दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन की साझा रैली होने जा रही है। चुनाव आयोग से रैली के लिए अनुमति मिल गई है।
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इंडिया गठबंधन
सपा के बाद अब कांग्रेस का ‘AAP’ के साथ भी गठबंधन तय, इन सीटों का हुआ हुआ बंटवारा – India TV Hindi
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस की सीट शेयरिंग फाइनल हो गई है। अब इसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी सीट शेयरिंग की बात तय हो गई है। दोनों दलों के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर सहमति बन गई है। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली, गुजरात, असम और हरियाणा में सीटों पर बात लगभग फाइनल हो गई है। इसके तहत दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 तो कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं गजुरात में कांग्रेस 2 सीट आम आदमी पार्टी को देगी तो हरियाणा और असम में 1-1 सीट पर सहमति बनी है।
बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस से सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा था कि जल्द ही इसका ऐलान भी हो जाएगा। हालांकि पार्टी के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी सीट बंटवारे को लेकर बातचीत में उत्साहित नहीं दिख रही है। हालांकि दोनों दलों के बीच पंजाब को लेकर अभी भी बात तय नहीं हुई है। माना जा रहा है कि यहां दोनों दल अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। इसके पीछे स्थानीय राजनीति और हालात का हवाला दिया जा रहा है।
Jammu-Kashmir: नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद अब पीडीपी भी इंडिया गठबंधन से हुई अलग, महबूबा बोलीं- हम पूरी तरह तैयार
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती
– फोटो : एजेंसी
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जम्मू-कश्मीर में इंडिया गठबंधन को एक और झटका लगा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के बाद अब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भी लोकसभा चुनाव में अलग प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। पार्टी की संसदीय समिति जल्द ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करेगी। इससे पहले नेकां चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है।
Bihar News: नीतीश बोले- विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश की, फायदा नहीं हुआ; राहुल गांधी के बारे में ये कहा
नीतीश कुमार, राहुल गांधी
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विपक्षी एकता के अगुवा कहे जाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ आएं हैं, तब से वह लगातार इंडी गठबंधन पर हमलावर हैं। शनिवार को फिर से उन्होंने इंडी गठबंधन पर प्रतिक्रिया दी। इतना ही नहीं उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। दरअसल, मीडिया ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा कि इंडी गठबंधन से आपके अलग होने के बाद कई अन्य दल भी इस गठबंधन से बाहर हो रहे हैं। इस सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम अलग हो गये हैं, बाकी दल क्या कर रहे हैं मुझे नहीं मालूम। हमने विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश की लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। अब हम उनसे अलग हो गये हैं। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि हमने इस गठबंधन का नाम कुछ दूसरा सुझाया था लेकिन उनलोगों ने अपनी तरफ से इसका नाम रखा। वह लोग क्या करते हैं, वही जानें।
नीतीश बोले- कुछ भी बोलते हैं राहुल गांधी
इधर, औरंगाबाद और रोहतास में भारत छोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयानों के सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने कह कि उन्हें जो बोलना है वो बोलते रहें, उससे मुझे कोई मतलब नहीं है। नीतीश ने तंज कसते हुए कहा कि वह मीडिया में बने रहेने के लिये कुछ भी बोलते हैं। हमने बिहार में जाति आधारित गणना करवाई इसकी चर्चा नहीं करते हैं। हमारे कामों के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं।
सीएम ने किया राजग की बड़ी जीत का दावा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बड़ी जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि इसबार हमलोग बेहतर प्रदर्शन करेंगे और पिछली बार से अधिक संख्या में लोकसभा की सीट जीतेंगे। दरअसल, लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इसबार लोकसभा चुनाव में राजग (NDA) की सीटों की संख्या 400 से अधिक होगी। मीडिया ने इसी बात को लेकर सीएम नीतीश कुमार से सवाल किया था।
क्या लोकसभा चुनाव से पहले ही बिखर जाएगा I.N.D.I.A गठबंधन? यूपी-महाराष्ट्र में भी तो.. – India TV Hindi
लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा के समय विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की भाजपा नीत एनडीए की सरकार से मुकाबला करने के लिए इंडिया गठबंधन की शुरुआत की, जिसका मकसद एकजुट होकर एनडीए को लोकसभा चुनाव में हराना था। इस गठबंधन के सूत्रधार रहे बिहार के मुख्यमंत्री ने ही अब इस गठबंधन को छोड़ दिया है और अपनी अलग राह पकड़ ली है। अलग राह यानी वो जिसे हराने की बात कर रहे थे उसी एनडीए गठबंधन में मिल गए हैं और बिहार में अपनी सीएम की कुस्री सुरक्षित कर ली है। इंडिया गठबंधन की अब नींव ही कमजोर सी लगती है क्योंकि बिहार के साथ पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी ने अपनी अलग राह पकड़ी है, तो वहीं उत्तर प्रदेश में आरएलडी ने भी एनडीए का हाथ थामने का फैसला कर लिया है।
एनडीए मजबूत, इंडिया कमजोर?
