ज्ञानवापी के तहखाने में व्यास जी के तहखाने में वाराणसी की अदालत ने पूजा-पाठ की इजाजत दे दी है। अदालत ने सात दिन के अंदर पूजा-पाठ के प्रबंध करने का आदेश दिया है। जिला मजिस्ट्रेट को प्रबंध करना होगा।
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वाराणसी
जिस महिला से पीएम मोदी ने चुनाव लड़ने को कहा, कौन है वो, जानें
Chanda Devi In Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों के लिए पूरे देश में मशहूर हैं, लेकिन उन्हें भी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक महिला का भाषण इतना पसंद आया कि उसे चुनाव तक लड़ने का ऑफर दे दिया. उस महिला का नाम चंदा देवी है.
वाराणसी के रामपुर गांव की रहने वाली चंदा देवी ने हालांकि पीएम मोदी के चुनाव लड़ने के प्रस्ताव से तुरंत इनकार कर दिया, लेकिन अब उनकी भी चर्चा पूरे देश में होने लगी है. आखिर कौन हैं ये चंदा देवी जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. चलिए हम आपको बताते हैं.
पीएम ने पूछा – क्या आप चुनाव लड़ेगी?
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंदादेवी को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया. दरअसल सेवापुरी गांव में चंदादेवी भाषण दे रही थीं. पीएम मोदी उनके भाषण से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा, ‘आप तो बहुत अच्छा भाषण देती हैं, क्या आपने कभी चुनाव लड़ा है?’ इस पर चंदादेवी ने इनकार कर दिया.
आगे पीएम मोदी ने पूछा, ‘क्या चुनाव लड़ेंगी?’ जवाब देते हुए चंदादेवी ने कहा, ‘हमने कभी चुनाव लड़ने का नहीं सोचा है. हम आपसे ही प्रेरित होते हैं. आपके सामने खड़े होकर मैंने मंच पर दो शब्द कहे हैं, मेरे लिए यही गर्व की बात है.’
पीएम मोदी और चंदादेवी के बीच बातचीत का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है. चंदा देवी की उम्र महज 35 साल है. वह चंदादेवी ‘लखपति दीदी’ हैं. लखपति दीदी केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसके तहत सरकार की दो करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है.
शादी के बाद छूट गई पढ़ाई
चंदादेवी ने बताया कि साल 2004 में इंटर की परीक्षा पास की थी. इसके तुरंत बाद अगले ही साल 2005 में लोकपति पटेल से उनकी शादी हो गई थी. शादी के बाद उनकी पढ़ाई छूट गई.
अभी उनके दो बच्चे हैं. बड़ी बेटी प्रिया 14 साल की हैं और हिंदी मीडियम से प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करती है. छोटा बेटा 8 साल का अंश है जो अभी सरकारी स्कूल में पढ़ता है. चंदादेवी ने कहा कि वो तो ज्यादा नहीं पढ़ सकीं, लेकिन चाहती हैं कि उनके बच्चे अच्छे कॉलेज में खूब पढ़ाई करें.
बैंक सखी हैं चंदा देवी
उन्होंने बताया कि जब से ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ के शुरुआत हुई, तब से ही उन्होंने अपने गांव में समूह अध्यक्ष के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था. पिछले महीने 19 महीने से वो बरकी गांव के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ‘बैंक सखी’ हैं. चंदा देवी बताती हैं कि वो जरूरतमंदों को लोन दिलाने से लेकर गांव की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लगभग 80-90 बैंक खातों को देखती हैं.
क्यों चुनाव लड़ने से इनकार किया?
पीएम मोदी के चुनाव लड़ने के ऑफर को उन्होंने क्यों ठुकराया? इस बारे में उन्होंने बताया कि परिवार की इतनी जिम्मेदारियां है कि चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोच सकतीं. उन्होंने बताया कि उनकी सास की उम्र 70 साल है, जो अक्सर बीमार रहती हैं. दो बच्चे हैं. खेती-बाड़ी में भी हाथ बंटाना पड़ता है. इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकती. उन्होंने बताया कि परिवार से दूर होकर कोई काम करना संभव नहीं है.
