राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मप्र में पांचवां और आखिरी दिन था। इस दिन यात्रा उज्जैन से धार फिर रतलाम जिले में पहुंचीं। दोनों ही जगह कांग्रेस ने आदिवासियों पर फोकस रखा और भाजपा सरकार पर हमला किया।
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इंडिया टीवी-CNX ओपिनियन पोल: ‘अबकी बार किसकी सरकार’, जनता ने दे दी है अपनी राय – India TV Hindi
नई दिल्ली, 5 मार्च: इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल के मुताबिक, अगर अभी चुनाव कराए जाएं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) कुल 543 लोकसभा सीटों में से 378 सीटें जीत सकता है। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले I.N.D.I.A. गठबंधन (तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर) को 98 सीटों पर जीत मिल सकती है जबकि तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआरसीपी, टीडीपी, बीजेडी और निर्दलीय सहित अन्य को बाकी की 67 सीटें मिल सकती हैं। इस ओपिनियन पोल का प्रसारण आज इंडिया टीवी न्यूज चैनल पर किया गया। 543 लोकसभा क्षेत्रों में 5 से 23 फरवरी के बीच यह ओपिनियन पोल कराया गया। इसमें कुल 1,62,900 लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें 84,350 पुरुष और 78,550 महिलाएं शामिल हैं।
इस सर्वे के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर 335 सीटें जीत सकती है। इस ओपिनियन पोल के मुताबिक, गुजरात की सभी 26 सीटों, मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों, राजस्थान की सभी 25 सीटों, हरियाणा की सभी 10 सीटों, दिल्ली की सभी सात सीटों, उत्तराखंड की सभी 5 सीटों और हिमाचल प्रदेश की सभी 4 सीटों पर बीजेपी क्लीन स्वीप करने जा रही है।
सबसे शानदार जीत उत्तर प्रदेश में होने का अनुमान है जहां बीजेपी 74 सीटें जीत सकती है। वही बीजेपी के सहयोगी पार्टियां आरएलडी और अपना दल कुल 80 सीटों में से दो-दो सीटें जीत सकती हैं। बाकी दो सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में जा सकती हैं। यूपी में कांग्रेस और बीएसपी को एक भी सीट न मिलने का अनुमान है।
जिन अन्य राज्यों में बीजेपी उल्लेखनीय जीत हासिल कर सकती है, वे हैं : बिहार (40 में से 17), झारखंड (14 में से 12), कर्नाटक (28 में से 22), महाराष्ट्र (48 में से 25), ओडिशा (21 में से 10) ), असम (14 में से 10) और पश्चिम बंगाल (42 में से 20)। क्षेत्रीय दलों में तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में 21 सीटें जीत सकती है।
वहीं डीएमके तमिलनाडु में 20 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है, आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी 15 सीटें और टीडीपी 10 सीटें जीत सकती है। बीजू जनता दल को ओडिशा में 21 में से 10 सीटें मिलने का अनुमान है।
India TV-CNX ओपिनियल पोल के अनुमानों का राज्यवार ब्यौरा :
आंध्र प्रदेश: कुल 25 (वाईएसआरसीपी 15 और टीडीपी 10)
अरुणाचल प्रदेश: कुल 2 (भाजपा 2)
असम: कुल 14 (बीजेपी 10, एजीपी 1, यूपीपीएल 1, कांग्रेस 1, एआईयूडीएफ 1)
बिहार: कुल 40 (बीजेपी 17, जेडी-यू 12, राजद 4, एलजेपी (आर) 3, आरएलजेपी 1, हम 1, आरएलएम 1, कांग्रेस 1)
छत्तीसगढ़: कुल 11 (बीजेपी 10, कांग्रेस 1)
गोवा : कुल 2 (बीजेपी 2)
गुजरात: कुल 26 (बीजेपी 26)
हरियाणा: कुल 10 (बीजेपी 10)
हिमाचल प्रदेश : कुल 4 (भाजपा 4)
झारखंड: कुल 14 (बीजेपी 12, एनडीए सहयोगी 1, जेएमएम 1)
कर्नाटक: कुल 28 (भाजपा 22, जद-एस 2, कांग्रेस 4)
केरल: कुल 20 (यूडीएफ 11, एलडीएफ 6, बीजेपी 3) – पार्टीवार ब्यौरा – कांग्रेस -7, सीपीआई-एम 4, बीजेपी 3, सीपीआई 1, केसी-एम 1, आईयूएमएल 2, आरएसपी 1, अन्य 1
मध्य प्रदेश: कुल 29 (भाजपा 29)
महाराष्ट्र: कुल 48 (बीजेपी 25, शिव सेना-यूबीटी 8, एनसीपी (अजित) 4, शिव सेना-शिंदे 6, एनसीपी-शरद 3, कांग्रेस 2)
मणिपुर: कुल 2 (बीजेपी 1, कांग्रेस 1)
मेघालय: कुल 2 (एनपीपी 2)
मिजोरम : कुल 1 (जेडपीएम 1)
नागालैंड : कुल 1 (एनडीपीपी 1)
ओडिशा: कुल 21 (बीजेडी 11, बीजेपी 10)
