<p>शराब घोटाले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को चौथा समन जारी… 18 जनवरी को पूछताछ के लिए ED ने बुलाया.. 3 समन पर अब तक पेश नहीं हुए हैं केजरीवाल</p>
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दिल्ली शराब घोटाले में भगोड़े की तरह भाग रहे हैं केजरीवाल- कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित
नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के आम आदमी पार्टी के मुखिया और राज्य के सीएम अरविंद केजरीवाल को समन भेजा। समन के अनुसार, दिल्ली के सीएम को गुरुवार को ईडी के सामने पेश होना था। उसने शराब घोटाले में पूछताछ के लिए समन भेजा गया था। माना जा रहा था कि वह आज पेश होंगे भी। इसके साथ ही कहा जा रहा था कि जांच एजेंसी उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है।
केजरीवाल भगोड़े की तरह भागते हुए दिख रहे- संदीप दीक्षित
हालांकि अरविंद केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए और वह चुनाव प्रचार के लिए मध्य प्रदेश चले गए। इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केजरीवाल भगोड़े की तरह भागते हुए दिख रहे हैं। बकौल संदीप दीक्षित, “ED शराब घोटाले में कार्रवाई कर रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि इसमें आम आदमी पार्टी भी लाभार्थी दिख रही है। अत: उसका भी नाम शामिल किया जाना चाहिए।”
संदीप दीक्षित ने कहा, “दिल्ली शराब नीति में बदलाव का फैसल सरकार ने लिया है और यहां का बच्चा-बच्चा जानता है कि अरविंद केजरीवाल की सहमति के बिना सरकार में कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। फिर चाहे वह किसी फैसले पर दस्तखत करें या ना करें।” उन्होंने कहा कि केजरीवाल आम आदमी पार्टी के भी सर्वेसर्वा हैं और दिल्ली सरकार के भी वही मुखिया हैं। अब इस मामले में पार्टी और सरकार पर जांच हो रही है तो स्वाभविक सी बात है कि इनके मुखिया अर्थात अरविंद केजरीवाल से भी सवाल पूछे जाएंगे।
अन्ना आंदोलन में खुद नेताओं के इस्तीफे को लेकर करते थे बातें- संदीप दीक्षित
संदीप दीक्षित ने कहा कि इस मामले में केजरीवाल भगोड़े की दिख रहे हैं। उन्होंने ED को जो पत्र लिखा, उसमें उन्होंने कहा है कि मामले में कोई तथ्य नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जांच में तथ्य तय करने वाले केजरीवाल कौन होते हैं? उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जांच का सामना करना चाहिए। लोगों को भूलना नहीं चाहिए कि यह वही केजरीवाल हैं, जिन्होंने अन्ना आंदोलन के समय कहा था कि सरकार के किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का संदेश होते ही जांच शुरू हो जानी चाहिए। आज वह खुद ही जांच से छुपते और भागते हुए नजर आ रहे हैं।
ईडी के नोटिस पर केजरीवाल ने रोड शो में बोला हमला
वहीं इससे पहले सुबह अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी में लिखते हुए कहा कि ईडी का नोटिस गैर कानूनी और राजनीति से प्रेरित है। इस नोटिस को BJP के कहने पर भेजा गया है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उन्हें नोटिस इसलिए भेजा गया ताकि वह चुनावी राज्यों में चुनाव प्रचार न कर पाएं। उन्होंने कहा कि ED तुरंत नोटिस वापस ले। वहीं सिंगरौली में पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो करते हुए उन्होंने कहा कि इस एक केजरीवाल को तो गिरफ्तार कर लोगे। हजारों लाखों करोड़ों केजरीवाल को कैसे गिरफ्तार करोगे? ये हमें गिरफ्तार कर ले कोई फर्क नहीं पड़ता। केजरीवाल जेल जाने से नहीं डरता।
जेल या बेल? मनीष सिसोदिया की जमानत पर आज 10:30 बजे फैसला
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज सोमवार (30 अक्टूबर) को फैसला आने वाला है. दिल्ली शराब घोटाला मामले में इस साल फरवरी में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था. अब सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट आज सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगा.