जब पीएम मोदी ने महिला से पूछा, क्या लड़ेंगी चुनाव? मिला ये जवाब, प्रधानमंत्री ने दिया ये टास्क
PM Modi Varanasi Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (18 दिसंबर) को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए करीब 19,150 करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने वाराणसी-नई दिल्ली रूट पर एक और वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई. इसके बाद पीएम मोदी ने सेल्फ हेल्प समूह में शामिल महिलाओं से बात की.
इस दौरान पीएम मोदी ने सेवापुरी गांव में भाषण दे रही एक महिला से पूछा कि चंदा देवी आपकी कितनी पढ़ाई हुई है? इसपर महिला ने कहा कि वो इंटर पास हैं. इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि आप इतना अच्छा भाषण करती हैं, चुनाव लड़ी हो क्या? चुनाव लड़ोगी? इसपर महिला ने कहा कि नहीं सर.
बच्चों को अच्छे कॉलेज में भेजना चाहती हैं चंदा
चंदा देवी ने कहा, ”आपसे हम प्रभावित होते हैं, आप जो काम करते हैं…हम उससे कदम मिलाकर चलते हैं. इस वजह से हमने जो भी हासिल किया है, आपके सामने उपस्थित हैं. आपके सामने हम बोल रहे हैं.” आगे उन्होंने कहा, ”मेरी बेटी सातवीं में है, बेटा तीसरी क्लास में है. हम अच्छे से अच्छे कॉलेज में पढ़ाएंगे, अगर आर्थिक स्थिति अच्छी रही. बैंक सखी में काम करते हुए हम हर कर्तव्य को पूरा करते हैं.”
‘दो करोड़ माताओं को लखपति बनाना है’
इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि मेरा सपना है कि देश में, गांवों में आपके जैसे जो माताएं हैं, उनमें से दो करोड़ माताओं को लखपति बनाना है. आपकी बात जब सुनेंगे तो लोगों को विश्वास हो जाएगा कि लखपति बन जाएंगे. इसके बाद महिला ने कहा, ”यहां बोलने का लोगों को बोलने का मौका नहीं मिलता है. लेकिन हमारे गांव में हर समूह से दो तीन महिलाएं लखपति दीदी बन गई होंगी.”
पीएम मोदी ने महिला को दिया टास्क
पीएम मोदी ने इसके बाद महिला को टास्क दिया. पीएम मोदी ने कहा कि आजकल शादी विवाह और जन्मदिन में खड़े होकर खाने का प्रचलन शुरू हो गया है. लोगों को लगता है कि दोबारा मिलेगा नहीं तो थाली भर लेते हैं, फिर आधा छोड़ देते हैं…आप ये ट्रेनिंग दे सकती हैं कि खाना कैसे परोसना है तो, खाना तो बचेगा ही. लोगों को भी अच्छी सर्विस मिल जाएगी और आपकी बहनों की कमाई हो जाएगी.
चंदा और पीएम मोदी की बातचीत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. चंदादेवी सरकारी योजना ‘लखपति दीदी’ के तहत जरूरतमंदों को लोन दिलाने से लेकर गांव की सहायता समूह में शामिल महिलाओं के लगभग 80-90 बैंक खातों को देखती हैं.
