ज्ञानवापी के पूरे परिसर के सर्वे पर सिविल जज सीनियर डिविजन/ एफटीसी की अदालत में बहस शुरू हो गई है। वादमित्र ने कहा कि केंद्रीय गुंबद के नीचे स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। अब अगली बहस 12 मार्च को होगी।
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ज्ञानवापी मस्जिद
ज्ञानवापी मामला: व्यासजी के तहखाने में जारी रहेगी पूजा, इलाहबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला – India TV Hindi
प्रयागराज: व्यासजी तहखाने में पूजा को लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा है कि तहखाने में पूजा जारी रहेगी। बता दें कि पिछले दिनों वाराणसी जिला जज ने व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की इजाजत दी थी। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट गया था। वहीं हाईकोर्ट से याचिका खारिज करने के बाद अब मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकता है।
हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि वाराणसी जिला जज ने जो पिछले दिनों पूजा करने का आदेश दिया था, वह जारी रहेगा। बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली संस्था अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर अपील पर सुनवाई की थी और अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। वहीं इस मामले में ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “आज इलाहबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दी है, इसका मतलब है कि जो पूजा चल रही थी वह वैसे ही चलती रहेगी। अगर वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे।”
साल 1993 में लगी थी पूजा पर रोक
दिसंबर 1993 के बाद ज्ञानवापी के प्रांगण में बेरिकेट वाले क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई थी जिसके बाद से व्यास जी के तहखाने में पूजा नहीं हो रही थी। राग-भोग संस्कार भी रुक गए थे। हिंदू पक्ष ने कोर्ट में इस बात का भी दावा किया कि ब्रिटिश शासन काल में भी यहां पूजा होती थी। हिंदू धर्म की पूजा से संबंधित सामग्री और बहुत सी प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री उक्त तहखाने में मौजूद है।
व्यासजी का तहखाना क्या है?
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में चार तहखाने हैं जिनमें से एक अभी भी व्यास परिवार के कब्जे में है जो यहां रहते थे। जिसे व्यास जी का तहखाना कहा जाता है। व्यासजी का तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में दक्षिणी तरफ स्थिति है। याचिका के अनुसार, पुजारी सोमनाथ व्यास 1993 तक वहां पूजा-अर्चना करते थे। याचिका में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन सरकार के निर्देश पर अधिकारियों ने तहखाने को बंद कर दिया था। जिसके बाद से वहां पर उनको पूजा करने से वंचित कर दिया गया।
ज्ञानवापी की लड़ाई कोर्ट से थाने आई, मुस्लिम पक्ष ने हिन्दू पक्ष की वादी महिलाओं पर केस के लिए दी तहरीर
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वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद की लड़ाई कोर्ट से अब थाने पहुंच गई है। मुस्लिम पक्ष की ओर से हिन्दू पक्ष के खिलाफ एफआईआर के लिए चौक थाने में तहरीर दी गई है। ज्ञानवापी मस्जिद के इमाम और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के जनरल सेक्रेटरी मौलान अब्दुल बातिन नोमानी की तरफ से तहरीर दी गई है। बातिन ने तहरीर में जगतगुरु परमहंस आचार्य के साथ ही ज्ञानवापी मामले में वादी सीता साहू और मंजू व्यास समेत 20 अज्ञात लोगों पर मुसलमानों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने और हिन्दू मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
बातिन ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है कि देश की एकता भंग करने और हिन्दू-मुस्लमानों के बीच नफरत फैलाने के उद्देश्य से तहखाने के सामने स्थित नंदी के पास खड़े होकर जगतगुरु परमहंस आचार्य के साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद के मुकदमें की वादिनी सीता साहू और मंजू व्यास आदि ने नारेबाजी की। इसका वीडियो भी वायरल है।
