प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को दूसरा समन जारी किया है और उन्हें 11 मार्च को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा है। महुआ लोकसभा से निलंबित हैं।
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Mahua Moitra
वोट के बदले नोट पर सांसदों को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया अपना ही फैसला
वोट के बदले नोट के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया है। 7 सदस्यों वाली खंडपीठ ने सोमवार को शीर्ष अदालत के ही पुराने फैसले को पलटते हुए नया आदेश सुनाया।
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महुआ को सरकारी आवास खाली करने के लिए मंत्रालय ने दिया दूसरा नोटिस, इस तारीख तक देना होगा जवाब
Mahua Moitra News: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को शहरी विकास मंत्रालय ने गुरुवार (11 जनवरी) को सरकारी आवास खाली करने के लिए दूसरा नोटिस दिया. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, महुआ मोइत्रा को 16 जनवरी तक इस नोटिस का जवाब देना है.
हाल में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत संपदा निदेशालय ने मोइत्रा को ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में लोकसभा से निष्कासित किए जाने के कुछ समय बाद आधिकारिक बंगला खाली करने के लिए कहा था.
महुआ मोइत्रा ने अपने दिल्ली के सरकारी आवास को खाली करने के लिए जारी किए गए संपदा मंत्रालय के नोटिस को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
हाई कोर्ट में अपनी याचिका में महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?
याचिका में कहा गया कि 11 दिसंबर, 2023 को उन्हें नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उन्हें सात जनवरी तक घर खाली करने का निर्देश दिया गया था, नहीं तो संबंधित कानून के तहत कार्यवाही शुरू की जाएगी. याचिका में 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों तक उन्हें अपने सरकारी आवास पर कब्जा बरकरार रखने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है.
याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकारी आवास की अनुपस्थिति, खासतौर से आम चुनाव से पहले याचिकाकर्ता की पार्टी के सदस्यों, सांसदों, साथी नेताओं आदि की मेजबानी करने और उनसे जुड़ने की क्षमता में एक महत्वपूर्ण बाधा उत्पन्न करती है.
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी को लोकसभा के महासचिव से महुआ मोइत्रा की उस याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा, जिसमें उन्होंने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में लोकसभा से उनके निष्कासन को चुनौती दी है.
लोकसभा से निष्कासित चल रही हैं महुआ मोइत्रा
मोइत्रा को 8 दिसंबर, 2023 को निचले सदन में पेश की गई ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. सदन के भीतर चर्चा के दौरान बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर मोइत्रा ने कहा था कि एथिक्स कमेटी ने हर नियम तोड़ा. महुआ ने आरोप लगाया कि उन्हें उस आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया जिसका अस्तित्व ही नहीं है.
महुआ मोइत्रा के अनैतिक आचरण की जांच करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि टीएमसी नेता को लोकसभा से निष्कासित किया जा सकता है और केंद्र सरकार की ओर से समयबद्ध तरीके से गहन, कानूनी, संस्थागत जांच की मांग की गई थी.
रिपोर्ट को पिछले महीने पैनल में 6:4 के बहुमत से अपनाया गया था. मोइत्रा के कैश-फॉर-क्वेरी मामले पर रिपोर्ट से पता चला कि उन्होंने 2019 से 2023 तक चार बार यूएई का दौरा किया, जबकि उनके लॉगिन को कई बार एक्सेस किया गया था.
‘महुआ ग्लैमरस, डरती नहीं हैं’, पढ़े कैसे प्रशांत भूषण ने फिर साधा केंद्र पर निशाना
Prashant Bhushan Post On Mahua Moitra: घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों में संसद की सदस्यता से बर्खास्त की गईं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का जिक्र एक बार फिर हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने “द गार्डियन” में लिखे गए एक एडिटोरियल का लिंक शेयर कर नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि महुआ मोइत्रा सरकार के खिलाफ तीखे सवाल पूछती थीं. इसलिए व्यवस्थित तरीके से उन्हें चुप करने की कोशिश हुई है.