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वाराणसी को मिली एक और नई ट्रेन, जानिए स्टॉपेज एंड टाइमिंग, कब से शुरू होगी बुकिंग
उत्तर और दक्षिण भारत के तीर्थ यात्रियों के लिए खुशखबरी है। भारतीय रेलवे ने बनारस से कन्याकुमारी के बीच साप्ताहिक ट्रेन चलाने का फैसला किया है। पश्चिम मध्य रेल मुख्यालय जबलपुर की ओर से बताया गया है कि नई ट्रेन संख्या 16367/16368 कन्याकुमारी- बनारस-कन्याकुमारी काशी तमिल संगम साप्ताहिक एक्सप्रेस 17 दिसंबर चलाने का निर्णय लिया है। उद्घाटन दिवस यानी 17 दिसंबर दिन रविवार को यह गाड़ी कन्याकुमारी से शाम 17:30 बजे प्रस्थान कर तीसरे दिन मंगलवार को दोपहर 13.00 बजे जबलपुर, 14.40 बजे कटनी, 15.55 बजे मैहर, 16.15 बजे सतना स्टेशन आकर रात्रि 23:35 बजे बनारस पहुंचेगी।
2500KM की दूरी करेगी तय
यह ट्रेन 2500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। गाड़ी संख्या 16368 काशी तमिल संगम एक्सप्रेस बनारस से नियमित तौर पर 24 दिसंबर 2023 से प्रत्येक रविवार को शाम 16:20 बजे प्रस्थान करेगी। ट्रेन अगले दिन सोमवार को मध्य रात्रि 00.15 बजे सतना,00.48 बजे मैहर, 01.55 बजे कटनी, 03.10 बजे जबलपुर आकर अगले दिन मंगलवार को शाम 21.00 बजे गंतव्य स्टेशन कन्याकुमारी पहुंचेगी।
इसी तरह वापसी में गाड़ी संख्या- 16367 काशी तमिल संगम एक्सप्रेस, कन्याकुमारी से नियमित तौर पर 28 दिसंबर 2023 से प्रत्येक गुरुवार को शाम 20:30 बजे रवाना होगी। यह ट्रेन तीसरे दिन शनिवार को दोपहर 13.15 बजे जबलपुर, 14.40 बजे कटनी, 15.33 बजे मैहर, 16.00 बजे सतना स्टेशन आकर शनिवार रात 23:35 बजे बनारस पहुंचेगी।
कहां-कहां से होते हुए जाएगी ट्रेन
यह गाड़ी रास्ते में दोनों दिशाओं में नागरकोविल, तिरुनेलवेली, विरुदुनगर, मदुरई, दिन्डुक्कल, तिरुचिरापल्ली, तंजावूर, कुंभकोणम, मयिलाडुतुरै, शीरकाषि, चिदंबरम, कडलूर पोर्ट, विलुप्पुरम, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, अरक्कोणम, पेरम्बूर, गूडूर, नेल्लूर, ओंगोल, तेनाली, विजयवाड़ा, खम्मम, वारंगल, सिरपूर कागज़नगर, बल्हारशाह, गोंदिया, बालाघाट, नैनपुर, कछपुरा, जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना, मानिकपुर, प्रयागराज छिवकी, वीएचके एवं वाराणसी स्टेशनों पर रुकेगी।
ट्रेन में हैं 22 डिब्बे, इनमें 6 स्लीपर
इस ट्रेन में 01 एसी प्रथम श्रेणी, 02 एसी द्वितीय श्रेणी, 03 एसी तृतीय श्रेणी, 03 एसी तृतीय श्रेणी (इकॉनमी), 06 स्लीपर श्रेणी, 04 सामान्य श्रेणी, 01 रसोई यान, 01 एसएलआरडी एवं 01 ब्रेक वान सहित कुल 22 कोच रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में फिर टली ज्ञानवापी मामले की सुनवाई, अब इस तारीख को सुना जाएगा मामला
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के वाराणसी का ज्ञानवापी मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से टल गई है। कोर्ट ने सोमवार को काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद भूमि स्वामित्व विवाद से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई 1 दिसंबर तक के लिए टाल दी। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा पीठ समय की कमी के कारण मामले की सुनवाई नहीं कर सकी। पीठ ने पक्षों से इस दौरान एक पेज का नोट दाखिल करने को कहा।
कोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर हैं
बता दें कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। अपनी पहली याचिका में ज्ञानवापी-गौरीश्रृंगार परिसर के सर्वेक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर आपत्ति जताते हुए कहा गया है कि वाराणसी कोर्ट का आदेश प्रथम दृष्टया क्षेत्राधिकार के बिना है। मस्जिद समिति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी ने कहा कि सीपीसी (सिविल प्रक्रिया संहिता) के आदेश 26 नियम 9 के संदर्भ में आयुक्त की नियुक्ति सही नहीं है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को दी गई है चुनौती
वहीं दूसरी विशेष अनुमति याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एएसआई को वुज़ू खाना को छोड़कर, ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर का सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के यह कहने के बाद कि साइट पर कोई खुदाई नहीं की जाएगी, सर्वेक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने पहले उच्च न्यायालय के एक और आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद में कथित तौर पर खोजे गए शिवलिंग की उम्र का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था। अपनी तीसरी याचिका में प्रबंधन समिति ने जिला अदालत के समक्ष दायर हिंदू उपासकों के मुकदमे की स्थिरता को बरकरार रखने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाया है।