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सीएम पुष्कर सिंह धामी
– फोटो : amar ujala
समान नागरिक संहिता से उत्तराखंड की जनजातियां अलग रह सकती हैं। प्रदेश में सात प्रमुख जनजातियां हैं, जिनके तौर तरीके और नियम अलग हैं। हालांकि, अभी सरकार को इस पर फैसला लेना है।समान नागरिक संहिता वैसे तो प्रदेश के हर नागरिक पर लागू करने का लक्ष्य है, लेकिन अनुसूचित जनजातियों को इससे बाहर रखा जा सकता है।
अभी सरकार को इस पर फैसला लेना है। प्रदेश में थारू जनजाति उत्तराखंड व कुमाऊं का सबसे बड़ा जनजातीय समुदाय है। थारू जनजाति ऊधमसिंह नगर के खटीमा, नानकमत्ता, सितारगंज, किच्छा आदि क्षेत्रों में निवास करती हैं।
जनजातियों के अपने अलग रीति रिवाज
इसके बाद जौनसारी राज्य की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है, जो मुख्य रूप से भाबर क्षेत्र व देहरादून के चकराता, कालसी, त्यूनी, लाखामंडल क्षेत्र, टिहरी का जौनपुर और उत्तरकाशी के परग नेकान क्षेत्र में निवास करते हैं। वहीं, भोटिया जनजाति प्रदेश की सबसे प्राचीन मानी जाती है।
भोटिया जनजाति की बहुत सी उपजातियां मारछा, तोलछा, जोहारी, शौका, दरमियां, चौंदासी, व्यासी, जाड़, जेठरा, छापड़ा (बखरिया) भोटिया जनजाति महा हिमालय के तलहटी क्षेत्रों में निवास करती हैं। यह जाति पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी में निवास करती है। उधर, बोक्सा जनजाति के लोग राज्य के तराई-भाबर क्षेत्र में ऊधमसिंहनगर के बाजपुर, गदरपुर एवं काशीपुर, नैनीताल के रामनगर, पौड़ी के दुगड्डा और देहरादून के विकासनगर, डोईवाला व सहसपुर विकासखंडों के 173 गांवों में निवास करते हैं।
नैनीताल व उधमसिंहनगर के बोक्सा बहुल क्षेत्र को बुक्सा कहा जाता है, जबकि राजी जनजाति प्रदेश की एकमात्र ऐसी है, जो आज भी जंगलों में निवास करती है। मुख्यतः पिथौरागढ़ जिले में रहती है। थारू, बोक्सा, जौनसारी, भोटिया और राजी जनजातियों को 1967 के अनुसूचित जाति के अंतर्गत रखा गया है। इन जनजातियों के अपने अलग रीति रिवाज हैं। अलग नियम हैं।
जोशीमठ
– फोटो : अमर उजाला
जोशीमठ में भूधंसाव के चलते करीब 1200 घर हाई रिस्क में आ गए हैं। पहाड़ पर 14 पॉकेट ऐसी हैं, जहां पर ये सभी घर बने हैं और रहने के लिहाज से सुरक्षित नहीं है। हाई रिस्क जोन में आ रहे भवनों के लिए नक्शा तैयार किया गया है। सीबीआरआई ने सर्वे के बाद शासन को सौंपी रिपोर्ट में पुनर्वास की सिफारिश की है।
जोशीमठ में पिछले साल हुए भूधंसाव के बाद विभिन्न तकनीकी संस्थानों की ओर से अलग-अलग स्तर पर तकनीकी जांच की थी। सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों की ओर से पहाड़ पर बने मकानों की दरारों और जमीन में आई दरारों के आधार पर खतरे का आकलन किया था।
भवनों को तीन वर्गों में बांटा गया
वैज्ञानिक डॉ. अजय चौरसिया ने बताया कि सर्वे के दौरान सभी भवनों में आई दरारों का अलग-अलग पैरामीटर के हिसाब से आकलन किया गया। साथ ही जमीन के भीतर आई दरारों के लिए भूवैज्ञानिक रिपोर्ट का भी आकलन किया गया। जिसके आधार पर भवनों को तीन वर्गों में बांटा गया। सर्वे के दौरान 14 हाई रिस्क जोन चिह्नित किए गए हैं।
