साड्डा हक… LGBTQ समुदाय ने निकाली प्राइड परेड, दिल्ली की सड़कों पर तीन घंटे तक मार्च कर पहुंचे जंतर मंतर
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दिल्ली पुलिस
दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर रोके गए भारत पे के पूर्व को-फाउंडर अश्नीर ग्रोवर
नई दिल्ली: भारत पे के पूर्व सह संस्थापक और शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज किसी ना किसी वजह से चर्चा में बने रहते हैं। अपने बयानों और फैसलों को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले ग्रोवर एक बार फिर से ख़बरों में हैं। इस बार वह चर्चा में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर रोके जाने की वजह से हैं। दरअसल वह दिल्ली से अमेरिका जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें एयरपोर्ट पर रोक दिया गया। इसकी जानकारी खुद उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से दी।
ट्वीट कर दी जानकारी
अश्नीर ग्रोवर ने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत में क्या चल रहा है? फ़िलहाल अश्नीर एयरपोर्ट पर रोका गया चल रहा है जनाब।” अश्नीर ने बताया कि उन्हें न्हें और उनकी पत्नी को दिल्ली एयरपोर्ट पर रोका गया। दरअसल, वो पत्नी के साथ न्यूयॉर्क जा रहे थे। अश्नीर के अनुसार, उन्हें और उनकी पत्नी को एयरपोर्ट पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रोका है। बताया जा रहा है कि ईओडब्ल्यू ने लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी ककिया गया था उअर इसी के उन्हें देश से बाहर जाने से रोका गया है।
अश्नीर ने बताया कि मई में उनके खिलाफ एक FIR दर्ज हुई थी और उसके बाद वह चार बार विदेश यात्राओं पर जा चुके हैं। उन्हें खुद के खिलाफ एलओसी जारी होने की जानकारी नहीं थी और जब वह एयरपोर्ट से वापस अपने घर पहुंचे तब उन्हें इसके बारे में जानकारी हुई। उन्होंने बताया कि मुझे आजतक इस मामले में बुलाया तक नहीं गया था।
शुक्रवार सुबह मिला समन- अश्नीर
अश्नीर ने बताया कि उन्हें EOW का समन शुक्रवार सुबह उनके घर पर मिला और वह हमेशा की तरह सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि LOC हटाने की प्रक्रिया चल रही है और डरने वाली कोई बात नहीं है। खुद को निर्दोष साबित करना आसान है और वह मैं करूंगा। वहीं अश्नीर ने अपनी इस पोस्ट में हरियाणा में चलने वाली एक कहावत लिखी, जाट मारा तब मानियो जब तेहरवीं हो जाए।” मुझे चिता पर जलाने के तेरह दिनों तक मरा हुआ मानने की गलती मत करना।
Visa Scam: दुबई में नौकरी के नाम पर फ्रॉड, हर एक से वसूले 59 हजार, मास्टरमाइंड समेत 7 गिरफ्तार
Crime News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सैकड़ों गरीब लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने नौकरी के लिए वीजा दिलाने के नाम पर ठगी की और लाखों रुपये की ठगी कर डाली. पुलिस ने बताया कि अपने हर एक शिकार से ये लोग कंसल्टेशन के नाम पर 59 हजार रुपये चार्ज करते थे. लोगों को बताया जाता था कि वह उन्हें दुबई में नौकरी दिलाएंगे, जिसके लिए उनसे ये पैसे लिए जा रहे हैं. हालांकि, नौकरी के नाम पर लोगों को झांसा दिया जा रहा था.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने कई सारी फर्जी कंपनियों के जरिए लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया है. इस पूरे वीजा स्कैम का मास्टरमाइंड इनामुल हक है, जो दरभंगा में रहता है. इनामुल का ऑफिस दिल्ली के जाकिर नगर इलाके के जोगा बाई में मौजूद था. पुलिस ने जब यहां पर छापेमारी की, तो उसे ढेर सारे विवादित सामान मिले हैं. आरोपियों ने लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए naukari.com जैसे जॉब पोर्ट्ल्स से डेटा निकाला और फिर उन्हें इन नौकरियों को दिलाने का झांसा दिया.
