शिवसेना के बाद अब एनसीपी में भी फूट पड़ चुकी है। एनसीपी के नेता और पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने भाजपा की अगुआई वाले गठबंधन यानी एनडीए का दामन थाम लिया है। आठ विधायकों के साथ अजित राजभवन पहुंचे और यहां उन्होंने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ग्रहण कर ली। अजित का दावा है कि उनके साथ एनसीपी के 40 विधायकों का समर्थन है। एनसीपी में पड़ी फूट ने सूबे में सियासी भूचाल ला दिया है। इस घटनाक्रम के बाद एनसीपी पर अधिकार की लड़ाई भी शुरू हो गई है। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह बना हुई है कि, आखिर NCP में इतनी बड़ी फूट कैसे हो गई। दरअसल, चाचा-भतीजे के बीच इस सियासी जंग की बिसात दो-चार दिन में नहीं, बल्कि महीनों पहले बिछाई जा चुकी थी और ये सब शुरू हुआ 11 अप्रैल 2023 को।