हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के अंदर ही अभी प्रत्याशियों को लेकर सहमत नहीं बन पाई है। हरियाणा एक मात्र ऐसा प्रदेश है जहां कांग्रेस ने एक भी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है।
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रणदीप सिंह सुरजेवाला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, जानिए क्या है पूरा मामला
Randeep Singh Surjewala Case: कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 23 साल पुराने एक मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 हफ्ते की रोक लगा दी है. ये वारंट वाराणसी की MP/MLA कोर्ट की ओर से जारी किया गया था. कोर्ट ने सुरजेवाला से कहा कि वह वारंट रद्द करवाने के लिए 4 हफ्ते के भीतर MP/MLA कोर्ट में आवेदन दाखिल करें.
साल 2000 में वाराणसी में यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान हुए उपद्रव से ये मामला जुड़ा हुआ है. सुरजेवाला के पेश न होने के चलते कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. इससे उनकी गिरफ्तारी का अंदेशा था.
एमपी/एमएलए कोर्ट ने क्या कहा था?
इससे पहले रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ चल रहे 23 साल पुराने केस की मंगलवार (07 नवंबर) को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश सुनाया था और 21 नवंबर को उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था, “साल 2000 के इस पुराने मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जल्द से जल्द निष्तारित करना है. जिसमें रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ तारीखों से गैर-जमानती वारंट जारी किया जा रहा है लेकिन वो कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं.”
क्या है मामला?
साल 2000 के फेमस संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में कमिश्नरी परिसर में तोड़फोड़ और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप तत्कालीन कांग्रेस युवा नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ-साथ अन्य कई कांग्रेस नेताओं पर लगा था. 23 साल पुराने इस मामले में रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ अभी आरोप तय होना है.
रणदीप सुरजेवाला ने जय-वीरू से की कमलनाथ-दिग्विजय की तुलना, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कसा तंज
MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखे जा रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी-कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर तंज कसने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं. प्रचार अभियान के एक मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की जोड़ी पर चुटकी ली.
जय-वीरू वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री ने कसा तंज
दरअसल, कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की तुलना जय और वीरू की दोस्ती से की थी. इस पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ”मध्य प्रदेश में आकर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ये जोड़ी जय-वीरू की जोड़ी है. आप में से कितने लोगों ने फिल्म देखी है शोले? जय-वीरू का रोल क्या था शोले में?”
इस पर सभा में मौजूद कुछ लोगों ने कहा कि उनका रोल चोर का था. इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ”मैंने नहीं कहा. कांग्रेस का महासचिव स्वयं कह रहा है कि दोनों के दोनों (चोर हैं).” सिंधिया ने जनता की ओर माइक करके पूछा, ”ऐसे लोगों को कभी कमान दोगे मेरे और आपके मध्य प्रदेश में?” सभा में मौजूद लोगों ने कहा, ”नहीं देंगे.”
VIDEO | “Congress general secretary came to Madhya Pradesh and said – “this friendship (of Digvijaya Singh and Kamal Nath) is like that of Jai and Veeru (characters from the iconic Bollywood film ‘Sholay’).” How many of you have seen the film? What role did ‘Jai-Veeru’ play?… pic.twitter.com/5Hd7PQaOk5
— Press Trust of India (@PTI_News) November 2, 2023
बता दें कि कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला के बयान के बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए दोनों को जेल से भागा हुआ और धोखेबाज बताया था.
सुरजेवाला ने क्या कहा था?
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा था, “दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच वही रिश्ता है जो शोले फिल्म में धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन के बीच था. न ही फिल्म का गब्बर उन्हें लड़ा पाया और न ही बीजेपी का गब्बर इन दोनों नेताओं को आपस में लड़ा पाएगा. दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और हमारे सभी नेताओं के बीच प्यार और आपसी सहमति है, जो विकास और प्रगति के लिए है.”
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर अंदरूनी कलह होने की बात कही थी. बता दें कि इससे पहले टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के अंदर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच मनमुटाव की खबरें सामने आई थीं.