नौकरी के बदले वीजा दिलाने का स्कैम सबसे ज्यादा
भारत से हर साल लाखों की संख्या में लोग विदेश में नौकरियों के लिए जाते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं, जो हाई-स्किल वर्कर्स होते हैं. इनके लिए विदेशों में नौकरी पाना आसान होता है. हाई-स्किल वर्कर्स का अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी जैसे विकसित देश बांहें खोलकर स्वागत करते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो हाई-स्किल तो नहीं है, लेकिन विदेश जाना उनका सपना है. इस वजह से वीजा स्कैम करने वाले आरोपी ऐसे लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं.
आमतौर पर दुबई, रियाद, आबू धाबी, मस्कट या कई बार सिंगापुर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे मुल्कों में नौकरी के नाम पर लोगों के साथ ठगी की जाती है. इन लोगों को कहा जाता है कि नौकरी के बदले अच्छे पैसे मिलेंगे, लेकिन उससे पहले वीजा का खर्च उठाना पड़ेगा. वीजा दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी भी की जाती है. यही वजह है कि लोगों से हमेशा सतर्क रहने की गुजारिश की जाती है, ताकि वे इस तरह के किसी भी फ्रॉड का शिकार नहीं बनें.
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महुआ और TMC पर बीजेपी का निशाना, कहा- कार्रवाई करने से क्यों डर रही पार्टी? मतलब सब पता है…
Shehzad Poonawalla on TMC MP Mahua Moitra: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों पर घिरी हुई हैं. संसद की ओर से इस मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी का गठन भी किया जा चुका है. वहीं, अब बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला (Shehzad Poonawalla) ने इस पूरे प्रकरण में टीएमसी के आधिकारिक रूख को लेकर सांसद और उनकी पार्टी दोनों पर निशाना साधा है.
बीजेपी नेता पूनावाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘महुआ मोइत्रा पर टीएमसी कोई टिप्पणी नहीं करेंगी. सांसद अपना बचाव खुद करेंगी.’ तृणमूल कांग्रेस के इस बयान का पूनावाला ने मतलब समझाते हुए पार्टी से 3 सवाल भी पूछे हैं.
‘विदेशी प्रतिद्वंद्वी कॉर्पोरेट ऑथोरिटी को दिया लॉग इन’
उन्होंने पूछा कि क्या टीएमसी इस बात को स्वीकार करती है कि लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने रिश्वत लेकर विदेश से संचालित होने वाली एक प्रतिद्वंद्वी कॉर्पोरेट अथॉरिटी को अपना लॉग इन देकर घोर उल्लंघन किया है?
‘टीएमसी बर्खास्त करने के बजाय पद पर बनाए हुए है’
पूनावाला ने अगला सवाल यह भी पूछा कि अगर ऐसा है तो टीएमसी उनको बर्खास्त करने के बजाय अभी तक पद पर क्यों बनाए हुए है?
‘महुआ पर कार्रवाई करने से डर रही टीएमसी’
इसके अलावा बीजेपी नेता ने यह भी सवाल किया कि क्या टीएमसी यह कार्रवाई करने से इसलिए डर रही है, क्योंकि उसके पास छिपाने के लिए कुछ है? शायद पार्टी के लोग इस सब के बारे में जानते थे या इसका समर्थन करते थे? शहजाद ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी से इस पूरे मामले पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की भी है.
सुप्रीम कोर्ट के वकील ने बीजेपी सांसद व सीबीआई को थी शिकायत
बता दें सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने सीबीआई और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर गंभीर आरोप लगाये थे.
उन पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से रिश्वत लेने के सबूत होने का दावा किया था. अब उन्होंने आरोप लगाया कि उनको शिकायत के कारण ‘जान का खतरा’ है. इसको लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को पत्र भी लिखा है.
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महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील को सता रहा ‘जान का खतरा’
Mahua Moitra cash For Question Row: सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने सीबीआई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर गंभीर आरोप लगाये थे. उन पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से रिश्वत लेने के सबूत होने का दावा किया था. अब उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें शिकायत के कारण ‘अपने जीवन के लिए बहुत गंभीर खतरे’ की आशंका है.
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘मुझे सांसद महुआ मोइत्रा और अन्य के खिलाफ 14 अक्टूबर की अपनी शिकायत के कारण अपनी सुरक्षा के लिए बहुत गंभीर खतरे की आशंका है, जो मैंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और निशिकांत दुबे को सौंपी है.’
