लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड में सीट शेयरिंग को लेकर दिल्ली में आज शनिवार को कांग्रेस और झामुमो की बैठक है. बैठक में भाग लेने के लिए झामुमो का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंच गया है. प्रतिनिधिमंडल में मंत्री चंपई सोरेन, विधायक सुदीव्य कुमार, पार्टी के महासचिव सह राज्य समन्वय समिति के सदस्य विनोद पांडेय, महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य शामिल हैं. झामुमो नेता शेयरिंग को लेकर बनी उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक में शिरकत करेंगे. इस कमेटी में मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद, अशोक गहलौत, मोहन प्रकाश सहित कई नेता शामिल हैं. इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल होंगे. जमशेदपुर और सिंहभूम सीट की अदला-बदली की मांग भी की जा सकती है. झामुमो का तर्क है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले की सभी विधानसभा सीटों पर झामुमो के विधायक हैं. ऐसे में वहां के कार्यकर्ता सिंहभूम की मांग कर रहे हैं. इसके एवज में कांग्रेस को जमशेदपुर सीट का ऑफर दिया जाएगा. हालांकि यह कांग्रेस पर निर्भर करता है कि पश्चिमी सिंहभूम के लिए वह कितना समझौता करती है. गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में तत्कालीन यूपीए गठबंधन के खाते में केवल दो सीट आयी थी. झामुमो राजमहल सीट पर जीत दर्ज कर पाया था, वहीं कांग्रेस पश्चिमी सिंहभूम में जीत दर्ज कर सकी थी.
Lok Sabha Elections 2024 Date
कांग्रेस की बढ़ेगी टेंशन! नीतीश कुमार के इशारे पर JDU ने इस लोकसभा सीट पर की उम्मीदवार की घोषणा
Lok Sabha Election 2024: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इंडिया गठबंधन से कथित नाराजगी के बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बुधवार (3 जनवरी) को अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. जेडीयू की ओर से कैंडिडेट घोषित किए जाना इस बात का संकेत दे रहा है कि पार्टी के इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के साथ मतभेद अभी भी खत्म नहीं हुए हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस संबंध में जेडीयू के महासचिव अफाक अहमद ने कहा कि पार्टी की स्टेट यूनिट के अध्यक्ष रूही तांगुंग अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट से जेडीयू के उम्मीदवार होंगे. उन्होंने कहा कि यह घोषणा पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश पर की जा रही है.
2019 में बीजेपी ने जीती थी सीट
विपक्षी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस 2019 के चुनाव में इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही थी. ऐसे में इस फैसले से कांग्रेस की टेंशन बढ़ सकती है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने राज्य की दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी. गौरतलब है कि यहां पिछली बार लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हुए थे.
इंडिया ब्लॉक में नीतीश कुमार को नहीं मिली जिम्मेदारी
इससे पहले इंडिया ब्लॉक में नीतीश कुमार को भूमिका नहीं दी गई थी, जिसके बाद जेडीयू के नेताओं ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. चूंकि, नीतीश कुमार का इतिहास रहा है कि वह किसी भी गठबंधन में शामिल हो जाते हैं. ऐसे में इंडिया ब्लॉक में भूमिका न मिलने के बाद भविष्य में उनका कदम क्या होगा? इसको लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं.
हालांकि, उनकी पार्टी ने हाल ही में अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में केंद्र की बीजेपी सरकार की आलोचना और इंडिया ब्लॉक में अपने नेता को महत्वपूर्ण भूमिका देने की वकालत की थी. इस बीच ऐसी चर्चाएं भी हैं कि इंडिया ब्लॉक में कुछ फेरबदल हो सकता है और नीतीश कुमार को ब्लॉक का संयोजक बनाया जा सकता है.
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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी तक कैसे पहुंचेगी 543 लोकसभा सीटों की ग्राउंड रिपोर्ट? जानें
Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी ने देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर विस्तारकों की तैनाती करने का फैसला किया है. इसके लिए पार्टी आलाकमान ने राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल के नेतृत्व में 10 नेताओं की एक समिति का भी गठन किया है. पार्टी के ये 10 नेता अलग-अलग राज्यों में विस्तारकों का चयन कर उनकी ट्रेनिंग की व्यवस्था करेंगे. इसके बाद उन्हें अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए तैनात कर दिया जाएगा.
न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक 10 नेताओं की यह समिति देशभर में विस्तारकों के नियोजन का दायित्व संभालेगी और केंद्रीय स्तर पर पार्टी के महासचिव सुनील बंसल को रिपोर्ट करेगी. सूत्रों के मुताबिक, विस्तारक योजना का संयोजक उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को बनाया गया है, जबकि सह-संयोजक का दायित्व बिहार बीजेपी के संगठन महासचिव भीखू भाई दलसानिया और राजकुमार शर्मा को सौंपा गया है.
लोकसभा क्षेत्रों की देंगे रिपोर्ट
इसके अलावा प्रदेश स्तर पर भी अलग-अलग नेताओं के नेतृत्व में टीम बनाई जाएगी. ये विस्तारक अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों की रिपोर्ट प्रदेश के संयोजक को देंगे, जो इसे राष्ट्रीय टीम तक आगे बढ़ाने का काम करेंगे. बीजेपी ने यह योजना बनाई है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र , पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में सभी विस्तारकों का चयन, ट्रेनिंग और तैनाती का काम एक दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए और वहीं छोटे राज्यों में इस काम को हर हाल में एक जनवरी तक संपन्न कर लिया जाए.
पहले 160 सीटों में तैनात होने थे विस्तारक
गौरतलब है कि बीजेपी ने पहले यह तय किया था कि वह अपने लिहाज से कमजोर मानी जाने वाली देश की 160 लोकसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा से पहले ही विस्तारकों की तैनाती कर देगी. बाद में इसकी संख्या में इजाफा होता चला गया और अब भाजपा ने देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर विस्तारकों की तैनाती का फैसला कर लिया है.
कौन होते हैं विस्तारक?
दरअसल, बीजेपी के विस्तारक पार्टी के ऐसे कार्यकर्ता होते हैं, जिन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या इससे जुड़े किसी संगठन के साथ स्वयंसेवक और पूर्णकालिक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया हो और वर्तमान में बीजेपी के साथ जुड़े हों. यह माना जाता है कि संघ के बैकग्राउंड और पूर्णकालिक कार्यकर्ता होने के कारण यह वास्तविक जमीनी हालात का फीडबैक संगठन तक पहुंचा सकते हैं.
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