नीतीश के राजनीति के जीवन के इतिहास और भविष्य को लेकर भले बयानबाजी तेज हो, लेकिन कोई भी इस बात को दावे के साथ कह नहीं पा रहा है कि उनकी अगली रणनीति क्या है।
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नीतीश कुमार NDA में फिर से जाने का रास्ता बना रहे हैं? इंडिया टीवी पोल में जवाब
बिहार की राजधानी पटना में जनसंघ नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को लेकर समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समारोह में शामिल हुए। वहीं, आरजेडी नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन के कई नेता मौजूद रहे। इसके बाद ये अटकलें तेज हो गईं कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ जाने वाले हैं। इसे लेकर इंडिया टीवी ने एक पोल चलाया, जिसमें लोगों ने अपनी राय दी है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
इंडिया टीवी के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर हमने जनता से पूछा था, “क्या दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के कार्यक्रम में शामिल होकर नीतीश कुमार NDA में फिर से जाने का रास्ता बना रहे हैं?” इसके लिए जवाब में हमनें ‘हां’, ‘नहीं’ और ‘कह नहीं सकते’ के विकल्प दिए थे। पोल पर कुल 6271 लोगों ने अपना जवाब दर्ज कराया, जिसके नतीजे काफी हैरान करने वाले सामने आए हैं। 69 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार के NDA में शामिल होने पर सहमति जताई, जबकि 19 फीसदी लोगों का मानना है कि नहीं वो एनडीए के साथ नहीं जाने वाले हैं। इसके अलावा 12 फीसदी लोग नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर कुछ कह नहीं सकते विकल्प को चुना।
क्या फिर NDA में शामिल होंगे नीतीश कुमार?
पंडित दीनदयाल उपाध्याय सन 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ के नेता रहे थे। बीजेपी की स्थापना के समय से ही वह इसके वैचारिक मार्गदर्शक और नैतिक प्रेरणा-स्रोत रहे हैं। उनकी जयंती पर हर साल बीजेपी बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करती है। बीजेपी शासित राज्यों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कई योजनाएं संचालित होती हैं।
AIADMK-BJP Alliance: एआईएडीएमके ने NDA से अलग होने का किया ऐलान तो क्या बोली BJP?
एआईएडीएमके ने बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने का ऐलान कर दिया है. एआईएडीएमके ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ ही महीने बाकी है. हालांकि, एआईएडीएमके इस कदम के बाद भी बीजेपी ने उम्मीद नहीं छोड़ी है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में बीजेपी नेता सीटी रवि ने कहा, ”अभी 8 महीने बचे हैं, उसमें क्या होगा, आज बोल नहीं सकते. पार्टी को मजबूत करना सभी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है. अन्नामलाई जी की लीडरशिप में पार्टी को मजबूत करने का काम हर जगह में हो रहा है.”
तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई क्या बोले?
वहीं, एआईएडीएमके के ऐलान को लेकर सोमवार (25 सितंबर) को जब तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई से मीडिया ने प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने पहले कहा कि वह बाद में बात करेंगे क्योंकि यात्रा में हैं. कुछ देर बाद उन्होंने कहा, ”एआईएडीएमके के फैसले पर राष्ट्रीय नेतृत्व समय पर प्रतिक्रिया देगा.”
क्या कहा एआईएडीएमके नेताओं ने?
एआईएडीएमके प्रवक्ता शशिरेखा ने मीडिया से कहा, “…सदस्यों की राय के आधार पर हम यह (एनडीए से अलग होने का) संकल्प ले रहे हैं… यह एआईएडीएमके के लिए सबसे खुशी का क्षण है. हम आगामी चुनावों का सामना करने के लिए बहुत खुश हैं, चाहे वह संसद या विधानसभा चुनाव हो…”
चेन्नई में एआईएडीएमके के डिप्टी कोऑर्डिनेटर केपी मुनुसामी ने कहा, ”एआईएडीएमके ने बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया. एआईएडीएमके आज से बीजेपी और एनडीए गठबंधन से सभी संबंध तोड़ रही है. बीजेपी का राज्य नेतृत्व पिछले एक साल से लगातार हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव ईपीएस और हमारे कार्यकर्ताओं के बारे में अनावश्यक टिप्पणियां कर रहा है.”
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी बोले- अलायंस की इज्जत नहीं करती बीजेपी
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ”यह एक अच्छा कदम है, अगर उन्होंने (AIADMK) भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा को समझ लिया है और सोच-समझकर बयान दिया है और ये बयान इसलिए नहीं दिया कि वो बीजेपी के साथ किसी तरीके का कोई बारगेन (सौदाबाजी) करेंगे, ये बहुत अच्छा कदम है…”
राशिद अल्वी ने आगे कहा, ”बीजेपी अपने अलायंस की कोई इज्जत नहीं करती है… शिवसेना (यूबीटी) छोड़कर चली गई, ये बड़ी पार्टी थी महाराष्ट्र की, अकाली छोड़कर चले गए, जो पंजाब की बड़ी पार्टी थे, यूपी के अंदर कई पार्टियां छोड़कर गईं, आ गईं, फिर छोड़कर चली गईं तो ये एक उनका एलाइन रहा है और आज उनका बयान देने का मतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के बारे में जो हम लोग लगातार कहते हैं कि वो अपने अलायंस का न खयाल करते है, न इज्जत देते हैं. ये इसका एक बड़ा सबूत है.”