दरअसल लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) की प्रोफेसर मुकुलिका बनर्जी ने “द दार्डियन” में एक एडिटोरियल लिखी है जो महुआ मोइत्रा के संबंध में है. “एक सांसद, उसका एक्स और उनका कुत्ता” शीर्षक से लिखे इस आलेख में मुकुलिका बनर्जी ने लिखा है कि महुआ मोइत्रा और उनके एक्स के बीच “हेनरी” नाम के एक रोटविलर कुत्ते के लिए जंग शुरू हुई जो आखिरकार महुआ को संसद से बर्खास्त करने पर जाकर खत्म हुई.
इसी एडिटोरियल का लिंक और एक पैराग्राफ को प्रशांत भूषण ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर शेयर किया है.
“
“Mahua breaks the mould of an Indian parliamentarian,” said Mukulika Banerjee, a professor at LSE. “She is glamorous, she’s smart, she’s relentless and she’s unafraid to ask difficult questions of the govt, even when they try to humiliate her. This misogynistic government doesn’t…
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) December 27, 2023
महुआ ग्लैमरस हैं”
इसमें उन्होंने लिखा है एलएसई की प्रोफेसर मुकुलिका बनर्जी कहती हैं कि महुआ भारतीय सांसदों के पुराने ढर्रे को तोड़ती हैं. वह ग्लैमरस हैं, स्मार्ट हैं, मेहनती हैं और सरकार से तीखे सवाल पूछने से नहीं डरतीं, भले ही उन्हें अपमानित होना पड़े.”
नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए प्रशांत भूषण ने लिखा है कि यह स्त्रीद्वेषी सरकार नहीं जानती है कि ऐसे मामलों को कैसे संभालना है. इसलिए महुआ को चुप कराने के लिए व्यवस्थित प्रयास किया गया है.
क्यों संसद से बर्खास्त की गईं महुआ
महुआ के खिलाफ पूरे मामले की शुरुआत भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों से हुई. दुबे ने मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए रियल स्टेट कारोबारी हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. निशिकांत दुबे ने ये आरोप महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत देहाद्रई की शिकायत के आधार पर लगाए. निशिकांत की शिकायत पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कमेटी का गठन किया. इस बीच हीरानंदानी ने भी सभी आरोपी को स्वीकार किया और कहा कि उन्होंने महुआ को महंगे उपहार दिए हैं.
कमेटी ने महुआ मोइत्रा, निशिकांत दुबे समेत कई लोगों के बयान दर्ज किए थे.
विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने 9 नवंबर को एक बैठक में ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ के आरोप पर महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की थी. कमेटी के 6 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था. इनमें कांग्रेस सांसद परनीत कौर भी शामिल थीं, जिन्हें पहले पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. 8 दिसंबर को संसद में रिपोर्ट पेश की गई जिसके बाद ध्वनि मत से महुआ को संसद से बर्खास्त करने का प्रस्ताव पारित हुआ.
संसद सत्र: सुरक्षा में चूक, 146 सांसदों का निलंबन, महुआ की बर्खास्तगी और कई अहम बिलों को मंजूरी
Parliament Winter Session 2023: लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार (21 दिसंबर) को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. यह शीतकालीन सत्र कई मायनों में खास रहा. संसद की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे, रिकॉर्ड 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया. साथ ही सरकार ने कई अहम बिल को मंजूरी दिलाई. इसके अलावा सत्र में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई. बड़ी बातें-
1. लोकसभा में सदन की अवमानना करने को लेकर कांग्रेस के तीन सांसदों दीपक बैज, डीके सुरेश और नकुल नाथ को शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही लोकसभा के निलंबित विपक्षी सदस्यों की संख्या 100 और राज्यसभा से विपक्षी सांसदों की संख्या 46 हो गई. ऐसे में दोनों सदनों को मिलाकर निलंबित सांसदों की संख्या 146 पर पहुंच गई. सबसे पहले गुरुवार (14 दिसंबर) को लोकसभा से 13 सांसदों, सोमवार (18 दिसंबर) को 33 सांसदों और मंगलवार (19 दिसंबर) को 49 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. इसके अलावा बुधवार (20 दिसंबर) भी को दो विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है, किसी एक सत्र में पहली बार इतने सांसदों का निलंबन हुआ है.
2. संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर को शुरू हुआ था. इसके तय कार्यक्रम के मुताबिक सत्र शुक्रवार (22 दिसंबर) तक चलना था. कार्यवाही स्थगित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र में कार्य उत्पादकता करीब 74 प्रतिशत रही. उन्होंने कहा, ‘‘इस सत्र में 14 बैठकें हुईं, जो 61 घंटे 50 मिनट तक चलीं. इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए.”
3. लोकसभा के शीतकालीन सत्र में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को भी मंजूरी दी गई. ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाये गए हैं. साथ ही संसद के निचले सदन से केंद्रीय माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023; दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2023; दूरसंचार विधेयक, 2023 और कुछ अन्य विधेयकों को पास किया गया.
4. राज्यसभा में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023, भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023,जम्मू-कश्मीर आरक्षण-संशोधन विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक को इसी शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिली. साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) अधिनियम, 2023 लोकसभा में संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित किया गया. इसके अलावा मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा विधेयक भी पास हुआ. दोनों सदनों (राज्यसभा औऱ लोकसभा) में इस दौरान कई विपक्षी सांसद मौजूद नहीं रहे क्योंकि उन्हें निलंबित कर दिया गया था.
5. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयकों को लेकर कहा कि संसद से पारित होने के बाद भारत के आपराधिक न्याय प्रक्रिया में एक नयी शुरुआत होगी जो पूर्णतया भारतीय होगी. उन्होंने कहा, ‘‘इस नए कानून को ध्यान से पढ़ने पर पता चलेगा कि इसमें न्याय के भारतीय दर्शन को स्थान दिया गया है. हमारे संविधान निर्माताओं ने भी राजनीतिक न्याय, आर्थिक न्याय और सामाजिक न्याय को बरकरार रखने की गारंटी दी है. संविधान की यह गारंटी 140 करोड़ के देश को यह तीनों विधेयक देते हैं. ’’
6. लोकसभा और राज्यसभा में संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर इस शीतकालीन सत्र में हंगामा हुआ. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने मामले में सदन के भीतर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान देने की मांग की तो सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि राजनीति की जा रही है. दरअसल, लोकसभा में 13 दिसंबर की दोपहर करीब एक बजे सागर शर्मा और मनोरंजन डी सांसदों की बैठने वाली जगह पर दर्शक दीर्घा से कूद गए. दोनों ने केन के माध्यम से धुंआ फैला दिया. इस दौरान ही नीलम और अमोल शिंदे ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया और नारे लगाए. दोनों ने केन के माध्यम से धुंआ कर दिया.
7. संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर विपक्षी सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए तख्तियां दिखाई. इसके बाद नई संसद भवन के मकर द्वार पर निलंबित सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया. इसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कई लोग शामिल हुए. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चर्चा से भाग रही है.
8. विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल करने का मामला सामने आया. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की राज्यसभा की कार्यवाही का संचालने करने के तरीके की मिम्रिकी की थी. इसका वीडियो कांग्रेस नेता राहुल गांधी बना रहे थे. इसको लेकर सरकार ने विपक्ष को घेरते हुए कहा था कि उपराष्ट्रपति पद का अपमान हुआ है. हालांकि कल्याण बनर्जी ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि वो धनखड़ की नकल नहीं कर रहे थे.
9. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद की सुरक्षा के चूक के मामले को काफी गंभीर बताते हुए कहा कि जांच चल रही है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”विपक्ष का यही आचरण रहा तो 2024 के लोकसभा चुनावों में उनकी संख्या और कम हो जाएगी.”
10. संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पैसे लेकर सदन में सवाल करने के मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता रद्द करने से हुई थी. इसको लेकर विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि ये सब अडानी ग्रुप के मामले में चुप कराने के लिए किया जा रहा था.
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