मनीष सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी दोनों की तरफ से दर्ज मामलों में जमानत मांगी है. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि मनीष सिसोदिया प्रभावी शख्स हैं. जमानत मिलने पर वह केस को प्रभावित कर सकते हैं. मनीष सिसोदिया को इस साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा ईडी ने धन शोधन मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया, जिसके बाद से सिसोदिया जेल में हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने पर 17 अक्टूबर को मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा था. मनीष सिसोदिया के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा था कि जांच एजेंसी के पास इस पूरे प्रकरण में सिसोदिया से सीधे जुड़ा कोई सबूत नहीं है.
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शराब घोटाले के आरोपी पर हुआ ‘थर्ड डिग्री’ का इस्तेमाल? अदालत ने ED से मांगा जवाब
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय यानी कि ED से जवाब तलब किया है। पिल्लई ने दावा किया है कि उनसे जानकारी हासिल करने के लिए यातना के ‘थर्ड डिग्री’ जैसे तरीके अपनाए गए। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने शुक्रवार को जांच एजेंसी से याचिका की विचारणीयता के संबंध में जवाब दाखिल करने को कहा।
‘संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन’
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील नितेश राणा ने दलील दी कि ED के 6 मार्च के गिरफ्तारी आदेश और निचली अदालत द्वारा उनके मुवक्किल को एजेंसी की हिरासत तथा फिर न्यायिक हिरासत में भेजने संबंधी पारित रिमांड आदेश धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों का उल्लंघन था। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि PMLA की धारा 19(1) के तहत गिरफ्तारी के लिए उसे कभी मौखिक या लिखित रूप से कोई आधार नहीं बताया गया और यह उनके संवैधानिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।
‘आरोपियों को ‘थर्ड डिग्री’ यातना दी गयी’
इसमें दलील दी गई कि रिमांड आदेशों में इस बात को लेकर कुछ संतोषजनक नहीं कहा गया है कि क्या ED के पास यह विश्वास करने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि याचिकाकर्ता PMLA के तहत अपराध का दोषी है। याचिका में कहा गया है, ‘ED ने प्रतिशोधात्मक तरीके से और पूरी तरह से पीछे पड़ने की कवायद के रूप में जानकारी प्राप्त करने के लिए जोर-जबरदस्ती की रणनीति अपनाई है और याचिकाकर्ता/आवेदक के साथ-साथ अन्य आरोपियों को ‘थर्ड डिग्री’ यातना दी गयी।’
अरुण रामचंद्र पिल्लई ने ED पर ‘थर्ड डिग्री’ इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
याचिका सुनवाई के लायक नहीं है: ED
याचिका में कहा गया है, ‘ED को विवादित गिरफ्तारी आदेश के साथ-साथ विवादित रिमांड आदेशों के जरिये इस तरह के अवैध तरीके से कार्य करने में सक्षम बनाया गया, जो अपने आप में उक्त गिरफ्तारी आदेश और विवादित रिमांड आदेशों को रद्द करने का एक आधार है।’ ED के वकील ने दलील दी कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। अदालत ने मामले को 3 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उसी दिन याचिकाकर्ता की जमानत याचिका भी विचार के लिए लिस्टेड है। इस महीने की शुरुआत में याचिकाकर्ता ने इस मामले में जमानत का अनुरोध करते हुए कहा था कि उसे जेल में रखने का कोई आधार नहीं है।
8 जून को खारिज हो गई थी जमानत याचिका
बता दें कि बीते 8 जून को एक निचली अदालत ने पिल्लई की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उनकी भूमिका कुछ अन्य आरोपियों की तुलना में अधिक गंभीर थी, जो अब भी जेल में हैं, और प्रथम दृष्टया ED का मामला सही है। ED ने केस में दायर अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि पिल्लई भारत राष्ट्र समिति (BRS) की विधान पार्षद के. कविता के करीबी सहयोगी थे। ED का मनी लॉन्ड्रिंग केस केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की FIR से जुड़ा है। (भाषा)
दिल्ली शराब घोटाले में संजय सिंह के करीबियों पर ईडी का शिकंजा, अब विवेक त्यागी से पूछताछ
दिल्ली शराब घोटाले में संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने उनके करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस कड़ी सर्वेश मिश्रा के बाद अब विवेक त्यागी से पूछताछ हो रही है।
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