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संसद के विशेष सत्र को लेकर क्या-क्या अटकलें हैं? विपक्षी नेताओं ने भी जताई है ये आशंका
Parliament Special Session: केंद्र सरकार की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें तेज हो गई हैं. गुरुवार (31 अगस्त) को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि ये स्पेशल सेशन 18 से 22 सितंबर तक चलेगा और इसमें पांच बैठकें होंगी.
सूत्रों के मुताबिक, नए संसद भवन में होने वाले इस सत्र में 10 से ज्यादा बिल पेश किए जा सकते हैं. इस सत्र में अमृतकाल के जश्न पर चर्चा हो सकती है. संसदीय कार्य मंत्री ने भी अपनी पोस्ट में इस ओर इशारा किया है. उन्होंने लिखा है कि अमृतकाल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस का इंतजार कर रहा हूं.
अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?
विशेष सत्र बुलाने पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा, “ऐसी क्या इमरजेंसी पैदा हो गई कि ये सत्र बुलाना पड़ा. पता नहीं सरकार की क्या मंशा है. शायद पीएम मोदी नए भवन पूजा पाठ करना चाहते हैं. हमें कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है. सरकार मनमर्जी से संसद चला रही है.”
ये बिल हैं अहम
स्पेशल सेशन बुलाने पर चर्चाओं का बाजार गर्म है. यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) और महिला आरक्षण से जुड़ा बिल अहम माना जा रहा है. इन सबके बीच अनुच्छेद 370 पर सुनवाई चल रही है.
जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए तैयार है सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब मिलेगा. इसपर केंद्र सरकार ने आज कहा है कि इसपर फैसला होगा. साथ ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर कहा है कि हम चुनाव के लिए तैयार हैं.
विपक्षी नेताओं ने जताई ये आशंका
ऐसे समय में संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है जब पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन समेत कई विपक्षी नेता समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की आशंका जता चुके हैं.
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किस पार्टी का 2024 में बजेगा डंका, पोल आफ पोल्स से तस्वीर साफ, देखें सीटों का अनुमान
Poll Of Polls Lok Sabha Elections : 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर दो बड़ी गठबंधन बनकर तैयार है. सत्तारुढ़ बीजेपी की एनडीए गठबंधन और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच होने वाले महामुकाबला में किसका ढंका बजने वाला है. इंडिया गठबंधन बनने के बाद हुए दो सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. जानें किसको कितनी सीटें मिलने का अनुमान है.
आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर किए गए इंडिया टुडे सी-वोटर सर्वे में बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन और इंडिया अलायंस के वोट शेयर में केवल 2 फ़ीसदी का अंतर दिखाया गया है. यह सर्वे 15 जुलाई 2023 से 14 अगस्त 2023 के बीच किया गया है. जबकि दूसरा इंडिया टीवी सीएनएक्स सर्वे के आकड़े जुलाई के आखिरी में जारी किए गए है. इन सर्वे में एनडीए गठबंधन को करीब 50 सीटों का नुकसान होने का अनुमान आया है. पोल ऑफ पोल्स, में समझे दोनों सर्वे में बीजेपी और कांग्रेसी को कितने सीटों पर फायदा या नुकसान होने का अनुमान है.
India Tv में किसको कितनी सीटें?
बीते महीने जारी किए गए इंडिया टीवी सर्वे के मुताबिक, लोकसभा की 543 सीटों में बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन को 318 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है. वहीं कांग्रेस समेत विपक्ष की इंडिया अलायंस के खाते में 175 सीटें आ सकती है. इस लिहाज से एनडीए गठबंधन को 2019 के लोकसभा चुनाव से 35 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है. बीजेपी को इसमें 290 सीटें और कांग्रेस को 66 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है. जबकी 2019 चुनाव में बीजेपी को 303 और कांग्रेैस को 52 सीटें हासिल हुई थी. एनडीए को 353 और कांग्रेस की यूपीए गठबंधन को 91 सीटें मिली थी.
एनडीए को 47 सीटों का नुकसान?
इंडिया टुडे मूड ऑफ द नेशन सर्वे के इस महीने जारी किे गए आंकड़ों में दोनों प्रतिद्व्दियो्ं के बीच बहुत कम का अंतर है. सर्वे में एनडीए को 43 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान है. जबकी विपक्षी गठबमधन 41 फीसदी वोट शेयर हासिल कर सकती है. जबकि इस सर्वे की माने तो एनडीए को 47 सीटों का नुकसान होने का अनुमान जताया गया है.
2024 लोकसभा चुनाव में किसको कितनी सीटें?
- एनडीए- 306 सीटें
- इंडिया-193 सीटें
- बीजेपी- 287 सीटें
- कांग्रेस- 74 सीटें
- अन्य- 182 सीटों