरोप
सीता ने अपने खिलाफ साजिश रचे जाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘श्री शिबू सोरेन (गुरुजी बाबा के) अथक प्रयासों के बावजूद जिन्होने हम सभी को एक जुट रखने के लिए कठिन परिश्रम किया, अफसोस कि उसके प्रयास भी विफल रहें मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजीस रची जा रहीं है। मै अत्यन्त दुःखी हूं। मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा।’
क्यों नाराज थीं सीता सोरेन
दरअसल सीता सोरेन लंबे समय से पार्टी में खुद को उपेक्षित मान रहीं थीं। उनका मानना था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए शिबू सोरेन के तीनों बेटों में उनके पति दुर्गा सोरेन ने सबसे अधिक मेहनत की थी। दुमका जिले की जामा सीट से विधायक सीता सत्ता में भागीदारी नहीं मिलने से नाखुश थीं। सीता सोरेन अक्सर अनौपचारिक बातचीत में अपनी उपेक्षा का इजहार करती थीं। हालांकि, झामुमो में उन्हें केंद्रीय महासचिव का पद भी दिया गया था, लेकिन संगठन के फैसलों में उन्हें अपेक्षित महत्व नहीं दिया गया।
मंत्री पद नहीं मिलना भी एक वजह
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपाई सोरेन सरकार के गठन के समय से ही सीता सोरेन नाराज चल रहीं थीं। खबरें हैं कि कहीं न कहीं खुद को हाशिए पर जाता मानकर उन्होंने इस तरह का निर्णय लिया है। चंपाई सरकार में सोरेन परिवार के तीसरे विधायक बसंत सोरेन को मंत्री बनाया गया, लेकिन सीता की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा।
क्या देवरानी कल्पना से थी दिक्कत?
बताया जाता है कि सीता सोरेन अपनी छोटी देवरानी कल्पना सोरेन को दी जा रही अहमियत से भी नाराज थीं। भ्रष्टाचार के केस में हेमंत सोरेन के जेल जाने से पहले जब नए विकल्पों पर विचार किया जा रहा था, तब कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने चर्चा भी जोरशोर से चल रही थी। तीन बार की विधायक सीता सोरेन को राजनीति में नई नवेली कल्पना का नेतृत्व मंजूर नहीं था। सीता ने खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया। यही वजह है कि परिवार में फूट की आशंका को देखते हुए हेमंत सोरेन कल्पना को सीएम नहीं बना पाए और राज्य की कमान चंपाई सोरेन को दी गई। हालांकि, पिछले कुछ समय से जिस तरह कल्पना ने ना सिर्फ राजनीति में एंट्री की और पति की जगह संगठन का कामकाज अपने हाथ में ले लिया उससे सीता असहज थीं और अलग होने का फैसला कर लिया।
सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर JMM का प्लान बी तैयार, विधायकों से कराए बिना नाम वाले समर्थन पत्र पर साइन – India TV Hindi
रांचीः झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नीत गठबंधन के सहयोगी दलों के विधायकों ने मंगलवार को एक बैठक में हेमंत सोरेन सरकार के प्रति एकजुटता व्यक्त की है। इन विधायकों ने मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन को कमान सौंपे जाने की अटकलों के बीच बिना किसी के नाम वाले एक समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर भी किए। इससे पहले आज कल्पना सोरेन विधायकों की एक बैठक में शामिल हुईं। वह विधायक नहीं हैं।
विधायकों की दो बार बैठक हुई
कथित भूमि धोखाधड़ी के एक मामले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुख्यमंत्री से पूछताछ किए जाने से एक दिन पहले मंगलवार को दो दौर की बैठक हुई। परिवहन मंत्री एवं झामुमो के वरिष्ठ नेता चम्पई सोरेन ने कहा, ‘‘जो भी होता है, हम उसके लिए तैयार हैं। भाजपा लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है लेकिन हम उन्हें उनके मिशन में कामयाब नहीं होने देंगे।
विधायको ने सीएम सोरेन के प्रति एकजुटता व्यक्त की
मंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि बैठक मौजूदा परिस्थितियों में मुख्यमंत्री के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए बुलायी गयी थी। एक अन्य विधायक ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा, कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया। हम एकजुट हैं। हमने एक समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर भी किए हैं जिस पर कोई नाम नहीं था, ऐसी स्थिति के लिए कहीं उसकी जरूरत पड़ जाए।
बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर बैठक होगी
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में कोई भी फैसला परिस्थितियों के अनुसार लिया जाएगा। कांग्रेस के मंत्री ने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री के प्रति एकजुटता जताने के लिए कल फिर उनके आवास पर मिलेंगे। कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों पर विधायकों ने कहा कि बैठक में ऐसी कोई चर्चा नहीं की गयी।
सीएम ने विधायकों से कहा डरें नहीं
सीएम आवास पर बैठक खत्म होने के बाद जेएमएम सांसद महुआ मांझी ने कहा कि बीजेपी ने सीएम हेमंत सोरेन को भगोड़ा और न जाने क्या-क्या कहकर अराजकता फैलाई। माहौल खराब किया गया। उसे रोकने के लिए सीएम ने बैठक बुलाई थी। उन्होंने कहा कि डरने की कोई बात नहीं है, मैं आ गया हूं और कल (बुधवार) ईडी का सामना करूंगा।
(इनपुट-भाषा)
‘जर और ज़मीन का जंजाल’, फर्जी कागजात और ईडी की चाल, जानें कैसे फंस गए हेमंत सोरेन ? – India TV Hindi
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करोड़पति है। साल 2019 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक सीएम सोरेन की कुल संपत्ति 8 करोड़ 51 लाख, 74 हजार 195 रुपये है। इसमें हेमंत सोरेन के नाम पर चल सपंत्ति करीब 1 करोड़ और अचल संपत्ति 1 करोड़ 16 लाख से ज्यादा है। वहीं, उनकी पत्नी कल्पना के पास करीब एक करोड़ की चल संपत्ति और करीब 5 करोड़ की अचल संपत्ति है। ये तो हो गई सोरेन दंपति की जायदाद की जानकारी लेकिन सीएम सोरेन जमीन के विवाद में फंस गए हैं और इसे लेकर उनपर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। जमीन के साथ ही अवैध खनन में भी उनकी संलिप्तता सामने आई है। जिसे लेकर उनपर आरोप लगे हैं वो है एक जमीन… एक BMW कार और 36 करोड़ कैश।
जर और ज़मीन का जंजाल, कैसे फंस गए हेमंत सोरेन ?
