उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से कर दी थी। उदयनिधि ने कहा था कि कुछ चीजों का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उसे जड़ से मिटा देना चाहिए।
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सनातन धर्म
सनातन और हिंदी भाषी राज्यों पर न दें बयान… चुनावों में हार से कांग्रेस आहत, DMK को दी सलाह
Congress Advised To DMK: आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इंडिया गठबंधन की गतिविधियां तेज हो सकती है. इससे पहले कांग्रेस ने गठबंधन के अपने सहयोगी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को भविष्य में बयानबाजी को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है. खासकर उन बयानों पर जिसकी वजह से हाल ही में कांग्रेस पार्टी को ‘हिंदी पट्टी’ के राज्यों में भारी राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ा है.
अगले साल की पहली छमाही में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम सियासी दल तैयारियों में जुटे हुए हैं. 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब विपक्षी दलों का ‘इंडिया गठबंधन’ भी आम चुनावों को लेकर अपनी रणनीति तैयार करने की मुहिम में जुट गया है. हालांकि, इससे पहले कांग्रेस ने अपनी लाइन क्लीयर करते हुए डीएमके को सलाह दे डाली है कि वो पूर्व में दिए गए बयानों पर भविष्य में ज्यादा सतर्कता बरते.
हिंदी पट्टी के राज्यों में मिली कांग्रेस को करारी शिकस्त
इंडिया गठबंधन में शामिल दक्षिण भारत के राज्य में मजबूत पकड़ रखने वाली एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके के नेताओं ने कई ऐसे बयान दिए, जिनको लेकर कांग्रेस बचाव मुद्रा में रहते हुए आगे बढ़ी है. यह बयान उनके नेताओं की तरफ से ऐसे वक्त में आए, जब कांग्रेस 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में उतरी हुई थी.
इन सभी बयानों को लेकर कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी थी, जिसे बीजेपी ने चुनावी दंगल में खूब भुनाया. इसका नतीजा 3 मार्च को आए 4 राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना) के चुनाव परिणामों में साफ नजर आया. तेलंगाना को छोड़कर कांग्रेस इन तीनों हिंदी भाषी राज्यों में औंधे मुंह गिर गई. सबसे बड़ा नुकसान राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाना रहा है.
डीएमके के बयानों ने बैकफुट पर आई कांग्रेस
सियासी जानकारों का मानना है कि डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातन धर्म’ को लेकर दिए गए बयान ने कांग्रेस को चुनावों में खासकर हिंदी बेल्ट वाले राज्यों में काफी नुकसान पहुंचाया.
बीजेपी और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी जनसभाओं में ‘इंडिया गठबंधन’ के सहयोगी दलों के सनातन धर्म को खत्म करने के बयानों को लेकर कांग्रेस पर खूब निशाना साधा. पीएम मोदी ने अपने चुनावी भाषणों ने कांग्रेस पर ऐसे दलों का हिमायती और सहयोगी होने का खूब प्रचार किया, जोकि देश में सनातन धर्म और हिंदू धर्म के खिलाफ लगातार जहर उगलते आ रहे हैं.
डीएमके सांसद के ‘गौमूत्र राज्य’ बयान से भी कांग्रेस आहत
हिंदी पट्टी के 3 राज्यों में हारने की टीस झेल रही कांग्रेस के जख्म को डीएमके के धर्मपुरी लोकसभा सीट से सांसद एस. सेंथिल कुमार के हाल में संसद में दिए ‘गौमूत्र राज्य’ के बयान ने ताजा कर दिया. इस पर कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया तो नहीं आई, लेकिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सेंथिल कुमार को कड़ी फटकार लगाई थी. सांसद ने एक बयान जारी कर इस स्टेटमेंट पर माफी भी मांगी. इससे पहले भी कई और बयानों के चलते कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान हुआ है.
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उदयनिधि स्टालिन को मिला कमल हासन का साथ, ‘छोटे बच्चे को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि…’
Kamal Haasan On Udhayanidhi Stalin: मक्कल नीधि मैय्यम (MNM) के प्रमुख कमल हासन ने शुक्रवार (22 सितंबर) को कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के नेता और तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म पर उनकी टिप्पणी को लेकर घेरा जा रहा है.
कोयंबटूर में पार्टी की एक बैठक में हासन ने अपने संबोधन में उदयनिधि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) या अन्य संगठन का नाम लिए बगैर कहा कि आज एक छोटे बच्चे को निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि उसने सनातन धर्म के बारे में बोला है.