पंजाब: कुल 13 (आप 6, कांग्रेस 3, बीजेपी 3, शिअद 1)
राजस्थान: कुल 25 (बीजेपी 25)
सिक्किम: कुल 1 (एसकेएम 1)
तमिलनाडु: कुल 39 (डीएमके 20, एआईएडीएमके 4, बीजेपी 4, कांग्रेस 6, पीएमके 1, अन्य 4)
तेलंगाना: कुल 17 (कांग्रेस 9, बीजेपी 5, बीआरएस 2, एआईएमआईएम 1)
त्रिपुरा: कुल 2 (बीजेपी 2)
उत्तर प्रदेश: कुल 80 (बीजेपी 74, एनडीए सहयोगी 4, एसपी 2)
उत्तराखंड: कुल 5 (बीजेपी 5)
पश्चिम बंगाल: कुल 42 (तृणमूल कांग्रेस 21, बीजेपी 20, कांग्रेस 1)
अंडमान निकोबार : कुल 1 (बीजेपी 1)
चंडीगढ़: कुल 1 (बीजेपी 1)
दादर नगर हवेली, दमन-दीव: कुल 2 (बीजेपी 2)
जम्मू कश्मीर: कुल 5 (बीजेपी 2, इंडिया ब्लॉक 3)
लद्दाख: कुल 1 (बीजेपी 1)
लक्षद्वीप : कुल 1 (कांग्रेस 1)
दिल्ली: कुल 7 (बीजेपी 7)
पुडुचेरी : कुल 1 (एनडीए 1)
कुल: (543 सीटें): (एनडीए 378, इंडिया गठबंधन 98, टीएमसी सहित अन्य दल 67)
(विस्तृत विवरण के लिए कृपया इंडिया टीवी रिस्पांस से 93505 93505 पर संपर्क करें)
BJP नेता जयवीर सिंह का बड़ा बयान- हम चाहे तो सपा को खत्म कर… डिंपल ने दिया जवाब – India TV Hindi
यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आज ही अगर हम मन बना ले तो आज ही सपा खत्म हो जाएगी और मैं ये दावे से कह रहा हूं। लेकिन हमलोग नैतिकता के आधार पर और सिद्धांतों की राजनीति करते हैंं। हम लोग इस तरह से खरीद-फरोख्त वाले कार्यों में विश्वास नहीं रखते हैं। आज जन दबाव में बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि भाजपा में कैसे भी प्रवेश मिल जाए।
सपा से बागी हुए नेताओं को भाजपा में मिले पैकेज पर बोले कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह, वह जरा अपनी अंतरात्मा टटोल लें। 12 से 17 तक जब तक वह सत्ता में रहे तब यही काम करते रहे हैं। उन्हें पुराना अनुभव है। मैं समझता हूं कि भारतीय जनता पार्टी आज सबके लिए आकर्षण का केंद्र है।
पूरा खानदान अब घूमेगा
सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के लगातार मैनपुरी दौरे पर कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने तंज कसा और कहा कि उनका पूरा खानदान जुटेगा। पिछली बार चुनाव में पूरा खानदान घर-घर घूम गया था। लेकिन इस बार कहां-कहां जाएगा पूरा खानदान, तब तो एक जगह चुनाव था लेकिन इस बार पूरे देश में चुनाव है। पूरा खानदान भी तो चुनाव लड़ेगा। मैनपुरी लोकसभा से स्वयं के नाम की चर्चा चलने पर बोले कैबिनेट मंत्री चर्चा चल रही है अच्छी बात है जो भी निर्णय आएगा नेतृत्व का उसको हम स्वीकार करेंगे।
डिंपल ने दिया राजवीर को करारा जवाब
जयवीर सिंह के बयान का डिंपल यादव ने करारा जवाब दिया है। डिंपल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूरे लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है और संविधान को भी मिटाना चाहती हैं तो आज देश को बचाने के लिए यह लड़ाई बहुत जरूरी है। अब सब जाति-वर्ग के लोग साथ आएं और संविधान को बचाने में समाजवादी पार्टी का साथ दें क्योंकि यह लोग नहीं चाहते है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, अच्छा स्वास्थ्य मिले और अगर शिक्षा नहीं मिलेगी तो बच्चे कैसे आगे बढ़ पाएंगे। भाजपा ट्रिलियन की बातें तो करती है लेकिन धरातल पर देखे तो कुछ नहीं है।
मैनपुरी सहित 80 में से 80 सीट जयवीर सिंह के जीतने के दावे पर बोली डिंपल यादव. वह अपना काम करें और हम अपना करेंगे वह तो चाहते ही है कि लोकतंत्र को खत्म कर दें संविधान को खत्म करने में तो लगे हुए हैं तो उनकी भाषा से हम लोगों को सचेत होना चाहिए कि यह लोग लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहते हैं।
(मैनपुरी से सलमान मंसूरी की रिपोर्ट)
कच्ची-पक्की हुई AAP-सपा और कांग्रेस की दोस्ती, आसान है क्या भाजपा से मुकाबला? – India TV Hindi