वीडियो में परमहंस आचार्य ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाने और मुसलमानों के बारे में गलत बाते कह रहे हैं। वीडियो में मुस्लमानों के लिए आपत्तिजनक भाषा और अपशब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ज्ञानवापी मस्जिद कहने वालों की खाल खीचकर भूसा भरने की धमकी भी जा रही है। यही नहीं दिल्ली में नुपुर शर्मा द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान को सही ठहराया जा रहा है।
बातिन ने तहरीर में आरोप लगाया कि जगतगुरु परमहंस आचार्य ने वीडियो में जो भी विवादित बयान दिया है उसकी षडयंत्रकारी ज्ञानवापी केस की वादिनी सीता साहू और मंजू व्यास हैं। जिला न्यायालय में ज्ञानवापी मस्जिद के सम्बन्ध में मुकदमा विचाराधीन होने के बावजूद सीता साहू और मंजू व्यास परमहंस आचार्य से विवादित बयान दिलवाकर शहर के माहौल को बिगाड़ने व दंगा कराने के लिए लोगों को उकसाने व राष्ट्रीय एकता अखण्डता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं।
बातिन ने आरोप लगाया कि विवादित वीडियो का जिला प्रशासन को भली-भांति जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके कारण इनके हौसले और गंदे विचार रखने वाले अपराधियो का हौसला बढ़ा हुआ है। इससे समाज में नफरत फैल रही है और मुस्लिम वर्ग में काफी दुख व गुस्सा है। बातिन ने एफआईआर के साथ वीडियो और उससे ली गई तस्वीरें भी तहरीर के साथ जमा की हैं।
बरेली में आज जेल भरो आंदोलन, जुमे की नमाज के बाद गिरफ्तारी देंगे IMC चीफ मौलाना तौकीर – India TV Hindi
बरेली: लोकसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में राजनीति के नए-नए मुद्दे उठाए जाने लगे हैं। राजनीति के मंच सजने लगे हैं। इसी क्रम में बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया है। मौलाना के इस आह्वान के बाद पुलिस और प्रशासन भी सतर्क हो गया है। पुलिस ने शहरभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
आला हज़रत मस्जिद में अदा करेंगे नमाज
जानकारी के अनुसार, आज जुमे की नमाज के बाद मौलाना तौकीर रजा खान कलेक्ट्रेट जाकर अपनी गिरफ्तारी देंगे। मौलाना ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा ईदगाह को लेकर अपना विरोध जता रहे हैं। गुरुवार 8 फरवरी को उन्होंने बताया कि हम राजकीय इंटर कॉलेज के सामने स्थित आला हज़रत मस्जिद में दोपहर 2 बजे नमाज़ अदा करेंगे। इसके बाद वह अपनी गिरफ्तारी देंगे।
देश में नफ़रत का माहौल पैदा कर दिया गया- मौलाना
उन्होंने कहा के देश में नफ़रत का माहौल पैदा कर दिया गया है। ऐसे में हम सब की जिम्मेदारी है कि अपनी इबादतगाहों के तहफ्फुज के लिए संविधान में दिए अधिकार के साथ हम शांति पूर्वक अपना विरोध दर्ज कराए। मौलाना ने कहा कि हमसे बोलने तक के अधिकार को छीना जा रहा है। हम जुल्म होते किसी सूरत में सहन नही कर सकते और न देख सकते हैं। जब हम कुछ नहीं कर सकते तो ऐसे आज़ादी से बेहतर है कि हम खुद को गिरफ्तार करा दें।
आंदोलन को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट
वहीं तौकीर रजा के इस आंदोलन को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट है। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। शहर में आरएएफ, पीएसी के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके साथ ही पड़ोसी जिलों से भी फोर्स मंगाए गए हैं। वहीं उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा को देखते हुए भी पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं।
जुमे की नमाज से पहले छावनी बना ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ इलाका, तीन जिलों से मंगाई फोर्स, गलियों में भी फ्लैग मार्च
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ज्ञानवापी के दक्षिणी हिस्से में स्थित व्यासजी के तहखाने में कोर्ट के आदेश पर पूजा-पाठ शुरू हो गया है।मुस्लिम समाज के विरोध और जुमे की नमाज से पहले पूरे ज्ञानवापी इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वाराणसी में हाईअलर्ट घोषित कर तीन जिलों से पुलिस फोर्स मंगाई गई है। गलियों में भी पुलिस के दस्तों ने अधिकारियों के साथ गश्त और फ्लैग मार्च किया। मुस्लिम पक्ष की ओर से पूजा को लेकर नाराजगी जताने और शुक्रवार को विरोध स्वरूप बनारस में बंद का ऐलान करने से सतर्कता और ज्यादा बढ़ा दी गई है। जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने और सौहार्द बनाये रखने के लिए कमिश्नरेट पुलिस के अलावा तीन कंपनी पीएसी, एक कंपनी आरएएफ के साथ जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली की फोर्स सड़कों पर उतर गई हैं।
मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में छह दिसंबर जैसी बंदी, जगह-जगह पुलिस फोर्स तैनात
बाहर से आई फोर्स और पीएसी को संवेदनशील इलाकों में गश्त के लिए लगाया गया है। अति संवेदनशील इलाकों में आरएएफ तैनात रहेगी। जुमे के दिन छोटी-बड़ी मस्जिदों के साथ ही सभी धार्मिक स्थलों के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई है। पुलिसकर्मियों को अफसरों ने निर्देशित किया है कि जुमे की नमाज के बाद या फिर किसी भी पूजा स्थल पर किसी तरह की जुटान न हो।
छावनी बना ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ इलाका
कोर्ट का फैसला आने के बाद बुधवार रात से ही ज्ञानवापी परिक्षेत्र को छावनी में बदल दिया गया है। विश्वनाथ धाम के सामने से लेकर मुख्य सड़कों, गलियों में पुलिस की कड़ी चौकसी है। खासतौर से मिश्रित आबादी वाले इलाकों, संवेदनशील व अति संवेदनशील इलाकों में निगरानी रखी जा रही है। प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार के सामने कमांडो की तैनाती की गई है। आरएएफ और सीआरपीएफ के जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है।
ज्ञानवापी में पूजा से मुसलमान नाराज, वाराणसी में कल कारोबार बंद रखने का ऐलान
बुधवार रात से ही एक प्लाटून पीएसी ज्ञानवापी परिक्षेत्र में तैनात कर दी गई। गुरुवार को नमाज तथा सुरक्षा के दृष्टिगत दोपहर 12 से 3 बजे के बीच धाम के सामने से वाहनों का आवागमन भी बंद कर दिया गया था। लोगों को गलियों के रास्ते से जाने के लिए कहा गया। मंदिर के बाहर पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन, अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था एस. चन्नप्पा, डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम, एसीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक ने फोर्स के साथ फुट पेट्रोलिंग भी की।
‘गुप्त’ बैठकों पर खुफिया एजेंसियों की नजर
ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा-पाठ के आदेश के बाद खुफिया एजेंसियों ने शरारतीतत्वों पर निगरानी बढ़ा दी है। एलआईयू समेत अन्य एजेंसियां अराजकतत्वों की धरपकड़ के लिए सतर्क हैं। संवेदनशील व अति संवेदनशील इलाकों में जुमे की नमाज के पूर्व गोपनीय बैठकें करने की सूचना के बाद खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। गुरुवार को भी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में दुकानें बंद रहीं।
लोग शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताएं: मुफ्ती-ए-बनारस
ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा की अनुमति से मुस्लिम समाज में रोष है। गुरुवार को अमानुल्लाहपुरा में हुई बैठक में शुक्रवार को ‘बनारस बंद’ का ऐलान किया गया। वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के महासचिव एवं मुफ्ती-ए-बनारस मौ.अब्दुल बातिन नोमानी ने अफवाह पर ध्यान न देने और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताने की लोगों से अपील की है। उन्होंने 1993 तक दक्षिणी तहखाने में पूजा होने के दावे का खंडन करते हुए कहा कि सिर्फ अफवाहें फैलाई जा रही है। वहां कभी पूजा नहीं हुई। करीब एक घंटे तक अंजुमन इंतेजामिया के सदस्यों व शहर के मुस्लिम समाज के लोगों ने ज्ञानवापी मामले पर चर्चा की। मौ.बातिन ने कहा कि जिला जज के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। हम कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी के दक्षिणी हिस्से में स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा के लिए जिला जज की अदालत से इजाजत मांगी गई थी। व्यास जी के परिवार के ही शैलेंद्र पाठक ने याचिका दायर कर दावा किया कि 1993 से पहले उनके परिवार के लोग यहां पूजा करते थे। इस पर जिला जज ने पूजा की इजाजत देते हुए बुधवार को डीएम को आदेश दिया कि वह जरूरी इंतजाम कराएं। कोर्ट का आदेश मिलते ही डीएम बुधवार की रात ज्ञानवापी पहुंचे और तहखाने के सामने लगी लोहे की बैरिकेडिंग हटवाकर पूजा का इंतजाम करा दिया। इसके बाद भोर से पूजा भी शुरू हो गई। गुरुवा की शाम से आम लोगों को तहखाने में रखी मूर्तियों का दर्शन भी मिलने लगा। रात 10.30 बजे शयन आरती तक लोगों को दर्शन मिलता रहा।