भारत मंडपम में पानी भरने के दावों की क्या है सच्चाई? PIB ने फैक्ट चेक कर बताया
G20 Summit In Bharat Mandapam: भारी बारिश के बाद भारत के जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल भारत मंडपम में पानी भर जाने की तस्वीरें वायरल हो गईं, इसके बाद कांग्रेस को केंद्र सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया. उन्होंने कहा, “एक बारिश ने खोखले विकास के दावे को उजागर कर दिया है.” अब सरकार की ओर से इसका खंडन किया गया है.
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से जलमग्न भारत मंडपम का वीडियो संलग्न करते हुए कहा, “खोखला विकास मॉडल उजागर हो गया. भारत मंडपम जी20 के लिए तैयार किया गया था और 2,700 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. एक ही बारिश ने दावों की पोल खोल दी.”
सुरजेवाला ने भी साधा था निशाना
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ”3,000 करोड़ रुपये की लागत से बना भारत मंडपम थोड़ी सी बारिश में तैरता नजर आया, मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि दिन में ज्यादा बारिश न हो और जी20 शिखर सम्मेलन सकुशल संपन्न हो गया. मोदी सरकार ने गरीबों को पर्दे से ढक दिया है, लेकिन कोई भी दिखावा उसके कुकर्मों को नहीं ढक सकता.” सुरजेवाला ने कहा, “वैसे भी, मोदी सरकार में आयोजनों और उद्घाटनों के बाद कुछ नहीं टिकता.”
भारतीय युवा कांग्रेस के प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने भी सरकार पर तंज किया और कहा, “करोड़ों रुपये की लागत से G20 सदस्यों की मेजबानी के लिए बनाए गए ‘भारत मंडपम’ की तस्वीरें. विकास तैर रहा है.”
A video claims that there is waterlogging at venue of #G20Summit #PIBFactCheck:
✔️This claim is exaggerated and misleading
✔️Minor water logging in open area was swiftly cleared as pumps were pressed into action after overnight rains
✔️No water logging at venue presently pic.twitter.com/JiWzWx1riZ
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 10, 2023
पीआईबी ने किया दावों का फैक्ट चेक
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ”एक वीडियो में दावा किया गया है कि जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल पर जलभराव है. यह दावा अतिशयोक्तिपूर्ण और भ्रामक है. रातभर की बारिश के बाद पंपों को काम पर लगाने के कारण खुले क्षेत्र में मामूली जलजमाव को तेजी से साफ कर दिया गया. फिलहाल आयोजन स्थल पर कोई जलजमाव नहीं है.”
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कांग्रेस ने पांच चुनावी राज्यों में फूंका बिगुल, पर्यवेक्षकों की सूची जारी
नई दिल्ली: इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यह विधानसभा चुनाव अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बेहद ही अहम हैं। इन राज्यों के परिणाम लोकसभा चुनाव में बड़ा असर डालेंगे। इसके साथ ही विपक्षी एकता के लिए भी यह एक लिटमस टेस्ट होगा। इन राज्यों के लिए बीजेपी ने पहले ही अपने प्रभारी घोषित कर दिए हैं। वहीं अब कांग्रेस ने भी पर्यवेक्षकों का ऐलान कर दिया है।
राजस्थान के वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाए गए मधुसुदन मिस्त्री
कांग्रेस ने राजस्थान की जिम्मेदारी मधुसुदन मिस्त्री को दी है। मधुसुदन को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसके साथ शशिकांत सेंथिल को पर्यवेक्षक बनाया गया है। वहीं छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ पर्यवेक्षक के रूप में प्रीतम सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही मीनाक्षी नटराजन को पर्यवेक्षक बनाया गया है। मिजोरम में पार्टी ने सचिन राव को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है।
कांग्रेस ने पर्यवेक्षकों की सूची जारी की
रणदीप सिंह सुरजेवाला को दी गई एमपी की जिम्मेदारी
इसके साथ कांग्रेस आलाकमान ने कर्नाटक में पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले रणदीप सिंह सुरजेवाला को मध्य प्रदेश में वरिष्ठ पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी है। उनके साथ चंद्रकांत हंडोरे को पर्यवेक्षक बनाकर यहां भी जीत दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा तेलंगाना में वरिष्ठ पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दीपा दासमुंशी को दी गई है तो सिरिवेल्ला प्रसाद को पर्यवेक्षक बनाया गया है।