एम करुणानिधि ने सनातन धर्म पर की थी टिप्पणी- कमल हासन
सनातन धर्म पर मंत्री के बयान में कुछ भी नया नहीं होने का संकेत देते हुए अभिनेता ने कहा कि उदयनिधि के दादा और दिवंगत द्रमुक नेता एम करुणानिधि जैसे द्रविड़ आंदोलन के कई नेताओं ने भी अतीत में उसके बारे में बोला है.
हासन बोले- पेरियार के कारण सनातन शब्द समझ सके
हासन ने कहा कि सामाजिक बुराइयों के प्रति सुधारवादी नेता पेरियार ईवी रामास्वामी की नाराजगी की सीमा को उनके जीवन से समझा जा सकता है. उन्होंने कहा कि खुद उनके जैसे लोग भी पेरियार के कारण ही सनातन शब्द को समझ पाए.
हासन ने कहा कि पेरियार तो एक मंदिर के प्रशासक रहे थे और उन्होंने काशी में रहने के दौरान पूजा भी की, लेकिन उन्होंने सब छोड़ दिया और अपना संपूर्ण जीवन लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया.
‘तमिलनाडु को पेरियार पर गर्व करना चाहिए’
उन्होंने कहा कि न तो सत्तारूढ़ द्रमुक और न ही कोई अन्य दल दावा कर सकता है कि पेरियार बस उसके हैं, समूचे तमिलनाडु को उन पर बतौर नेता गर्व करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी उन लोगों में से एक हैं जो पेरियार का सम्मान करते हैं. हासन ने कहा कि बीजेपी अगला लोकसभा चुनाव अपनी सुविधा के हिसाब से समय से पहले करा सकती है.
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सनातन पर संग्राम: जेपी नड्डा बोले- ‘राहुल गांधी के मुंह से एक शब्द भी क्यों नहीं निकला?’
JP Nadda Targets Sonia Gandhi: सनातन धर्म पर बयानों को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है. इस बात के संकेत चुनावी राज्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए पीएम मोदी के भाषणों से भी मिले. गुरुवार (14 सितंबर) को दोनों ही जगहों पर पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडी’ सनातन धर्म को खत्म करना चाहता है.
यह सिलसिला शुक्रवार (15 सितंबर) को भी जारी रहा. छत्तीसगढ़ के जशपुर में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ”INDI गठबंधन का एक मजबूत सहयोगी DMK का नेता उदयनिधि सनातन धर्म को खत्म करने की बात करता है और फिर उसके एक दिन बाद मल्लिकार्जुन खरगे का बेटा प्रियांक खरगे भी सनातन धर्म को खत्म करने की बात करता है और उसके 8 से दस दिन बीत जाने के बाद भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला. हमें यह मान लेना चाहिए कि यही कांग्रेस की विचारधारा है. राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान मिलता है.”
ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान
वहीं केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में कहा कि सनातन धर्म के मसले पर विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल बाकी दल इस तरह खामोश हैं जैसे उनके मुंह पर किसी ने टेप चिपका दिया हो. विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) की भूमिका उत्तर से दक्षिण भारत तक देखी जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, “उत्तर भारत में एक ऐसा दल इस गठबंधन का भाग है जो सोचता है कि कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने का कदम गलत है. इस गठबंधन में दक्षिण भारत का एक ऐसा दल शामिल है जिसने सनातन धर्म को नष्ट करने की घोषणा कर दी है.”
“लोकसभा चुनाव को एक सभ्यतागत लड़ाई के रूप में देखता हूं”
वहीं बिहार के पटना पहुंचे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार (15 सितंबर) को कहा, “सनातन धर्म के खिलाफ की गई टिप्पणी से पता चलता है कि (विपक्ष का) गठबंधन हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने के इरादे से बनाया गया है. इसलिए, मैं लोकसभा चुनाव को एक सभ्यतागत लड़ाई के रूप में देखता हूं जिसमें देश के लोग सनातन धर्म की रक्षा के लिए भाग लेंगे.”
विदेश राज्य मंत्री लेखी ने भी पटना एयरपोर्ट पर कहा, “सनातन धर्म लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए खड़ा है क्योंकि इसका पालन करने वाले परमात्मा के साथ जुड़ने की खातिर अपनी इच्छानुसार मार्ग चुनने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन यह कुछ ऐसा है जिसकी विपक्षी गठबंधन सराहना नहीं कर सकता क्योंकि वह वंशवाद में विश्वास करता है और इसलिए अलोकतांत्रिक है.”
क्या बोले कमलनाथ?
