ईरान द्वारा कब्जाए गए जहाज में सवार 17 भारतीयों की सुरक्षा और उनकी रिहाई के लिए भारत ने ईरान से संपर्क किया है। बता दें होर्मुज जलडमरूमध्य के पास ईरानी सेना ने कथित इजरायली जहाज पर कब्जा कर लिया था।
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इजरायल पर ईरानी हमले की धमकी से दुनिया में खलबली, रूस और जर्मनी ने मध्य-पूर्व के देशों से की संयम बरतने की अपील – India TV Hindi
इजरायल और ईरान में युद्ध के बढ़ते खतरों के बीच रूस और जर्मनी ने मध्य पूर्व के देशों से संयम बरतने की अपील की है। इजरायली पर हमले की ईरानी धमकी ने पूरे मध्य-पूर्व के देशों को खतरे में डाल दिया है। इस बीच इज़रायल ने कहा कि हम ईरानी धमकी से खतरे में पड़े क्षेत्र में “अपनी सभी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने” की तैयारी कर रहे हैं। वहीं जर्मनी की लुफ्थांसा एयरलाइंस ने संघर्ष के खतरे को देखते हुए तेहरान के लिए अपनी उड़ानों का निलंबन बढ़ा दिया। रूस ने भी मध्य पूर्व की यात्रा के खिलाफ चेतावनी जारी कर दी है।
बता दें कि ईरान ने 1 अप्रैल को दमिश्क में अपने दूतावास परिसर पर हुए हवाई हमले का बदला लेने की कसम खाई है, जिसमें एक शीर्ष ईरानी जनरल और छह अन्य ईरानी सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी। इससे गाजा युद्ध से पहले से ही तनावग्रस्त क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। हालांकि इज़रायल ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को कहा कि इज़रायल को “दंडित किया जाना चाहिए। क्योंकि यह ईरानी धरती पर हमले के समान था। इसलिए उसे दंड दिया ही जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र को भी घेरा
संयुक्त राष्ट्र में तेहरान के मिशन ने गुरुवार को कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की होती और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया होता तो “ईरान के लिए इस दुष्ट देश को दंडित करने की अनिवार्यता” से बचा जा सकता था। वहीं इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़रायल गाजा में अपना युद्ध जारी रख रहा है, लेकिन अन्य जगहों पर सुरक्षा तैयारी कर रहा है।
वायु सेना अड्डे के दौरे के बाद जारी टिप्पणियों में उन्होंने कहा, “जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाएगा, हम उन्हें नुकसान पहुंचाएंगे। हम रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह से इजराइल राज्य की सभी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हैं।” (रॉयटर्स)
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विस्फोटकों से लदे एक वाहन को आतंकी ने चीनी इंजीनियरों के काफिले में घुसा दिया और एक वाहन से टक्कर मार दी। इस घटना में मौतों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। अब तक 5 लोगों की मौत की खबर मिली है।
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USA: बाइडन-ट्रंप ने कई राज्यों के प्राइमरी चुनाव में दर्ज की जीत, राष्ट्रपति चुनाव में कड़ी टक्कर का अनुमान
जो बिडेन और डोनाल्ड ट्रंप
– फोटो : Social Media
विस्तार
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को हुए प्राइमरी चुनाव में जीत दर्ज की। मंगलवार को ओहायो, इलिनोइस, कंसास, फ्लोरिडा और एरिजोना में रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी चुनाव हुए। अभी तक आए नतीजों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने एरिजोना, फ्लोरिडा में जीत दर्ज कर ली है। वहीं अन्य राज्यों में भी उनकी जीत तय है। डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से जो बाइडन उम्मीदवार हैं। वहीं रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद के दावेदार हैं।
कैलिफोर्निया में हुए स्पेशल प्राइमरी इलेक्शन