लोकसभा चुनाव की रणभेड़ी बजने ही वाली है, इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। जोड़-तोड़ और दोस्ती की राजनीति और वादे-इरादे चरम पर हैं। एक तरफ सत्ता पक्ष भाजपा नीत एनडीए ने 400 सीटों पर इसबार जीत का दावा किया है तो वहीं विपक्ष भी एकजुच होने के प्रसास में लगा हुआ है। कमजोर विपक्ष मजबूत सत्तापक्ष का कैसे मुकाबला करेंगे ये देखने वाली बात होगी लेकिन प्रयास जारी हैं। काफी पहले बने विपक्षी इंडिया गुट ने अब एकजुट होने की कवायद तेजी से शुरू कर दी है। पहले यूपी में राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया और अब उसने आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर पांच राज्यों में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
विपक्ष की बात करें तो वह भले ही एकजुटता दिखाने की बात करे लेकिन उसे मजबूत होने के लिए और एनडीए से मुकाबला करने के लिए काफी काम करना होगा। आप और कांग्रेस ने शनिवार को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, चंडीगढ़ और गोवा में सीट-बंटवारे समझौते की घोषणा की, जो इस साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है। गुजरात में कांग्रेस 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, आम आदमी पार्टी 2 सीटों पर; हरियाणा में कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, AAP एक सीट पर; दिल्ली में AAP चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस 3 सीटों पर। लेकिन पंजाब में सहमति नहीं बन पाई…. इसलिए वहां फ्रेंडली फाइट होगी।
गठबंधन को लेकर कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने कहा कि AAP दिल्ली में तीन सीटों – नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस चांदनी चौक, शेष तीन सीटों, पूर्वी और उत्तर, पश्चिमी दिल्ली से चुनाव लड़ेगी। वासनिक ने कहा, हरियाणा में कांग्रेस नौ लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी, जबकि कुरूक्षेत्र से एक सीट आप को दी गई है। कांग्रेस गुजरात में 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि आम आदमी पार्टी भावनगर और भरूच सीटों पर अपनी किस्मत आजमाएगी। कांग्रेस चंडीगढ़ और गोवा की दो लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
वासनिक ने कहा कि आप और कांग्रेस दोनों अपने-अपने चुनाव चिन्हों पर चुनाव लड़ेंगे, वे लोकसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा, “भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ प्रतिकूल चुनौतियों से लड़ने” के लिए सीट-बंटवारे सौदे की घोषणा की गई है, गठबंधन के लिए, “देश महत्वपूर्ण है, कोई पार्टी नहीं।”
वासनिक ने कहा, “विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। किसानों को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों ने अपने मतभेदों को दरकिनार कर दिया है और एक साथ आ गए हैं। हम भाजपा की रणनीति को विफल कर देंगे। पार्टियाँ न केवल व्यक्तिगत रूप से चुनाव लड़ रही हैं, हम इंडिया ब्लॉक के तहत संयुक्त रूप से लड़ रहे हैं।”
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस से वासनिक, अरविंदर सिंह लवली और दीपक बाबरिया शामिल हुए। आप का प्रतिनिधित्व आतिशी, सौरभ भारद्वाज और संदीप पाठक ने किया। पाठक ने कहा, “यह देखते हुए कि कैसे चुनाव लूटे जा रहे हैं, किसानों का शोषण किया जा रहा है और संस्थानों से समझौता किया जा रहा है, हमने अपने मतभेदों को किनारे रखकर एक मजबूत विकल्प देने का फैसला किया है। हमारा गठबंधन भाजपा के समीकरण को बिगाड़ देगा।”
आप-कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर सहमति कांग्रेस और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर सहमति बनने के बाद आई है।
कांग्रेस यूपी में 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और शेष 63 सीटें सपा और इंडिया ब्लॉक के अन्य गठबंधन सहयोगियों के लिए होंगी। समझौते के मुताबिक, कांग्रेस अपने गढ़ों-रायबरेली और अमेठी में उम्मीदवार उतारेगी। कांग्रेस कानपुर नगर, फ़तेहपुर सीकरी, बासगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, अमरोहा, झाँसी, बुलन्दशहर, ग़ाज़ियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया में भी चुनाव लड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी.
