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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
आखिरकार उत्तर पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होना शुरू हो गया। नतीजतन हिमालय रीजन के ऊपरी हिस्से में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार की देर रात से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पहाड़ी इलाकों में तेज बर्फबारी शुरू हो जाएगी। बदले हालात को देखते हुए मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। मैदानी इलाकों में मौसम विभाग की ओर से यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले चार दिन लगातार पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश समेत आंधी तूफान और ओलावृष्टि हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान मैदानी इलाकों में तापमान में बहुत कमी नहीं होगी। वहीं पहाड़ी इलाकों में जबर्दस्त बारिश की आशंका के चलते लोगों को बचाव के बारे में भी ताकीद किया गया है।
विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक हिमाचलयन रीजन में बर्फबारी और बारिश रविवार की सुबह से अलग-अलग इलाकों में शुरू हो चुकी है। जो अब अगले कुछ दिनों तक आगे होती रहेगी। मौसम विभाग के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के बारामूला, बांदीपोर, गांदरबल, श्रीनगर, रामबाग, पहलगाम, सोफिया, राजपुरा मंडी, राजौरी, गोविंदपुरा और जम्मू जैसे इलाकों में कहीं-कहीं पर बारिश हुई है। जबकि हिमालयन रीजन के कुछ अन्य इलाकों में भी बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है।
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक बारामूला में 6 मिलीमीटर जबकि कुपवाड़ा में साढ़े पांच मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते इन इलाकों में हालात बदल गए हैं।
ऊंची चोटियों पर बर्फबारी
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक लद्दाख समेत हिमाचल और जम्मू-कश्मीर की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी भी शुरू हो चुकी है। लद्दाख के ऊपरी इलाकों में जहां पर बर्फबारी की सूचना मिली है। वहीं हिमाचल के कुल्लू व लाहौल-स्पीति जिले में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है। 13,050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा, कोकसर, सिस्सू सहित लाहौल की अन्य ऊंची चोटियों पर रविवार को हल्का हिमपात। शुरू हो चुका है।
हिमाचल प्रदेश में 19 फरवरी को रेड अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक धनंजय महापात्रा कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में 19 फरवरी को रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसी तारीख के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी रेड अलर्ट घोषित है। मौसम विभाग के महानिदेशक के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर समेत उत्तराखंड के इलाके में बारिश और बर्फबारी होगी। विभाग के मुताबिक रविवार और सोमवार को हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थान पर बारिश और बर्फबारी का अनुमान है। इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है कि लोग जहां पर जल भराव हो उन जगहों से दूर रहे। इसके अलावा जो कमजोर पहाड़ियां या अन्य इमारतें हैं उनसे भी दूर रहने की सलाह दी गई है।
115 से 204 मिली मीटर तक बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में सोमवार को 115 से लेकर 204 मिली मीटर तक बारिश होने का अनुमान है। जबकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में रविवार से लेकर मंगलवार तक अलग-अलग स्थान पर 64 से लेकर 115 मिली मीटर तक बारिश का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह उत्तराखंड में भी अगले दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक सोमवार को उत्तराखंड में बहुत ज्यादा बारिश का अनुमान लगाया गया है। वैज्ञानिकों के आंकड़ों के मुताबिक पूरे राज्य में 115 मिमी बारिश रिकॉर्ड हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में ओलावृष्टि और आंधी-बारिश की संभावनाएं
सोमवार को उत्तर प्रदेश के कुछ पूर्वी जिलों को छोड़कर मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि और आंधी-पानी की संभावनाएं बनी है। जबकि मंगलवार को सहारनपुर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत और मेरठ समेत अलीगढ़ मथुरा हाथरस आगरा फिरोजाबाद और एटा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक मैदानी इलाकों में अगले चार दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश का कुछ हिस्सा शामिल है।
शिमला के कुफरी में हुई ताजा बर्फबारी देखने के लिए बड़ी संख्या में पंहुच रहे सैलानी
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उत्तर पश्चिम और निकटवर्ती मध्य और पूर्वोत्तर भारत के हिमालयी राज्यों में सोमवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। इस दौरान पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बारिश के साथ भीषण बर्फबारी भी हुई। कुछ जगहों पर ओले भी गिरे। कश्मीर में हिमस्खलन की चेतावनी दी गई है। पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, बिहार और बंगाल समेत ज्यादातर मैदानी राज्यों में सुबह के समय कोहरा छाया रहा। हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार से धूप खिलेगी और दिन में आसमान साफ रहेगा। सुबह के समय कोहरे की स्थिति में भी धीरे-धीरे सुधार आएगा और न्यूनतम तापमान में भी क्रमश: वृद्धि होगी।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत और उसके लगते मध्य भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है और यह 10-14 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है। यह सामान्य से 2-4 डिग्री ऊपर है। सुबह 5:30 बजे से 8:30 बजे के बीच पंजाब, उत्तर पश्चिम राजस्थान के अलग-अलग स्थानों में घना से बहुत घना कोहरा देखा गया। इस दौरान पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्य बारिश हुई और ओले गिरे।
