ईरान द्वारा कब्जाए गए जहाज में सवार 17 भारतीयों की सुरक्षा और उनकी रिहाई के लिए भारत ने ईरान से संपर्क किया है। बता दें होर्मुज जलडमरूमध्य के पास ईरानी सेना ने कथित इजरायली जहाज पर कब्जा कर लिया था।
Source link
भारत समाचार
पेपर लीक को रोकने के लिए केंद्र का कड़ा रुख, अगले सप्ताह संसद में पेश कर सकती है बिल – India TV Hindi
कॉम्पिटिटिव परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए सरकार अगले वीक संसद में एक नया बिल पेश कर सकती है, जिसमें अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान होगा। सूत्रों ने कहा कि सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार को पेश किया जा सकता है लेकिन इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है। इस बिल को हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
‘गिरोहों, माफिया तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा’
सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित कानून का निशाना छात्र नहीं होंगे। यह संगठित गिरोहों, माफिया तत्वों और कदाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा और उनके साथ मिलीभगत करने वाले सरकारी अधिकारियों को भी नहीं बख्शेगा। यह कदम राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ क्लर्कों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा जैसी कई प्रतियोगी परीक्षाओं को रद्द करने की पृष्ठभूमि में आया है।
‘एक हाई लेवल नेशनल टेक्निकल समिति का भी प्रस्ताव है’
सूत्रों के मुताबिक विधेयक में सार्वजनिक परीक्षाओं पर एक हाई लेवल नेशनल टेक्निकल समिति का भी प्रस्ताव है जो कम्प्यूटरीकृत परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। समिति डिजिटल प्लेटफार्मों को इन्सुलेट करने के लिए प्रोटोकॉल विकसित करने, फुलप्रूफ आईटी सुरक्षा प्रणाली विकसित करने के तरीके और साधन तैयार करने, परीक्षा केंद्रों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी सुनिश्चित करने और ऐसी परीक्षाओं के संचालन के लिए तैनात किए जाने वाले आईटी और भौतिक बुनियादी ढांचे दोनों के लिए राष्ट्रीय मानकों और सेवाओं को तैयार करने पर विचार करेगी।
‘विधेयक का उद्देश्य परीक्षा प्रणालियों में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता लाना है’
सूत्रों ने कहा कि कई मामलों में, यह देखा गया है कि कदाचार में शामिल संगठित समूह और माफिया तत्व सॉल्वर गिरोह तैनात करते हैं, प्रतिरूपण विधियों का उपयोग करते हैं और पेपर लीक में लिप्त होते हैं। सूत्रों के मुताबिक विधेयक का मुख्य उद्देश्य ऐसे नापाक तत्वों को रोकना है। विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाना है और युवाओं को आश्वस्त करना है कि उनके ईमानदार और वास्तविक प्रयासों को उचित पुरस्कार मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित है।
इससे पहले दिन में, बजट सत्र की शुरुआत में संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में अनियमितताओं के संबंध में युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा, “इसलिए, इस तरह की गड़बड़ियों से सख्ती से निपटने के लिए एक नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।”
ये भी पढ़ें- क्या होता है अंतरिम बजट, जानें
आखिर कितने पढ़े लिखें हैं चंपई सोरेन
पुणे में ट्रेनिंग के बीच में एयरक्राफ्ट हुआ क्रैश, ट्रेनी और इंस्ट्रक्टर थे सवार
Aircraft Emergency Landing: महाराष्ट्र के पुणे में एक एयरक्राफ्ट दुर्घटनागस्त हो गया जिसमें एक ट्रेनी पायलट और एक इंस्ट्रक्टर सवार था. दोनों सुरक्षित हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रेड बर्ड एकेडमी टेक्नैम के एक एयरक्राफ्ट को को पुणे के बारामती एयरफील्ड के पास आपात लैंडिग करनी पड़ी है.
डीजीसीए ने बयान में कहा,” रेड बर्ड एकेडमी टेक्नैम के एक एयरक्राफ्ट को एक जगह पर आपात लैडिंग करानी पड़ी. यह जगह बारामती एयरफील्ड से 2 मील उत्तर में है. इंस्ट्रक्टर और ट्रेनी दोनों सुरक्षित हैं.आगे की जांच की जा रही है.”