गठबंधन के कारण कांग्रेस की आम आदमी पार्टी और सपा से दोस्ती महंगी पड़ सकती है, क्योंकि उसके उम्मीदवार नाराज हो सकते हैं। यूपी में कई ऐसी सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई हैं। जहां से कांग्रेस पहले चुनाव लड़ती रही है। गुजरात में भरूच सीट की बात करें तो यह आप के खाते में चली गई है। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी सामने आई है और ये नेता विकल्प चुन सकते हैं। गुजरात में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल को उम्मीद थी कि पार्टी भरूच से उन्हें या उनके भाई फैसल को अपना लोकसभा उम्मीदवार बनाएगी लेकिन दोस्ती में ये संभव नहीं है।
बता दें कि भरूच अहमद पटेल की पारंपरिक सीट रही है और वह यहां से 3 बार लोकसभा के सांसद रहे हैं। अब कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन के बाद मुमताज पटेल ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, ‘गठबंधन में भरूच लोकसभा सीट सुरक्षित नहीं कर पाने के लिए हमारे जिला कैडर से दिल की गहराइयों से माफी मांगती हूं। मैं आपकी निराशा समझ सकती हूं। साथ मिलकर, हम कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए फिर से संगठित होंगे। हम अहमद पटेल की 45 साल की विरासत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे’।
वहीं यूपी में कांग्रेस और सपा की दोस्ती की वजह से यूपी की फर्रुखाबाद सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद नाराज हैं. क्योंकि इस दोस्ती के बाद यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है। सलमान खुर्शीद ने अपने X हैंडल के पोस्ट में लिखा,
‘फ़र्रुखाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं, पर हमारे सब के मुस्तकबिल का है। आने वाली नस्लों का है। किस्मत के फैसलों के सामने कभी झुका नहीं, टूट सकता हूं, झुकूंगा नहीं। तुम साथ देने का वादा करो, मैं नगमे सुनाता रहूं।’
लखीमपुर खीरी सीट से कांग्रेस के रवि वर्मा अपनी बेटी पूर्वी वर्मा को टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन गठबंधन के बाद यह सीट अब सपा के खाते में चली गई है। बसपा को छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री नकुल दुबे सीतापुर और लखनऊ सीटों में से किसी एक पर टिकट की आस लगाए बैठे थे, लखनऊ सीट अब सपा के पास चली गई है। वहीं सीतापुर से कांग्रेस पूर्व विधायक राकेश राठौर को उतारने की तैयारी में है। पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी जालौन से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन यह सीट भी सपा ने ले ली है तो इन सीटों पर चुनावी कणित गड़बड़ हो सकता है।
कांग्रेस यूपी में सपा के साथ गठबंधन में जिन 17 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी उनमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलदंशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया शामिल हैं।
UP: 2018 का इतिहास दोहराएगी BJP? राज्यसभा चुनाव के नतीजों पर पड़ेगा दूसरी वरीयता के मतों का प्रभाव, जानें गणित
Rajya sabha election 2024
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लखनका भाजपा आठ प्रत्याशी मैदान में उतारकर 2018 का इतिहास दोहराने की तैयारी में जुट गई है। 2018 के राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा के पास आठ प्रत्याशी ही जिताने के लिए पर्याप्त मत थे, लेकिन उसने डॉक्टर अनिल अग्रवाल को 9वें प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा दिया था।
डॉ. अग्रवाल भी कई शिक्षण संस्थानों के संचालक और पूंजीपति हैं। उस दौरान भाजपा ने बसपा विधायक अनिल सिंह, सपा के तत्कालीन विधायक नितिन अग्रवाल, रालोद के सहेंद्र सिंह रमाला का वोट हासिल किया था। डॉ. अनिल अग्रवाल सर्वाधिक वोटों से जीते थे।
इस बार भी भाजपा ने 8वें प्रत्याशी संजय सेठ को जिताने के लिए सपा में से सेंधमारी की तैयारी शुरू की है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह समेत अन्य नेताओं को इस कार्य में लगाया गया है। सपा के कुछ विधायकों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा की शीर्ष नेताओं से भी बातचीत कराई जा सकती है।
विधायक अनुपस्थित हुए तो कम हो जाएगी न्यूनतम मतों की संख्या
निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण दूबे का कहना है कि विधानसभा में सदस्य संख्या फिलहाल 399 है। उसके आधार पर एक प्रत्याशी को जीतने के लिए न्यूनतम 37 मतों का आकलन किया गया है। उनका कहना है कि जितने विधायक मतदान करेंगे उनकी कुल संख्या के आधार पर एक राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए आवश्यक न्यूनतम मतों का आकलन किया जाएगा। यदि विधायक अनुपस्थित रहते हैं तो जीत के लिए आवश्यक न्यूनतम मतों की संख्या में कमी भी हो सकती है।