Year Ender 2023: चांद से आई इन तस्वीरों ने रचा इतिहास, कभी नहीं भूलेगा हिंदुस्तान
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Vikram lander
इसरो प्रमुख ने बताया-‘चंद्रयान, आदित्य-L1 के बाद अब शुक्र और मंगल की भी है बारी’
नई दिल्ली: ऐतिहासिक चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पास अंतरिक्ष मिशन की एक श्रृंखला है, जिसमें मंगल और शुक्र मिशन भी शामिल हैं। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने गगनयान कार्यक्रम के तहत पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान के अलावा कई मिशन शुरू करने की योजना तैयार की है। पीटीआई के मुताबिक, अंतरिक्ष एजेंसी प्रमुख ने कहा कि इसरो पृथ्वी की जलवायु और मौसम की स्थिति का अध्ययन करने के लिए भी जल्द ही नया मिशन शुरू करेगा। इसके अलावा, इसरो संचार, रिमोट सेंसिंग उपग्रहों सहित कई मिशनों पर काम चल रहा है। गगनयान कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा कि पहली टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर को निर्धारित है।
भविष्य के मिशनों पर चर्चा करते हुए, सोमनाथ ने कहा, “हमारे पास मंगल, शुक्र और चंद्रमा पर खोज करने की योजना है। इसके साथ ही जलवायु और मौसम विश्लेषण कार्यक्रम भी प्रगति पर हैं। एयरोनोमी, थर्मल इमेजिंग और जलवायु परिवर्तन प्रभाव जैसे क्षेत्रों को कवर करने वाले वैज्ञानिक मिशन हमारे एजेंडे में हैं।”
‘चंद्रमा पर मजे से सो रहे हैं विक्रम-प्रज्ञान’
चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर के बारे में एक प्रश्न को संबोधित करते हुए, सोमनाथ ने कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों ने कार्यक्रम के अनुसार, अपने काम को निपटा दिया है और वे चंद्रमा पर खुशी से सो रहे हैं। दोनों ने अपना काम बहुत अच्छे से किया है. शायद अगर वे जागना चाहें तो जागेंगे, तब तक हम इंतजार करेंगे।” चंद्रमा पर रात की शुरुआत के बाद सितंबर में रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम को स्लीप मोड में डाल दिए जाने के बाद इसरो ने उनके साथ फिर से संचार स्थापित करने का प्रयास किया लेकिन फिलहाल उनसे कोई संकेत नहीं मिला है। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।” 23 अगस्त को ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर विभिन्न कार्य किए, जिसमें सल्फर की उपस्थिति का पता लगाना और सापेक्ष तापमान रिकॉर्ड करना शामिल था।
आदित्य एल1 अभी 110 दिनों की यात्रा पर है
सूर्य का अध्ययन करने के उद्देश्य वाले पहले मिशन, आदित्य एल1 के बारे में, सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष यान बेहतर काम कर रहा है औ में है और लैग्रेंज बिंदु एल1 की ओर 110 दिनों की यात्रा पर है। इसके जनवरी के मध्य तक अपने निर्धारित गंतव्य तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा “यह एक लंबी यात्रा है। यह लगभग 110 दिनों की यात्रा है और अब इसने कुछ दूरी तय कर ली है। हमने इसके प्रक्षेप पथ को थोड़ा ठीक किया, क्योंकि L1 बिंदु तक पहुंचने के लिए शीघ्र सुधार महत्वपूर्ण है। ट्रैकिंग के बाद, हमने पाया कि यह L1 बिंदु की ओर सही दिशा में जा रहा है। ”
उन्होंने कहा यह देखते हुए कि रॉकेट एक ‘जटिल यात्रा’ पर है, सोमनाथ ने कहा, “इसे पहुंचने में लगभग 70-75 दिन और लग सकते हैं। जनवरी के मध्य तक यह वहां पहुंच जाएगा। उसके बाद, हम इसे L1 बिंदु पर हेलो कक्षा में प्रवेश कराने के लिए कुछ सुधार करेंगे।
“उसके बाद इसमें लगे उपकरण चालू हो जाएंगे और यह वैज्ञानिक डेटा स्ट्रीमिंग करना शुरू कर देगा। वर्तमान में, आदित्य L1 पर सब कुछ एकदम ठीकठाक है। ”
(इनपुट-पीटीआई)
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23 अगस्त को मनाया जाएगा ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’, केंद्र सरकार ने किया ऐलान
National Space Day: भारत सरकार ने 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है. इस संबंध में सरकार ने शनिवार 14 (अक्टूबर) को नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें कहा गया है कि 23 अगस्त 2023 को विक्रम लैंडर की लैंडिंग और प्रज्ञान रोवर की तैनाती के साथ मिशन की सफलता की याद में देशभर में हर साल 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाएगा.