सीएम हेमंत सोरेन पर जिस जमीन के घोटाले के आरोप लग रहे हैं, ईडी के पास उस जमीन की पूरी डिटेल है। पूरी डिटेल जानकार आप हैरान रह जाएंगे लेकिन उससे पहले हेमंत सोरेन के इस जमीन की डिटेल समझ लीजिए। ये जमीन रांची के बड़गाई अंचल के बरियातू इलाके में है। इसका साइज 8.46 एकड़ का है, इसमें 12 प्लॉट हैं। ज़मीन को पत्थर की बाउंड्री बनाकर घेरा गया है। इस जमीन पर कोई कंस्ट्रक्शन तो नहीं हुआ है। लेकिन एक गार्डरुम और एक आउट हाउस बनाया गया है।
झारखंड के लैंड स्कैम में सीएम सोरेन की एंट्री की कहानी बहुत दिलचस्प है। इसकी शुरुआत साल 2022 में हुई थी। 6 मई को झारखंड में करोड़ों के मनरेगा घोटाले को लेकर ईडी की एंट्री हुई। ईडी ने मनरेगा घोटाले के मामले में पूजा सिंघल और उनके करीबियों के ठिकानों पर छमामेरी की। पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के घर से 19 करोड़ कैश बरामद हुए। 7 मई 2022 को CA सुमन कुमार को गिरफ्तार किया गया। 11 मई 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया गया।पूछताछ के दौरान पूजा सिंघल ने ईडी को कई अहम जानकारियां दी। इसके बाद झारखंड में करप्शन की फाइलें खुलने लगी।
ऐसे हुआ खुलासा
जांच में ईडी को पूजा सिंघल से ऐसे इनपुट मिले, जिसने झारखंड में चल रहे करप्शन की पूरी कलई खोल दी। जांच की आंच IAS ऑफिसर्स से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंची। करप्शन की ऐसी चेन मिली कि ईडी के ऑफिसर्स भी हैरान रह गए। क्योंकि घोटाला एक डिपार्टमेंट में नहीं बल्कि हर विभाग में हो रहा था। मतलब ये कि 2022 में ईडी ने जांच मनरेगा घोटाले को लेकर शुरु की। जांच आगे बढ़ी तो टेंडर स्कैम का खुलासा हुआ। जांच और आगे बढ़ी तो अवैध खनन का मामला सामने आया। घोटाला खेल खुलता गया और ईडी एक-एक कर आगे बढ़ती रही। अवैध खनन के बाद लैंड स्कैम… फिर शराब घोटाला और फिर उसके बाद घोटालों के पैसों के लॉन्ड्रिंग का खेल … मतलब की मनी लॉन्ड्रिंग।
इस जमीन की वजह से फंसे सोरेन
जैसे ईडी की जांच का दायरा बढ़ा …. झारखंड में करप्शन का खेल खुलता गया। टेंडर और कमीशन के बाद फाइलें ज़मीन घोटाले की खुलीं। रांची के जिस बड़गाई स्थित जमीन को लेकर ईडी जांच कर रही है, उसके कागजात भी भानु प्रताप के घर से ही बरामद हुए थे। भानु प्रताप के मोबाइल से भी ईडी को कई ज़मीन की जानकारी मिली थी। जिसके बाद ED ने लैंड स्कैम को लेकर मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के घर पर छापेमारी की।
ईडी ने जब गवाहों के बयान दर्ज किए और मामले की डिटेल्ड इंवेस्टिगेशन की तो इस जमीन के घोटाले के तार सीएम सोरेन जुड़ गए। इसके बाद बड़गाई के पूर्व राजस्व अधिकारी भानुप्रताप और अंचलाधिकारी मनोज कुमार के बयान को आधार बनाकर ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया। 18 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 10 घंटे इडी दफ्तर में पूछताछ हुई।
ईडी ने पूरी कर ली है तैयारी, क्या गिरफ्तार होंगे सोरेन?
सोर्सजे से मिली इन्फोर्मेशन के मुताबिक ये जमीन सेना से जुड़ी हुई थी। जिसे फर्जी नाम-पते की मदद खरीदा और बेचा गया। इसको लेकर रांची नगर निगम ने एक एफआईआर भी दर्ज करवाई हुई है। सोरेन पर दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के अलावा आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप भी लगा है। इस मामले में अबतक 14 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। और अब गिरफ्तारी की तलवार सोरेन पर लटक रही है। ईडी के पास ज़मीन घोटाले से जुड़े पुख्ता सबूत है। गवाहों के बयान भी ईडी पहले ही दर्ज कर चुकी है। 30 जनवरी को दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास से ईडी को कुछ और दस्तावेज मिले हैं। हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी अपनी तैयारी पूरी कर चुकी है। ये बात हेमंत सोरेन को भी मालूम है…इसलिए सोरेन बार-बार ईडी से बचने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन अब ईडी ने सोरेन के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी कर ली है।