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पहाड़ी क्षेत्रों समेत उत्तर पश्चिम के राज्य अभी एक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उबरे भी नहीं थे कि दूसरे ने दस्तक दे दी। इस पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से रविवार और सोमवार को इन पहाड़ी राज्यों में जमकर बर्फबारी की संभावना जताई गई है। वहीं, पंजाब, हरियाणा जैसे मैदानी राज्यों में कहीं मूसलाधार तो कहीं हल्की बारिश होगी और कुछ जगहों पर सुबह के समय घना कोहरा छाया रह सकता है। मौसम के मिजाज में यह बदलाव कम से कम चार से पांच दिन महसूस किया जाएगा और इसके चलते ठंड बढ़ेगी और पारा भी लुढ़केगा। शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत ज्यादातर इलाकों में सुबह के समय धूप खिली, लेकिन दोपहर बाद बदली छा गई और पारा भी लुढ़का।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, शनिवार को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और पश्चिम बंगाल में अलग-अलग स्थानों पर बारिश हुई। इसके अलावा ओडिशा, तमिलनाडु और केरल के साथ ही पूर्वोत्तर के राज्य में भी कहीं हल्की तो कहीं मूसलाधार बारिश दर्ज की गई। उत्तराखंड के मैदानी इलाकों, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल के गंगा किनारे वाले क्षेत्रों और ओडिशा में सुबह साढ़े पांच से साढ़े आठ बजे के बीच कोहरा छाया रहा। इसके प्रभाव से इन इलाकों में पारा लुढ़का और न्यूनतम तापमान 6-10 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। इस दौरान हरियाणा के करनाल में न्यूनतम तापमान सबसे कम 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बढ़ेगा तापमान…सुबह रहेगा घना कोहरा
मौसम विभाग के मुताबिक, मौसम में बदलाव से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश में रविवार को गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में सुबह के समय तापमान में वृद्धि होने की संभावना है और घना कोहरा भी छाया रह सकता है। तापमान में गिरावट होने की उम्मीद कम है, इसलिए कोल्ड डे की स्थिति भी अब बनने की संभावना नहीं है। अगले पांच से सात दिन शीतलहर की संभावना भी नहीं है।
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी
आईएमडी के वैज्ञानिक नरेश ने बताया कि एक और पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है, जिसका प्रभाव उत्तर भारत और हिमालयी राज्यों में रविवार से देखने को मिलेगा। इसके चलते जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भारी हिमपात का एक और दौर शुरू होगा। गत हफ्ते बने पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से इन दोनों राज्यों में भारी बर्फबारी हुई है, जिसके चलते हिमाचल प्रदेश में चार राजमार्गों समेत 500 से ज्यादा सड़कों पर यातायात ठप है। इन्हें अभी साफ करने का काम चल ही रहा है।
जम्मू-कश्मीर में दो दिन के बाद जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर शनिवार को ही यातायात चालू हुआ है। ताजा हिमपात से स्थिति फिर बिगड़ने लगी है। कश्मीर के गुलमर्ग में माइनस 10.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है।
देरी से चलीं 17 ट्रेनें
दिल्ली में कोहरे का प्रभाव कम दिखा, लेकिन सुबह के समय देश के कुछ भागों में कोहरे के कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। देश के विभिन्न भागों से राष्ट्रीय राजधानी आने वाली कम से कम 17 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देर से पहुंचीं। भागलपुर-आनंद विहार एक्सप्रेस, पुरी-नई दिल्ली पुरषोत्तम एक्सप्रेस और प्रयागराज-नई दिल्ली एक्सप्रेस दो घंटे से अधिक विलंब थीं। वहीं, रानीकमलापति-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस, मानिकपुर-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस और हैदराबाद-नई दिल्ली एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से साढ़े पांच घंटे से अधिक की देरी से चलीं।
बर्फबारी
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लंबे इंतजार के बाद प्रदेश के पहाड़ी इलाके बर्फबारी से सफेद हो गए। पहाड़ो की रानी मसूरी में भी ओलों की बौछार के बाद मौसम का मिजाज बदल गया है। शहर में बारिश के बाद जमकर ओले पड़े। ओलावृष्टि से मसूरी पर सफेद चादर पसर गई और तापमान में भारी गिरावट के साथ ठंड बढ़ गई। उधर मौसम विभाग का मानना है कि फरवरी के पहले सप्ताह में भी कई बार बारिश-बर्फबारी होने की संभावना है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना यह भी है कि बारिश और बर्फबारी से तापमान पर कुछ ज्यादा असर नहीं पड़ेगा और मैदान से लेकर पहाड़ तक लोगों को सूखी ठंड से राहत मिलेगी।
बुधवार को उत्तरकाशी, चकराता समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई तो पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के चेहरे पर चमक देखने को मिली। फरवरी के पहले सप्ताह में भी 2500-3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में एक से डेढ़ फीट तक की बर्फबारी होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा, जिस दिन बारिश-बर्फबारी होगी सिर्फ उसी दिन तापमान में गिरावट दर्ज होगी। मौसम साफ होने वाले दिन अधिकतम तापमान सामान्य से दो-तीन डिग्री अधिक ही रहेगा। यही वजह रही कि बुधवार को बर्फबारी होने के बावजूद मैदानी इलाकों में गलन वाली ठंड नहीं हुई। दून का अधिकतम तापमान में भी एक डिग्री गिरावट के साथ 20.4 डिग्री रिकार्ड किया गया।
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