अधिकारियों के अनुसार, ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट महाराष्ट्र के पुणे जिले के गोजुबावी गांव के पास एक ट्रेनिंग सेशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. एनडीटीवी के मुताबिक, पुणे पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “पुणे जिले के गोजुबावी गांव के पास ट्रेनिंग सेशन के दौरान एक ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस बारे में और ज्यादा जानकारी मिलने का इंतजार है.”
इंडिया टुडे के मुताबिक दोनों पायलटों को कई चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
#WATCH | Maharashtra: Red Bird Academy Tecnam aircraft VT-RBT made an emergency landing near Baramati airfield. The instructor and trainee both are safe. Further investigation underway: DGCA ( Directorate General of Civil Aviation) https://t.co/yJ8AWToTUw pic.twitter.com/7Ajapflbra
— ANI (@ANI) October 22, 2023
बीते चार दिनों में निजी विमानन अकादमी के जहाज के दुर्घटनागस्त होने की ये दूसरी घटना है. गुरुवार को एक पायलट के साथ एक दूसरा ट्रेनिंग प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह प्लेन भी रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी की ट्रेनिंग का हिस्सा था.
ये भी पढ़ें:
‘ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को छोड़ दिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं’ बीजेपी नेता अमित मालवीय का TMC पर निशाना
‘अकेले में अश्लील वीडियो देखना निजी पसंद का मामला’, केरल हाई कोर्ट ने युवक के खिलाफ रद्द किया क
Kerala High Court: केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि अकेले में दूसरों को दिखाए बिना अश्लील तस्वीरें या वीडियो देखना कानून के तहत अपराध नहीं है, क्योंकि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है. उच्च न्यायालय ने कहा कि इसे अपराध बनाना किसी व्यक्ति की निजता में घुसपैठ और उसकी व्यक्तिगत पसंद में हस्तक्षेप होगा. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने 33 वर्षीय युवक के खिलाफ मामले को रद्द कर दिया.
साल 2016 में केरल पुलिस ने युवक को सड़क किनारे मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखते हुए पकड़ा था और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 292 के तहत मामला दर्ज किया था. आरोपी ने एफआईआर और उसी मामले में चल रही अदालती कार्यवाही को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
कोर्ट ने कहा- सदियों से चलन में अश्लील कंटेंट
याचिका पर जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन की कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने कहा, ”अश्लील कंटेंट सदियों से चलन में था. नए डिजिटल युग ने इसे और अधिक सुलभ बना दिया है, यहां तक कि बच्चों के लिए भी. इस मामले में सवाल ये है कि कोई व्यक्ति दूसरों को दिखाए बिना अपने निजी समय में अश्लील वीडियो देखता है तो उसे अपराधी ठहराया जा सकता है या नहीं?”
पीठ ने कहा, ”कोई भी अदालत इसे अपराध घोषित नहीं कर सकती, क्योंकि यह उसकी निजी पसंद है और इसमें हस्तक्षेप करना उसकी निजता में दखल के समान है.” पीठ ने ये भी कहा कि ऐसा कोई आरोप नहीं है कि याचिकाकर्ता (आरोपी) ने वीडियो को सार्वजनिक रूप से किसी को दिखाया.
‘निजी क्षणों में अश्लील वीडियो देखना अपराध नहीं’
जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा, ”मेरा मानना है कि किसी व्यक्ति का अपने निजी क्षणों में अश्लील फोटो देखना आईपीसी की धारा 292 (अश्लीलता) के तहत अपराध नहीं है. इसी तरह, किसी व्यक्ति का अपनी निजता में मोबाइल फोन से अश्लील वीडियो देखना भी आईपीसी की धारा 292 के तहत अपराध नहीं है. यदि आरोपी किसी अश्लील वीडियो या फोटो को प्रसारित या वितरित करने या सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहा है, तो धारा 292 के तहत अपराध है.”
पीठ ने कहा, ”आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 292 के तहत कोई अपराध नहीं बनता है और मामले के संबंध में मजिस्ट्रेट अदालत में चल रही सभी कार्यवाही को रद्द कर दिया.”
