Patna High Court News: पटना हाई कोर्ट ने मामले में प्रतिवादी पत्नी के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि उसने पति की यातना के बारे में अपने पिता को कई चिट्ठी लिखकर इसकी शिकायत की थी।
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पटना हाई कोर्ट
पकड़ौआ विवाह : रिश्ते बचाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं वंदना, पटना हाई कोर्ट ने शादी को बताया था अवैध
लखीसराय. पकड़ौआ विवाह मामले में हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगने पर वंदना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. करीब 10 वर्षों पूर्व हुई शादी को अवैध करार देने के फैसले का वंदना ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. अपनी शादी को वैध करार दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं वंदना को उम्मीद है कि उसे यहां से न्याय मिलेगा. बिहार में पकड़ौआ विवाह एक कुरीति है जो कुछ जिलों में अभी भी कायम है. वैसे एक जमाने में बिहार के लखीसराय और बेगूसराय में ऐसी कई शादियां हुआ करती थी. पकड़ौआ विवाह में झटपट लड़की की मांग में सिंदूर डलवाकर विवाह की रस्में पूरी कर ली जाती हैं. ऐसी ही एक शादी वंदना और रविकांत की हुई थी, जिस मामले में पटना हाईकोर्ट ने सख्त फैसला देते इसे अवैध करार दिया है.
लड़की पक्ष बता रहा प्रेम-विवाह
जानकारी के अनुसार लखीसराय की लड़की वंदना एवं नवादा जिले के लड़के रविकांत के बीच पकड़ौआ विवाह हुआ था. इस मामले में पटना हाईकोर्ट से मिली हार के बाद लखीसराय के रजौना चौकी निवासी विपिन सिंह की पुत्री वंदना कुमारी ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वह नवादा के रेवरा निवासी चंद्रमौलेश्वर सिंह के बेटे आर्मी जवान रविकांत के साथ हुए पकड़ौआ विवाह को वैध मान रही हैं. वंदना 10 वर्षों से कोर्ट की लड़ाई लड़ रही हैं. वंदना अपने दो भाइयों से बड़ी हैं. इंटर पास वंदना और आर्मी जवान रविकांत की शादी 30 जून, 2013 को अशोकधाम मंदिर में हुई थी.
वंदना की फुफेरी बहन का देवर है रविकांत
रविकांत वंदना की फुफेरी बहन का देवर है. शादी के संबंध में वंदना का दावा है कि 2013 में शादी से पहले रविकांत और वंदना में प्यार हुआ. इसी बीच रविकांत की आर्मी में नौकरी हो गई. इसके बाद रविकांत के घर वालों ने शादी की रजामंदी नहीं दी. फिर रविकांत की मौन सहमति के बीच वंदना से शादी हो गई. हालांकि, शादी के बाद ही रविकांत के घर वाले इस रिश्ते का विरोध करने लगे. लड़के वालों ने इसे पकड़ौआ विवाह बताते हुए रिश्ता मानने से इनकार कर दिया, चूंकि अपहरण के बाद शादी की रस्म कराई गई थी. लड़की पक्ष इसे प्रेम-विवाह बता रहा है.
रविकांत ने नवादा व वंदना ने लखीसराय फैमिली कोर्ट में दी दस्तक
शादी के बाद रविकांत ने नवादा फैमिली कोर्ट में शादी मानने से इन्कार करते हुए केस दर्ज कराया. इधर, वंदना ने भी लखीसराय फैमिली कोर्ट में अपने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस किया. नवादा फैमिली कोर्ट ने रविकांत की याचिका खारिज कर दी. इसके बाद रविकांत ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. रविकांत को राहत देते हुए कोर्ट ने उसकी जबरन हुई शादी को रद्द करने का फैसला सुनाया है. उधर, लखीसराय फैमिली कोर्ट ने 2020 में वंदना के पक्ष में फैसला सुनाया था.
2017 में रविकांत ने कर ली दूसरी शादी
भागलपुर जिले के मकनपुर में 2017 में रविकांत ने दूसरी शादी कर ली. इसकी जानकारी मिलते ही वंदना ने 2017 में फिर लखीसराय कोर्ट में अपने ससुराल वालों के विरुद्ध केस किया. इसके बाद वंदना और रविकांत के परिवार वालों के बीच रिश्ता और दरकने लगा. 2020 फैमिली कोर्ट, लखीसराय के फैसले के बाद रविकांत और वंदना का मायके और ससुराल आना-जाना शुरू हुआ. वंदना के अनुसार बीते 26 अप्रैल, 21 को उसके भाई ब्रजेश की शादी में भी रविकांत आया था और उसने बतौर पति वंदना के साथ शादी में सभी रस्में निभाई. मई, 21 में रविकांत छुट्टी के दौरान वंदना को अपने गांव रेवरा ले गया था.
हाई कोर्ट के 5 जजों का तबादला, किन-किन न्यायाधीशों का है नाम?
High Court Judges Transfer-Posting: सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजिएम की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद विधि और न्याय मंत्रालय ने कई हाई कोर्ट्स के 5 जजों की नियुक्ति और तबादले से संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया है.
हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के तबादले संबंधी आदेश की जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार (13 नवंबर) को ‘एक्स’ पर दी. नोटिफिकेशन के मुताबिक इलाहाबाद, कलकत्ता, तेलंगाना और मद्रास हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की ट्रांसफर/पोस्टिंग की गई है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह को मद्रास हाई कोर्ट भेजा गया है. कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजा गया है. वहीं, न्यायमूर्ति बिबेक चौधरी को कलकत्ता हाई कोर्ट से पटना हाई कोर्ट ट्रांसफर किया गया है.
तेलंगाना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एम सुधीर कुमार का तबादला मद्रास हाई कोर्ट और न्यायमूर्ति सी सुमलता का तबादला कर्नाटक हाई कोर्ट में किया गया है.
In the exercise of the power conferred by the Constitution of India, the President of India, after consultation with the Chief Justice of India, is pleased to transfer the following High Court Judges. I convey my best wishes to them:- pic.twitter.com/BBpbDTE6JS
— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) November 13, 2023
अक्टूबर में 17 नए जजों की नियुक्ति आदेश भी हुए थे
बता दें कि गत अक्टूबर में देश के 16 हाई कोर्ट के जजों का तबादला भी किया गया था, जबकि 17 नए जजों की नियुक्ति हुई थी. इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस एसपी केसरवानी को कलकत्ता हाई कोर्ट और जस्टिस राजेंद्र कुमार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट भेजा गया था.
इसके अलावा गुवाहाटी हाई कोर्ट से न्यायाधीश ननी तागिया को पटना हाईकोर्ट भेजा गया था. वहीं, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से न्यायाधीश राजमोहन सिंह को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, न्यायाधीश अरविंद सिंह सांगवान को इलाहाबाद हाईकोर्ट और न्यायाधीश अवनीश झिंगन और न्यायाधीश अरुण मोंगा को राजस्थान हाईकोर्ट भेजा गया था.
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