झारखंड के पूर्व विधायक सरफराज अहमद (वीडियो ग्रैब)
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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी पार्टियों के बिखरने का सिलसिला जारी है। वाम दल-सीपीआई ने झारखंड में विपक्षी गठबंधन- इंडिया से नाता तोड़ लिया है। पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने रविवार को कहा, पार्टी आगामी चुनाव में प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों में से आठ पर चुनाव लड़ेगी। बता दें कि फिलहाल झारखंड से सीपीआई का एक भी लोकसभा सांसद नहीं है।
सीपीआई सचिव महेंद्र पाठक ने बताया, हमने अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन कांग्रेस और ‘महागठबंधन’ ने अभी तक सीट बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं की है। इसलिए, सीपीआई ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया से अलग होने का फैसला पार्टी की राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया।
सीपीआई रांची, हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, पलामू, गिरिडीह, दुमका और जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारेगी। महेंद्र पाठक ने कहा कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा 16 मार्च के बाद की जाएगी। फिलहाल झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से बीजेपी के पास 11, आजसू पार्टी के पास एक, जेएमएम के पास एक और कांग्रेस के पास एक सीट थी। लेकिन कांग्रेस की एकमात्र सांसद गीता कोड़ा ने हाल ही में भाजपा का दामन थाम लिया।
झामुमो ने सरफराज अहमद को बनाया राज्यसभा उम्मीदवार
वहीं, एक अन्य अहम राजनीतिक घटनाक्रम में झामुमो ने पूर्व विधायक सरफराज अहमद को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने का एलान किया। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल दलों ने भी उनका समर्थन किया है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरफराज राज्यसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार होंगे। 70 वर्षीय अहमद 11 मार्च को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद सरफराज की उम्मीदवारी की पुष्टि की गई।
भाजपा ने शनिवार को पार्टी के झारखंड महासचिव प्रदीप वर्मा को राज्यसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया था। दो राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव 21 मार्च को होने वाला है। बता दें कि अहमद ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए 31 दिसंबर को झारखंड विधानसभा से अपना इस्तीफा दे दिया।
सरफराद पहली बार 1980 में अविभाजित बिहार में विधायक के रूप में चुने गए थे। 1984 से 1989 तक गिरिडीह का प्रतिनिधित्व करते हुए संसद सदस्य के रूप में कार्यरत रहे। नामांकन प्रक्रिया 4 मार्च को शुरू हुई। झारखंड विधानसभा परिसर में 21 मार्च को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच मतदान होगा। उसी दिन शाम 5 बजे गिनती होगी। झारखंड में फिलहाल छह राज्यसभा सीटें हैं।
गौरतलब है कि झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 47 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 26 विधायक और आजसू पार्टी के पास तीन विधायक हैं। इसके अतिरिक्त, एनसीपी और सीपीआई (एमएल) के पास एक-एक विधायक, दो निर्दलीय और एक नामांकित सदस्य हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन के समीकरण पर नजर डालें तो झामुमो के पास 29 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 17 और राजद के पास एक विधायक हैं।