डेमोक्रेट पार्टी के प्राइमरी चुनाव मंगलवार को कंसास, ओहायो, इलिनोइस और एरिजोना में हुए। इन सभी में जो बाइडन 80 फीसदी से ज्यादा मत पाकर विजयी रहे हैं। मंगलवार को कैलिफोर्निया में भी स्पेशल प्राइमरी चुनाव के लिए मतदान हुआ। दरअसल रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने बीते साल दिसंबर में इस्तीफा दे दिया था। यही वजह है कि मैक्कार्थी के इस्तीफे की वजह से कैलिफोर्निया में स्पेशल प्राइमरी चुनाव हो रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के नेता विंस फोंग का समर्थन कर रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने भी किया मतदान
डोनाल्ड ट्रंप ने भी मंगलवार को अपने गृह राज्य फ्लोरिडा में प्राइमरी चुनाव के लिए मतदान किया। ट्रंप ने पाम बीच के एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। मतदान के बाद ट्रंप ने कहा कि ‘मैंने डोनाल्ड ट्रंप के लिए वोट किया है।’ राष्ट्रपति चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं। ट्रंप और बाइडन का प्रचार भी तेज हो रहा है। इसी के तहत बाइडन ने मंगलवार को नेवादा और एरिजोना का दौरा किया। इन दोनों राज्यों में पिछले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बाइडन और ट्रंप में करीबी मुकाबला हुआ था। ऐसे में इस बार दोनों शीर्ष नेता कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते और इन दोनों राज्यों पर विशेष फोकस कर रहे हैं। जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप, दोनों ही एक दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। जो बाइडन ने जहां डोनाल्ड ट्रंप को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है, वहीं ट्रंप, बाइडन को मानसिक रूप से अनफिट बता रहे हैं।
Israel: रफा में इस्राइल की सैन्य कार्रवाई को लेकर जो बाइडन परेशान, अमेरिका ने बताया क्या होगा इसका अंजाम
बेंजामिन नेतन्याहू, जो बाइडन
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
इस्राइल अब हमास के खिलाफ गाजा के रफा में सैन्य कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इसके पक्ष में नहीं हैं और वह इसे लेकर सार्वजनिक तौर पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। अब अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने भी बयान जारी कर बताया कि जो बाइडन इस्राइल के रफा में बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई करने को लेकर बेहद चिंतित हैं। सुलिवन ने बताया कि इस मुद्दे पर सोमवार को राष्ट्रपति बाइडन और इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच टेलीफोन पर भी बात हुई।
इस्राइल का रुख हुआ नरम
इस बातचीत में बेंजामिन नेतन्याहू, इस्राइल की एक इंटर एजेंसी टीम को अमेरिका भेजने के लिए तैयार हो गए हैं। इस्राइल की इस टीम में सेना, खुफिया एजेंसी और शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। यह टीम अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी कि कैसे रफा में बिना किसी बड़ी सैन्य कार्रवाई के हमास के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। गौरतलब है कि बीते करीब एक महीने में पहली बार जो बाइडन और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई।
रफा में सैन्य कार्रवाई का क्या होगा नुकसान
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुलिवन ने बताया कि इस्राइल, गाजा सिटी और खान यूनिस की तरह रफा में भी बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। रफा में अभी दस लाख से ज्यादा शरणार्थी रह रहे हैं, जो गाजा सिटी और खान यूनिस से जान बचाकर रफा पहुंचे हैं। अब अगर इस्राइल रफा में भी सैन्य कार्रवाई करता है तो फिर ये शरणार्थी कहां जाएंगे? गाजा के कई बड़े शहर पहले ही युद्ध में तबाह हो चुके हैं। इस्राइल ने अमेरिका और दुनिया को रफा पर हमले की कोई योजना भी नहीं बताई है कि वो किस तरह से रफा में हमास को निशाना बनाएंगे।
सुलिवन ने कहा कि रफा, मिस्त्र की सीमा पर स्थित है और अगर रफा के रास्ते ही गाजा में मानवीय मदद पहुंचाई जा रही है। अगर रफा पर ही सैन्य कार्रवाई होती है तो इससे गाजा में गंभीर मानवीय संकट पैदा हो जाएगा और युद्ध की विभीषिका झेल रहे लोगों को मानवीय मदद भी नहीं मिल पाएगी। इससे न सिर्फ इस्राइल वैश्विक तौर पर अलग-थलग पड़ जाएगा, साथ ही इस्राइस हमास युद्ध के बड़े पैमाने पर भड़कने की आशंका भी पैदा हो जाएगी।