उन्होंने दावा किया कि ’19 अक्टूबर को मुझे अपनी शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर करने का सीधा प्रयास किया गया था. अगर मैं सहमत नहीं हुआ तो प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकियां भी दी गईं.’
‘राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार से जुड़े गंभीर आरोप लगाए गए’
उन्होंने कहा कि बहुत विशिष्ट मांग यह थी कि उन्हें ‘दोनों शिकायतों को बिना शर्त वापस लेना चाहिए, जिसमें मेरी तरफ से महुआ मोइत्रा और अन्य के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार से संबंधित बहुत गंभीर आरोप लगाए गए हैं.’
‘शिकायतें वापस लेने पर हेनरी वापस करने की बात कही’
उन्होंने कहा, ‘यह कहा गया था कि अगर मैं वे शिकायतें वापस लेने के लिए सहमत हो गया तो मेरा पालतू कुत्ता, हेनरी (रॉटवीलर नस्ल) महुआ मुझे वापस कर देंगी.’ आगे कहा कि विरोधियों को डराने-धमकाने के लिए अपने प्रभाव और राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग करने के तृणमूल कांग्रेस नेता के इतिहास को देखते हुए ‘मेरी चिंताएं गंभीर हैं.’
वकील देहाद्राई ने आगे कहा कि पिछले महीने महुआ मोइत्रा ने बाराखंभा रोड पुलिस स्टेशन में 2 पूरी तरह से फर्जी शिकायतें दर्ज करके उनके पालतू कुत्ते हेनरी को उनसे जबरन छीनने का प्रयास किया था.
‘हेनरी को छोड़ने को मिली कई धमकी भरी कॉल’
उन्होंने कहा, ‘इन दो फर्जी शिकायतों के आधार पर, उन्होंने बाराखंभा रोड पुलिस स्टेशन के एसएचओ महावीर सिंह पर दबाव डाला, जिन्होंने तब उनके सीधे दबाव में काम करते हुए किसी तरह मुझे हेनरी का वैध स्वामित्व महुआ मोइत्रा को देने के लिए धमकाया. मैंने सभी मैसेज और उन 8 फोन कॉलों को भी संरक्षित किया है, जिसमें उन्होंने मुझे खुलेआम धमकी दी थी (दबना पड़ेगा). हेनरी को छोड़ दो, वरना महुआ मोइत्रा की फर्जी शिकायतों में अभियोजन का सामना करना पड़ेगा.’
‘एक तरफा समझौते पर हस्ताक्षर करने को किया मजबूर’
देहाद्राई ने यह भी कहा कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सिंह ने हेनरी की कस्टडी पाने के लिए एक तरफा समझौते पर हस्ताक्षर करने को मजबूर करने के लिए हर चाल का इस्तेमाल किया.
‘बाराखंभा रोड पुलिस स्टेशन के एसएचओ जानते हैं पूरी सच्चाई’
उन्होंने यह भी कहा कि बाराखंभा रोड पुलिस स्टेशन के एसएचओ पूरी सच्चाई जानते हैं और उन्हें मोइत्रा की ओर से उनके कुत्ते हेनरी की वास्तविक चोरी और अवैध रूप से रखने में मदद करने में अपनी भूमिका पर सफाई देनी चाहिए.
‘निजी मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबरों से आईं कई कॉल’
उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार, महुआ मोइत्रा और उसके साथियों की बेहद खतरनाक और संदिग्ध पृष्ठभूमि को देखते हुए मुझे अपने जीवन पर हमले की आशंका है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने निजी मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबरों से कई अजीब संदेश मिले हैं, जो बाद में अचानक डिलीट हो गए.
‘एथिक्स कमेटी और जांच एजेंसियों के सामने पेश होने से रोक सकते हैं’
सुप्रीम कोर्ट के वकील ने कहा, “कल (शुक्रवार 20 अक्टूबर) दोपहर 2:22 बजे , मुझे “नो कॉलर आईडी” नंबर से 3 फोन कॉल आए. इससे भी अधिक परेशान करने वाली बात यह है कि कुछ दिन पहले कुछ असत्यापित व्यक्तियों ने मेरे निजी आवास में घुसने का प्रयास किया था. मुझे आशंका है कि कुछ लोग मुझे 26 अक्टूबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी और जांच एजेंसियों के सामने पेश होने से रोकने के लिए कुछ नापाक हरकतें कर सकते हैं.’
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