नाबालिग बच्चों को फोन के खतरे से किया आगाह
इसके साथ ही न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने माता-पिता को बच्चों को खुश करने के लिए इंटरनेट एक्सेस वाले मोबाइल फोन देने के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा, ”माता-पिता को इसके पीछे के खतरे के बारे में पता होना चाहिए. बच्चों को अपनी निगरानी में सूचना और जानकारी वाले वीडियो देखने देना चाहिए, लेकिन कभी भी नाबालिग बच्चों को खुश करने के लिए उन्हें मोबाइल फोन नहीं सौंपना चाहिए.”
न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने कहा कि आजकल सभी मोबाइल पर अश्लील वीडियो उपलब्ध हैं. अगर नाबालिग बच्चे अश्लील वीडियो देखते हैं तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे. बच्चों को छुट्टियों के दौरान क्रिकेट, फुटबॉल या जो भी उन्हें पसंद हैं, वो खेलने दें.
यह भी पढ़ें
Monu Manesar Arrest: मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस को सौंपा गया, जानें किन धाराओं में हुई गिरफ्तारी?
‘मैं सनातन धर्म से हूं…’, DMK नेताओं के बयानों पर क्या कुछ बोले राघव चड्ढा?
Udhayanidhi Stalin Sanatana Remarks: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन और दूसरे डीएमके नेताओं के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने प्रतिक्रिया दी है. AAP नेता ने खुद को सनातनी बताते हुए उदयनिधि स्टालिन के बयान की निंदा की. साथ ही कहा कि किसी पार्टी के कुछ छोटे नेताओं की टिप्पणी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का आधिकारिक रुख नहीं हो सकती.
डीएमके नेताओं उदयनिधि स्टालिन, ए राजा और के पोनमुडी के सनातन धर्म पर दिए बयानों को लेकर बीजेपी हमलावर है. मंगलवार को बीजेपी ने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का गुप्त एजेंडा है. जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि गठबंधन का गठन की सनातन धर्म का विरोध करने के लिए हुआ है.
उदयनिधि के बयान की AAP नेता ने की निंदा
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर राघव चड्ढा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “मैं सनातन धर्म से हूं. मैं ऐसे बयानों की निंदा और विरोध करता हूं. इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए. किसी भी धर्म पर ऐसी टिप्पणी करने से दूर रहना चाहिए. हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए.”
चड्ढा ने कहा- बड़े मुद्दों के लिए बना गठबंधन
इंडिया गठबंधन पर बीजेपी के हमले को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा, ”कुछ पार्टी के कुछ नेता इस तरह का बयान देते हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि ये गठबंधन का बयान है. ये गठबंधन देश के बड़े मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी को उठाने के लिए बना है.” उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि एक राज्य के किसी जिले में खड़े होकर किसी छोटे नेता का बयान देना गठबंधन का आधिकारिक रुख नहीं है.
उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?
2 सितम्बर को उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मच्छर और डेंगू, मलेरिया से करते हुए इसका उन्मूलन (जड़ से खत्म) करने को कहा था. टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने तीखा हमला बोला, जिसके बाद उदयनिधि ने कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं. हालांकि, उन्होंने बीजेपी के उन आरोपों को नकार दिया, जिसमें कहा गया था कि उदयनिधि हिंदुओं के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं.
डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने भी स्टालिन के बयान का समर्थन करते हुए सनातन धर्म की तुलना एचआईवी एड्स और कुष्ठ रोग से कर डाली थी.
डीएमके नेता बोले- सनातन के विरोध में बना गठबंधन
अब तमिलनाडु के एक मंत्री के पोनमुडी ने कथित तौर पर दावा किया है कि ‘इंडिया’ गठबंधन का गठन ‘सनातनी विचारधारा के विरोध में’ किया गया है. एक वायरल वीडियो में पोनमुडी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ”यह ‘इंडिया’ गठबंधन सनातन विचारधारा के विरोध में बनाया गया है. (घटक दलों के )विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सनातन विरोध को लेकर कोई असहमति नहीं है.
पीटीआई से इनपुट
यह भी पढ़ें
Monu Manesar Arrest: मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस को सौंपा गया, जानें किन धाराओं में हुई गिरफ्तारी?