ये जोन पहाड़ पर पॉकेट के रूप में हैं, जहां बने भवन रहने के लिहाज से सुरक्षित नहीं है। हाई रिस्क जोन मारवाड़ी बाजार, लोवर बाजार, अपर बाजार, मनोहर बाग और सिंघधार में स्थित है। हाल ही में जोशीमठ का फिजिकल सर्वे भी किया गया है। उन्होंने बताया कि करीब 2500 भवनों में से 1200 भवनों को हाई रिस्क के अंतर्गत रखा गया है। इन भवनों में रह रहे लोगों के पुनर्वास की सिफारिश की गई है।
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सरकार कोई भी निर्णय लेने से पहले स्थानीय निवासियों का मत जानेंगी। उनकी सहमति से ही आगे की कार्ययोजना तय होगी।- डॉ. रंजीत सिन्हा, सचिव, आपदा प्रबंधन
IPS Transfer : उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार की रात को बड़े स्तर पर आइपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया. बरेली सहित कई जिलों के पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को हटा दिया गयाा है. बरेली में कांवड़ यात्रा जुलूस के दौरान कानून व्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी होने के मामले को लेकर सरकार ने सख्त संदेश दिया है. बरेली में प्रभाकर चौधरी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सेनानायक 32वीं वाहिनी पीएसी, लखनऊ भेजा गया है. राठौर किरीट कुमार हरिभाई को पुलिस अधीक्षक, अपराध, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उप्र लखनऊ से सेनानायक 35वीं वाहिनी, पी०ए०सी०, लखनऊ के लिए भेजा गया है.
घुले सुशील चन्द्रभान को पुलिस अधीक्षक, जनपद सीतापुर से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जनपद बरेली की जिम्मेदारी दी गई है. संतोष कुमार मिश्र को पुलिस अधीक्षक, जनपद मिर्जापुर से पुलिस अधीक्षक, अपराध, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० लखनऊ के लिए भेजा गया है. कुँवर अनुपम सिंग को पुलिस अधीक्षक, जनपद कन्नौज से पुलिस अधीक्षक, जनपद अमरोहा की जिम्मेदारी मिली है. विनीत जायसवाल को पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट, लखनऊ से पुलिस अधीक्षक, जनपद चन्दौली की जिम्मेदारी मिली है.अभिषेक कुमार अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक, जनपद ललितपुर से पुलिस अधीक्षक जनपद सिद्धार्थनगर की जिम्मेदारी दी गई है. कुलदीप सिंग गुनावत को पुलिस अधीक्षक, नगर जनपद अलीगढ़ से पुलिस अधीक्षक जनपद सम्भल की जिम्मेदारी दी गई है.
2014 बैच के आईपीएस अभिनन्दन को पुलिस अधीक्षक, जनपद बांदा से एसपी मिर्जापुर बनाया गया है. मो० मुश्ताक को पुलिस अधीक्षक रेलवे आगरा से पुलिस अधीक्षक, जनपद ललितपुर बनाया गया है. अमित कुमार आनन्द को पुलिस अधीक्षक जनपद सिद्धार्थनगर से पुलिस अधीक्षक, जनपद कन्नौज बनाया गया है. अंकुर अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक जनपद चन्दौली से पुलिस अधीक्षक जनपद बांदा बनाया गया है. चकेश मिश्र को पुलिस अधीक्षक, जनपद सम्भल से पुलिस अधीक्षक, जनपद सीतापुर की जिम्मेदारी दी गई है. आदित्य लंगेह को पुलिस अधीक्षक जनपद अमरोहा से पुलिस अधीक्षक रेलवे आगरा बना दिया गया है.
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