बिहार-बंगाल-यूपी के बाद महाराष्ट्र में भी विपक्षी गठबंधन में कोई खास मजबूती नहीं दिख रही क्योंकि एक तरफ तो शिवसेना दो भागों में टूट गई तो अब वहीं एनसीपी का पावर भी शरद पवार के हाथों से कोर्ट ने अजित पवार को दे दिया है, जो एनडीए गठबंधन का हिस्सा है। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने बचे हैं और भाजपा विजय रथ पर सवार होकर हैट्रिक लगाने के लिए तैयार है तो ऐसे में विपक्षी गठबंधन के बिखरने और कमजोर होने के बाद क्या लोकसभा चुनाव में एनडीए जैसे मजबूत गठबंधन को मात दे पाएगा, ये बड़ा सवाल है।
बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल होने के बाद इंडिया गठबंधन को करारा झटका लगा लेकिन वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद बड़ी कवायद के साथ चंपई सोरेन की सरकार बनने से इंडिया गठबंधन को थोड़ी राहत मिली तो यूपी में आरएलडी के एनडीए में शामिल होने की खबर और एनसीपी की कमान अजित पवार के हाथ में जाने से गठबंधन को फिर से झटका लगा है।
इस तरह से बिखरता हुआ और खुद को समेटने की कवायद करता हुआ इंडिया गठबंधन खुद को कैसे संभालेगा जब उसे पिछले 10 दिन में ही चार बड़े झटके लग चुके हैं और बीजेपी नीत एनडीए को इससे बड़ा फायदा होता दिख रहा है।बिहार-बंगाल-महाराष्ट्र-झारखंड और यूपी की बात करें तो इन पांचो राज्यों में लोकसभा की 200 से ज्यादा सीटें हैं और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में विपक्षी पार्यियों ने अलग-अलग लड़कर अपनी ताकत देख ली है।
उसके बाद अयोध्या के भव्य राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ने भी बीजेपी को राहत दी है और विपक्षी पार्टियों ने खुद को इस समारोह से दूर करके अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। इन सबका असर और गुणा-भाग की बात करें तो भाजपा का विजयी रथ तीसरी बर भी पीएम मोदी की जीत को सुनिश्चित कर रहा है।
चार बड़े राज्यों में बिखर सकता है इंडिया का गणित
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने ऐलान किया है और कांग्रेस को लेकर उनकी अनबन जगजाहिर होती दिख रही है। राज्य की 42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने के ममता का फैसला इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर प्रहार है और बीजेपी के लिए खुशी की बात है।
बिहार की बात करें तो वहां विपक्षी इंडिया गठबंधन को नीतीश ने करारा झटका दिया है जिससे विपक्षी गठबंधन कमजोर हुआ है और राज्य की लोकसभा की 40 सीटों के गुणा-भाग में इसका सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है।
महाराष्ट्र में चुनाव आयोग ने अजित पावर गुट को असली एनसीपी करार दिया है और इधर उद्धव ठाकरे के भी सुर बदल गए हैं। वे पीएम मोदी को अपना दोस्त बता रहे हैं। शिवसेना की टूट और फिर एनसीपी की कमान अजित गुट को देकर कोर्ट ने एनडीए गठबंधन को राहत दी है और महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर विपक्षी गठबंधन का गणित बिगड़ सकता है।
उत्रर प्रदेश में जहां बसपा की मायावती ने विपक्षी गठबंधन से दूरी बना रखी है तो वहीं आरएलडी यानी जयंत चौधरी की पार्टी के भी बीजेपी के साथ जाने के कयास हैं, अगर ऐसा तोता है तो यहां की भी 80 सीटों के लिए विपक्ष का गणित बिगड़ सकता है।
किसे कितना होगा फायदा
एक तरफ जहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी दक्षिण के राज्यों में गए थे जहां भाजपा का कोई खास जनाधार नहीं है। दक्षिणी राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हैं और कांग्रेस की स्थिति भी ठीक है। वहां ंपीएम का जाना और लोगों से संवाद करना और पीएम मोदी की एक झलक पाने के लिए उमड़ी भीड़ से पता चलता है पीएम मोदी की छवि विशाल है।
वहीं राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में मशगूल हैं, लोगों से मिल रहे हैं उनके काफिले में भी भीड़ उमड़ रही है। बिहार-बंगाल के बाद अब यूपी में उनकी न्याय यात्रा पहुंचने वाली है। इन राज्यों में भी क्षेत्रीय पार्टियों को दबदबा है और राहुल की इस न्याय यात्रा से विपक्षी गठबंधन कितना मजबूत होगा और लोकसभा चुनाव में उसे कितना फायदा होगा ये तो लोकसभा चुनाव का रिजल्ट ही बताए।