सनातन धर्म को लेकर बीजेपी के हमालवर रुख के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भारत कई धर्मों का घर है और सनातन धर्म किसी को दूसरे धर्मों को दूर रखना नहीं सिखाता. हम सभी ने सनातन धर्म को स्वीकार किया है. इसके बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है. किसी को यह समझाने का कोई मतलब नहीं है कि हमारा देश सनातन धर्म का देश है क्योंकि यहां अन्य धर्म भी हैं.
सनातन धर्म पर पूरा विवाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के बयान से शुरू हुआ जब उन्होंने पिछले दिनों कहा कि इसे खत्म कर देना चाहिए. इसके बाद डीएमके नेता के पोनमुंडी और सांसद ए राजा ने भी बयान दिए. इसके बाद विवाद और बढ़ गया. इसको लेकर बीजेपी विपक्षी गठबंधन इंडिया को घेर रही है.
वहीं बुधवार (13 सिंतबर) को जब इंडिया की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई तो इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सनातन को लेकर बयानबाजी नहीं की जाएगी. एबीपी न्यूज़ को सूत्रों ने बताया कि इसके लिए डीएमके भी राजी हो गई है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला?
इन सबके बीच शुक्रवार (15 सितंबर) को उदयनिधि और ए राजा के बयानों के खिलाफ चेन्नई के एक वकील बी जगन्नाथ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में मांग की गई है कि दोनों के खिलाफ FIR हो और डीएमके नेताओं को ऐसे बयान देने से रोका जाए.
याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिया जाए. याचिकाकर्ता ने चीफ जस्टिस से अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह सुनवाई के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें.
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‘मैं सनातन धर्म से हूं…’, DMK नेताओं के बयानों पर क्या कुछ बोले राघव चड्ढा?
Udhayanidhi Stalin Sanatana Remarks: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन और दूसरे डीएमके नेताओं के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने प्रतिक्रिया दी है. AAP नेता ने खुद को सनातनी बताते हुए उदयनिधि स्टालिन के बयान की निंदा की. साथ ही कहा कि किसी पार्टी के कुछ छोटे नेताओं की टिप्पणी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का आधिकारिक रुख नहीं हो सकती.
डीएमके नेताओं उदयनिधि स्टालिन, ए राजा और के पोनमुडी के सनातन धर्म पर दिए बयानों को लेकर बीजेपी हमलावर है. मंगलवार को बीजेपी ने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का गुप्त एजेंडा है. जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि गठबंधन का गठन की सनातन धर्म का विरोध करने के लिए हुआ है.
उदयनिधि के बयान की AAP नेता ने की निंदा
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर राघव चड्ढा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “मैं सनातन धर्म से हूं. मैं ऐसे बयानों की निंदा और विरोध करता हूं. इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए. किसी भी धर्म पर ऐसी टिप्पणी करने से दूर रहना चाहिए. हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए.”
चड्ढा ने कहा- बड़े मुद्दों के लिए बना गठबंधन
इंडिया गठबंधन पर बीजेपी के हमले को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा, ”कुछ पार्टी के कुछ नेता इस तरह का बयान देते हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि ये गठबंधन का बयान है. ये गठबंधन देश के बड़े मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी को उठाने के लिए बना है.” उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि एक राज्य के किसी जिले में खड़े होकर किसी छोटे नेता का बयान देना गठबंधन का आधिकारिक रुख नहीं है.
उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?
2 सितम्बर को उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मच्छर और डेंगू, मलेरिया से करते हुए इसका उन्मूलन (जड़ से खत्म) करने को कहा था. टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने तीखा हमला बोला, जिसके बाद उदयनिधि ने कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं. हालांकि, उन्होंने बीजेपी के उन आरोपों को नकार दिया, जिसमें कहा गया था कि उदयनिधि हिंदुओं के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं.
डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने भी स्टालिन के बयान का समर्थन करते हुए सनातन धर्म की तुलना एचआईवी एड्स और कुष्ठ रोग से कर डाली थी.
डीएमके नेता बोले- सनातन के विरोध में बना गठबंधन
अब तमिलनाडु के एक मंत्री के पोनमुडी ने कथित तौर पर दावा किया है कि ‘इंडिया’ गठबंधन का गठन ‘सनातनी विचारधारा के विरोध में’ किया गया है. एक वायरल वीडियो में पोनमुडी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ”यह ‘इंडिया’ गठबंधन सनातन विचारधारा के विरोध में बनाया गया है. (घटक दलों के )विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सनातन विरोध को लेकर कोई असहमति नहीं है.
पीटीआई से इनपुट
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