सत्ता पक्ष के 36 विधायक हैदराबाद में तीन दिनों से कैंप करने के बाद रविवार शाम विशेष विमान से रांची लौट आए हैं। सभी राजधानी में एक साथ सर्किट हाऊस में ठहरे हैं और सुबह एक साथ विधानसभा पहुंचेंगे।
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चंपई सोरेन
जंगल में छिपे और पानी के सहारे काटे थे दिन; क्यों हेमंत के टाइगर हैं चंपई सोरेन
सरायकेला के जिलिंगगोड़ा कस्बे के जुझारू चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। इस मुकाम तक पहुंचने की उनकी राह बेहद पथरीली रही है। झारखंड राज्य के लिए आंदोलन में वे बेहद सक्रिय रहे थे।
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झारखंड में खत्म हुआ सियासी सस्पेंस, चंपई सोरेन को राज्यपाल का ग्रीन सिग्नल; बनाएंगे सरकार
झारखंड में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल ने झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को आमंत्रित किया है। उन्हें 10 दिनों में बहुमत साबित करना होगा।
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चंपई सोरेन कल झारखंड के सीएम की शपथ लेंगे,10 दिनों में साबित करना होगा बहुमत – India TV Hindi
रांची : झारखंड में सियासी सस्पेंस खत्म हो गया है। राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को शपथ ग्रहण का न्योता दे दिया है। चंपई सोरेन शुक्रवार को झारखंड के सीएम पद की शपथ लेंगे। उन्हें 10 दिनों के अंदर बहुमत साबित करना होगा। राज्यपाल ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को देर रात राजभवन में बुलाया और चंपई सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया।
शाम में भी राज्यपाल से मिले थे चंपई सोरेन
इससे पहले झारखंड में खूब सियासी सरगर्मी रही। शाम में चंपई सोरेन राज्यपाल से मिले थे और सरकार बनाने के लिए उनके दावे को जल्द से जल्द स्वीकार करने का आग्रह किया किया। बाद में चंपई सोरेन ने बताया था कि राज्यपाल ने झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही इस मामले पर निर्णय लेंगे। चंपई सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा था कि हमने राज्यपाल से जल्द से जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया क्योंकि झारखंड में 20 घंटे से अधिक समय से कोई सरकार नहीं है।’
विधायकों को हैदराबाद भेजने की थी तैयारी
इतना ही नहीं गठबंधन के विधायकों को एकजुट रखने के लिए चार्टर्ड विमान से उन्हें हैदराबाद भेजने की तैयारी की गई। सभी विधायकों को बस से एयरपोर्ट लाया गया था। गठबंधन के विधायक चार्टर्ड विमान में बैठ भी गए थे लेकिन ऐन वक्त पर बताया गया कि घना कोहरा होने के चलते विमान उड़ान नहीं भर सकता है। लिहाजा फ्लाइट कैंसिल हो गई और विधायक वापस लौट आए थे।
इससे पहले हेमंत सोरेन को बुधवार रात मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चंपई सोरेन झामुमो विधायक दल के नेता चुने गए थे। चंपई सोरेन ने कहा था कि हम एकजुट हैं। हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है; इसे कोई नहीं तोड़ सकता। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा जारी एक वीडियो में 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 43 विधायकों का समर्थन भी दिखाया गया था।
झारखंड टाइगर नाम से फेमस, अलग राज्य बनाने के लिए किया था आंदोलन; कौन हैं चंपई सोरेन जो बनेंगे नए मुख्यमंत्री
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Champai Soren Profile: कथित जमीन घोटाले मामले में ईडी के निशाने पर आए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी अपनी गद्दी छोड़ दी है। हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन अब झारखंड के नए सीएम होंगे। चंपई सोरेन विधायक दल के नेता चुन लिए गए हैं। चंपई सोरेन हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं। चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव के किसान सिमल सोरेन के सबसे बड़े बेटे हैं। चंपई सोरेन ने भी अपने पिता के साथ उनके खेतों में काम किया है। उन्होंने 10वीं कक्षा तक की शिक्षा सरकारी स्कूल से प्राप्त की। इस दौरान उनकी कम उम्र में शादी हो गई और उनके चार बेटे और तीन बेटियां हुईं।
चंपई सोरेन को झारखंड टाइगर के नाम से नाम से भी बुलाते हैं। चंपई सोरेन, सरायकेला से विधायक हैं और उन्हें दूसरी बार मंत्री बनने का मौका मिला। मालूम हो कि चंपई सोरेन सियासत में आने से पहले खेती किया करते थे। लेकिन फिर शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं। कई मौकों पर हेमंत सोरेन को इनका पैर छूते हुए भी देखा गया है। इतना ही नहीं सरकार से लेकर पार्टी तक के अहम विषयों पर हेमंत सोरेन इनसे ही सलाह जरूर लिया करते रहे हैं।
जब 90 के दशक में अलग झारखंड राज्य की मांग उठी तो शिबू सोरेन के साथ चंपई ने झारखंड आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से मशहूर हो गए। इसके बाद चंपई सोरेन ने अपनी सरायकेला सीट पर उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। बाद में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में शामिल हो गए। बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली सरकार में चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इस दौरान उनके पास महत्वपूर्ण मंत्रालय थे। चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे। उसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा और फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चंपई सोरेन झारखंड में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्री बने।