बेंगलुरु में कारपूलिंग पर बैन को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कर्नाटक सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने बेंगलुरु के निवासियों को ब्लाब्ला कार, क्विक राइड जैसे कारपूलिंग ऐप्स से राइड नहीं करने की सलाह दी है।
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Bengaluru
https://www.indiatv.in/india/national/29 सितंबर को पूरा कर्नाटक तो कल किया जाएगा बेंगलुरु बंद, जानिए क्या है वजह
बेंगलुरु: कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कई वर्षों से चला आ रहा कावेरी नदी जल विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद की वजह से दोनों राज्यों की आम जनता को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पिछले दिनों कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने कर्नाटक सरकार को आदेश दिया था कि वह अगले 15 दिनों तक तमिलनाडु को 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़े। इसके बाद कर्नाटक सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन वहां भी उन्हें सफलता नहीं मिली। कोर्ट के आदेश के बाद राज्यभर में प्रदर्शन शुरू हो गए।
अब इसी बीच कन्नडा ओकुट्टा ने शुक्रवार को कर्नाटक बंद का आह्वान किया है। हालांकि इससे पहले एक अन्य संगठन ने मंगलवार 26 सितंबर को देश के आईटी हब बेंगलुरु में बंद का आह्वान किया था। इस बंद को शहर के कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया था। लेकिन जब ओकुटा ने शुक्रवार को राज्य बंद का ऐलान किया तो तमाम एसोसिएशनों मंगलवार को बेंगलुरु बंद से अपना समर्थन वापस ले लिया।
कन्नडा ओकुट्टा कन्नड़ अधिकारों की लड़ाई के लिए जाना जाता है
बता दें कि कन्नडा ओकुट्टा कन्नड़ अधिकारों की लड़ाई के लिए जाना जाता है। इसमें प्रदेशभर के लगभग 90 संगठन आते हैं। यह बेहद ही बड़ा और प्रभावशाली गुट माना जाता है। इस बंद को लेकर आज एक बैठक हुई, जिसमें वटल नागराज के द्वारा 29 सितंबर को टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक विरोध मार्च की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने राज्य भर में शुक्रवार को बुलाए गए बंद के लिए ट्रांसपोर्ट यूनियनों, फिल्म चैंबर, मॉल मालिकों और स्कूल और कॉलेज यूनियनों से भी समर्थन मांगा है। वहीं इसी बीच बंद को लेकर असमंजस की स्थिति के चलते ओला, उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को बुलाए गए बंद को दिया अपना समर्थन वापस ले लिया है। ऐसे में मंगलवार को प्रस्तावित बेंगलुरू बंद का असर मिला जुला रहने वाला है।
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40 फीट ऊंची दीवार भी पड़ गई छोटी, कूदकर भाग गया रेप का आरोपी, देखें Video
दावणगेरे: भारत में सैकड़ों जेल हैं। इन जेलों में लाखों कैदी कैद करके रखे जाते हैं। इनकी सुरक्षा और देखरेख के लिए हजारों पुलिसकर्मी भी तैनात किए जाते हैं। इसके अलावा जेल में सीसीटीवी, कई फीट ऊंची दीवार समेत कई ऐसे प्रबंध भी किए जाते हैं, जिससे कोई भी कैदी यहां से भाग ना सके। लेकिन कई बार कई हाईटेक इंतजाम भी कम पड़ जाते हैं और उसमें कैद व्यक्ति जेल तोड़कर भागने में सफल हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक के दावणगेरे से सामने आया है।
रेप केस में गिरफ्तार हुआ था आरोपी
कर्नाटक के दावणगेरे में एक आरोपी जेल की 40 फीट ऊंची दीवार कूदकर भाग गया। जब वह दीवार कूदकर भाग रहा है तब का पूरा प्रकरण सीसीटीवी में कैद हो गया और अब यह सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। हालांकि उसके फरार होने के बाद पुलिस ने उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी रेप केस में गिरफ्तार करके जेल में रखा गया था और वह यहीं से दीवार कूदकर फरार हो गया।
देखें वीडियो-
जानकारी के अनुसार, 23 साल का वसंत रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। महिला पुलिस स्टेशन में इस बाबत लिखवाई गई एक शिकायत के आधार पर वसंत को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार करने के बाद उसे कोर्ट में पेश किए जाने के बाद सब जेल में रखा गया था। इसी दौरान 25 अगस्त की दोपहर को उसने सब जेल की 40 फीट ऊंची दीवार से छलांग लगा दी। हालांकि इस दौरान उसके दाहिने पैर में गंभीर चोट लगी लेकिन फिर भी वो वहां से फरार होने में कामयाब हो गया।
पुलिस का दावा- 24 घंटे में किया गिरफ्तार
इस घटना के बाद जेल प्रशासन और पुलिस तुरंत हरकत में आई और जेल से फरार आरोपी वसंत को पकड़ने की कवायद शुरू हो गई। पुलिस ने उसके कई संभावित ठिकानों पर छापे मारे। इसमें पुलिस को सफलता मिली और जेल से फरार होने के 24 घंटे के भीतर उसे पास के जिले हावेरी से अरेस्ट कर लिया गया। हालांकि सोशल मीडिया पर दीवार कूदकर जेल से भागने का वीडियो अब जमकर वायरल हो रहा है और लोग कह रहे हैं कि अब जेल तोड़ना क्या इतना आसन हो गया?