अधिसूचना में सरकार ने कहा कि 23 अगस्त स्पेस मिशन में देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यह युवा पीढ़ी की साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ (STEM) की रुचि बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है और स्पेस सेक्टर को एक प्रमुख प्रोत्साहन प्रदान करता है. इस ऐतिहासिक मिशन के परिणाम से आने वाले सालों में मानव जाति का काफी फायदा होगा
23 अगस्त को देशभर में मनाया गया जश्न
गौरतलब है कि 23 अगस्त को जब इंडियन स्पेस रिसर्च ओर्गनाइजेशन (ISRO) का चंद्र मिशन पूरा हुआ था तो पूरे देश में जश्न मनाया गया था. चंद्रयान की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत अमेरिका, रूस, और चीन के बाद चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया था, जबकि चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला भारत पहला देश है.
इसरो की इस सफलता पर मोदी कैबिनेट ने इस साल अगस्त महीने में 23 अगस्त के दिन को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों के साथ बैठक में दी थी जानकारी
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में इसरो के वैज्ञानिकों के साथ अपनी बैठक के दौरान भी घोषणा की थी कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जो चंद्रयान-3 मिशन की बड़ी सफलता को चिह्नित करेगा.
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रोवर प्रज्ञान ने खत्म किया चांद पर अपना मिशन, जानिए अब क्या है ISRO का नया प्लान?
नई दिल्ली: भारत का चांद मिशन चंद्रयान-3 हर रोज सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहा है। 23 अगस्त को चंद्रमा कि सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अपना काम बखूबी कर रहे थे। वह चांद पर होने वाली हलचल और हालातों के बारे में लगातार जानकरियां धरती पर भेज रहे थे। मिशन के लगभग 10 दिन बाद अब रोवर प्रज्ञान ने अपने काम को खत्म पूरा कर दिया है। इसके बाद उसे स्लीप मोड में सेट करके सुरक्षित पार्क कर दिया गया है। इस अपडेट के बारे में भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने जानकारी दी है।
इसरो ने अपने ट्वीट में बताया, “रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया। इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क किया गया है और स्लीप मोड में सेट किया गया है। APXS और LIBS पेलोड बंद कर दिए गए हैं। इन पेलोड से डेटा लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किया जाता है। फिलहाल, बैटरी पूरी तरह चार्ज है। इसके साथ ही सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है। हालांकि रिसीवर चालू रखा गया है। इसरो ने कहा कि असाइनमेंट के दूसरे सेट के लिए सफल जागृति की उम्मीद है। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह चांद पर भारत के चंद्र राजदूत के रूप में हमेशा वहीं रहेगा।
इसरो ने लॉन्च किया सूर्य मिशन
वहीं इससे पहले इसरो ने शनिवार को एक और मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस मिशन का नाम आदित्य L-1 है। ये ISRO का पहला सूर्य मिशन था, जिसके चारों चरण सफल हो गए हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट करके इस सफलता के लिए इसरो को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा, ‘चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।’
शनिवार सुबह 11.50 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया मिशन
ISRO ने सूर्य की स्टडी करने के लिए आदित्य एल 1 को आज सुबह 11.50 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया। ये लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से की गई। इस मिशन में 7 पेलोड लगे हैं, जिसमें से 6 भारत में बने हैं। आदित्य एल 1 करीब 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगा। ये मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि सूर्य की स्टडी करने के लिए ये भारत का पहला मिशन है।
‘चंदामामा की गोद में खेल रहा प्रज्ञान रोवर’, ISRO ने जारी किया एक और नया VIDEO
नई दिल्ली: चंद्रयान को चंद्रमा पर गए आठ दिन हो चुके हैं। चांद की सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अपना काम बखूबी तरह से कर रहे हैं। अब भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने रोवर प्रज्ञान का एक नया वीडियो जारी किया है, जिसमें वह सुरक्षित तरीके से चल रहा है और अच्छे से रोटेशन भी कर रहा है। रोटेशन की ये फोटो लैंडर विक्रम के इमेजर कैमरे ने ली है।
ISRO ने सोशल मीडिया पर शेयर किया वीडियो
यह वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए ISRO ने लिखा, “प्रज्ञान रोवर चंदा मामा पर अठखेलियां कर रहा है। लैंडर विक्रम प्रज्ञान को ऐसे देख रहा है, जैसे मां अपने बच्चे को खेलते हुए प्यार से देखती है। आपको ऐसा नहीं लगता?” इस बीच इसरो ने बताया है कि प्रज्ञान ने चांद पर दूसरी बार सल्फर की पुष्टि की है। इससे पहले रोवर 28 अगस्त को भी चांद की सतह पर सल्फर होने की पुष्टि कर चुका था।
चांद की सतह पर सल्फर होने की फिर हुई पुष्टि
इसरो ने ट्वीट करते हुए बताया कि रोवर प्रज्ञान ने चांद पर सल्फर होने की पुष्टि कर बार फिर से की है। रोवर प्रज्ञान ने 31 अगस्त को अल्फा प्रैक्टिस एक्सरे स्पेक्ट्रोस्कोप (APXS) से चांद की सतह पर सल्फर का होना कन्फर्म किया है। इसरो ने ये भी कहा कि अब इस बात खोज कर रहे हैं कि चांद पर सल्फर कहां से आया? स्पेस एजेंसी के अनुसार, चांद पर सल्फर आंतरिक (intrinsic), ज्वालामुखीय घटना (volcanic) से या फिर किसी उल्कापिंड से आ सकता है। अब इसी बात की जांच की जा रही है कि यहां यह कैसे आया?