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चांद को घोषित किया जाए हिंदू राष्ट्र, इस जगह को बनाया जाए राजधानी- स्वामी चक्रपाणि
नई दिल्ली: चंद्रयान-3 के सफल होने के बाद पूरा देश जश्न के माहौल में है। प्रधानमंत्री ने विदेश दौरे से लौटते ही सीधे मिशन की टीम से मिलने बेंगलुरु गए थे। जहां उन्होंने घोषण करते हुए कहा कि जहां चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई है, उसे शिव शक्ति पॉइंट के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद अखिल भारतीय हिंदू/संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने अजीबोगरीब मांग कर दी है।
स्वामी चक्रपाणि ने कहा है कि चांद को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। इसे संसद को हिंदू राष्ट्र के रूप में मान्यता देनी चाहिए। इसके साथ ही चंद्रयान-3 की लैंडिंग वाली जगह शिव शक्ति पुनीत को वहां की राजधानी बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से वहां को आतंकी जिहादी मानिसकता से नहीं पहुंच पायेगा।इसके साथ ही उन्होंने चंद्रयान-3 की लैंडिंग वाली जगह का नाम शिव शक्ति रखने पर पीएम मोदी का आभार जताया है।
स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने चांद पर जहां चंद्रयान-3 के उतरने वाली जगह का नाम ‘शिव शक्ति पॉइंट’ रखा है। लेकिन इसी के साथ मैं चाहता हूं कि इसके पहले कि कोई और विचारधारा के लोग, और देशों के लोग वहां पर जाकर के वहां गजवा-ए-हिंद न बनाएं, इसलिए संसद से प्रस्ताव पास करके चांद को हिंदू राष्ट्र के रूप में घोषित किया जाए और वहां की राजधानी ‘शिव शक्ति पॉइंट’ को बनाया जाए।
‘कोई जिहादी चांद पर जिहाद करे, उससे पहले घोषित हो हिंदू राष्ट्र’
अखिल भारतीय हिंदू/संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि इसके पहले कि कोई दूसरा जाकर के चांद पर जाकर जिहाद करे, वहां पर जाकर के कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाए, आतंकवाद को फैलाए, चांद को एक हिंदू सनातन राष्ट्र के रूप में घोषित किया जाए। उसकी राजधानी शिव शक्ति पॉइंट ही हो, क्योंकि चांद भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान होता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह से हिंदू सनातनियों का चंदा मामा से पुराना संबंध है। चांद का हमारे यहां शास्त्रों में अनेक प्रकार का जिक्र है। मैं चाहता हूं कि चांद की शुद्धता और पवित्रता बनी रहे। इसलिए प्रस्ताव लाकर चांद को हिंदू सनातन राष्ट्र घोषित किया जाए।
पिछली बार आंसुओं के साथ हुए थे विदा, आज तालियों की गूंज के साथ ISRO पहुंचे PM मोदी
बेंगलुरु: 23 अगस्त को भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर लैंड करके नया इतिहास बना दिया। भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने अपना काम भी शुरू कर दिया। कई तस्वीरें भी आ चुकी हैं। जिस समय चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लैंड हुआ, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए हुए थे। उन्होंने वहीं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वह जल्द ही उसने रूबरू होकर बधाई देंगे। आज पीएम मोदी विदेश से लौट आये और सीधे बेंगलुरु पहुंच गए।
चंद्रयान-2 की असफलता के बाद पूरा स्पेस सेंटर हो गया था भावुक
पीएम जब बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरे तो लोगों ने बेहद ही उत्साह और उमंग से उनका स्वागत किया। यह देखकर लोगों को साल 2019 का वक्त याद आ गया। 7 सितंबर की रात को मिशन चंद्रयान-2 फेल हो गया था। लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था। उस समय पीएम मोदी सतीश धवन स्पेस सेंटर में ही मौजूद थे। सुबह जब वह वहां से वापसी कर रहे थे तब उस समय के इसरो के प्रमुख के सिवन से मिले तो भावुक हो गए और रोने लगे। जिसके बाद पीएम मोदी ने के सिवान को गले लगा लिया और उन्हें ढाढ़स बंधाया। यह देखकर पीएम मोदी समेत पूरे देश के आंखों में आंसू थे। लेकिन आज पूरा माहौल बदला हुआ है।
7 सितंबर 2019 की सुबह सतीश धवन स्पेस सेंटर में भावुक हो गया था माहौल
आज का माहौल पूरी तरह से बदला हुआ
आज जब पीएम मोदी सतीश धवन स्पेस सेंटर पहुंचेंगे तो वहां मौजूद वैज्ञानिक बेहद ही खुश होंगे। उनके चेहरे पर सफलता की ख़ुशी होगी। आज वहां मौजूद वैज्ञानिकों में से कई वैज्ञानिक 7 सितंबर 2019 की सुबह भी मौजूद रहे होंगे। जब उन्होंने के सिवान को फफकते हुए देखा होगा। उनके भी आंसू नहीं रुके होंगे। आज वह आंखों में आंसू लेकर नहीं बल्कि ख़ुशी के साथ पीएम मोदी का स्वागत करेंगे। आज वह गर्व के साथ पीएम मोदी से मिलेंगे और कहेंगे हमने कर दिखाया। हमने भारत का झंडा चंद्रमा की सतह पर फहरा दिया।
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